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Abhijeet Srivastava

टेलीग्राम चैनल का लोगो askabhijeet — Abhijeet Srivastava A
टेलीग्राम चैनल का लोगो askabhijeet — Abhijeet Srivastava
चैनल का पता: @askabhijeet
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भाषा: हिंदी
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India First, Contributing My Small Capacity to Build the Dream "New INDIA" ❤️🇮🇳

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नवीनतम संदेश

2022-09-01 15:53:27 अगस्त 2022 के दौरान सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,43,612 करोड़ रुपए रहा

अगस्त 2022 में हुआ जीएसटी राजस्व संग्रह अगस्त 2021 की तुलना में 28 प्रतिशत अधिक रहा

मासिक आधार पर होने वाला जीएसटी राजस्व संग्रह 6 माह से लगातार 1.4 लाख करोड़ रुपए से अधिक रहा

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2022-09-01 15:48:21
कानपुर हवाई अड्डे पर दिसंबर 2022 तक विश्व स्तरीय सुविधाएं होंगी।

इसके लिए 143.6 करोड़ रुपए की लागत वाली समग्र विकास परियोजना जारी है।

नई टर्मिनल इमारत में अति व्यस्त समय में एक साथ 300 यात्रियों की आवाजाही की व्यवस्था होगी।

#TrustNaMo #TrustYogi #ModiMatters #YogiMatters
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2022-09-01 09:50:28 सरकार की तरफ से राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क तैयार करने के लिए एक सर्वे करवाया जा रहा है। जिसका नाम डिजिटल सर्वे फॉर नेशनल करिकुलम है। मेरे ईमेल पर एनसीईआरटी की तरफ से एक मेल आया है। आप सब भी सर्वे में भाग लीजिए और बच्चो की स्कूली शिक्षा के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क तैयार करने में सरकार की मदद कीजिए।

सर्वे का लिंक: https://ncfsurvey.ncert.gov.in

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2022-08-31 21:08:00 भारतीय नौसेना को पहली बार स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत मिलने जा रहा है. हिंद महासागर में चीन की बढ़ती शक्ति को चुनौती देने के लिए ये भारत का बड़ा कदम है. भारत के पास इस वक्त INS विक्रमादित्य भी है. 2 सितंबर को INS विक्रांत के कमीशन होने के बाद, भारत अपने दोनों समुद्री मोर्चों पर अपने एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात कर सकेगा. 2 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे.

2 सितंबर को INS विक्रांत के नेवी में शामिल होने के साथ ही, भारत उन देशों में शमिल हो जाएगा, जो 40 हजार टन के एयरक्राफ्ट कैरियर बनाने में सक्षम हैं।

इन देशों में अमेरिका, रूस, ब्रिटेन,चीन और फ्रांस जैसे देश थे,अब इस एलीट ग्रुप में भारत भी शामिल हो जाएगा. INS विक्रांत करीब 20 हजार करोड़ रुपये में बनकर तैयार हुआ है. इसका डिजायन नेवी के वॉरशिप डिज़ाइन ब्यूरो ने तैयार किया है. इसे कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड ने बनाया है.

INS विक्रांत को बनाने में करीब 14 साल लगे हैं, इसका निर्माण वर्ष 2009 में ही शुरू किया गया था. पूरी तरह से स्वदेशी INS विक्रांत का नाम, भारत के पहले युद्धपोत के नाम पर रखा गया है. 1971 के युद्ध में उस वक्त के INS विक्रांत ने अहम भूमिका निभाई थी. पुराने वाले INS विक्रांत को वर्ष 1997 में डी-कमीशन किया गया था.

INS विक्रांत भारत का पहला स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर है. अब तक भारतीय नेवी में तीन एयरक्राफ्ट कैरियर रहे हैं. वर्ष 1961 से 1997 तक INS विक्रांत भारतीय नौसेना के बेड़े में मौजूद था, ये युद्धपोत ब्रिटेन से खरीदा गया था. और तब इसका नाम HMS हर्कुलिस था. इसके बाद 1987 से 2016 तक समन्दर में भारत की ताकत बना रहा INS विराट भी ब्रिटेन से खरीद गया एयरक्राफ्ट कैरियर था.

और अब फिलहाल INS विक्रमादित्य हमारी समुद्री सीमाओं की हिफाजत कर रहा है जो Made In Russia है और रूस में इसे एडमिरल गोर्शाकोव के नाम से जाना जाता था.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत की कमीशनिंग के दौरान भारतीय नौसेना के एक नए ध्वज का अनावरण करेंगे।

प्रधानमंत्री मोदी, नेवी को उनकी नई पहचान देने जा रहे हैं. इस दिन भारतीय नौसेना को नया झंडा मिलेगा. अभी तक भारतीय नौसेना जिस झंडे का इस्तेमाल करती थी, उसे सेंट जॉर्ज क्रॉस कहा जाता था. ये अंग्रेजी शासन का प्रतीक था, जिसे आजादी के बाद भी इस्तेमाल किया जाता रहा.

15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में भारत को उपनिवेशवादी सोच से उबरने की सलाह दी थी. भारतीय नौसेना का पुराना झंडा, इसी उपनिवेशवादी सोच का सांकेतिक प्रतीक था. अभी तक जिस झंडे को भारतीय नौसेना की पहचान के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था, उसके बारे में कुछ खास बातें आपको जाननी चाहिए.

नेवी का मौजूद झंडा एक सफेद झंडा है, जिसमें लाल रंग का क्रॉस का साइन बना हुआ है. इसे सैंट जॉर्ज क्रॉस कहते हैं. सैंट जॉर्ज क्रास ब्रिटेन में एक सम्मानित संत हुआ करते थे. ब्रिटिश हुकूमूत के समय से वर्ष 1950 तक, सैंट जॉर्ज क्रॉस के झंडे पर यूनियन जैक का निशान लगा होता था. वर्ष 1950 से वर्ष 2001 तक सैंट जॉर्ज क्रॉस के झंडे से यूनियन जैक हटाकर, तिरंगा लगाया गया. 1950 में तीनों सेनाओं के निशानों का भारतीयकरण किया गया था, जिसके तहत नौसेना के झंडे में ये बदलाव किए गए थे.

वर्ष 2001 से 2004 तक इसी झंडे से सैंट जॉर्ज क्रॉस हटाकर तिरंगा और अशोक स्तंभ का चिन्ह लगाया गया. इसी झंडे में अशोक स्तंभ के नीचे युद्धपोत में इस्तेमाल होने वाला एंकर भी निशान के तौर पर इस्तेमाल किया गया. वर्ष 2004 के बाद सैंट जॉर्ज क्रॉस का झंडा वापस लाया गया, हलांकि इसमें तिरंगा और क्रॉस के बीच में अशोक स्तंभ का चिन्ह दिखाई दिया.

वर्ष 2014 में इसी झंडे में फिर अपडेट किया गया, नए झंडे में अशोक स्तंभ के नीचे सत्यमेव जयते लिखा गया. 2014 से यही झंडा आज तक इस्तेमाल किया जाता रहा है. अब 2 सितंबर को इसमें कुछ बदलाव होने जा रहा है. अब जो नया झंडे नेवी को दिया जाने वाले है उसका खुलासा 2 सितंबर को ही होगा, लेकिन माना ये जा रहा है कि नए झंडे में सेंट जॉर्ज क्रॉस को हटा दिया जाएगा, क्योंकि ये ब्रिटिश हुकूमत की याद के तौर पर देखा जाता है.

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2022-08-31 20:28:59 मोदी सरकार द्वारा किये गए नीतिगत बदलावों के परिणामस्वरूप यह संभव नहीं है कि भारत तीव्र प्रगति ना करे।
***
इस वित्तीय वर्ष (2022-23) के प्रथम तीन माह (अप्रैल-जून) में भारत की जीडीपी 13.5 प्रतिशत बढ़ी है (यह वृद्धि दर वर्ष 2011-12 के आधार पर निकाली गयी है - अर्थात मंहगाई को नहीं जोड़ा गया है)।

तुलना के लिए, इस तिमाही (अप्रैल-जून) में विश्व के लगभग सभी विकसित या विशाल देशो की जीडीपी ने केवल एक-दो प्रतिशत की वृद्धि रजिस्टर की है। चीन की जीडीपी केवल 0.4 प्रतिशत बढ़ी है।

अगर आप कहेंगे कि भारत की जीडीपी की यह वाली वृद्धि पिछले वर्ष की तिमाही में कम जीडीपी के कारण बढ़ी हुई दिख रही है, तो याद रखिए कि यही स्थिति एवं तुलना अन्य देशो की जीडीपी ग्रोथ पर लागू होती है।

अगर आज की दामों के आधार पर यह वृद्धि देखे (अर्थात मंहगाई जोड़ दी जाए), तो यह जीडीपी वृद्धि 26.7 प्रतिशत निकलती है।

आंकड़ों को आगे देखा जाए, तो कृषि ने 17.4 प्रतिशत, माइनिंग ने (खनिज) 59.5 प्रतिशत, मैन्युफैक्चरिंग ने 15.7 प्रतिशत, कंस्ट्रक्शन ने 32.7 प्रतिशत, होटल-ट्रांसपोर्ट ने 45.4 प्रतिशत, अन्य सेवाओं (वित्तीय-रियल एस्टेट) ने 20.7 प्रतिशत वृद्धि रजिस्टर की है।

इन सभी क्षेत्रो में लेबर एवं कर्मियों की आवश्यकता होती है। आप घर बैठकर माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, कृषि, होटल-ट्रांसपोर्ट इत्यादि का उद्यम नहीं कर सकते। अगर इन सभी क्षेत्रो में विशाल वृद्धि हो रही है है तो क्या यह संभव है कि भारत में रोजगार एवं नौकरी की कमी हो?

आप जीडीपी के आंकड़ों को नकार सकते है, लेकिन क्या माइनिंग, कंस्ट्रक्शन, मैन्युफैक्चरिंग, कृषि, होटल-ट्रांसपोर्ट में होने वाली वृद्धि को भी झुठला सकते है?

लेकिन मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण आंकड़ा है निजी उपभोग (private consumption) का है जो 61 प्रतिशत बढ़ा है; जबकि सरकारी व्यय में बढ़ोत्तरी केवल 11 प्रतिशत है।

निजी उपभोग में इतनी विशाल वृद्धि टाटा-महिंद्रा-गोदरेज-बजाज-अम्बानी-अडानी-अखिलेश-सोनिया के निजी उपभोग से नहीं होने वाली। आखिरकार यह सब लोग - और इनके जैसे अन्य लोग भी - मिलकर कितना खा लेंगे, पहन लेंगे और बनवा लेंगे?

अर्थात भारत की आम जनता की समृद्धि बढ़ रही। आम जनता के पास अब सरप्लस (अतिरिक्त) धन आ रहा है जिसका वे निजी उपभोग के लिए प्रयोग कर रहे है।

मैंने पहले भी लिखा था कि मोदी सरकार ने वही कदम उठाये है जिनकी अनुशंसा संयुक्त राष्ट्र, विश्व बैंक, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष जैसी संस्थाएँ सभी देशो के लिए करती है। इन कदमो में प्रमुख है - सरकार अपना व्यय कम करे; उद्यम लगाने एवं बिज़नेस करने की प्रक्रिया को आसान बनाये (ease of doing business); टैक्स को सरल एवं एकीकृत (uniform) करे; नियम-कानून में पारदर्शिता लाये; सभी को वित्तीय सेवाओं - जैसे कि बैंकिंग, लोन, इंश्योरेंस, पेंशन - के घेरे में लाना (financial inclusion); फेल हो जाने वाले उद्यमों के लिए दिवालिया कानून लाए; इंफ्रास्ट्रक्चर (सड़क, बंदरगाह, रेलमार्ग, एयरपोर्ट, संचार, ट्रांसपोर्टेशन, वेयरहाउसिंग या गोदाम, बैंकिंग इत्यादि) को शक्तिशाली बनाये।

अगर यह सभी कदम उठाये जा रहे है, तो यह संभव नहीं है कि भारत तीव्र प्रगति ना करे।

साभार: अमित सिंघल जी
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2022-08-29 18:11:49
मोदी सरकार के कार्यकाल में "विकसित भारत" के निर्माण का साक्षी बन रहा है देश!

ये तस्वीर किसी हॉलीवुड फिल्म के किसी सीन की नहीं है, बल्कि यह झारखंड के गोरहर से बरवा अड्डा तक 80 किलोमीटर लंबा राष्ट्रीय राजमार्ग-02 का एक हिस्सा है, जो अप्रैल 2022 में राष्ट्र को समर्पित किया जा चुका है।

6 लेन का यह खंड दिल्ली को कोलकाता से जोड़ने वाले "स्वर्णिम चतुर्भुज" का हिस्सा है और हमारे देश में सबसे व्यस्त और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राजमार्गों में शुमार है।

#PragatiKaHighway #GatiShakti #NewIndia #TrustNaMo #ModiMatters
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2022-08-29 11:27:54 #GoodNews मोबाइल फोन ऑपरेटर्स की तरह अपने ब्रोकर्स को बदल सकेंगे निवेशक!

इंटरऑपरेबिलिटी स्कीम के तहत, निवेशक जल्द ही अपने ब्रोकरों को बदल सकेंगे अगर वे उनकी सेवा से संतुष्ट नहीं हैं.

उम्मीद है कि दिसंबर के अंत तक सेबी इस संबंध में नियम जारी कर सकता है. निवेशक जब चाहें ब्रोकर्स बदल सकते हैं. ब्रोकर्स इंटरोऑपरेबिलिटी पर SEBI विचार कर रहा है. SEBI और एक्सचेंज के बीच चर्चा जारी है.

वर्तमान में, अगर निवेशक ब्रोकर्स को बदलना चाहते हैं, तो उन्हें अपने मौजूदा ब्रोकर से नो-ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) लेना होगा और अपने फंड को नए ब्रोकर को ट्रांसफर करने से पहले अपनी स्थिति शून्य बनानी होगी. कहा जा रहा है कि मार्केट रेगुलेटर नियमों में इस तरह की कवायद को खत्म कर देगा. नियम लागू होने के बाद अब निवेशक मार्जिन के साथ फंड ट्रांसफर कर सकता है.
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2022-08-29 10:55:33
महत्वकांक्षी होना गलत नहीं है, लेकिन निजी महत्वकांक्षा को साइड में रखकर देश धर्म और पार्टी के लिए समर्पण की भावना से काम करने का जज्बा भी होना चाहिए!
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2022-08-27 10:56:59
नाम: वंदे भारत 2.0
स्पीड: 180 किलोमीटर प्रति घंटा

कल्पना कीजिए... अगले एक साल में 75 वंदे भारत ट्रेन तो अगले 10 साल में ? कम से कम 750 वंदे भारत जैसी ट्रेनें तो होंगी ही।

2050 तक;

13 बुलेट ट्रेन, सैकड़ों वंदे भारत ट्रेन, शहरों के लिए मेट्रो ट्रेन, एक शहर से दूसरे शहर जाने के लिए रीजनल रैपिड ट्रेन आदि।

कुछ सालों में भारतीय रेलवे का स्वरूप हमेशा के लिए बदलने जा रहा है।

#TrustNaMo #ModiMatters #IndianRailways
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2022-08-26 18:44:08
स्नेहत्तिन्डे, कारुण्यत्तिन्डे, सेवनत्तिन्डे, त्यागत्तिन्डे, पर्यायमाण अम्मा। माता अमृतानंन्दमयी देवी, भारत्तिन्डे महत्ताय, आध्यात्मिक पारंपर्यत्तिन्डे, नेरवकाशियाण।

अयं निजः परो वेति गणना, लघुचेतसाम्।
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्॥
एन्न महा उपनिषद आशयमाण, अम्मयुडे, जीविता संदेशम।

मोदीजी को जब इस प्रकार शास्त्रों का उदाहरण देते सुनता हूं तो अत्यंत गर्व और आनंद की अनुभूति से मन भर जाता है।

#TrustNaMo #ModiMatters
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