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Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy

टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharya — Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy B
टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharya — Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy
चैनल का पता: @brahmacharya
श्रेणियाँ: मनोविज्ञान , गूढ़ विद्या
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 33.31K
चैनल से विवरण

Brahmacharya ,The Vital Power
ब्रह्मचर्य पालन के लिए इस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ और सबसे बड़ा चैनल

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#ब्रह्मचर्य
#meditation
#yoga
#Brahmacharya
#health
#Motivation
#LifeStyle

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नवीनतम संदेश 5

2023-05-20 08:00:29
मिसाल बनो
3.0K views05:00
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2023-05-18 12:05:43 डिप्रेशन की मानसिक समस्या से छुटकारा पाने की अनमोल शिक्षाएं

खुद को सदा व्यस्त रखे

_खुद को हलके फुल्के कार्यो में बिजी कर दे जिससे आपका मनोरंजन हो और आपको ख़ुशी मिले।

_जैसे की कोई स्पोर्ट गेम ,अपनी रूचि के अनुसार धार्मिक ,सामाजिक कार्यक्रमों में हिस्सा ले।

अपना लक्ष्य निर्धारित करे।_

_डिप्रेशन का एक कारण सही वक्त पर लक्ष्य पुरे न होना भी होता है। इससे बचने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित करे, बड़े बड़े कार्यो को छोटे छोटे हिस्से में बांटे , कुछ काम की प्राथमिकता निर्धारित करे और ऐसा काम करे जिसकी आपमे पूरी क्षमता हो।

सामाजिक रूप से सक्रिय हो।

आपके करीबी लोगो के साथ समय बिताये। _किसी भरोसेमंद दोस्त या रिश्तेदार को अपनी गुप्त बातें बताये।_

_अपने आप को सबसे अलग करने की कोशिश न करे और दुसरो को अपनी हेल्प करने दे।_

राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास करने से सकारात्मक विचारों को बल मिलता है। पॉवर फूल मेडिटेशन से मन शांत रहता है और मेन्टल स्टेट मेन्टेन रहती है।_

_हो सके तो थोड़ी देर खुली हवा में टहले । प्रकृति का प्रभाव हमारे मन और तन दोनों पर पड़ता हैं।_

_ऎसे समय में घर वालो को पूरा सहयोग देना चाहिए। सपोर्ट ,लव और केअर करे।_

सकाश के द्वारा ,पॉजिटिव विचार_

हम पॉवरफुल मेडिटेशन और स्ट्रांग विल पॉवर से इस समस्या का समाधान कर सकते है।

_डिप्रेशन हमारी खुद की क्रिएशन जिस दिन हम ये ध्यान देने लगेंगे की मुझे इसे खुद से दूर करना है |

_मुझे बहुत एक्टिव बनना है , मुझमे कोई कमी नहीं है, मैं बहुत परफेक्ट हूँ, मेरे अंदर ऐसी कोई कमी नहीं है। में हर जगह स्टैंड कर सकता हूँ।

_तब इस तरह की पॉजिटिव थॉट से हम अपने डिप्रेशन को ख़त्म कर सकते हैं। क्यों , क्योंकि ये नेगेटिव चीज़े जो व्यक्ति सोच रहा होता है हालांकि होता ऐसा कुछ भी नहीं है ऐसी ऐसी बातों को सोच रहा होता है जिसका दूर दूर तक कोई कनेक्शन नहीं होता ।_

_हमें ऐसा लगता है की जैसा हम सोच रहे होते हैं वैसा होने वाला है तो बिलकुल वैसा होता है। क्योंकि जब बहुत बुरा सोचते हैं तो हमारे साथ बुरा होता है क्योंकि जो हम सोचते वही वापिस होता हैं । _

_व्यक्ति पहले से ही अनुमान कर लेता है की ऐसा होने वाला है और होंगे भी तो कैसे किस मार्ग में तो वो हमेशा नेगेटिव में ही लेता है। वो अगर सोचता भी है पहले से किसी चीज़ को सोचता भी तो नेगेटिव ही सोचता है। और फिर वो REALITY में कन्वर्ट होती हैं तो वो डिप्रेशन में चला जाता है और कहता मुझे पता था ये चीज़े ऐसे ही होने वाली थी।

सबसे पहले तो उसे खुद से प्यार करना होगा। खुद पर विश्वास करना होगा की उसके अंदर ऐसी एनर्जी है ऐसी शक्ति है जिसके द्वारा वो हर तरह की परेशानी से मुक्त हो सकता है!

_घर में भी अगर इस तरह का नेगेटिव वातावरण है तब जो डिप्रेशन से जुड़ा व्यक्ति है डिप्रेशन से कभी मुक्त नहीं हो सकता।

_क्योंकि लोग कहते है जो इंसान परेशान होता है वो इंसान कोई ऐसे हैप्पीएस्ट पर्सन से मिले जो बहुत ज्यादा खुशमिजाज़ हो, बहुत ज्यादा जॉय नेचर का हो, बहुत ज्यादा खुशदिल हो, जिसको हँसने की हमेशा आदत हो, हमेशा मुस्कुराता हो। तो हो सकता है की व्यक्ति अगर 5 मिनिट भी उस व्यक्ति के संपर्क में आए तो 24 घंटे में 5 मिनिट वो उस व्यक्ति के साथ हँसेगा ज़रूर।

क्यों क्योंकि डिप्रेशन वाला व्यक्ति ऐसे व्यक्ति के सम्पर्क में आता है जो बहुत पॉजिटिव है ,उसको उसकी वाइब्रेशन मिलती है 5 मिनिट खुश होता है और उसको अच्छा फील होता है। क्योंकि पॉजिटिव एनर्जी की यही ख़ास बात है।

डिप्रेशन से दूर रहने के लिए ज्वाइन करे t.me/Brahmacharya
4.6K views09:05
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2023-05-15 06:11:42
3.8K views03:11
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2023-05-14 13:27:02
हर पंथ, हर देश, हर समाज, हर रंग, और हर जाति में माँ का दर्जा ऊंचा ही होता है, हमें जन्म देने वाली माँ के त्याग बलिदान हेतु जीवन अर्पित कीजिये। यह भाव अनन्त शक्ति प्रदान करेगा...

नास्ति मात्र समा छाया
नास्ति मात्रसमा गति: ।
नास्ति मात्रसम्म्म त्राणम
नास्ति मात्र सम प्रपा।।


अर्थात माता समान कोई छाया नही, न ही कोई आश्रय या सुरक्षा है। माता समान कोई जीवनदाता भी नही है


हम सभी की अनमोल माता के नाम समर्पित कविता:-

माँ है तो हम है
वरना वजूद क्या हमारा
ज़िन्दा है जो आज हम
तो ये भी करम है तुम्हारा


   क्या बिना इस
   माँ शब्द के
   कोई चरित्र
   अब तक बन पाया है(2)
   एक यही तो है

   जिन्होंने हमे
   मिटने से बचाया है

   चमकेंगे ज़रूर हम
   एक दिन सितारे बनकर

   मगर भूलेंगे न कभी
   कि हमारा आसमा

   तो सिर्फ आप है माँ

   बस आप है माँ


      धन्यवाद माँ

माध्यम:(कृतांत अनन्त नीरज)



शिक्षा:- रामकृष्ण जी व विवेकानंद जी ने पृरे विश्व को मातृमय माना है। यह पवित्र भाव ही युवाओं के लिये  संयम को सहज कर देता है
(Distractions को मिटा देता है


जॉइन कीजिये:-
http://t.me/brahmacharya

विश्व की हर माँ के सम्मान में सिर्फ *एक व्यक्ति को यह कविता ज़रूर शेयर कीजिये



           
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2023-05-11 07:02:19 New बुक

प्राणायाम रहस्य

ज्वाइन
https://t.me/Ayurveda_Yoga_Meditation
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2023-05-11 07:02:19
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2023-05-11 06:29:49
1.5K views03:29
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2023-05-10 19:14:18
Experience sharing by PM
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2023-05-10 10:44:18
लाइव प्रोग्राम लिंक

https://youtube.com/live/EKW4DQLjrP8
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2023-05-09 16:06:19 The Poem: "विराट षड्यंत्र"
TERROR in the form of LOVE
राष्ट्र की एकता- अखंडता और हर बेटी की सुरक्षा में समर्पित...!


यहाँ दोस्ती से शुरुआत होती है
कुछ झूठी पर मीठी बात होती है
नज़दीकिया बढ़ाने के लिये
साथमे गुज़री कई रात होती है

दिमाग एकतरफ गज़ब खेलता है
दूजी ओर दिल कायल होता है
चलता है शिकारी चाल प्यार की
किसी मासूम का यौवन फिर घायल होता है

छलिया बड़ा चालाक है
चिकनी चुपड़ी बातों में उसको
बस तुमसे प्यार जताना होता है
करके साथ खाना पीना
ड्रग्स से सिर्फ सुलाना होता है

भगवान पर जिन्हें विश्वास नही
माटीके पुतलों पर वे यकीन करते है
शराब और नादानी में डूबकर
अज्ञात कैमरे की आड़ में
फिर राते हसीन करते है

एक गलती बस छोटी सी
उनको भारी पड़ती है
आधुनिकता के जोश में
वो होश पर अपने जब थप्पड़ जड़ती है

क्यूँ भूल जाते है नादान
जिस्म की चाह बस
प्रेम की पवित्रता का आधार नही
जो नोचेगा तुम्हें विवाह से पहले
क्या बसेगा फिर तुम्हारा संसार कहीं?

दवाएं नशीली खिलाकर
अस्मत से उनकी लिपटा जाता है
तिल तिल तड़पाने हेतु निजता को उनकी
चलचित्रों में समेटा जाता है

दुःख उन मासूमों का कितना भारी है
एक नही प्यारे, बहने ऐसी बहुत सारी है
धोखेबाज़ों पर करके अंधविश्वास
अपनी आबरू जिन्होंने इंच इंच  वारी है

पहली मुलाकात में कभी जन्नत के
हसीन सपने सजाए थे जिसने
आज खुद की हरकतों से वो हारी है
बचा सको तो बचा लो उनको
पँखे पर झूल सकती है
क्यूंकि बडी मुश्किल में बेचारी है

सीधे पेड़ जल्दी कटते है
अब बात समझ आती है
"शस्त्र और शास्त्र"जिनके बस का नही
निर्मम बलि उनकी ही दी जाती है

अब इस पर दुःख करे या गुस्सा
कुछ समझ नही आता
मगर प्रयोग हो उचित शब्दों का
तो भरोसा है व्यर्थ नही जाता..

नाराज़गी उनसे नही, माँ बाप से है
क्यूँ उन्हें "धर्म-संस्कृति" का अपनी ज्ञान नही
आदर्श अदभुत है हिन्दू जीवन शैली में
क्यूँ फिर बच्चों को उनके
"राम कृष्ण" पर अभिमान नही

इन प्रश्नों पर चिंतन नियमित सबको करना है
ज़िन्दा होकर भी जीते जी नही अब मरना है
सतर्क सजग और सुरक्षित रहो प्यारे
सुमिरन ईश्वर का भी तुमको
इसीलिये हर दिन करना है

"वसुधैव कुटुंम्बकम"पर चलने वाली
जड़ों पर अपनी हमें मान करना है
सर्वेभवन्तुसुखिन: का गीत सीखाने वाले
आदर्शो का गर्व से गुणगान  करना है

सभी का अपना होता विश्वास है
वही ईश्वर उसके जीने की आस है
यकीन करो तो कदम कदम पर
वे सदा आपके संरक्षक है
My LiFe MY Choice का विरोध नही बहना
हर कदम पर बैठे यहाँ भक्षक है

"भगवदगीता" के पन्ने अब खोलना उचित होगा
'निष्काम कर्मयोग' तब हमें विदित होगा
वाणी "रामायण" की मर्यादा हमको सिखाएगी
अधिकारों के साथ कर्तव्य बहुत ज़रूरी है
यह पाठ वो पढ़ाएगी

प्रेम तो स्वयम ही परम धर्म है
नही आधार इसका धर्मान्तरण है
तुम और मैं का भेद मिटाने वाली
यह पवित्र अभिव्यक्ति तो
आत्मा का रूपांतरण है

ह्रदय बहनो का होता है कोमल
अब उन्हें वज्र बनकर चलना है
यह एक जीवन सिर्फ आपका नही  है
तीन पीढ़ियों को इससे सम्भलना है

महत्व तुम्हारा कभी कम था ही नही
लक्ष्य इसीलिये सिर्फ तुम होती हो
तुम ही हो "माँ दुर्गा और भवानी "
सिर्फ अज्ञानता की वजह से रोती हो


नही हो तुम सिर्फ मांस का कोमल पिंड
इस चमड़ी से परे तुम पवित्रता की ज्वाला हो
कौन करेगा तुम्हारे शील को खंडित

आपके हाथों में जब यह विवेक रूपी भाला हो

माता- पिता की भी हो राजकुमारी
और अपने भैया की कलाई पर
आप ही तो राखी हो
मन फिसले जब तुम्हारा
किसी की शहद लगी बातों पर
यही पंक्तियां तब तुम्हारी"साखी"हो..
यही पंक्तियां तब तुम्हारी"साखी"हो..


     धन्यवाद
Inspired By:THE KERALA STORY

शिक्षा:- यह कविता किसी समुदाय विशेष के विरोध में नही है। बल्कि यह समर्थक है
राष्ट्र की एकता की और  विश्व का कल्याण चाहने वाली अद्वितीय भारतीय संस्कृति की।

साथ ही यह कविता पक्षधर है आतंकवाद के नए रूप के प्रति सामाजिक जागरूकता की तथा  प्रत्येक बेटी की निजता की  सुरक्षा की


देश की प्रत्येक बेटी का जीवन और उनके निर्णय सिर्फ उन्हें प्रभावित नही करते है। बल्कि यह तीन पीढ़ियों को प्रभावित करते है। जिसमें उनके माता- पिता, वे खुद और विवाह के पश्चात नई पीढ़ी शामिल है...
अतः इस विचार पर स्वतंत्रता के साथ चिंतन किया जाना चाहिए...

साथ ही यह कविता एक अलार्म है उन सभी माता पिता के लिये जो अपनी आधारभूत भारतीय संस्कृति, संस्कार , कल्याणकारी ग्रन्थ के स्वाध्यायआद्यात्मिक पथ से पूरी तरह विमुख हो चुके है। क्योंकि वे इन अपराधों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते है...

अतः
इस दिशा में हमें  सामुहिक और व्यक्तिगत रूप से मजबूत प्रयास की आवश्यकता है । प्रेम एक अच्छी बात है, लेकिन सतर्कता बुरी बात नही।



http://t.me/brahmacharya

अतः सजग रहे, सुरक्षित रहें। तथा अपनी जड़ो से जुड़े रहे
सामाजिक जागरूकता हेतु सिर्फ एक व्यक्ति को यह कविता ज़रूर शेयर करे...

     
4.7K viewsedited  13:06
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