2021-06-08 07:00:05
रुद्राक्षयह शब्द सुनते ही हर एक साधक का मन प्रफुल्लित हो जाता है क्योंकि यह सबके प्रिय महान योगी , योगिरूपा मेरे सबसे प्रिय महाप्रभु महानाथ भोलेनाथ का का रूप सामने आता है। यह बस मेरी कल्पना है मुझे इसका सत्य भी पूर्ण रूप से ज्ञात है लेकिन मैं इस कल्पना में अधिक गौर्वांगित महसूस करता हूँ ।
आज हम रुद्राक्ष के विषय मे ही चर्चा करेंगे ।
अनेक पुराणों में रुद्राक्ष के विषय मे चर्चा की गयी है कि इसके माध्यम से कैंसर जैसे रोगों का भी उपचार किया जा सकता है , यह भी माना जाता है कि इसके माध्यम से असंभव से भी अंसभव कार्य पूर्ण किये जा सकते हैं ,
जैसे , व्यक्ति गर्भ धारण कर सकता है , इक्षित संतान को प्राप्ति भी हो जाती है ।
रुद्राक्ष के माध्यम से शान्तिकर्म, उच्चाटन , सम्मोहन वशीकरण इत्यादि भी बहुत प्रभवशाली तरीके से होता है ।एक उत्तम रुद्राक्ष सब बदल सकता है जीवन का हर एक पहलू जीवन का हर एक अंग ।
रुद्राक्ष का मूल ज्ञान - जितना छोटा रुद्राक्ष होगा उतना अधिक बलशाली और प्रभवशाली होगा । मुख के विषय मे आगे चर्चा करते हैं । किस प्रकार का रुद्राक्ष उपयोगी नही है -
कीड़े द्वारा दूषित
टूटा हुआ
जिसमे दाने उबड़ ख़बल न हो
यह रुद्राक्ष उपयोगी नही है । सबसे उत्तम वह रुद्राक्ष है जिसमे धागा डालने के लिए छेद न करना पड़े , उसके बाद व्यक्ति द्वारा छिद्र किया हुआ रुद्राक्ष भी उत्तम है ।
एक मुखी रुद्राक्ष - इसकी विधिवत मंत्र कर्म के अनुसार जहां पूजा होती है वहां कभी लक्ष्मी का आगमन रुकता नही है , उस स्थान पर कभी नकारत्मकता नही आती है और व्यक्ति की अधिकतर मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं । व्यक्ति को ध्यान , शक्ति एयं भक्ति प्राप्त होती है । सबसे अधिकः प्रभवशाली मन की शांति प्राप्त होती है।
दो मुखी रुद्राक्षइस रुद्राक्ष से व्यक्ति के अंदर जो तामसिक गंदगी आती है उसका गमन हो जाता है , एकाग्रता , मन की शांति , आध्यात्मिक उन्नति , कुंडलिनी जागरण , के लिए सर्वादिक उपयोगी हैं यह रुद्राक्ष ।
यदि गर्भवती महिलाएं इसे पहने तो उन्हें प्रसव में समस्या नही आएँगी ।
जिन्हें डरावने स्वप्न आते हैं वो दूर होंगे ।
क्योंकि यह अर्धनरेश्वर का प्रतीक है इसलिए इसे वशीकरण के लिए सटीक माना गया है ।
तीन मुखी रुद्राक्षइसके माध्यम से अग्नि एयं सूर्य देव प्रसन्न रहते हैं यदि सूर्य ग्रह की समस्या यही तो यह अत्यंत प्रभावशाली है ।
धन एयं विद्या की वृद्धि में यह सहायक है , जो साधक अभी विद्यार्थी हैं उन्हें यह अवश्य धारण करना चाइए इज़के माध्यम से परीक्षा में उत्तम परिणाम आते हैं ।
अन्य मुखी रुद्राक्ष एयं निम्नलिखित विषय मे पूर्ण ज्ञान आने वाले समय में दिया जाएगा।
“कितने दाने की रुद्राक्ष की माला शरीर के किस अंग में धारण करनी चाहिए ?
कितने मुखी रुद्राक्ष किस व्यक्ति को धारण करना चाहिए ?
किन मंत्रों का जाप कितने मुखी रुद्राक्ष से करना चाहिए ? “
4.0K viewsAkshay Sharma, 04:00