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Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

टेलीग्राम चैनल का लोगो rajyogipk — Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust S
टेलीग्राम चैनल का लोगो rajyogipk — Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
चैनल का पता: @rajyogipk
श्रेणियाँ: धर्म
भाषा: हिंदी
देश: भारत
ग्राहकों: 5.22K
चैनल से विवरण

This channel is parallel branch of Adbhut Rajsik Sadhnayen Youtube channel where we will provide you Gupt sadhna's & Dhyaan Gupt mantras..
Direct Message Shreem Dewanshu - @DOccult
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Dewanshu@CM4

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नवीनतम संदेश 51

2021-07-10 05:09:00




सभी साधक रक्तसंचार अभ्यास के लाइव सेशन हेतु तुरंत जुड़ें l
1.2K viewsMayank, 02:09
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2021-07-09 18:39:10 संत कबीर -

हरी जी यही विचारिया, साखी कहे कबीर |१|
भवसागर / यौसागर / भौसागर में जीव हैं, मती कोई पकडे तीर ||२||

हरी जी यही विचारिया, साखी कहे कबीर |१|
भवसागर / यौसागर / भौसागर में जीव हैं, सुनी के लागे तीर ||२||

हरी जी यही विचारिया, साखी कहे कबीर |१|
भवसागर / यौसागर / भौसागर में जीव हैं, जे कोइ पकड़े तीर ||२||


इस दोहे को अनेक प्रकार से दिखाया गया है संत कबीर द्वारा तो एक ही लिखा गया है लेकिन उसमे समय के साथ शयद लेखनी में बदलाव किये गये हैं जिससे सचेत रहना आवश्यक है.

सर्वप्रथम संत कबीर में कबीर के अर्थ को समझते हैं कबीर स्वयं को जाया से दर्शाते हैं साथ ही साथ

- क का अर्थ करने से है और करता मस्तिष्क है
- ब का अर्थ बोलने से है जिसका अर्थ कंठ से है
- निकतम है
- उस बीज से प्रफुल्लित शक्ति के (इन्द्रिययों की शक्ति का सम्मिलित स्वरुप)

एक अनिश्चित समय तक कूटस्थ ,मस्तिष्क एवं कंठ में स्थिर रहने के बाद जो शक्ति की स्थिति प्राप्त होती है उसे कबीर कहा गया है.

दोहा व्याख्या -

हरी - जीवात्मा स्त्रोत - ब्रह्मं

सत निरकार परब्रह्म के रूप में समस्त श्रृष्टि के रचियता हैं उससे ही चित् एवं आनंद चैतन्य एवं माया के प्रभाव में उत्पन्न होते हैं चित् मन ममय के प्रभाव से चित में परिवर्तित होता है .
परब्रह्म ही रचियता हैं , ब्रह्मं जब यह बिंदु आता है वह प्रक्रिया निरंतर होती है इसे जी जीवात्मा कहते हैं ब्रह्मा यह वह है जिसे परब्रह्म के रचना का सम्पूर्ण ज्ञान है यह इनमे अंतर है इसे जब आप समझ पाएंगे तभी इस दोहे के अर्थ को समझ पाएंगे.

विचार - वि को विगत से दर्शाते हैं जिसका अर्थ है काल अर्थात जो भूत में हो रहा है क्यूंकि यह श्रृष्टि में मनुष्य के समक्ष सब कुछ भूत काल ही है वर्तमान कुछ नही अतः जो भी है वह हो चूका है , चर का अर्थ पथ जैसे चरण - जिसमे ण को आनंद से दर्शाया जाता है जिस पथ पर चलने से आनंद की अनुभूति है वही चरण है. विचार जब साधक स्वयं को पूर्ण रूप से लीं कर लें गुरु में वह ही विचार है अर्थात सब कुछ ब्रह्म है.

साक्षी जिसे साखी से दर्शाया है - स का स्वास से दर्शाया जाता है लेकिन जब इसमें अ जुड़ता है उस स्वामी स्वास जो परब्रह्म में लीन है अर्थात सा अर्थात साथ , अक्षि का अर्थात है चक्षु नयन अथवा आँख

कबीर को काया से दर्शया है और भवसागर को यह जीवन मृत्यु का चक्र .

जीव को शिव से दर्शया जाता है यह समझना थोडा कठिन हो सकता है लेकिन भौतिक शरीर की जीवात्मा को विश्व कहते हैं सम्मिलित विश्व को विराट एवं वितार की सम्मिलित शक्ति अथवा चैतन्य शक्ति को शिव कहते हैं जिस लिए जीवात्मा शिव है. माया एवं बुद्धि के स्थिति में यह जीवात्मा जीवन मृत्यु के संगम में प्रेवश करती है.

तीर का प्रकार जिसमे नीचे से उपर तक दंड का स्वरुप हो जिसमे निचला हिस्सा फैला हुआ है जिससे स्थिरता आये और उपर ठोस जिसे मेरुशीर्ष से दर्शाया गया है.

पूर्ण स्वरुप -

इस काया में ब्रह्म की स्थिति कूटस्थ में नयन रूप में विराजमान है और यही सम्पूर्ण सत्य है.
परब्रह्म से ही समस्त जीव की उत्पत्ति हुई है जो प्रक्रिया उत्पत्ति की है उसी से पुनः इस भवसागर से मुक्ति का स्त्रोत है. यदि इस तीर (दंड) की प्रक्रिया में बदलाव होगा तो यह जीवन मृत्यु का क्रम बना रहेगा. इसका एक मात्र मार्ग है माया से मुक्ति ही पुनः भवसागर से मोक्ष का पथ है.

उदाहरण हेतु - जिस प्रकार से फल में बीज विरजमान है और बीज मेंपूर्ण वृक्ष और वह पुनः बीज में परिवर्तित हो सकता है किस प्रकार से जब वह स्थिर पूर्वक विराजमान है उसी प्रकार से मनुष्य में भी परब्रह्म विराजमान है वह स्वयम को उनमे परिवर्तित कर सकता है लेकिन यह तभी संभव है जब वह स्थितता को प्राप्त करे साथ ही साथ अपना ध्यान भ्रूमध्य पर केन्द्रित करें

यह अर्थ इस प्रकार से समझना अत्यंत कठिन है एक सामान्य साधक हेतु लेकिन जो साधक अभ्यास कर रहे हैं क्रियायोग ध्यान का वही से आसानी से समझ पाएंगे अन्य के लिए समझना बड़ा कठिन है. अतः अभ्यास करते रहें.


श्रीम
सेवक माता धूमावती (धाम)
०९ जुलाई २०२१
1.3K viewsDewanshu, 15:39
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2021-07-09 13:44:07
1.3K viewsDewanshu, 10:44
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2021-07-09 13:43:06 संस्था द्वारा दिये गए निर्देश को हमेशा सर्वाधिक महत्वता से लें -

ऐसे अनेक उदाहरण है जिसमे संस्था द्वारा साधक को निर्देश दिए गए हैं लेकिन उनका अनुसरण न करने से उन्होंने नाना प्रकार के कष्ट भोगे हैं।

सभी तो मुझे याद नही राह सकते हैं लेकिन जो घटना आज घटी है उसके विषय मे मैं अवश्य आप सभी सचेत करना चाहता हुँ।

संस्था द्वारा आपको जो भी निर्देश दिए जाते हैं उनका शत प्रतिशत पालन अवश्य करें अन्यथा नाना प्रकार के कष्ट आपको भोगने ही होंगे।

ऐसे अनेक साधक हैं जो स्वयं से इसका प्रमाण दे सकते हैं कि जो भी घटना उनके लिए कही गयी है होने की सम्भवना है और यदि उन्होंने उसके उपाय नही किये हैं तो वह घट गई है वह स्वयं से साक्ष्य हैं इसके लेकिन आज कुछ ऐसा घटा जो मेरे नज़र में है जिसे मैं साधको के समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूँ।

संस्था कभी भी किसी भी साधक की व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक नही करती है अतः नाम आदि सब गुप्त ही रहेगा।

व्यक्ति विशेष को सलाह दी गयी सचेत रहने की कि आप कोई भी ऐसा कार्य न करें जिससे मान हानि अथवा जेल जाने की संभावनाएं बने लेकिन साधक स्वयं में अधिकः विश्वास करते हुए 70 दिवस जेल में व्यतीत किया उसके बाद उन्हें महिला से अपयश अथवा मानसिक तनाव के विषय मे कहा गया आज (9 जुलाई 2021) को इन्होंने यह भी सत्य पाया और सूचना दी है।

संस्था का यही अनुरोध है कि जो भी बातें आपको कही जाती हैं उनका अनुसरण करें, दान, तंत्र अथवा रत्न धारण जप आदि सभी का जिससे समस्याएं न हों।

आज से पूर्व इस प्रकार से चैट आदि का स्क्रीन शॉट नही दिया गया है लेकिन साधक समझ सकें और इसे गंभीरता से लें इसलिए यह दिया जा रहा है।

श्रीम।

नोट - समस्त जानकारी/विवेचना हस्तरेखा परीक्षण के माध्यम से प्रदान की गई है।
1.3K viewsDewanshu, edited  10:43
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2021-07-09 07:51:02 तंत्र एवं आयुर्वेद के विषय में पूर्ण जानकारी

आप सभी साधक 1 बार अवश्य पढ़ें इससे आप संस्था की बड़ी मदद में सहयोग प्रदान करेंगे।

● महामृत्युंजय तंत्र -

https://t.me/rajyogipk/601

● माई कालिका तंत्र -

https://t.me/rajyogipk/2408

● रावण तंत्र -

https://t.me/rajyogipk/582

● त्रिकुटी नील सरस्वती तंत्र -

https://t.me/rajyogipk/2458

● माता बगलामुखी तंत्र -

https://t.me/rajyogipk/636

● स्वर्णिम माता बगलामुखी तंत्र

https://t.me/rajyogipk/3674

★ माता छिन्नमस्ता तंत्र -

गुप्त जानकारी - शुल्क 13995

★ माता कमला तंत्र

https://t.me/rajyogipk/4133

★★★ माता धूमावती तंत्र ★★★

जानकारी गुप्त - शुल्क 11 लाख

● भैरव तंत्र -

https://t.me/rajyogipk/250

● धनलक्ष्मी यक्षिणी तंत्र -

https://t.me/rajyogipk/3558

● शिव तंत्र

https://t.me/rajyogipk/2946

● कायाकल्प रस -

https://t.me/rajyogipk/2345

● श्री यंत्र - एक वरदान

https://t.me/rajyogipk/3262

● जीवन आनंद वटी

https://t.me/rajyogipk/4645

● गंजापन मुक्ति संदूक

https://t.me/rajyogipk/4530

● केश वृद्धि तेल

https://t.me/rajyogipk/1274

● स्फटिक पारद शिवलिंग

https://t.me/rajyogipk/3845

● नाभि रस

https://t.me/rajyogipk/4413

● वीर्य स्तंभन औषधि

https://t.me/rajyogipk/4189

● बेल का गूदा

https://t.me/rajyogipk/1606


● पौरुष शक्ति

https://t.me/rajyogipk/5203

● काया मनोहरी

https://t.me/rajyogipk/4730

● पैर , कमर दर्द इत्यादि से मुक्ति

https://t.me/rajyogipk/4836

● नवग्रह तंत्र

https://t.me/rajyogipk/5272

● मासिक हवन

https://t.me/rajyogipk/5227

● श्रीम परंपरा

https://t.me/rajyogipk/5211

● रक्षा तंत्र - 1400/-

● आकर्षण तंत्र (अप्सरा साधना) - 4600

● पित्र दोष नाशक अगस्त मुनि तंत्र - 9100

● गणपति तंत्र - 1280

● यमक तंत्र - 1400

● जुआ सट्टा तंत्र - 46000

सिर्फ जुआ सट्टा आदि में उपयोग हेतु - 3 उपलब्ध - उपयोग समय 180 दिवस

सम्पर्क सूत्र - @sahajst
1.4K viewsDewanshu, edited  04:51
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2021-07-08 07:02:37 यमराज साधना

मंत्र -

ॐ क्रम क्राम क्रीम क्रोम ह्रीम क्रीम क्रीम फट स्वाहा


जब भी आप किसी मंत्र को प्राप्त करें तो वह निशुल्क प्राप्त नहीं करना चाहिए , यथासंभव जो भी हो सके उसके लिए कुछ अनुदान अवश्य करना चाहिए इससे गुरु शिष्य परम्परा के नियमों का पालन होता है ।

आपको यह मंत्र यहाँ दिया जा रहा है , इसके लिए आप जो भी स्वेच्छा से दान करना चाहें वह कर सकते हैं । दान करने हेतु निम्नलिखित किसी भी माध्यम का सहारा ले सकते हैं

Paytm - 08377077139

Account -

Name - Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
Account number - 38017006730
State Bank Of India
IFSC - SBIN0016167
MICR - 226002088
Branch - Southcity, Lucknow

UPI - sahajky@upi

https://www.sahajkriyayog.org/campaigns/donation/




1.6K viewsAkshay Sharma, edited  04:02
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2021-07-07 11:32:55 आयुर्वेदिक औषधियाँ - महत्त्वपूर्ण सूचना

संस्था द्वारा उत्पादित आयुर्वेदिक औषधियाँ अभी सीमित संख्या में उपलब्ध हैं अतः जिनको भी इनका सेवन शुरू करना है वह जल्द ही क्रय करें | अगला उत्पादन में समय लग सकता है |

पुरुष सम्बन्धी समस्याओं, उनकी औषधि , ब्रह्मचर्य से सम्बंधित पूर्ण जानकारी प्राप्ति हेतु क्लिक करें :

https://t.me/rajyogipk/5275
520 viewsAkshay Sharma, 08:32
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2021-07-06 10:07:20 क्यूँ नहीं होती माता की साधना के साथ नकारात्मक साधनायें ?

जब भी साधक द्वारा मंत्र जप किया जाता है उस वक़्त एक काल्पनिक रस उत्पन्न होता है चक्रों के माध्यम से जिस कारण से वह मंत्र की तरंग वातावरण में विसर्जित होती है ।

मान लीजिए यह रस श्वेत है अब नकारात्मक साधना से जो रस उत्पन्न हुआ वह हल्का काला है अब दोनों के मिलने के बाद जो अंत रस बनेगा उसमे न श्वेत रहेगा न पूर्ण रूप से काला इस वजह से साधना में सफलता नही मिलेगी ।


यदि ऊर्जा के संदर्भ में समझें इसे तो , पर्त्येक नाड़ी (नदी) एयं चक्र किसी भी अतृप्त आत्मा को शरीर देने में सहायक होता है जिस कारण से 3 तत्व ल शरीर पूर्ण रूप से 5 तत्व में परिवर्तित होता है । जब हम माता के मंत्रों की साधना करते हैं उस वक़्त जो नदी एयं चक्र ऊर्जावान होते हैं वह अधिकः ऊर्जा ग्रहण करते हैं नकारात्मक साधना में इतनी ऊर्जा नही हो पाती है जिस कारण से माता की साधना किया हुआ व्यक्ति यदि जीवन मे कभी भी कोशिश करे तो उसे नकारात्मक साधना में सफलता न मात्र ही मिलती है ।

ऐसी अवस्था मे व्यक्ति को सर्वप्रथम चक्र शुद्धिकरण करना चाइए क्रियायोग के माध्यम से उसके बाद किसी अन्य साधना को करना चाइए ।

चक्र शुद्धिकरण -

1 स्पर्श
2 गंध
3 रस
4 ध्वनि
5 योगिक क्रिया

के माध्यम से संभव है।

गंध एवं रस का सम्मिलित स्वरूप आपको आने वाले समय मे संस्था के माध्यम से प्राप्त होगा।

योगिक क्रिया हेतु आप आश्रम अथवा शिविर में आके अभ्यास कर सकते हैं।

ध्वनि पर शोध चल रहा है आने वाले समय मे इसके विषय मे भी जानकारी दी जाएगी।

यदि अनेक साधनाए की है और सफलता प्राप्त नही हुई है उस स्थिति में चक्र शुद्धिकरण अत्यंत आवश्यक है। इसका सम्मिलित स्वरूप गंध एवं रस आने वाले समय मे प्राप्त होगा उसे आप अवश्य उपयोग करें।

उसके बाद ही अन्य साधना करें जिससे सफलता की संभावना बढ़ सके।
498 viewsAkshay Sharma, edited  07:07
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2021-07-05 13:34:01 जुलाई माह महत्वपूर्ण सूचनाएं - 05/07/2021

१) गौरांगी यक्षिणी साधना कर रहे साधकों का चैनल बनाया जा चुका है । जो साधक यह साधना अभी करना चाहते हैं वह जुड़ सकते हैं और यदि कोई ऐसा साधक है जिसको जोड़ा जाना है और नहीं जोड़ा गया है वो कृपया सूचित करें

साधना के बारे में अन्य जानकारी :

https://t.me/rajyogipk/5160

२) शकुनि साधना 11 जुलाई रवि पुष्य से शुरू की जाने वाली है और इस साधना का एक private चैनल भी बनाया जा चुका है जहां साधक समय समय पर निर्देश , जानकारियाँ प्राप्त करते रहते हैं । अगर कोई साधक यह साधना करना चाहे तो कर सकता है

https://t.me/rajyogipk/5189

३) जुलाई माह के पेड ग्रूप का निर्माण हो चुका है जिसमें अभी तक की सबसे विशेष , सुंदर एवं चमत्कारी साधनाओं का संग्रह डाला है । डाली हुई कुछ साधनाओं हेतु विशेष जानकारियाँ और मार्गदर्शन भी दिया जाएगा इसलिए तुरंत जुड़ें ग्रूप से





४) माता दुर्गा के गुप्त नवरात्र साधना 11 जुलाई से प्रारम्भ होगी और उसी दिन रवि पुष्य योग भी है ऐसा अद्भुत संगम पुनः देखने को शायद ही मिले इसलिए यह साधना अवश्य करें । साधना कर रहे साधकों को हमारा अलग चैनल पर व्यक्तिगत मार्गदर्शन प्राप्त होगा

अधिक जानकारी हेतु क्लिक करें

https://t.me/rajyogipk/5226

५) रवि पुष्य मुहूर्त अन्य साधनाओं के लिए भी अति उत्तम मुहूर्त हैं ख़ासकर की अगर आप बेताल साधना करना चाहें तो । तो जो भी व्यक्ति अगिया , अडिगा इत्यादि कोई भी बेताल करना चाहते हैं वो इसी मुहूर्त से शुरू करें ।

६) विशेष : आज रात्रि 10 बजे से जुलाई माह के पेड ग्रूप का शुल्क 640 रहेगा , उससे पहले अवश्य इस विशेष ग्रूप में जुड़ें ।

7) लंकेश रावण तंत्र 2 ही शेष है इसके बाद 2022 में प्राप्त होंगे जो साधक चाहते हैं वह इन्हें प्राप्त कर सकते हैं। अगले वर्ष में शुल्क में अत्यधिक वृद्धि होगी इसमे।

8)

8.1) धन पिशाच एवं पिशाचिनी साधना- जुलाई माह में विशेष ग्रुप, इसमे इस साधना के सूक्ष्म नियम बताए जाएंगे। इससे जुड़ें और इस साधना को करें।

8.2) साधक बताएं जुलाई माह के पेड ग्रुप से दूसरी साधना कौन सी चयन की जाए जिसे मार्गदर्शन में करवाया जाए ग्रुप के माध्यम से - यह सूचना वह @akshayaghora पर दें।

9) धनलक्ष्मी यक्षिणी तंत्र 1 शेष - अतः प्राप्त करें।

10) ग्रह तंत्र उपलब्ध हो गए हैं -

https://t.me/rajyogipk/5272

11) हवन हेतु नामांकन 7 जुलाई से पूर्व करवा लें।

https://t.me/rajyogipk/5267

12) तंत्र विद्यालय, तंत्र जगत, तंत्र विज्ञान पुनः शुरू करने पर विचार किया जा रहा है साधक अग्रिम धनराशि जमा कर सकते हैं। साथ ही साथ तंत्र बेसिक से तंत्र की एक निश्चित सीमा तक कि जानकारी का एक ग्रुप बनाया जाएगा जहां आप सीखेंगे।


जुलाई माह के ग्रूप में जुड़ने हेतु अथवा अन्य किसी भी साधना सामग्री , दीक्षा इत्यादि प्रश्न हेतु सम्पर्क करें : @Sahajst
770 viewsDewanshu, 10:34
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2021-07-05 07:00:06 ब्रह्मचर्य

यदि आप कोई साधना कर रहे हैं या करने की सोच रहे हैं या फिर आध्यात्मिक उन्नति हेतु क्रियायोग ध्यान ही कर रहे हैं , इन सभी में ब्रह्मचर्य एक अत्यंत महत्वपूर्ण अंग है जिसके बिना किसी में भी उन्नति प्राप्त नहीं हो सकती ।

साधना आध्यतम मार्ग छोड़ें अगर तो सामान्य जीवन में भी अगर व्यक्ति वीर्य और लिंग सम्बन्धी समस्याओं से ग्रसित है तो वह हमेशा दुखी , चिंतित , निराश एवं मानसिक और शारीरिक रूप से थका हुआ रहता है । ऐसी स्थिति में जीवन में किसी भी योजना में सफल हो पाना अत्यंत कठिन है ।

पिछले कई वर्षों के शोध से संस्था ने इन समस्याओं से सम्बंधित कुछ औषद्धियाँ लम्बे समय से तैय्यार की हुई हैं जिनसे हमसे जुड़े साधक पूर्ण रूप से लामभँवित हैं । अगर आप भी वीर्य एवं लिंग सम्बन्धी समस्याओं से ग्रसित हैं तो इनका सेवन अवश्य करें ।

समस्याओं के बढ़ते क्रम में औषद्धियों का नाम नीचे लिखा हुआ है , आप उसी प्रकार सेवन कर सकते हैं

१) जीवन आनंद

https://t.me/rajyogipk/4786

२) वीर्य स्तंभन

https://t.me/rajyogipk/4189

३) पौरुष शक्ति

https://t.me/rajyogipk/5203

किसी भी औषाधि मंगाने हेतु अथवा अन्य किसी जानकारी हेतु सम्पर्क करें @Sahajst


धनराशि जमा करने हेतु -

Paytm - 08377077139

Account -

Name - Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
Account number - 38017006730
State Bank Of India
IFSC - SBIN0016167
MICR - 226002088
Branch - Southcity, Lucknow

UPI - sahajky@upi

https://www.sahajkriyayog.org/campaigns/donation/
715 viewsAkshay Sharma, 04:00
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