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Bhagavad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता)

टेलीग्राम चैनल का लोगो bhagwat_geetakrishn — Bhagavad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता) B
टेलीग्राम चैनल का लोगो bhagwat_geetakrishn — Bhagavad Gita (श्रीमद्भगवद्गीता)
चैनल का पता: @bhagwat_geetakrishn
श्रेणियाँ: धर्म
भाषा: हिंदी
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चैनल से विवरण

Hindu Devotional Channel

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नवीनतम संदेश 5

2022-06-18 08:20:49 शिव पुराण

आज तक अध्याय १ से ९ सभी के व्हाट्सएप पर भेज दिया गया है। कोई बंधु यदि रह गया है तो संपर्क कर सकते है।

9768011645
334 viewssudhir Mishra, 05:20
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2022-06-18 06:23:10 सहसा विदधीत न क्रियामविवेकः परमापदां पदम्।
वृणते हि विमृश्यकारिणं गुणलुब्धाः स्वयमेव संपदः।

हमें अचानक आवेश या जोश में आकर कोई काम नहीं करना चाहिए। क्योंकि विवेक हीनता सबसे बड़ी विपतियों का कारण होती है। इसके विपरीत जो व्यक्ति सोच समझकर कार्य करता है। गुणों से आकृष्ट होने वाली मां लक्ष्मी स्वयं ही उसका चुनाव कर लेती है।

@bhagwat_geetakrishn
348 viewssudhir Mishra, 03:23
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2022-06-17 21:50:46 राम राम
स्वभाव में मधुरता न हो तो पद-प्रतिष्ठा कोई मायने नहीं रखती और जिसका स्वभाव मीठा है उसे मान-सम्मान के लिए किसी पद-प्रतिष्ठा पर निर्भर भी नहीं रहना पड़ता।
स्वभाव ही किसी आदमी की व्यक्तिगत पहचान है l प्रभाव से आप किसी को नहीं जीत सकते, पर अच्छे स्वभाव से सबको जीता जा सकता है।.
जय श्री कृष्णा .
32 viewssudhir Mishra, 18:50
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2022-06-17 21:02:17 कोई काम कठिन नहीं होता
बस करने का तरीका सही होना
चाहिए निरंतर कर्म करने से मुश्किल
काम भी आसान हो जाता है...।

@bhagwat_geetakrishn
66 viewssudhir Mishra, 18:02
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2022-06-17 14:19:11 !! अपरिग्रह !!

एक बार राजा भोज एक जंगल के रास्ते से जा रहे थे। साथ में उनके राजकवि पंडित धनपाल भी थे। रास्ते में एक विशाल बरगद के पेड़ में मधुमक्खियों का एक बहुत बड़ा छत्ता लगा था। जो शहद के भार से गिरने ही वाला था। राजा भोज ने ध्यान से देखा तो पाया कि मधुमक्खियां उस छत्ते से अपने हाथ पैर घिस रही हैं। उन्होंने राजकवि से इसका कारण पूछा। राजकवि बोले, “महाराज ! दान की बड़ी महिमा है। शिवि, दधीचि, कर्ण, बलि आदि अनेक दानियों का नाम उनके न रहने के बाद भी चल रहा है।

जबकि केवल संचय करने और दान न करने वाले बड़े बड़े राजा महाराजाओं का आज कोई नाम लेने वाला भी नहीं है। इन मधुमक्खियों ने भी आजीवन केवल संचय ही किया है। कभी दान नहीं किया। इसलिए आज अपनी संपत्ति को नष्ट होते देखकर इन्हें दुख हो रहा है। इसीलिए ये अपने हाथ पैर घिस रही हैं।”

सीख
आवश्यकता से अधिक संचय हमेशा दु:ख का कारण होता है।

@bhagwat_geetakrishn
214 viewssudhir Mishra, 11:19
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2022-06-17 14:14:40 बिना पैसे का दान...

एक बुज़ुर्ग शिक्षिका भीषण गर्मियों के दिन में बस में सवार हुई, पैरों के दर्द से बेहाल, लेकिन बस में सीट न देख कर जैसे – तैसे खड़ी हो गई।
कुछ दूरी ही तय की थी बस ने कि एक उम्रदराज औरत ने बड़े सम्मानपूर्वक आवाज़ दी, "आ जाइए मैडम, आप यहाँ बैठ जाएं” कहते हुए उसे अपनी सीट पर बैठा दिया। खुद वो गरीब सी औरत बस में खड़ी हो गई। मैडम ने दुआ दी, "बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरी बुरी हालत थी सच में।"
उस गरीब महिला के चेहरे पर एक सुकून भरी मुस्कान फैल गई।
कुछ देर बाद शिक्षिका के पास वाली सीट खाली हो गई। लेकिन महिला ने एक और महिला को, जो एक छोटे बच्चे के साथ यात्रा कर रही थी और मुश्किल से बच्चे को ले जाने में सक्षम थी, को सीट पर बिठा दिया।
अगले पड़ाव पर बच्चे के साथ महिला भी उतर गई, सीट खाली हो गई, लेकिन नेकदिल महिला ने बैठने का लालच नहीं किया ।
बस में चढ़े एक कमजोर बूढ़े आदमी को बैठा दिया जो अभी - अभी बस में चढ़ा था।
सीट फिर से खाली हो गई। बस में अब गिनी – चुनी सवारियां ही रह गईं थीं। अब उस अध्यापिका ने महिला को अपने पास बिठाया और पूछा, "सीट कितनी बार खाली हुई है लेकिन आप लोगों को ही बैठाते रहे, खुद नहीं बैठे, क्या बात है?"
महिला ने कहा।

"मैडम, मैं एक मजदूर हूं, मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं कि मैं कुछ दान कर सकूं। तो मैं क्या करती हूं कि कहीं रास्ते से पत्थर उठाकर एक तरफ कर देती हूं, कभी किसी जरूरतमंद को पानी पिला देती हूं, कभी बस में किसी के लिए सीट छोड़ देती हूं, फिर जब सामने वाला मुझे दुआएं देता है तो मैं अपनी गरीबी भूल जाती हूं । दिन भर की थकान दूर हो जाती है । और तो और, जब मैं दोपहर में रोटी खाने के लिए बैठती हूं ना बाहर बेंच पर, तो ये पंछी - चिड़ियां पास आ के बैठ जाते हैं, रोटी डाल देती हूं छोटे-छोटे टुकड़े करके । जब वे खुशी से चिल्लाते हैं, तो उन भगवान के जीवों को देखकर मेरा पेट भर जाता है। पैसा धेला न सही, सोचती हूं दुआएं तो मिल ही जाती है ना मुफ्त में। फायदा ही है ना और हमने लेकर भी क्या जाना है यहां से।"
शिक्षिका अवाक रह गई, एक अनपढ़ सी दिखने वाली महिला इतना बड़ा पाठ जो पढ़ा गई थी उसे ।
अगर दुनिया के आधे लोग ऐसी सोच को अपना लें तो धरती स्वर्ग बन जाएगी।

दान धन से नहीं,मन से होता है..!!

जय जय श्री राधेकृष्ण

@bhagwat_geetakrishn
208 viewssudhir Mishra, 11:14
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2022-06-17 14:01:25 शास्त्रों के अनुसार पूजा अर्चना में वर्जित काम

१) गणेश जी को तुलसी न चढ़ाएं
२) देवी पर दुर्वा न चढ़ाएं
३) शिव लिंग पर केतकी फूल न चढ़ाएं
४) विष्णु को तिलक में अक्षत न चढ़ाएं
५) दो शंख एक समान पूजा घर में न रखें
६) मंदिर में तीन गणेश मूर्ति न रखें
७) तुलसी पत्र चबाकर न खाएं
८) द्वार पर जूते चप्पल उल्टे न रखें
९) दर्शन करके बापस लौटते समय घंटा न बजाएं
१०) एक हाथ से आरती नहीं लेना चाहिए
११) ब्राह्मण को बिना आसन बिठाना नहीं चाहिए
१२) स्त्री द्वारा दंडवत प्रणाम वर्जित है
१३) बिना दक्षिणा ज्योतिषी से प्रश्न नहीं पूछना चाहिए
१४) घर में पूजा करने अंगूठे से बड़ा शिवलिंग न रखें
१५) तुलसी पेड़ में शिवलिंग किसी भी स्थान पर न हो
१६) गर्भवती महिला को शिवलिंग स्पर्श नहीं करना है
१७) स्त्री द्वारा मंदिर में नारियल नहीं फोडना है
१८) रजस्वला स्त्री का मंदिर प्रवेश वर्जित है
१९) परिवार में सूतक हो तो पूजा प्रतिमा स्पर्श न करें
२०) शिव जी की पूरी परिक्रमा नहीं किया जाता
२१) शिव लिंग से बहते जल को लांघना नहीं चाहिए
२२) एक हाथ से प्रणाम न करें
२३) दूसरे के दीपक में अपना दीपक जलाना नहीं चाहिए
२४) अगरबत्ती जलाना (बांस की सींक वाली) वर्जित है
२५) देवताओं को लोभान या लोभान की अगरबत्ती का धूप न करें
२६) स्त्री द्वारा हनुमानजी शनिदेव को स्पर्श वर्जित है
२७) कंवारी कन्याओं से पैर पडवाना पाप है
२८) मंदिर में परस्त्री को ग़लत निगाह से देखना पाप है
२९) मंदिर में भीड़ में परस्त्री से धक्का मुक्की पाप है
३0) शराबी का भैरव के अलावा अन्य मंदिर प्रवेश वर्जित है

इन सभी बताई गई बातें हमारे ऋषि मुनियों से परंपरागत रूप से प्राप्त हुई है।

जय सनातन धर्म

@bhagwat_geetakrishn
191 viewssudhir Mishra, 11:01
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2022-06-17 13:51:40 एक गाँव में आग लगी। सभी लोग उसको बुझाने में लगे हुए थे। वहीँ एक चिड़िया अपनी चोंच में पानी भरती और आग में डालती फिर भरती और फिर आग में डालती।
एक कौवा डाल पर बैठा उस चिड़िया को देख रहा था।कौवा चिड़िया से बोला, "अरे पागल तू कितनी भी मेहनत कर ले, तेरे बुझाने से ये आग नहीं बुझेगी।"
उस पर चिड़िया विनम्रता से बोली-- "मुझे पता है मेरे बुझाने से ये आग नहीं बुझेगी। लेकिन जब भी इस आग का ज़िक्र होगा, तो मेरी गिनती बुझाने वालों में और तेरी गिनती तमाशा देखने वालों में होगी।"
अब यह सोचना हैं की हम सभी किन श्रेणी मे आते हैं।।
हमारे अकेले के करने से क्या फर्क पडेगा पर ये बात कभी नही भूलनी चाहिये कि बड़े से बड़े सफर की शुरूआत भी एक छोटे कदम से ही होती है।

जय श्री राधेकृष्णा । जय जय श्री राम । हर हर महादेव । जय श्री महाँकाल । जय मां भारती।

@bhagwat_geetakrishn
190 viewssudhir Mishra, 10:51
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2022-06-17 12:39:58 धार्मिक पोस्ट नही है पर समय की मांग को देखते हुए किया गया पोस्ट है

" जवाब "
किसी खूबसूरत लड़की की तारीफ़ कर, आप उससे जवाब की उम्मीद रखते हैं और जवाब ना मिलने पर ना जाने आप क्या क्या कर गुजरते हैं।
बस एक जवाब मुझे चाहिए आपसे
बादलों के बीच से झांकता सूरज अत्यंत मनोरम और खूबसूरत दिखता है
क्या आप उससे जवाब की उम्मीद रखते हैं?
ताजमहल की बनावट और खुबसूरती का जवाब नहीं, क्या आपका दिल उसकी तारीफ़ के बाद ताजमहल से जवाब मांगता है?
दुनिया की करोड़ों चीजें खुबसूरत दिखती हैं, तो क्या आप सब से जवाब मांगते हैं?
अगर नहीं.........
तो आप किसी भी लड़की से जवाब क्यूं मांगते हैं वो भी जबरदस्ती
अगर उसे भी आप पसंद होंगे तो ख़ुद ब ख़ुद जवाब देगी।
इसलिए दुनिया की दूसरे नजारों की तरह ही उसे भी नजारा समझ आगे बढ़ जाइए
आपको ज्यादा सुकून मिलेगा
240 viewssudhir Mishra, 09:39
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2022-06-17 08:13:26 यावद्बध्दो मरुद देहे यावच्चित्तं निराकुलम्।
यावद्द्रॄष्टिभ्रुवोर्मध्ये तावत्कालभयं कुत:।।

जब तक शरीर में सांस रोक दी जाती है तब तक मन अबाधित रहता है और जब तक ध्यान दोनों भौहों के बीच लगा है तब तक मृत्यु से कोई भय नहीं है।

@bhagwat_geetakrishn
290 viewssudhir Mishra, 05:13
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