Get Mystery Box with random crypto!

Posham Pa ― a Hindi literary website

टेलीग्राम चैनल का लोगो poshampaorg — Posham Pa ― a Hindi literary website P
टेलीग्राम चैनल का लोगो poshampaorg — Posham Pa ― a Hindi literary website
चैनल का पता: @poshampaorg
श्रेणियाँ: साहित्य , कला
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 450
चैनल से विवरण

A Hindi literary website — poshampa.org.
Connect with us:
https://instabio.cc/poshampaorg

Ratings & Reviews

3.00

3 reviews

Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.

5 stars

0

4 stars

1

3 stars

1

2 stars

1

1 stars

0


नवीनतम संदेश 5

2021-06-15 08:30:01
#Literature
100 views05:30
ओपन / कमेंट
2021-06-15 06:29:56 न सही मुझसे सही आदमी होने की उम्मीद
मगर आज़ादी ने मुझे यह तो सिखलाया है
कि इश्तहार कहाँ चिपकाना है
और पेशाब कहाँ करना है!

https://poshampa.org/sarvajanik-zindagi-a-poem-by-sudama-panday-dhoomil/
105 views03:29
ओपन / कमेंट
2021-06-14 19:07:08
'समर्पण से' शृंखला में आज प्रस्तुत हैं वेणु गोपाल के कविता संग्रह 'चट्टानों का जलगीत' में लिखे समर्पण वाक्य।

#SamarpanSe
#BookDedications
118 views16:07
ओपन / कमेंट
2021-06-12 15:30:00 "हिन्दी के पाठकों की संख्या आज कम नहीं है। हाँ, पढ़ने के लिए पुस्तक ख़रीदनी भी चाहिए, यह विश्वास रखने वालों की संख्या बहुत कम है।"

https://poshampa.org/sahityakar-ki-samasyaaein-mohan-rakesh/
70 views12:30
ओपन / कमेंट
2021-06-12 13:30:01 तन्हाइयों के बीच जीने वालों के लिए
मुस्कराहट के अनुवाद के कुछ मायने हैं!

https://poshampa.org/apne-uddeshya-ke-liye-pushplata-kashyap-kavita/
85 views10:30
ओपन / कमेंट
2021-06-12 09:32:29 जो पैर नहीं रखते मिट्टी पर,
उनकी मानवता में संशय है!

https://poshampa.org/mitti-ka-darshan-bhanwarmal-singhi-kavita/
95 views06:32
ओपन / कमेंट
2021-06-12 06:29:59 "सत्य सृष्टि की उन तमाम ख़ूबसूरत चीज़ों की तरह है, जो अपनी ख़ूबसूरती सिर्फ़ उन्हीं पर प्रकट करता है जो बदसूरती के भार को सह चुके हैं।"

https://poshampa.org/quotes-from-nastik-by-kahlil-gibran/
100 views03:29
ओपन / कमेंट
2021-06-11 08:30:00 "नहीं जानते? अरे हमारे देहातों में यह आम रिवाज था। जब बाबू लोगों को किसी ग़रीब की बहू-बेटी पसंद आ जाती, तो वे उसको तंग-परेशान करते, मारते-पीटते, खेतों से बेदख़ल कर देते, और सफलता न मिलने पर बुरी तरह पिटवा देते। फिर रात में उसके घर में घुसकर या किसी दूसरे तरीक़े से उल्लू सीधा करते।"

https://poshampa.org/palaash-ke-phool-amarkant/
72 views05:30
ओपन / कमेंट
2021-06-11 06:30:00 हमारा धूप में घर, छाँह की क्या बात जानें हम
अभी तक तो अकेले ही चले, क्या साथ जानें हम
लो पूछ लो हमसे
घुटन की घाटियाँ कैसी लगीं
मगर नंगा रहा आकाश, क्या बरसात जानें हम!

https://poshampa.org/sabhi-sukh-door-se-guzarein-harish-bhadani/
80 views03:30
ओपन / कमेंट
2021-06-09 15:01:54 "कहाँ हैं
चेहरे पर पसरीं
चन्द अदद पसीने की वे बूँदें
जो मोती के हर्फ़ बनकर
गढ़ती हैं इतिहास

भूख के कुनबे में
फैलता हुआ ईमानदार विद्रोह
जिसकी बुनियाद
टुच्चे नारे नहीं
बेसब्र होता हुआ श्रम है?"

https://poshampa.org/paanv-kate-bimb-kumar-nayan-kavita/
82 views12:01
ओपन / कमेंट