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Posham Pa ― a Hindi literary website

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टेलीग्राम चैनल का लोगो poshampaorg — Posham Pa ― a Hindi literary website
चैनल का पता: @poshampaorg
श्रेणियाँ: साहित्य , कला
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 450
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A Hindi literary website — poshampa.org.
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नवीनतम संदेश 18

2021-05-11 12:29:57 मुझे लड़ना है—
जनतंत्र में उग रहे वनतंत्र के ख़िलाफ़
जिसमें एक गैण्डानुमा आदमी दनदनाता है

मुझे लड़ना है—
अपनी ही कविताओं के बिम्बों के ख़िलाफ़
जिनके अंधेरे में मुझसे
ज़िन्दगी का उजाला छूट जाता है।

https://poshampa.org/ek-chhoti-si-ladai-kumar-vikal/
87 views09:29
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2021-05-11 10:29:58 #सालगिरह | सआदत हसन मंटो

"अब लोग कहते हैं कि वह उर्दू का बहुत बड़ा अदीब है और मैं यह सुनकर हँसता हूँ इसलिए कि ‎उर्दू अब भी उसे नहीं आती। वह लफ़्ज़ों के पीछे यूँ भागता है जैसे कोई जालवाला शिकारी ‎तितलियों के पीछे। वह उसके हाथ नहीं आतीं। यही वजह है कि उसकी तहरीरों में ख़ूबसूरत ‎अलफ़ाज़ की कमी है। वह लट्ठमार है, लेकिन जितने लट्ठ उसकी गर्दन पर पड़े हैं, उसने बड़ी ‎ख़ुशी से बर्दाश्त किए हैं।"

#Manto

https://poshampa.org/manto-saadat-hasan-manto/
90 views07:29
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2021-05-11 08:30:58 "अगर किसी महिला को सम्पत्ति का अधिकार और अपनी पसंद से किसी को चुनने तथा प्रेम करने की स्वतंत्रता नहीं है, तो वह पुरुष की स्वार्थ-सेवा करने वाली एक रबड़ की पुतली से ज़्यादा और क्या है?"

https://poshampa.org/mahilaon-ke-adhikar-periyar/
90 views05:30
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2021-05-10 17:00:00 कुछ लोग अपने घाट जाएँगे,
कुछ लोग मर जाएँगे,
लेकिन हम कहाँ जाएँगे?
हम जो न मर रहे हैं और न जी रहे हैं,
सिर्फ़ कविता कर रहे हैं।

https://poshampa.org/katha-desh-ki-ramashankar-yadav-vidrohi-kavita/
46 views14:00
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2021-05-10 15:00:00 ऐसी क्या बात है, चलता हूँ अभी चलता हूँ
गीत एक और ज़रा झूम के गा लूँ तो चलूँ!

https://poshampa.org/swarg-doot-se/
55 views12:00
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2021-05-10 13:00:00 "कल्पना से सौन्दर्य की सृष्टि कर सकने के लिए उसे स्वयं भी जीवन में सौन्दर्य का सन्तोष मिलना चाहिए; बिना फूलों के मधुमक्खी मधु कहाँ से लाए?"

https://poshampa.org/chitra-ka-sheershak-yashpal-kahani/
60 views10:00
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2021-05-10 11:15:00 तुम्हें भी अपने काम में
ज़्यादा मन लगेगा
मुझसे फिर एक बार मिलकर
लौटने पर!

https://poshampa.org/achanak-tum-aa-jao/
71 views08:15
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2021-05-10 06:30:04 हे ईश्‍वर! तुम सदियों से यहाँ क्‍यों नहीं हो
जहाँ तुम्‍हारी सबसे ज़्यादा और प्रत्‍यक्ष ज़रूरत है!

https://poshampa.org/ishwar-ka-prashn-a-poem-by-leeladhar-jagudi/
82 views03:30
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2021-05-09 17:29:52 ज़ुल्म की बात ही क्या, ज़ुल्म की औक़ात ही क्या
ज़ुल्म बस ज़ुल्म है आग़ाज़ से अंजाम तलक
ख़ून फिर ख़ून है, सौ शक्ल बदल सकता है
ऐसी शक्लें कि मिटाओ तो मिटाए न बने
ऐसे शोले कि बुझाओ तो बुझाए न बने
ऐसे नारे कि दबाओ तो दबाए न बने!

https://poshampa.org/khoon-phir-khoon-hai-sahir-ludhianvi/
110 views14:29
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2021-05-09 15:29:53 मैं अनुभूतियों पर टिका हुआ जिस्म हूँ
मेरे भीतर जाने कौन रहता है अस्त-व्यस्त
ऐसा लगता है—उसे प्रबन्धन की ज़रूरत है!

https://poshampa.org/in-smritiyon-ko-sahej-lo-rahul-boyal/
120 views12:29
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