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Utkarsh Ramsnehi Gurukul

टेलीग्राम चैनल का लोगो utkarshgurukul — Utkarsh Ramsnehi Gurukul U
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श्रेणियाँ: समाचार
भाषा: हिंदी
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नवीनतम संदेश 15

2023-03-27 08:04:54
सर सैय्यद अहमद खान
⬧ सर सैय्यद अहमद खान का जन्म 17 अक्टूबर, 1817 में दिल्ली के सैय्यद घराने में हुआ।
⬧ उनके पिता सैय्यद मुतक्की मुहम्मद शाह अकबर सानी के सलाहकार थे।
⬧ सर सैय्यद को पहली नौकरी आगरा की अदालत में नायब मुंशी के रूप में मिली।
⬧ सैय्यद को ब्रिटिश सरकार द्वारा ‘सर’ के ख़िताब से नवाज़ा गया।
⬧ इन्होंने गाज़ीपुर में साइंटिफिक सोसाइटी की स्थापना की।
⬧ 1870 ई. में इन्होंने ‘तहज़ीबुल अखलाक़’ का प्रकाशन शुरू किया।
⬧ साइंटिफिक सोसायटी का उद्देश्य पश्चिमी भाषाओं लिखी गई किताबों का उर्दू में अनुवाद करना था और ‘तहज़ीबुल अखलाक़’ के प्रकाशन का उद्देश्य आम मुसलमानों की प्रतिभा को निखारना था।
⬧ सर सैय्यद ने अलीगढ़ आंदोलन को एक नया रूप प्रदान किया था।
⬧ उनकी रचनाओं में ‘आसारुस सनादीद’, ‘असबाबे बगावते हिन्द’,खुत्बाते अहमदिया’,’तफसीरुल क़ुरान’,’तारीख़े सरकशी बिजनौर’ इत्यादि शामिल हैं।
⬧ एक महान शिक्षण आंदोलन के प्रवर्तक सर सैय्यद अहमद खान का देहांत 27 मार्च 1898 में हुआ।
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2023-03-25 07:17:01 सर विलियम वेडरबर्न
⬧ सर विलियम वेडरबर्न का जन्म 25 मार्च, 1838 में स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में हुआ था।
⬧ वर्ष 1859 में वेडरबर्न भारतीय सिविल सेवा परीक्षा में शामिल हुए।
⬧ उन्हें 1874 में सिंध में कार्यवाहक न्यायिक आयुक्त और सदर कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया।
⬧ वर्ष 1882 में वे पूना के जिला और सत्र न्यायाधीश बने।
⬧ वर्ष 1887 में अपनी सेवानिवृत्ति के समय, वह बंबई सरकार के मुख्य सचिव थे।
⬧ भारत में अपनी सेवा के दौरान, वेडरबर्न का ध्यान अकाल, भारतीय किसानों की गरीबी, कृषि ऋणग्रस्तता की समस्या और प्राचीन ग्रामीण व्यवस्था को पुनर्जीवित करने के प्रश्न पर केंद्रित था।
⬧ इन समस्याओं के प्रति उनकी चिंता ने उन्हें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के संपर्क में ला दिया।
⬧ उन्होंने वर्ष 1889 में बंबई में आयोजित कांग्रेस के चौथे अधिवेशन की अध्यक्षता की।
⬧ उन्होंने 1893 में एक उदार सदस्य के रूप में संसद में प्रवेश किया और सदन में भारत की शिकायतों को दूर करने की माँग की।
⬧ उन्होंने भारतीय संसदीय समिति का गठन किया जिसके साथ वे वर्ष 1893 से 1900 तक अध्यक्ष के रूप में जुड़े रहे।
⬧ 1895 में, वेडरबर्न ने भारतीय व्यय पर वेल्बी कमीशन (यानी रॉयल कमीशन) पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।
⬧ उन्होंने जून, 1901 में स्थापित भारतीय अकाल संघ की गतिविधियों में भी भाग लेना शुरू कर दिया, ताकि अकाल की जाँच और निवारक उपायों का प्रस्ताव किया जा सके।
⬧ वे वर्ष 1904 में बंबई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 20वें सत्र में भाग लेने के लिए भारत आए, जिसकी अध्यक्षता सर हेनरी कॉटन ने की थी।
⬧ वे जुलाई, 1889 से अपनी मृत्यु तक कांग्रेस की ब्रिटिश समिति के अध्यक्ष बने रहे।
⬧ एक उदारवादी के रूप में विलियम वेडरबर्न ‘स्वशासन के सिद्धांत’ में विश्वास करते थे।
⬧ राष्ट्रीय चेतना के प्रचार में वेडरबर्न का मुख्य योगदान भारतीय सुधार आन्दोलन की ओर से उनका आजीवन श्रम था।
⬧ मोण्टेग्यू-चेम्सफोर्ड सुधारों को उनके द्वारा अपने जीवन के कार्यों की सर्वोच्च महिमा के रूप में माना जाता था।
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2023-03-25 07:17:01
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2023-03-25 07:15:01 गणेश शंकर विद्यार्थी
“जिसको न निज गौरव तथा निज देश का अभिमान है।
यह नर नहीं, नर पशु निरा है और मृतक समान है।।“
⬧ गणेश शंकर विद्यार्थी का जन्म उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद शहर में 26 अक्टूबर, 1890 को हुआ।
⬧ एंट्रेंस पास करने के बाद वे कानपुर करेंसी दफ़्तर में मुलाज़िम हो गए।
⬧ वर्ष 1913 में उनके उद्योग से निकला साप्ताहिक ‘प्रताप’ अख़बार एक ओर जहाँ हिंदी का पहला सप्रमाण राष्ट्रीय पत्र सिद्ध हुआ, वहीं साहित्य और संस्कृति के क्षेत्र में उदित हो रही नई प्रतिभाओं का प्रेरक मंच भी वह बना।
⬧ विद्यार्थी आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी को अपना साहित्यिक गुरु मानते थे।
⬧ उन्हीं की प्रेरणा से आज़ादी की अलख जगाने वाली रचनाओं का सृजन और अनुवाद किया तथा इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए उन्होंने सहायक पत्रकारिता की।
⬧ विद्यार्थी के जीवन का ज़्यादातर समय जेलों में बीता। इन्हें बार- बार जेल में डालकर भी अंग्रेज़ सरकार को संतुष्टि नहीं मिली।
⬧ गणेश शंकर विद्यार्थी की वैचारिक अग्नि दीक्षा लोकमान्य तिलक के विचार-लोक में हुई थी।
⬧ कानपुर में 25 मार्च, 1931 में हुए सांप्रदायिक दंगों को शांत करवाने के प्रयास में विद्यार्थी को अपने प्राणों की बलि देनी पड़ी।
⬧ इनकी मृत्यु पर महात्मा गाँधी ने कहा था : “काश! ऐसी मौत मुझे मिली होती।”
⬧ विद्यार्थी अपने जीवन में भी और लेखन में भी गरीबों, किसानों, मजलूमों, मज़दूरों आदि के प्रति सच्ची हमदर्दी प्रदर्शित करते थे।
⬧ देश की आज़ादी उनकी नज़र में सबसे महत्त्वपूर्ण थी।
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2023-03-25 07:15:01
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2023-03-24 07:47:01
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2023-03-24 07:47:01 विश्व क्षयरोग दिवस
● प्रतिवर्ष 24 मार्च को सम्पूर्ण विश्व में ‘विश्व क्षयरोग दिवस’ (World Tuberculosis Day) का आयोजन किया जाता है।
● विश्व क्षयरोग दिवस (World Tuberculosis Day) को मनाने का उद्देश्य इस वैश्विक महामारी को समाप्त करना तथा तपेदिक (टीबी) के स्वास्थ्य, सामाजिक और आर्थिक परिणामों के बारे में सार्वजनिक जागरूकता प्रसारित करने के प्रयासों को बढ़ाना है।
● विश्व क्षयरोग दिवस को मनाने के लिए इस दिन का चयन इसलिए किया गया क्योंकि डॉ॰ रॉबर्ट कोच ने 1882 में इस दिन यानी 24 मार्च को टी.बी. के जीवाणु की खोज की थी जिसके कारण टी.बी. होता है।
● वर्ष 2023 के लिए इस दिवस की थीम “हाँ! हम टीबी खत्म कर सकते हैं!“ (Yes! We can end TB!) है।
● तपेदिक (टीबी) बैक्टीरिया (माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होने वाला एक संचारी (संक्रामक) रोग है जो कि फेफड़ो को प्रभावित करता है लेकिन यह अन्य हिस्सों (एक्स्ट्रा पल्मोनरी टीबी/इतर फुफ्फुसीय तपेदिक) को भी प्रभावित करता है।
● टीबी रोग हवा के माध्यम से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। जब ‘पल्मोनरी टीबी’ से पीड़ित कोई व्यक्ति खांसता, छींकता या थूकता है, तो वह टीबी के कीटाणुओं को हवा में फैला देता है।
● इस बीमारी में रोगी के बलगम और खून के साथ खांसी, सीने में दर्द, कमजोरी, वजन का कम होना और बुखार के लक्षण देखे जा सकते हैं।
● तपेदिक उपचार और निवारण योग्य है।
● भारत ने 2025 से पहले संपूर्ण भारत से टी.बी. को जड़ से खत्म करने को उच्च प्राथमिकता दी है, जो ‘सतत विकास लक्ष्य’(एसडीजी), 2030 से 5 वर्ष से पहले है।
● हाल ही में राष्ट्रपति द्वारा 9 सितंबर, 2022 को 'प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत' अभियान प्रारंभ किया गया था।
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2023-03-24 07:45:05 हरिभाऊ उपाध्याय
‘दा साहब’ के नाम से प्रसिद्ध हरिभाऊ उपाध्याय का जन्म 24 मार्च, 1892 को मध्य प्रदेश के वर्तमान उज्जैन जिले के भौंरासा में गाँव में हुआ था।
भौंरासा में गाँव प्रारम्भिक शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् वर्ष 1911 में वे उच्च शिक्षा के लिए वाराणसी गए और वहाँ 'औदुम्बर' नामक मासिक पत्र का संपादन किया।
उपाध्याय राजस्थान में स्वतंत्रता संग्राम के प्रमुख नेताओं में से एक थे।
हरिभाऊ ने अजमेर में 'सस्ता साहित्य मण्डल' की स्थापना की। वर्ष 1927 में हरिभाऊ ने अजमेर से 'त्यागभूमि' हिन्दी मासिक पत्रिका का प्रकाशन किया तथा जमनालाल बजाज की प्रेरणा से इसी वर्ष हटूण्डी में 'गाँधी आश्रम' की स्थापना की।
उन्होंने आधुनिक भारतीय इतिहास के सबसे लंबे अहिंसक बिजौलिया किसान आंदोलन में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने मेवाड़ के महाराणा और ब्रिटिश रेज़िडेन्ट को अदालत में किसान की माँगों को लेकर उचित प्रकार से समझाने का प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली।
उपाध्याय ने वर्ष 1916 से वर्ष 1919 के प्रारम्भ तक महावीर प्रसाद द्विवेदी के साथ 'सरस्वती' पत्रिका का सम्पादन किया।
तत्पश्चात् वे कानपुर पहुँचे और वहाँ गणेश शंकर विद्यार्थी को दैनिक पत्र 'प्रताप' और मासिक पत्र 'प्रभा' के सम्पादन में सहयोग दिया।
उन्होंने गाँधीजी की प्रेरणा और जमनालाल बजाज के सहयोग से अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से ‘हिन्दी नवजीवन' नामक पत्र का प्रकाशन शुरू किया तथा इसके साथ ही बनारस से 'मालव मयूर' नामक पत्र का संपादन कार्य भी किया।
वर्ष 1929 में उपाध्याय को अजमेर-मेरवाड़ा - राजपूताना - मध्य भारत कांग्रेस कमेटी का सभापति बनाया गया।
वर्ष 1930 में नमक सत्याग्रह के सिलसिले में उन्हें पहली बार जेल भेजा गया, वहाँ उन्होंने गीता का हिन्दी में समश्लोकी अनुवाद किया।
राजस्थान सेवा संघ के 'तरुण राजस्थान' का सम्पादन कार्य भी इन्होंने संभाला।
आज़ादी के बाद हरिभाऊ वर्ष 1951 से 1956 तक अजमेर-मेरवाड़ा राज्य के प्रथम व अंतिम मुख्यमंत्री बने।
इसके बाद उपाध्याय वर्ष 1965 तक सुखाड़िया मंत्रिमण्डल में शिक्षा, वित्त, योजना, समाज कल्याण और खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री रहे।
वे एक महान साहित्यकार और पत्रकार भी थे। उन्होंने लोगों को पूरे दिल से स्वतंत्रता संग्राम में शामिल होने के लिए प्रेरित करने वाले कई निबंध लिखे और कई समाचार पत्रों और पत्रिकाओं का संपादन किया।
हरिभाऊ उपाध्याय ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उन्होंने अपने कार्यों और अपने शब्दों से राजस्थान और मध्य प्रदेश में हजारों लोगों को देश की मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध होने के लिए प्रेरित किया।
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2023-03-24 07:45:05
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2023-03-23 07:51:35 विश्व मौसम विज्ञान दिवस
⬧ प्रतिवर्ष 23 मार्च को सम्पूर्ण विश्व में विश्व मौसम विज्ञान दिवस मनाया जाता है।
⬧ यह अंतर्राष्ट्रीय दिवस 'विश्व मौसम विज्ञान संगठन' (WMO) की स्थापना के उपलक्ष्य में मनाया जाता है, जिसकी स्थापना वर्ष 1950 में की गई थी।
⬧ इसे मनाने की शुरुआत वर्ष 1961 में की गई थी।
⬧ इसका उद्देश्य लोगों को पृथ्वी के वायुमंडल की रक्षा करने तथा उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करना है।
⬧ वर्ष 2023 की थीम 'द फ्यूचर ऑफ वेदर, क्लाइमेट एंड वॉटर अक्रॉस जेनरेशन'(The Future of Weather, Climate and Water Across Generation) है।
⬧ विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) 192 देशों की सदस्यता वाला एक अंतर-सरकारी संगठन है तथा भारत विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य देश है।
⬧ इसकी उत्पत्ति अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान संगठन (IMO) से हुई है, जिसे वर्ष 1873 के वियना अंतर्राष्ट्रीय मौसम विज्ञान कांग्रेस के बाद स्थापित किया गया था।
⬧ 23 मार्च, 1950 को WMO कन्वेंशन के अनुसमर्थन द्वारा स्थापित WMO, मौसम विज्ञान (मौसम और जलवायु), परिचालन जल विज्ञान तथा इससे संबंधित भू-भौतिकीय विज्ञान हेतु संयुक्त राष्ट्र की विशेष एजेंसी बन गई है।
⬧ विश्व मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।
⬧ विश्व मौसम विज्ञान कांग्रेस विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) का सर्वोच्च निकाय है।
⬧ विश्व मौसम विज्ञान संगठन द्वारा 'स्टेट ऑफ द ग्लोबल क्लाइमेट' नामक वार्षिक रिपोर्ट तैयार की जाती है।
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