चैनल का पता:
श्रेणियाँ:
साहित्य ,
कला
भाषा: हिंदी
ग्राहकों:
450
चैनल से विवरण
A Hindi literary website — poshampa.org.
Connect with us:
https://instabio.cc/poshampaorg
Ratings & Reviews
Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.
5 stars
0
4 stars
1
3 stars
1
2 stars
1
1 stars
0
नवीनतम संदेश 9
2021-05-30 13:00:00
मन बहुत सोचता है कि उदास न हो
पर उदासी के बिना रहा कैसे जाए?
शहर के दूर के तनाव-दबाव कोई सह भी ले,
पर यह अपने ही रचे एकांत का दबाव सहा कैसे जाए!
https://poshampa.org/man-bahut-sochta-hai-agyeya/
74 views10:00
2021-05-29 18:00:00
“तो आप मुझको नहीं पहचानते? मैं चोर हूँ! तो अब उसी रूप में आऊँगा। अब उसी रूप में पहचानिएगा!”
https://poshampa.org/barish-ki-raat-mithileshwar-kahani/
122 views15:00
2021-05-29 15:30:01
"कुछ लोग मेरे सामने नहीं मुस्कुराते हैं, कुछ की कहानियो में उपसंहार नहीं आया अभी, वे मुस्कुराते हैं।"
https://poshampa.org/kedar-diary-lakhan-singh/
127 views12:30
2021-05-29 13:00:00
जब सब छोड़कर चले गए
वृक्ष मेरे मित्र बने रहे!
https://poshampa.org/kaamnaa-vijendra-kavita/
130 views10:00
2021-05-29 10:30:02
धरती पर कोई है
जिसके होने की आहट से
यह धड़कने लगता है
क्या अब ऐसा होगा
कि शरीर न हो तो भी चलेगा
दिल अब किसी दूसरी
और शरीर से कुछ अधिक प्रिय वजह से धड़केगा!
https://poshampa.org/adhik-priya-wajah-prabhat-kavita/
129 views07:30
2021-05-29 08:00:00
"दो लोग जो नफ़रत करते हैं
एक-दूसरे से
सोने को मजबूर होते हैं साथ-साथ।
यही वह जगह है
जहाँ
नदियों से हाथ मिलाता है
अकेलापन।"
https://poshampa.org/barsaat-ka-matlab-hai-a-poem-by-anamika/
130 views05:00
2021-05-29 05:30:00
तुम साथ देते तो मैं
हिमालय के शिखर पर चमकी
पहली किरण की उष्मा
सहेज लाती
समुद्र की तलहटी में
गहरे—बहुत गहरे तिरती
मछलियों की आँख की पुतली से
प्यार का मोती
चुरा लाती!
https://poshampa.org/tum-sath-dete-toh-ramnika-gupta-kavita/
128 views02:30
2021-05-28 16:30:03
ये कौन हैं?
जाति से बहिष्कृत धर्म से तिरस्कृत
पहली आज़ाद औरत का पहला प्यार
या दाम्पत्य जीवन के सूत्र
या आदिवासियों के वे पुत्र
जिन्हें वनाधिकारियों के हवस-कुण्ड में होना पड़ा है
हविष्य के रूप में स्वाहा
हमें हमारा भविष्य दिख रहा है
अंधेरे में...
https://poshampa.org/tumhari-santaan-sadaiv-sukhi-rahein-golendra-patel/
138 views13:30
2021-05-28 14:30:02
सब जाते हैं उद्विग्नता से प्रेम की तरफ़
और लौटते हैं अपनी
स्मृतियों की खोह में बरामद होते हुए...
https://poshampa.org/smritiyaan-ek-dohraav-hain-manish-kumar-yadav/
141 views11:30
2021-05-28 12:30:01
"रवींद्र कालिया भी यही चाहते थे कि वे अपना नाम बर्तनों पर नहीं, किताबों में छोड़ जाएँ।"
https://poshampa.org/ravi-katha-mamta-kalia-a-comment-by-devesh-path-sariya/
141 views09:30