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A Hindi literary website — poshampa.org.
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नवीनतम संदेश 12
2021-05-23 12:30:01
मेरे हाथ खोल दिए जाएँ
तो मैं
इस दुनिया की दीवारों को
अपने ख़्वाबों की लकीरों से
सियाह कर दूँ
और क़हर की बारिश बरसाऊँ
और इस दुनिया को अपनी हथेली पर रखकर
मसल दूँ!
https://poshampa.org/hath-khol-diye-jaaein-a-nazm-by-azra-abbas/
46 views09:30
2021-05-23 08:30:00
झुकते-झुकते तुम धनुष हो गए हो
जिस पर तीर कोई और साध रहा है…
https://poshampa.org/khuda-hone-ke-liye-manbahadur-singh/
56 views05:30
2021-05-22 16:30:00
"प्यार से बड़ी एक और आग होती है, भूख की, पेट की! वह आग धीरे-धीरे सब कुछ लील लेती है…"
https://poshampa.org/zindagi-aur-gulaab-ke-phool-usha-priyamvada-kahani/
86 views13:30
2021-05-22 14:30:00
जो कहते हैं कि छले गए हम स्त्रियों से
वे छले गए हैं अपनी ही कामनाओं से...
https://poshampa.org/ek-stree-par-kijie-vishwas-kumar-ambuj-kavita/
88 views11:30
2021-05-22 12:30:00
बहस नहीं चल पाती
हत्याएँ होती हैं
फिर जो बहस चलती है
उसका भी अंत हत्याओं में होता है
भारत में जन्म लेने का
मैं भी कोई मतलब पाना चाहता था
अब वह भारत ही नहीं रहा
जिसमें जन्म लिया।
https://poshampa.org/safed-raat-alok-dhanwa-kavita/
95 views09:30
2021-05-22 10:40:00
"इतिहास से
मेरा रिश्ता टूट गया
दरअसल
वह मेरा इतिहास था ही कहाँ!
उसे
तुम लिखते रहे
और
हर पृष्ठ पर
मेरे हस्ताक्षर
करवाते रहे।"
https://poshampa.org/itihas-puran-mudgal-hindi-kavita/
96 views07:40
2021-05-22 08:30:05
काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?
क्या अंतरिक्ष में गिर गई हैं सारी गेंदें
क्या दीमकों ने खा लिया है
सारी रंग-बिरंगी किताबों को
क्या काले पहाड़ के नीचे दब गए हैं सारे खिलौने?
https://poshampa.org/bachche-kaam-par-ja-rahe-hain/
104 views05:30
2021-05-22 06:30:02
हमारा प्यार—
सफ़ेद बादल नहीं
जिसे हवा चाहे जिधर
उड़ा ले जाए
अब वह धातुओं में गलता सच है
जिसकी बंदिशें
वक़्त के सीने पर
उभरी दिखती हैं!
https://poshampa.org/dhaatuon-ka-galta-sach-vijendra-kavita/
104 views03:30
2021-05-21 16:30:01
"सूर्य होने की हद तक हममें से किसी को
धधकना चाहिए अपनी आत्मा में
हममें से किसी को चिड़िया होना चाहिए
क्योंकि उसमें उड़ान है
किसी को बैल
क्योंकि उसके पास सींग हैं, चौड़ी पीठ, मज़बूत पुट्ठे
किसी को वनस्पति होना चाहिए
क्योंकि उसमें है अमृत की बूँदें, परियों के घोंसले
दूसरों के लिए बनते दरवाज़े और खिड़कियाँ
पालना और आग..."
https://poshampa.org/brahmand-hona-chahiye-somdutt-poem/
47 views13:30
2021-05-21 14:29:59
"एक कवि
दूसरे कवि को देख ख़ुश होता है
गले मिलता है
लेकिन उदास है
कि यह दुनिया
दोनों ही के ख़्वाबों की दुनिया नहीं है!"
https://poshampa.org/poems-by-vijay-rahi/
60 views11:29