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Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

टेलीग्राम चैनल का लोगो rajyogipk — Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust S
टेलीग्राम चैनल का लोगो rajyogipk — Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
चैनल का पता: @rajyogipk
श्रेणियाँ: धर्म
भाषा: हिंदी
देश: भारत
ग्राहकों: 5.22K
चैनल से विवरण

This channel is parallel branch of Adbhut Rajsik Sadhnayen Youtube channel where we will provide you Gupt sadhna's & Dhyaan Gupt mantras..
Direct Message Shreem Dewanshu - @DOccult
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Dewanshu@CM4

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नवीनतम संदेश 65

2021-05-26 18:18:32 जून माह पेड ग्रुप - तंत्र एवं शक्ति विशेष, समस्त साधक अवश्य जुड़ें एवं लाभन्वित हों.


संपर्क सूत्र - @sahajst
890 viewsDewanshu, edited  15:18
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2021-05-26 07:12:43
अति प्रभावी - महाशक्तिशाली - अथाह ग्रह नियंत्रण। जो साधक माहाविद्या तंत्र लेने में असमर्थ वह इन्हें धारण करें और चमत्कार देखें।
4.8K viewsDewanshu, 04:12
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2021-05-25 17:16:51
माता छिन्नमस्ता जयंती को शुभकामनाएं।

श्रीम देवांशु
4.8K viewsDewanshu, 14:16
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2021-05-23 20:43:57 अनेक साधक होंगे जो यह जानना चाहते होंगे कि किस प्रकार से हम अपना जीवन जीते हैं इसी विषय में प्रस्तुति हेतु संस्था द्वारा जल्दी ही एक ब्लॉग चैनल शुरू किया जाएगा जिसके माध्यम से आप जान पाएंगे कि किस प्रकार से संस्था कार्य करती हैं पूरे दिन संस्था में शिक्षक कार्यकर्ता क्या क्या कार्य करते हैं और साथ ही साथ आप यह भी जान पाएंगे इतना परिश्रम संस्था में करना पड़ता है।

प्रत्येक कार्य हेतु एक छोटे से छोटे कार्य हेतु कितना रिसर्च होता है और उसके बाद आप तक कोई भी सामग्री प्राप्त होने तक कितना समय लगता है यह समस्त जानकारी आपको ब्लॉग के माध्यम से मिलेगी साथ ही साथ आप हमें तंत्र निर्माण करते हुए माला संस्कार करते हुए अन्य जो भी कार्य हम करते हैं जब संस्था हेतु अन्य कार्य होते हैं यदि कोई साधक हैं वह संस्था में आते हैं रुकते हैं उनके अनुभव कैसा महसूस कर रहे हैं वह दैनिक प्रतिदिन के अनुभव होंगे ना कि उनकी मूल पूरे अनुभव नहीं होंगे पर्त्येक दिवस हम जीवन में क्या-क्या करते हैं आप वह देख पाएंगे कब उठते हैं किस समय हम क्रिया योग ध्यान करते हैं किस समय हम साधना का समय काल रखते हैं क्या क्या सावधानियां बरते हैं क्योंकि बताने से अब साधकों के लिए समझना आसान नहीं है जब वह हमें प्रतिदिन हमारे कार्य को हमारे भोजन को हमारे बातचीत को सब कुछ सुनेंगे समझेंगे तो यह समझ पाएंगे कि यह कितना आसान है यदि आप सिर्फ कुछ नियमों का पालन करते जाते हैं।

साथ ही साथ ही जाएंगे कि किस प्रकार से सुख में जीवन जिया जाए इतने गंभीर कार्य के बावजूद भी किस प्रकार से कुंडली अवलोकन होते हैं किस प्रकार से हस्तरेखा परीक्षण होता है किस प्रकार से आप के तंत्र पैक किए जाते हैं कितनी सुविधाजनक तरीके से कितनी स्वच्छता से यहां पर आयुर्वेदिक औषधियां प्राप्त की जाती है कितनी शुद्धता से उनका आगे निर्माण किया जाता है।

संस्था के कुछ गुप्त रहस्य जिसमें आपको पहले जानने का मौका मिल जाएगा कि अगला आश्रम कहां निर्माण किया जा रहा है आदि कार्य के विषय में जो भी हम सभी ने अपने जीवन में अनेक लोगों से मिलकर सीखा है जिससे आप भी बाकी है जिससे आपको कभी भी नुकसान अथवा किसी भी प्रकार की हानि ना हो सामान्य जीवन में अभी कुछ आप सभी के समक्ष शीघ्र ही प्रस्तुत किया जाएगा क्योंकि हमारे पास अभी इसकी कुछ खास योग्यता नहीं है इसलिए हो सकता है शुरुआती कुछ वीडियो उस लायक ना हो जिस लायक व्यक्ति को देखने की आदत है एक ब्लॉक वीडियो को लेकिन हमारी कोशिश रहेगी कि आपके समक्ष जानकारी प्रस्तुत की जाए जीवन के विषय में जिससे हमारा जीवन एक वीडियो में देखेंगे प्रतिदिन का तो आप उसका अनुसरण करके आप भी इसी प्रकार का कुछ प्राप्त कर पाएंगे अपने जीवन में ऐसा मैं आशा करता हूं।
405 viewsDewanshu, 17:43
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2021-05-23 06:25:58 कभी नाम सुना है मेरा ? रूतनी हूँ मैं

पूरी जानकारी वीडियो में उपलब्ध





मंत्र - हुम क्लीम नह रुत रुत चमक रूतनी नयन अघोरा वं फट स्वाहा
781 viewsDewanshu, 03:25
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2021-05-20 16:24:21 बगलामुखी माँ (१० महाविद्या)

वल्गामुखी - वल्गा का अर्थ है लगाम - मुखी का अर्थ मुख पर - पूर्ण अर्थ मुख अथवा जुबान पर लगाम लगाने की क्षमता वाली देवी भक्त्देव्शी भयंकरी माता वल्गामुखी .

बगलामुखी - बागला के सामान केन्द्रित ध्यान एवं बागला को ही धारण करने की शक्ति इसका प्रतीक है .

वल्गामुखी , वगलामुखी , बगलामुखी एवं पीताम्बरा प्रत्येक नाम के पूर्ण अर्थ हैं

पीताम्बरा -

माँ पीताम्बरा

सृष्टि के रचना जिस अनु एयं ध्वनि से हुई उससे पूर्व पूर्ण रूप से यह सृष्टि कालमयी यही जिसे काली अर्थात काल के सब्स निकट का दर्जा दिया गया उसके पश्चात जो प्रथम किरण प्राप्ति हुई इस अंधकार में वह पीला पन के साथ प्राप्त हुई जिसने अम्बर में पीत वर्ण अथवा स्वर्णिम को दर्शाया जो पीताम्बरा एयं माता बगलामुखी नाम से सुशोभित हैं । इनका वर्चस्व एयं महिमा अपरंपार है इसके विषय मे शब्दो मे व्याख्या नही की जा सकती है , शब्द भाषा ध्वनि सब माता के अधीन हैं जिनके ही विभिन्न स्वरूप हैं । इसी की सत्यता को जानते हुए ऋषि मुनि ने पीला रंग धारण किया जिससे वह प्रथम प्राकृतिक ऊर्जा को ग्रहण कर सकें और अपनी शक्ति एयं ऊर्जा को उस परम ऊर्जा के साथ सम्मिलित कर सकें।

दसमहाविद्या माता के 24 स्वरूप का वर्णन है जिसे 24 तत्व या 24 अवतार से भी जाना गया लेकिन उनमें से प्रचलित एयं सर्वाधिक सबके समक्ष 10 स्वरूप ही आए अन्य साधकों ने अन्य स्वरूप को गुप्त रखना ही उचित समझा जो कि अत्यंत गोपनीय ज्ञान है उसे वैसे ही रखना भी उचित है ।

10 महाविद्या में समस्त स्वरूप माता बगलामुखी को दर्शाया गया , महा का अर्थ है अत्यधिक विद्या का अर्थ है अमृत अर्थात ज्ञान रूपी अमृत। ऐसे 10 प्रकार जिनके माध्यम से आप इस सृष्टि एयं प्रकृति के संबंध को समझ सकें और इनके बीच की दूरी को शून्य कर सकें । यह शून्य होते ही आपको महाविद्या की प्राप्ति होगी और यह एक ही देवी के अनेक स्वरूप है इसलिए आपको एक के दर्शन होने से समस्त के दर्शन प्राप्त हो जाते हैं आपको सबकी अलग अलग साधना की आवश्यकता नही होती है। यह साधक के भाव के ऊपर निर्भर करता है कि वह माता के किस स्वरूप को धारण करने में समर्थ है और उसी के अनुसार वह उनके दर्शन की अभिलाषा रखता है।

माता का यह स्वरूप सस्मत रूप से साधक की सारी मनोकामनाएं पूर्ण करने में सामर्थ्य रखता है लेकिन लोभ , मोह , आदि से साधना का फल प्राप्त करना संभव नही है निश्चल मन से किया गया जप आपको संसार के भौतिक , शारीरिक, मानसिक समस्त सुख की प्राप्ति देने में सक्षम है।


हार्दिक शुभकामनायें ...

इस अवसर पर संस्था द्वारा आने वाले 100 कूरियर में

1 पैकेट क्वाथ
1 पैकेट काढ़ा
1 नीलगिरी तैल

निशुल्क रूप से प्रदान करेगी।


श्रीम देवांशु
1.1K viewsDewanshu, edited  13:24
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2021-05-20 14:12:29 3 दिविसिय अदभुत संभोग कनिकी - साधना समाग्री की ज़रूरत नही।

नखक्षत प्रिये - संभोग क्रीडा - एक अद्भुत काकिनी - 3 दिवस -

आज तक संस्था द्वारा अनेक प्रकार की संभोग साधनाएं दी गई है लेकिन यह सर्वाधिक शक्तिशाली बलशाली एवं सौंदर्य दायिनी साधना है इसके समक्ष किसी का भी सौंदर्य किसी भी योग्य नहीं है अनाहत की देवी सौंदर्य की रूप सुंदरी महा तेजस्वी अद्भुत काकिनी।

अपनी साधक कुछ सौंदर्य स्वरूप तेजस्विता प्रदान करने वाली एकमात्र आज से पूर्व इन के विषय में शायद ही कहीं पर चर्चा में आपने पढ़ा होगा अथवा उनके विषय में देखा होगा

इनकी साधना सिद्धि हासिल करने के बाद साधक अनेक प्रकार से नाना प्रकार की सिद्धियों को स्वयं ही प्राप्त कर लेता है वैसे तो एक लंबे समय में इनकी सिद्धि पूर्ण होती है लेकिन यदि किसी चंद्र ग्रहण सूर्य ग्रहण आदि से इनकी सिद्धि की जाए तो वह अत्यंत कम समय अर्थात मात्र 3 दिन में पूर्ण हो जाती है 3 दिन का समय अत्यंत कम लगता है लेकिन इनकी सिद्धि इतने समय में पूर्ण हो जाती है

पूर्ण जानकारी हेतु मई माह 2021 का पेड ग्रुप आज रात्रि तक 501 रुपये में जॉइन करें -

जुड़ने के लिए धनराशि जमा करने मि जानकारी पूर्व पोस्ट में दी है

संपर्क सूत्र मनीष जी - @sahajst
1.1K viewsDewanshu, 11:12
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2021-05-20 06:32:22 इसे करने के बाद किसी अन्य साधना की ज़रूरत नही

माता महाकाली साधना - महाविद्या

माता काली के साधना के विषय में जानने से पहले काली का अर्थ समझना अत्यंत आवश्यक है।

काली का अर्थ है काल के निकटम । अर्थात काल की रचना ही काली है ।

सामान्य शब्द में समझें - जब इस सृष्टि की रचना हुई उस समय 10 महाविद्या की भी रचना हुई 2 के विषय मे मैं पूर्व में बता चुका हूं आज में काली के विषय मे बता रहा हूँ। कि किस प्रकार से काली का स्वरूप है ।

काल का अर्थ है समय काल के अनेक अर्थ है
काल का दूसरा अर्थ है अंधकार ,
काल का तीसरा अर्थ है दूरी ,
काल का चौथा अर्थ है अवधि ।

माता काली को इसीलिए जीवन की देवी कहा गया है क्योंकि जीवन को प्रकाश रूप में देखा जाता है।
काली को जब दूरी से जब दूरी से सबसे निकटम अर्थात योग । दूरी की शून्यता ।

जब काली को अवधि में दर्शन हो अर्थात साधक समय काल को समझ सकें और अपने जीवन का निर्धारण कर सकें।

काली का समूल अर्थ जीवन का पूर्ण ज्ञान ।

अब जानते हैं इनकी साधना विधि के बारे में। यह विधि आज तक न जाने कितनी बार परीक्षित हो चुकी है और साधकों ने माता की कृपा प्राप्त की है।

साधना विधि :

माता काली की इस दिव्य विधि को जानने के लिए आप मई माह का पेड ग्रुप अवश्य जॉइन करें।

यह सर्वाधिक उत्तम एवं शक्तिशाली माता काली की राजसिक साधना है इसे करने के बाद किसी अन्य साधना की ज़रूरत नही।

इस समय सभी किसी न किसी आर्थिक असंम्पनता से झूझ रहे हैं अतः इसको देखते हुए संस्था द्वारा यह निर्णय लिया गया है कि

आज रात्रि (20 मई 2021 रात्रि 10 बजे तक)

मई माह 2021 के ग्रुप में जुड़ने का शुल्क - 501 रुपये रहेगा।

अन्य किसी भी पुराने ग्रुप में जुड़ने का शुल्क - 730 रुपये रहेगा।

यह सुविधा सिर्फ आज के लिए हैं अतः आप सर्वाधिक सिद्ध एवं परीक्षित साधनाएं इतनी कम धनराशि में प्राप्त कर पाएंगे आज रात्रि 10 बजे तक।

समपर्क सूत्र - @sahajst

Paytm - 8377077139

Bank Account

Name - Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
Account number - 38017006730
State Bank Of India
IFSC - SBIN0016167
MICR - 226002088
Branch - Southcity, Lucknow

UPI = SAHAJKY@UPI
1.3K viewsDewanshu, 03:32
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2021-05-18 13:22:48 Mera name xxxxxxxx hai mai up ke xxxxx jile ka rahane wala hu mai aaj aap sabhi se sanstha avm guruji se jud ke huye anubhav ko share karna chahta hu=

mein Sanstha se lagabhag ak sal se juda hua sakriy sadasya Hu
mein abhi tak do bar paid group ka bhi member rah chuka hu

main Sanstha se khud ka kundli vishleshan ,
patni ka hast Rekha parikshan,
bacho aur patni ke liye Bhairav tantra ,
khud ke liye bagalamukhi tantra avam Dhanlaxmi tantra prapt kar chuka hu

Is vakt mere jivan mein Jo bhi arthik aur adhyatmik unnati ho rahi hai uska mein pura Shrey srim devanshu guruji ko deta hun..

.muje yad hai
Pichhle sal hi corona ke samay Mera bhavishya lag raha tha jaise andhkar mein hai sare raste band ho gaye the ghar me kalah paiso ki tangi.jiske vajah seri duvidhaye aur manshik kast..
vahi ab ghar mein aur bahar bhi mera uchit samman hai meri nayi dukaan theek se chal rahi hai jivan pahle se saral aur shant hai aur aisa lag raha hai ki main guruji ki kripa se aage chal kar arthik aur aadhyatmik donon hi taur se uunati prapt Karunga.
Aap sabhi ko lag raha hoga ki ye sari bate kisi tv add ke jaise scripted hai lekin sach bat vahi samjh sakta hai jiske uppar biti ho .. bhagavan kisi ko bhi garibi ke din na dikhaye..
Mai age bhi jo bhi tantra maine prapt kiye hai unse Jo bhi mere Jeevan mein Parivartan hua Hai sabhi tantra ka alag alag Anubhav aap sabhi se share karunga...
Sanstha ke sbhi sadshyo ko mera prnam
Guruji bs apna hath mere upper se kabhi mat hatayiga..
871 viewsDewanshu, 10:22
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2021-05-17 10:04:27 इस काल मे अत्यंत आवश्यक - देरी न करें

भारतीय संस्कृति में नाड़ी शास्त्र , आयुर्वेद एवं ज्योतिष के सम्मिलित स्वरूप से उपचार किया जाता रहा है जिस कारण से श्री चरक, श्री शुश्रुत, श्री महादेव धन्वन्तरि जी महाराज के ज्ञान को उच्चतम अवस्था प्राप्त हुई है।

समय के साथ साथ मनुष्य की कार्य प्रणाली एवं भोजन अत्यंत दूषित हुआ है जिस कारण से नाना प्रकार की शारीरिक समस्याओं का सामना आप ही नही हम सभी कर रहे हैं जिव्हा पर नियंत्रण न होने के कारण अनावश्यक भोज पदार्थ एवं शरीर को पूर्ण पोषण न मिलने के कारण अन्य शारीरिक समस्याएँ।

इस समय पर संक्रमण के स्तर के विषय मे मेरे द्वारा पिछले वर्ष ही सूचित किया गया था लेकिन लोगों द्वारा उसपे ध्यान नही दिया गया अब होनी टालना आसान नही जहां इतनी अधिकः जनसंख्या है और मनुष्य में आपसी मनमुटाव है नाना प्रकार से धीरे धीरे सुधार की संभावनाएं बनेंगी लेकिन फिर भी सतर्क रहना आवश्यक है।

महर्षि जिन्होंने पूर्ण सम्पुट किया

आयुर्वेद
नाड़ी शास्त्र
शल्य चिक्तिसा का ,

पूर्व काल मे मनुष्य की नाड़ी धमनी आदि के आधार पर नक्षत्र को देखते हुए उपचार किये जाते हैं जिससे समस्याएं पूर्ण रूप से समाप्त होती थीं और पुनः उससे संबंधित समस्या शरीर मे उत्पन्न नही होती थी।

इन सभी के अकाट्य ज्ञान के साथ ज्योतिष का विस्तृत ज्ञान जिसके आधार पर इस काल एवं आने वाले काल मे शरीरिक समस्या की पूर्ण जानकारी, जिससे शरीर के किस अंग पर क्या प्रभाव पड़ रहा है उसके विषय मे पता चलता था और उसी अनुसार शुद्ध एवं सुरक्षित उपचार किया जाता था जिससे मावन जीवन को सुरक्षित रखा जा सके।

अनेक प्रकार से कोशिश की गई सूचना को सुरक्षित रखने की लेकिन प्रायौगिक एवं क्रियात्मक जानकारी के अभाव में सुरक्षा की नही जा सकी लेकिन ज्योतिष पूर्ण रूप से सुरक्षित रही और यहां तक आज के काल मे भी उसका मेडिकल साइंस में उपयोग किया जाता है साथ ही साथ हस्तरेखा विज्ञान का भी उपयोग किया जाता है अनेक डॉक्टर आज के समय मे आध्यात्मिक ज्ञान को रखते हैं और ज्योतिष एवं हस्तरेखा के विज्ञान को भी जिससे वह जीवन को वास्तविक तरह से देख सकें और नवीन जीवन सुरक्षित कर सकें।

संस्था भी आयुर्वेद के गुण रहस्य पर कार्य कर रही है जिसके माध्यम से अनेक औषधि निर्माण की गई है लेकिन अभी भी अनुसंधान की आवश्यकता है जो कि ज़ारी रहेगा लेकिन ज्योतिष एवं हस्तरेखा अभी भी पूर्ण ज्ञान से भरा हुआ है जिसमे सिर्फ अभ्यास को आवश्यकता है अनुसंधान की नही जो कि संस्था में उपलब्ध ज्योतिष विज्ञान विशेषज्ञ एवं हस्तरेखा विशेषज्ञ उपलब्ध हैं अपने जीवन मे घटित हो रहे किसी भी विषय मे आप जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

इस काल मे साधक अपने शरीरक एवं मानसिक शक्ति हेतु जानकारी अवश्य लें यह आवश्यक है साथ ही साथ यदि कोई साधक साधिका संक्रमित हैं वह सलाह अवश्य ले को उन्हें विशेष ध्यान किआ ओर रखना है अथवा किसी विशेष अंग के इलाज हेतु उन्हें टेस्ट आदि करवाने हैं यह जानकारी आपको भयभीत करने हेतु नही दी जा रही है इससे आपको मानसिक शक्ति मिलेगी साथ ही साथ यदि कोई समस्या होगी आप उसका सही समय पर उपचार ले सकेंगे।

यदि किसी को संक्रमित होने का भय भी है वह भी इस सुविधा का लाभ अवश्य लें क्योंकि इससे आप निश्चिन्त हो पाएंगे अन्यथा सतर्क रहेंगे सुरक्षा का विशेष ध्यान आदि।

संस्था में हमेशा शुल्क निर्धारित रहते हैं लेकिन इस काल मे जो भी साधक आने वाले 13 दिनों में अपना विश्लेषण करवाते हैं वह 1000 का शुल्क जमा करके कुंडली अथवा हस्तरेखा विश्लेषण करवा सकते हैं।

सामान्यतः यह शुल्क 1280 रहता है लेकिन संस्था अपनी ओर से जो संभव सहयोग दे सकती है वह आपको प्रदान कर रही है।

नियम कुंडली विशेषण

धनराशि जमा करने के बाद आप

नाम
जन्म दिनांक
जन्म समय
जन्म स्थान

और आपके 3 प्रश्न भेज सकते है


यदि जन्म की सूचना नही है उस स्थिति में आप अपने हाथ की फ़ोटो भेज सकते है और अपने प्रश्न ।

संपर्क सूत्र - @sahajst - मनीष जी
1.3K viewsDewanshu, edited  07:04
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