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Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy

टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharya — Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy B
टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharya — Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy
चैनल का पता: @brahmacharya
श्रेणियाँ: मनोविज्ञान , गूढ़ विद्या
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 33.28K
चैनल से विवरण

Brahmacharya ,The Vital Power
ब्रह्मचर्य पालन के लिए इस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ और सबसे बड़ा चैनल

#Celibacy
#ब्रह्मचर्य
#meditation
#yoga
#Brahmacharya
#health
#Motivation
#LifeStyle

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2 reviews

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नवीनतम संदेश 2

2023-12-23 14:57:37
14.1K views11:57
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2023-12-21 19:24:52
I AM THE ONE series...


प्यारे दोस्तो...

क्या आपने इस बात पर विचार किया है, कि कई बार हम बहुत इच्छा से पढ़ने के लिये स्टडी टेबल पर बैठते है। पर ज़्यादा देर नही ठहर पाते।

साथियों इसके कई कारण हो सकते है, लेकिन एक महत्वपूर्ण कारण यह भी है, कि हमारा मन शांत नही होता है। इधर उधर के अनेकों विचार मन में आकर परेशान कर देते है । और ऐसे में हम पूरा तन्मय होकर लंबे समय तक पढ़ नही पाते।

इसी कारण अनेक विद्यार्थी हताश और निराश रहते है। उनका सिर भारी रहता है और व्यवहार भी चिड़चिड़ा हो जाता है। आलस्य और लापरवाही भी बढ़ने लग जाती है। और किसी भी व्यक्ति को असफल करने में इन दोनों की भूमिका बड़ी प्रबल होती है...

अतः आज का टास्क हमारे लिये यही है:-

कि जब भी आपके मन में ज़्यादा अनावश्यक विचार आने लगे, या आपको जब भी याद आये, तब 1 गहरी सांस ले, कुछ सेकंड रोके, और फिर उसे छोड़ दे। मात्र इस छोटे से प्रोसेस को करते समय सारा ध्यान साँसों पर रखें। फिर अपने काम में लग जाए। आपका मन शांत हो जाएगा

Never Forget:-

जहां ध्यान जाता है
वहीं ऊर्जा बहती है

तो अभी इसे Try कीजिये
All The Best


ओनली सिंगल शेयर For Other Person



13.7K views16:24
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2023-12-20 09:40:01


सावधान !!!

क्या ये मिट्टी की मल ,मूत्र, कफ ,विष्ठा, पसीने से लबालब देह तुझे खींच रही है ?

समझ जा ओ युवा !!!
14.1K views06:40
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2023-12-18 18:47:52 The Poem:-
" मोबाइल " राजा
...



मोबाइल राजा ने सबके मन पर
अब राज किया है
जो पागल है इसके पीछे
उनका मुश्किल काज किया है..


चलाती है मोबाइल अब दुनिया सारी
हर नए स्मार्टफ़ोन को उनका सलाम है
नादान और बेसुध है कई अब तक
पढ़े लिखो का भी दंडवत इसको प्रणाम है..


रातों की निद्रा उड़ाई इसने
और कार्यक्षमता को कमज़ोर किया
जो बस डूबे रहते इसकीं गलियों में
उनका जीवन नीरस और बोर किया

तकनीक कोई अभिशाप नही प्यारे
समझो तो यह वरदान है
उपभोग सीमित किया तो ज्ञान होगा
वरना हम भी इसके गुलाम है...

बेवजह ही उंगलियां कभी स्क्रीन पर चलती है
ढीले मन की निगाहें इधर उधर फिसलती है
परिवार और यार छोड़ दिये हमनें कब से
सिर्फ़ ऑनलाइन गेमिंग में अब शामे ढलती है..


मोबाइल ने हमको चलाया है
या हम उसे चलाते है
उलझन में है शायद युवा हमारे
इसे नही समझ वो पाते है..

दिल, दिमाग की बीमारियों का खौफ बडा है
अनजाने में यह कैसा फितूर चढ़ा है
स्क्रीन टाइम अब कम नही किया तो
पक्का यमराज हमारे पीछे पड़ा है..

टच स्क्रीन के दलदल में
सैंकड़ो को पिघलते देखा है
रील्स चलाते हुए ही
लाखो क्षण निकलते देखा है..

हम माँ से बिछड़े, बाप से बिछड़े
एक ही छत में हो गए टुकड़े
बैठे है एक ही टेबल पर
मगर है अलग अलग मोबाइल पकड़े


मोबाइल के सफ़ेद प्रकाश ने
रातों को काला किया है
बच्चो और बूढों को भी
बस कतई ठाला किया है..

सृजन क्षमता मिट रही उनकी
आँखों पर पड़ गए काले घेरे है
बालक बिगड़ गया गर तो समझ लेना
ज़िन्दगी में सिर्फ उसके अँधेरे है..


पहले थमाते है मोबाइल खुद उसे
और आज़ादी से अपनी पीछा छुड़ाते है
जब लगती है लत मोबाइल की बालक को
तब सिर्फ  रोते है, मातम मनाते है



मत दो मोबाइल हाथों में उनको
अभी तो अपने साथ खिलाओ न
माता- पिता का ही कर्तव्य है यह
बच्चो को तुम
थोड़ा रचनात्मक बनाओ न...


मोबाइल आपका लत में दुश्मन है
प्यारी  नींद को इसने मारा है
यूँ तो ख़ुद को इतना बहादुर समझते है हम
पर सामने इसके मन क्यों हारा है?

मोबाइल के सन्तुलित प्रयोग का
अब हमको कठोर सन्कल्प करना है
मनोरंजन का माध्यम सिर्फ यह फोन नही
हमें सृजनात्मक विकल्प भी कोई रखना है...

आँखों की चिंता हमको करनी है
और पढ़ाई को भी हमें बचाना है
डिजिटल डिटॉक्स का करके ख़ुदसे वादा
अपना स्वर्णिम भविष्य बनाना है

मोबाइल राजा की कोई प्रजा नही हम
उसके इशारों पर जो चलती है
विवेक रूप में अनुशासन हमारा साथी है
मर्ज़ी से ही इसकीं हर इच्छा संभलती है...


अगर अपनी खूबसूरत आँखों को
बचाने का हमनें इरादा किया है
तो समझना सहज है
मोबाइल से दूरी रखने का
खुद से वादा किया है...



इन खूबसूरत आँखों में पलते है बड़े सपने हमारे
और उन्हीं  में छिपी जीवन की बड़ी आस है
इन निगाहों को बचाना बहुत ज़रूरी है
इसीलिये

अब हमारा
डिजिटल उपवास "है

अब हमारा डिजिटल उपवास "है


            
     धन्यवाद
जॉइन soon:-

http://t.me/brahmacharya

शिक्षा:- प्यारे साथियों यह कविता हमें सचेत करती है, तथा मोबाइल की एडिक्शन से बाहर आने के लिये प्रेरित करती है। हमारा सुख मोबाइल में नही है, बल्कि एक व्यवस्थित जीवन शैली में है
एक ऐसी दिनचर्या जिसमें योग, ध्यान, व्यायाम ,स्वस्थ भोजन और अच्छी संगत के साथ उच्च संस्कारो को स्थान दिया जाता है। ऐसी जीवन शैली में ही हमारी प्रसन्नता के तत्व समाए होते है...


प्यारे दोस्तों आज का हमारा टास्क यही है कि:-

हमें इस बारे में clear हो जाना है, कि मोबाइल वर्तमान समय की ज़रूरत है। लेकिन हमें उसकी गुलामी नही करनी है। अर्थात अनावश्यक प्रयोग नही करना है।
ध्यान रहें:- स्मार्ट फोन ज़िंदगी का हिस्सा हो सकता है लेकिन यह हमारी ज़िंदगी नही है



जब हम इन सभी बातों का ध्यान रखेंगे तभी mindless user नही बल्कि mindful user बन सकेंगे
..
.

यह msg हर उस व्यक्ति के लिये जरूरी है जो स्मार्ट फ़ोन use कर रहा है। अतः उन्हें जागरूक करना और अपने जीवन की सुरक्षा के प्रति सतर्क करना  हम सभी की ज़िम्मेदारी है। अतः

ओनली ONE share For Great vibes...( )

                      
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2023-12-16 12:14:33 THE POEM: पार्ट-2

पवित्र भारत महाअभियान
(भारत के वीर युवाओं को समर्पित....!
Time For Action...)




सतर्क हो जाओ
माँ तुम भी अब तो
कहाँ है बेटा तेरा
क्या नज़र आ रहा है??
नही मिले तो देखो उसको
शायद किसी कोने में
आंसू बहा रहा है...


देखकर उसकी पीली आँखे
और बड़े काले घेरो को
तुम न उसको डाट लगाना
देखकर उसकी हड्डियों और
हाथ कि हरी नसों को
तुम न उसकी निंदा करना...

पास बुलाना
सीने से लगाना
दो शब्द प्रेम से कहकर
उसकी बातें सुनना..


नही पता है तुम्हे दर्द उसका
कितना वो सहता है
काश होता बाल ब्रह्मचारी
मन ही मन वो कहता है...


भोग उसने भोगा नही कभी पर
भोगों ने उसको भोग लिया(2)
बहुत मुश्किल में है वो हर युवा
कुसंग ने जिसका यौवन छीन लिया..


बचपन से जो होता पता
कि गलत है ये सब राग लगाना
तो वो बुरी संग न अपनाता
दी होती माता पिता ने
यौवन कि शिक्षा
तो कोई भी बेटा
नाली में न अपना वीर्य  बहाता..

बहुत करे प्रयास उसने
पर तुमको कैसे वो बताए (2)
इतने संस्कार दिए नही थे तुमने
जो कभी बच्चे इतना खुल पाए


रात को वो सोता है तो
भगवान का नाम संग जपता है...

मध्य रात्रि  स्वप्न में उसके फिर भी
कई सुंदरियां आती है
पता ही नही चलता उसको
कपड़े गीला कर जाती है..

कैसे सुनाऊ दुख मैं उसका तब
कितना उसका दिल रोता है
कोशिश करी है इतनी बार
तब भी
क्यों ऐसा होता है?
क्यों ऐसा होता है?


बात लड़को कि नही सिर्फ ये
कन्याएं भी इसका हल बुझ  रही
कहती नही है शायद
पर मन ही मन इससे जूझ रही

सतर्क हो जा पिता ओ प्यारे
ढूंढो ज़रा
क्या बिटिया नज़र आ रही है??(2)
पूछ भी लो न उससे
क्यों वो कोने में बैठ
आंसू बहा रही है..


समझ नही आता कभी तो
मुझको
क्या ये सब झमेला है?(2)
भगवान खुद है बड़ा  पवित्र
तब क्यों हमको
इस दलदल में धकेला है
इस दलदल में धकेला है


ईश्वर कि इच्छा क्या है
हम नादान
भला कहाँ समझ पाएंगे(2
जिस दिन गए समझ तो
खुद ही खुदा हो जाएंगे

ऐसे विकट सफर में तो
आशा कि भी
आस टूटने लगती है
विश्वास कि नींव भी
सरक जाती है(2)
पर रखना होगा हौंसला तुझे
क्योंकि
हर रात के बाद

सुबह ज़रूर आती है...
सुबह ज़रूर आती है...


बने जागरूक पिता
और बने सतर्क माता
दिन वो दूर नही जब

भारत होगा भाग्य विधाता...!
भारत होगा भाग्य विधाता...!



              धन्यवाद


शिक्षा:- यह सन्देश हर भारतीय के लिये है। और प्रत्येक माता पिता के लिये भी है।
क्योंकि यदि प्रत्येक माता पिता,,
अपने बच्चो को सही संस्कार देंगे
उन्हें यौवन कि शिक्षा समय पर देंगे
उन्हें हस्तमैथुन और पोर्न कि
नुकसान से पहले ही सतर्क करेंगे तो हमारे देश में महिलाओं के प्रति दैहिक अपराधों में कमी होंगी। और वास्तविक अर्थों में नारी का सम्मान होगा

और इससे अधिकाधिक उच्च मूल्यों वाले चरित्रवान युवा शक्ति का निर्माण होगा।
भारत को एक superpower देश बनाने के लिये हमारी जड़ो का मजबूत होना ज़रूरी है। और वो जड़ है हमारा चरित्र।
यदि चरित्र ही भृष्ट हो जाए तो जीवन व्यर्थ हो जाता है...

भारत देश अब सर्वाधिक आबादी वाला देश बन चुका है। साथ ही भारत मे युवाओं की संख्या भी विराट है...
लेकिन एडल्ट sites के उपभोक्ता के रूप में भारत का शीर्ष देशों में आना चिंतन योग्य है...

क्योंकि एक  महान विचारक ने कहा है..

If you want to destroy any nation without any war , make adultery and nudity common in the young generation...


(अतः भारतवर्ष के युवाओं को इस ज़हरीले सांप से बचने के लिये उनका इस समस्या के प्रति सतर्क होना बहुत ज़रूरी है...


प्रत्येक माता पिता सदा ध्यान रखे,,
कि खेल खेल में बच्चे पैदा करना आसान है। लेकिन सही अर्थों में माता पिता बन पाना उतना ही कठिन है

अतः आज ही से बच्चो के साथ जुड़कर
उनकी मुश्किलों को समझने का प्रयास कीजिये।
यह समय कि मांग है


Join soon:-
http://t.me/brahmacharya


यदि आप (you

थोड़ा सम्वेदनशील ह्रदय रखते है,और मानवता कि सेवा ,भारत देश कि सेवा
करने के अभिलाषी है

तो

ओनली
One Share For Plus vibes

यह आपकी नैतिक जिम्मेदारी है...

                  
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2023-11-28 19:18:46 धन बहुत ज़रूरी है एक समृद्ध जीवन के लिये...


साथियों बचपन से ही हमें मुख्यतः मध्यमवर्गी परिवारों में जाने अनजाने यह सीखा दिया जाता है, या फिर हम ही पर्याप्त जानकारी के अभाव में ऐसी मानसिकता बना लेते है, कि धन के बारे में ज़्यादा विचार करना अच्छा नही है। यह तो मोह माया है अतः इसके ख्याल से भी हमें बचकर जीना चाहिये। या फिर यह कहावतें हमें सुनने को मिलती है कि

हमनें बहुत गरीबी देखी है पैसा कमाना इतना आसान नही,

पैसे कोई पेड़ पर थोड़ी लटकते है,

पैसा तो हाथ का मैल है,

या ज़्यादा धन बुद्धि भृष्ट करता है इत्यादि।


बावजूद इसके साथियों धन हम सभी की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करता है।
बेशक सिर्फ धनी होना सुखी जीवन की गारंटी नही। लेकिन क्या बिना धन के सुखी जीवन के लिये ज़रूरी संसाधन हम खरीद सकते है। तो इसका उत्तर है नही

अर्थात हम धन कि महत्ता को कभी भी  नकार नही सकते। यदि हमें इसी समाज के मध्य गर्व से सिर उठाकर एक समृद्ध जीवन जीना है तो, इसकी importance कभी कम नही होगी।


कई बार यह भी सुनने में आता है, कि हमारे जीवन में धन की कीमत सिर्फ इतनी है, जितनी कि "गाड़ी में पेट्रोल" की। लेकिन क्या यह अपने आप में बहुत बड़ी और प्राथमिक ज़रूरतों में से एक नही?

क्योंकि जिस गाड़ी पर आप longdrive का आनंद लेना चाहते हो, तो उसके लिये यदि पेट्रोल पर्याप्त होगा तो आपको बार बार सोचना नही पड़ेगा?

अर्थात कोई भी प्रैक्टिकल व्यक्ति धन की महत्ता को चाहकर भी  नकार नही सकता।


साथियों हमें "धनवान" क्यों होना चाहिये क्योंकि:-

1) इससे हमें जीवन में एक "आर्थिक आज़ादी" महसूस होती है, हमें धन खर्च करने पर उसके जल्दी समाप्त होने की चिंता नही होती,


2) यदि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में धन है, तो अपने सपनों की पूर्ति के लिये संसाधन जुटा पाना आसान हो जाता है,


3) हम चाहें कितनी भी अच्छी बातें करे, लेकिन समाज हमें हम कितना कमाते है, कि दृष्टि से ही आदर देने की मानसिकता रखता है,

4) यदि आप सिंगल नही जीना चाहते है, या किसी महान लक्ष्य के लिये इतना अधिक समर्पित नही है, जिसमें कि आप यदि सीमित धन में भी अपनी जरूरत पूरी करे और इससे आपको कोई ज़्यादा फर्क न पड़े।
तब तो आपको समाज में सिर उठाकर जीने के लिये अच्छी मात्रा में धन कमाना ही चाहिये।

5) यदि आप किसी से प्रेम करते है, और अमुक व्यक्ति को सारी खुशियाँ देना चाहते है, तो यहाँ भी केवल ऊँची आदर्शवादी बातों से पूरा काम नही हो सकता। धन का महत्व यहाँ भी बहुत ज़रूरी है। ताकि परिवार की ज़िम्मेदारी अच्छे से उठायी जा सके,


6) हमें हर प्रकार से शक्तिशाली होना चाहिये, जिसमें आर्थिक शक्ति भी एक सुन्दर, समृद्ध जीवन हेतु अनिवार्य है,


7)यदि आप ज़्यादा धन नही कमाते है, तो एक समय बाद परिवार में भी आपकी इज्जत कम होने लग जाती है,


8) धनवान होना इसलिये भी ज़रूरी है, क्योंकि ज़रूरत के समय आपको किसी का मुँह नही ताकना पड़ता। खासकर आपमें जब आत्मसम्मान कूट कूट कर भरा हो, तब तो यह और भी मुश्किल हो जाता है

9) यदि हम धनी है, तो सिर्फ अपनी या अपने परिवार की नही, बल्कि समाज की भी आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते है।
बहुत अधिक ज़रूरतमंद लोगो की भी आर्थिक सहायता कर सकते है,


अतः निष्कर्ष यही है कि एक अच्छे सुखी, और सम्मानित जीवन जीने के लिये धनवान होना हम सभी की प्राथमिकता में होना ही चाहिये। क्योंकि हम अपने "कर्तव्यों का निर्वहन और समाज सेवा" के कार्य भी तभी सम्पन्न कर पाएंगे। अन्यथा हमें किसी न किसी पर आश्रित होकर जीवन जीना पड़ेगा।

और क्या आप ऐसा कभी चाहेंगे?

तो उत्तर आपके पास है



         धन्यवाद



अतः आज का "हमारा टास्क " यही है कि:-  Richness is a type Of Positive mindset...

अतः हमें बाहरी जीवन में आर्थिक समृद्धता
आकर्षित करने के लिये पहले अपने मन से अमीर होना सीखना होगा। इसकीं शुरुआत हमें तुरंत करना चाहिये।
इस संकल्प को हम अपनी दिनचर्या में बार बार दोहरा सकते है:-

Yes , I am Wealthy Person...

Never Forget:-

किस ने देखा है अगला जन्म
इसीलिये आज और अभी से
अच्छा खाओ, अच्छा पीओ
अच्छा सीखो औऱ अच्छा जीओ
कमाओं खूब धन  और
लोगो को भी प्रेरित करो
इज्जतदार जीवन जीते हुए,
ज़रूरतमंदों की झोली भरो...

मरने से पहले बस कोई अफसोस न रह जाए


ओनली One शेयर For Plus वाइब्स
...




                      
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2023-11-21 18:06:37 मौलिक शिक्षा आज की आवश्यकता



दोस्तो , इस समय पूरे विश्व को ब्रह्मचर्य शिक्षा की सबसे ज्यादा जरूरी है । इसके बिना इस दुनिया का पतन निश्चित है।

आज ज्यादातर युवा विकारों कि गंदी कोठरी में इस कदर फंशा हुआ है जो इससे बाहर निकलने का कोई रास्ता भी उसे दूर दूर तक नजर नहीं आता है और अपने जीवन को घड़ी घड़ी ख़तम करने की बात ही सोचता है ।


अफसोस की बात तो ये है कि उसे ये भी नहीं पता की वो किसी पिंजरे में फंसा हुआ है यां कुछ गलत कर रहा है।



सोचने की बात तो ये है दोस्तो , विकारों के क्षण भर के सुख का गुलाम बनकर हीरे जैसे अमूल्य जीवन को लात मार देता है ।

आज का सोशल मीडिया ,सिनेमा , गन्दा साहित्य इस काम अग्नि में घी का काम करते है ।


हम जो भी देखते ,सुनते , पढ़ते है वो ही हमारी जीवन की कहानी लिखता है हमारा भाग्य बनता है ।

तो दोस्तो आज ही चेक करे कहीं हम भी तो ऐसी चीजे नहीं देख रहे ,सुन रहे , पढ़ रहे जिसमे विकारों की गंदी बदबू
हो ।

अगर ऐसा रतिभर भी है तो आज ही उसको तिलांजलि दे देवे ।नहीं तो ये छोटी सी चिंगारी पूरे जीवन रूपी महल को बनने से पहले ही तहस नहस कर देगी ।


पूरी दुनिया में ऐसा ज्ञान आपको कहीं नहीं मिलेगा दोस्तो आप भाग्यशाली है जो कैसे भी करके यहां इस चैनल तक पहुंचे हो। आपके भाग्य ने नई उड़ान भरी है।

उम्मीद है आप सभी आज इसी समय इस बात को जानकर अपने जीवन को हीरे तुल्य जरूर बनायेगे।

वरना जीवन के किसी मोड़ पर ये बात याद करके पछताएंगे काश उस दिन समझ गए होते



जीवन को हीरे जैसा बनाने के लिए आज ही ज्वाइन करें T.me/brahmacharya

शेयर करना न भूले
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2023-11-13 12:27:08
What does Diwali teach us ?

दिवाली हमें क्या सिखाती हैं !

(Students k liye special Message)
12.8K views09:27
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2023-11-12 10:32:28 दीपक का महत्व
दीपक क्यों जलाया जाता है...?
दीपावली
= दीपो की अवली/कतार/पंक्ति
...


मानव के जीवन में प्रेरणा का स्रोत है

अज्ञान रूपी अंधकार से ज्ञान रूपी प्रकाश उतपन्न करने का संकेत,

मिट्टी के दियो का विशेष महत्व:-

क्योंकि मिट्टी के दिये मानव देह का प्रतीक है, और उसका तेल मानव की जीवनशक्ति
(vital Energy) का प्रतीक है, अतः दिए के बुझने से पहले अर्थात मानव की म्रत्यु आने से पहले उसे अपनी जीवन शक्ति से सारे जग को रोशन करने का प्रयास करना चाहिये...


मंदिर में दिया जलाने का भी यही भाव:- गहरे अंधकार से प्रभु दिव्य प्रकाश की तरफ ले चल...


13.2K views07:32
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2023-10-24 18:34:47 The Poem:-
जल रहा हूँ मैं...


करके गलतियां हज़ार, एक ही
अग्नि में पश्चाताप की
जल रहा हूँ मैं
अस्त हुआ हूँ कई बार तब भी
सूरज सा फिर निकल रहा हूँ मैं
...


शांत हूँ ,मौन हूँ तब भी
मन मे पल पल बोल रहा हूं मैं
छिन्न भिन्न होकर भी प्यारे
अभिन्न डोल रहा हूँ मैं...


नाकामिया क्यों मिली इतनी
बीती कड़ियों को खोल रहा हूँ मैं
क्या कहूँ अब
सफलता और असफलता के तराजू में
खुद को ही आज तौल रहा हूँ मैं
...


कितनी बार जाने
खुशियो का उपवन उजाड़ा
कली एक नई बनकर
फिर खिल रहा हूँ मैं
...
आंसुओ की धार से मन के ज़ख्मो पर
मरहम मल रहा हूँ मैं



टूटकर बुरी तरह से
क्षण क्षण बिखर रहा हूँ मैं
छोड़ी न आस  प्रार्थना
और संकल्पों पर अपने
इसी विश्वास से अब निखर रहा हूँ मैं
...


क्रुद्ध हूँ खुद के कारनामो से,
पर फिर खुद को आज
सहन करने को अड़ रहा हूँ मैं
मन ही मन इस मन के महाभारत में
पल पल धर्मयुद्ध लड़ रहा हूँ मैं
...


निराशा में चूर हूँ, न कोई रखता गुरुर हूँ
गुनाह करके भी सचमें   बेकसूर हूँ
अपने इस न्याय की खातिर
खुद से झगड़ रहा हूँ मैं
...
कांटो के इस लहुलुहान पथ पर भी
पुष्पों की तलाश में
धीमे ही सही पर
थोड़ा थोड़ा चल रहा हूँ मैं
...


चाहा जो कभी वो पाया नही,
और जो पाया वो कभी चाहा  नही
ऐसा क्यों?
इस प्रश्न का खोज हल रहा हूँ मै...
होता जो भी है, अच्छे के लिए होता है
क्यों मेरे प्यारे मन तू तब भी रोता है
बस
इस विश्वास पर रोज चल रहा हूं मैं
...


खण्ड खण्ड होकर भी अखंड हूँ,
हार कर भी गाता विजय का गीत हूँ
इस रवैये से खुद को
नितदिन बदल रहा हूँ मैं
...
हाँ ज्योति से ज्वाला बनने की आस में
पुंज से प्रकाश का महापुंज बनने के विश्वास में
दर्द की इस  भट्टी में जल रहा हूँ मैं

सँघर्ष इतना आसान है नही फिर भी
बस चल रहा हूँ मैं
कोयले से हीरा बनने की चाह में
बुरी तरह जल रहा हूँ मैं...

पर तब भी बस चल रहा हूँ मैं
हाँ जल रहा हूँ मैं
एक दहन हुआ रावण का
और एक यहाँ कर रहा हूँ मैं
लगाकर आग हर विकार में खुदके
उसकी तपिश में तप रहा हूँ मैं


हाँ जल रहा हूँ मैं,,,
खुद को ही अब बदल रहा हूँ मैं...


             धन्यवाद



शिक्षा:-
विजया दशमी का पर्व प्रत्येक उस व्यक्ति के लिये प्रेरणा है। जिसका विश्वास उच्च आदर्शों और मानवीय मूल्यों पर है। यह त्योंहार अन्याय पर न्याय की, असत्य पर सत्य की , अधर्म पर धर्म की ,  और निराशा पर आशा की विजय का प्रतीक है...

So Today's टास्क is:-


विजयादशमी के इस पावन अवसर पर मन मे छिपी हर बुराई का दहन करने का संकल्प करते है। तथा काम, क्रोध, ईर्ष्या, मद, मोह, व लोभ रूपी बुराई का त्याग करते है। आइए साथ मे मिलकर जीवन मे हम प्रेम और
खुशियो के रंग भरते है...

 ओनली One शेयर For Plus vibes...


             
     
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