कुछ लोग अपने घाट जाएँगे, कुछ लोग मर जाएँगे, लेकिन हम कहाँ जाएँ | Posham Pa ― a Hindi literary website
कुछ लोग अपने घाट जाएँगे,
कुछ लोग मर जाएँगे,
लेकिन हम कहाँ जाएँगे?
हम जो न मर रहे हैं और न जी रहे हैं,
सिर्फ़ कविता कर रहे हैं।
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