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Bhagavad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता)

टेलीग्राम चैनल का लोगो bhagwat_geetakrishn — Bhagavad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता) B
टेलीग्राम चैनल का लोगो bhagwat_geetakrishn — Bhagavad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता)
चैनल का पता: @bhagwat_geetakrishn
श्रेणियाँ: धर्म
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 4.63K
चैनल से विवरण

Hindu Devotional Channel

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नवीनतम संदेश 8

2022-06-10 21:38:05
आसुरी स्वभाव वाले मनुष्य सोचते रहते हैं कि आज मैंने इतना धन प्राप्त कर लिया है, अब इससे और अधिक धन प्राप्त कर लूंगा, मेरे पास आज इतना धन है, भविष्य में बढ़कर और अधिक हो जायेगा।
291 viewssudhir Mishra, 18:38
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2022-06-09 21:46:48 कौन से "कपड़े" पहनूँ....
जिससे मैं अच्छा लगूँ..
ये तो हम हर रोज सोचते हैं..

पर कौन सा "कर्म" करूँ...
जिससे मैं भगवान को अच्छा लगूँ..
जरा ये सोचने का प्रयास तो करें ...
428 viewssudhir Mishra, 18:46
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2022-06-09 21:42:28
आसुरी स्वभाव वाले मनुष्य कहते हैं कि जगत्‌ झूठा है इसका न तो कोई आधार है और न ही कोई ईश्वर है, यह संसार बिना किसी कारण के केवल स्त्री-पुरुष के संसर्ग से उत्पन्न हुआ है, कामेच्छा के अतिरिक्त अन्य कोई कारण नही है।
428 viewssudhir Mishra, 18:42
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2022-06-09 21:39:57 दुनिया के तो हज़ार मुंह है,
सबकी सुनते रहोगे तो
पीछे रह जाओगे...

@bhagwat_geetakrishn
405 viewssudhir Mishra, 18:39
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2022-06-09 07:00:34 तीर्थ करने के लिए कहीं जाने की जरूरत नहीं है। सबसे अच्छा और बड़ा तीर्थ आपका अपना मन है, जिसे विशेष रूप से शुद्ध किया गया हो।
185 viewssudhir Mishra, 04:00
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2022-06-09 06:59:43
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते।
कवि कोविद कहि सके कहाँ ते॥

यम, कुबेर आदि तथा सब दिशाओं के रक्षक, कवि, विद्वान कोई भी आपके यश का पूर्णतया वर्णन नहीं कर सकते।
186 viewssudhir Mishra, 03:59
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2022-06-09 06:55:28
पाखण्ड, घमण्ड, अभिमान, क्रोध, निष्ठुरता और अज्ञानता यह सभी आसुरी स्वभाव (गुण) को लेकर उत्पन्न हुए मनुष्य के लक्षण हैं।
186 viewssudhir Mishra, 03:55
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2022-06-09 05:24:35 देवो रुष्टे गुरुस्त्राता गुरो रुष्टे न कश्चन:।
गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता गुरुस्त्राता न संशयः।।

भाग्य रूठ जाये तो गुरू रक्षा करता है। गुरू रूठ जाये तो कोई नहीं होता। गुरू ही रक्षक है, गुरू ही शिक्षक है, इसमें कोई संदेह नहीं।
214 viewssudhir Mishra, 02:24
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2022-06-08 02:08:01 पुस्तकस्था तु या विद्या,परहस्तगतं च धनम्।
कार्यकाले समुत्तपन्ने न सा विद्या न तद् धनम्।।

किसी पुस्तक में रखी विद्या और दूसरे के हाथ में गया धन। ये दोनों जब जरूरत होती है तब हमारे किसी भी काम में नहीं आती।
378 viewssudhir Mishra, 23:08
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2022-06-07 06:58:50 मूर्खस्य पञ्च चिह्नानि गर्वो दुर्वचनं तथा।
क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः।।

एक मुर्ख के पांच लक्षण होते है घमण्ड, दुष्ट वार्तालाप, क्रोध, जिद्दी तर्क और अन्य लोगों के लिए सम्मान में कमी।
462 viewssudhir Mishra, 03:58
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