"कहाँ हैं चेहरे पर पसरीं चन्द अदद पसीने की वे बूँदें जो मोती के हर्फ़ बनकर गढ़ती हैं इतिहास भूख के कुनबे में फैलता हुआ ईमानदार विद्रोह जिसकी बुनियाद टुच्चे नारे नहीं बेसब्र होता हुआ श्रम है?" https://poshampa.org/paanv-kate-bimb-kumar-nayan-kavita/ 82 views12:01