Get Mystery Box with random crypto!

Posham Pa ― a Hindi literary website

टेलीग्राम चैनल का लोगो poshampaorg — Posham Pa ― a Hindi literary website P
टेलीग्राम चैनल का लोगो poshampaorg — Posham Pa ― a Hindi literary website
चैनल का पता: @poshampaorg
श्रेणियाँ: साहित्य , कला
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 450
चैनल से विवरण

A Hindi literary website — poshampa.org.
Connect with us:
https://instabio.cc/poshampaorg

Ratings & Reviews

3.00

3 reviews

Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.

5 stars

0

4 stars

1

3 stars

1

2 stars

1

1 stars

0


नवीनतम संदेश 15

2021-05-17 16:29:56 "स्थिति में सुधार करने के लिए शासन कटिबद्ध होता है। कटि तो बद्ध हो जाती है, स्थिति वही रहती है। कटि को बद्ध करने के लिए बजट में प्रावधान रखा जाता है, विभाग खोले जाते हैं, अफ़सर नियुक्त होते हैं। काफ़ी ख़र्च के बाद कटि बद्ध हो जाती है। लोग भी दाद देते हैं, वाह! क्या कटि है और कमाल की बद्ध है। अब शासन को फ़िक्र होती है कि कहीं कटि ढीली न हो जाए। बजट में और प्रावधान बढ़ाया जाता है ताकि कटि दिन-प्रतिदिन अधिक बद्ध हो। कटि ठीक हो जाती है, स्थितियाँ वही रहती हैं, जिसके लिए कटि को बद्ध किया जाता है।"

https://poshampa.org/hota-rehta-hai-wahi-sharad-joshi/
96 views13:29
ओपन / कमेंट
2021-05-17 14:29:56 अभी मरा नहीं, ज़िन्दा है आदमी शायद
यहीं कहीं उसे ढूँढो, यहीं कहीं होगा!

https://poshampa.org/aadmi-ki-talash-nida-fazli/
97 views11:29
ओपन / कमेंट
2021-05-17 10:59:56 "यहाँ झेंपू और मेरे जैसे शर्मीले आदमियों का गुज़ारा नहीं। उनके लिए तो कोई स्थान ही नहीं। तुम अपने में यह ऐब न आने दो। है भी नहीं। मैं तो कौड़ी दाम का नहीं हूँ। अख़बार निकालना मेरी हठधर्मी है। कुछ ज़िद्दी हूँ और हार नहीं मानना चाहता। खेती करता तो उसमें भी इसी तरह चिमटता।"

https://poshampa.org/a-letter-from-premchand-to-jainendra-1-september-1933/
19 views07:59
ओपन / कमेंट
2021-05-17 09:01:55 तुमसे भी छिपा सकूँ जो मैं
ऐसी तो कोई बात नहीं जीवन में।

https://poshampa.org/aisi-to-koi-baat-nahi-ramanath-awasthi/
39 views06:01
ओपन / कमेंट
2021-05-16 08:29:59 क्या हर बीमार के सिरहाने रक्खा है अनार
और हर बीमार को वही इलाज जो देश के प्रधान को?

https://poshampa.org/sabse-zaroori-sawaal-a-poem-by-arun-kamal/
51 views05:29
ओपन / कमेंट
2021-05-16 06:29:59 #सालगिरह | मंगलेश डबराल

"हमारे शासक ग़रीबी के बारे में चुप रहते हैं
शोषण के बारे में कुछ नहीं बोलते
अन्याय को देखते ही वे मुँह फेर लेते हैं

हमारे शासक ख़ुश होते हैं जब कोई उनकी पीठ पर हाथ रखता है
वे नाराज़ हो जाते हैं जब कोई उनके पैरों में गिर पड़ता है
दुर्बल प्रजा उन्हें अच्छी नहीं लगती!"

https://poshampa.org/humare-shaasak-mangalesh-dabral/
70 views03:29
ओपन / कमेंट
2021-05-15 16:29:59 "नोट—ये कवि मेरे लिए घोर दुःख के कारण हैं।"

https://poshampa.org/udaybhanu-singh-on-mahavir-prasad-dwivedi/
104 views13:29
ओपन / कमेंट
2021-05-15 12:29:58 नींद में ही सुनायी देती है
किसी के लड़ने की आवाज़
पुरुष आवाज़ है कोई
जो तीव्र होते-होते अंत में
गिड़गिड़ाने लगता है...

https://poshampa.org/poems-by-seema-singh-3/
115 views09:29
ओपन / कमेंट
2021-05-15 10:29:58 "हमारी यादों में यह समय उपेक्षित होते हुए भी संरक्षित रहेगा। हम जब भी याद करेंगे खोया हुआ कोई चेहरा, यह समय याद आएगा। हम जब भी चूमेंगे किसी का माथा, यह समय याद आएगा। हम जब भी किसी को बाहों में भरेंगे, यह समय याद आएगा।"

https://poshampa.org/diary-notes-by-gaurav-bharti-2/
117 views07:29
ओपन / कमेंट
2021-05-15 08:29:59 मृत्यु और सड़क ने
चाँप लिया जीवन
दोनों के बीच फ़ुटपाथ पर मैं

पीछे कोई रौंद रहा है
आगे जीवन दौड़ रहा है।

https://poshampa.org/aage-jeewan-daud-raha-hai-ibbar-rabbi/
122 views05:29
ओपन / कमेंट