2021-08-07 11:03:42
आंदोलनजीवी अपनी घटिया राजनीति के लिए देश के भविष्य को किस तरह गुमराह कर रहे है उसका जीता जागता उदाहरण ये बच्चा है! ये बच्चा बोलता बहुत अच्छा है! लेकिन ये धूर्त विपक्ष की घटिया राजनीति में गुमराह होकर गलत मार्ग पर चला गया है! ये किसानों के हित की बात कर तो रहा है लेकिन इसे ये नहीं समझ आ रहा की जिसे वो किसान हितैषी समझ रहा है असल में वो लोग ही सारी समस्या की जड़ है! अगर उन लोगों ने किसान हितैषी काम किया होता तो आज मोदी सरकार को ये नया कृषि कानून लाना ही नहीं पड़ता, लाखों किसानों को आत्महत्या नहीं करनी पड़ती! देश का अन्नदाता शोषित, वंचित नहीं होता!
माइक और कैमरा लेकर इस बच्चे से सवाल पूछने वाले, रिपोर्टर कहलाने के लायक नहीं हैं... मैं होता तो इससे कुछ प्रश्न पूछता...
क्या आप बता सकते है की 2009 से 2014 तक एमएसपी पर केंद्र सरकार ने कितने मिट्रिक टन धान, गेंहू खरीदा था और आज कितना खरीदा जा रहा है ?
क्या आप बता सकते है की 2009 से 2014 तक एमएसपी का कितना पैसा किसानों को दिया गया था और आज कितना दिया जा रहा है ?
क्या आप बता सकते है की 2009 से 2014 तक देश के किसानों ने कितना खाद्यान्न उत्पादन किया और आज कितना कर रहे है ?
क्या आप बता सकते है की 2009 से 2014 तक कृषि बजट आवंटन कितना था और आज कितना है ?
जब ये मेरे प्रश्नों के जवाब में आंकड़े बता देता... तो मैं इसको बताता की बेटा...
2014 से 2019 तक इतने मिट्रिक टन अनाज देश के किसानों से खरीदा गया और इतना रूपया सीधा उनके बैंक खातों में भेजा गया और इतना मिट्रिक टन खाद्यान्न देश के किसानों ने पैदा किया!
एमएसपी पर खाद्यान्न खरीद:
धान: 2009 से 2014 के दौरान 1768 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद की गई। 2014 से 2019 के दौरान 3069 लाख मिट्रिक टन धान की खरीद की गई।
गेहूं: 2009 से 2014 के दौरान 1395 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई। 2014 से 2019 के दौरान 1627 लाख मिट्रिक टन गेहूं की खरीद की गई।
दलहन और तिलहन: 2009 से 2014 के दौरान 7.28 लाख मिट्रिक टन दलहन एवं तिलहन की खरीद की गई। 2014 से 2019 के दौरान 168.64 लाख मिट्रिक टन दलहन एवं तिलहन की खरीद की गई।
एमएसपी भुगतान:
धान: 2009-10 से 2013-14 तक की अवधि की तुलना में पिछले पांच साल के दौरान किसानों को धान के लिए एमएसपी का भुगतान बढ़कर 2.4 गुना हो गया है। एमएसपी भुगतान 2009 से 2014 तक 2.06 लाख करोड़ रुपये की तुलना में बढ़कर 2014 से 2019 तक 4.95 लाख करोड़ रुपये हो गया है।
गेहूं: गेहूं के लिए किसानों को 2009-10 से 2013-14 तक की अवधि की तुलना में 1.77 गुना एमएसपी का भुगतान किया गया है, 2009 से 2014 तक 1.68 लाख करोड़ रुपये की तुलना में 2014 से 2019 तक 2.97 लाख करोड़ रुपये के एमएसपी का भुगतान किया गया है।
दलहन: 2009-10 से 2013-14 तक की अवधि की तुलना में पिछले पांच साल के दौरान दालों के लिए किसानों को एमएसपी का भुगतान 75 गुना तक बढ़ गया। पिछले पांच साल के दौरान 2009 से 2014 तक 645 करोड़ रुपये की तुलना में 2014 से 2019 तक 49,000 करोड़ रुपये के एमएसपी का भुगतान किया गया।
तिलहन: 2009-10 से 2013-14 तक की अवधि की तुलना में पिछले पांच साल के दौरान तिलहनों और नारियल के लिए किसानों को एमएसपी का भुगतान बढ़कर 10 गुना हो गया। पिछले पांच साल के दौरान 2009 से 2014 तक 2,460 करोड़ रुपये की तुलना में 2014 से 2019 तक 25,000 करोड़ रुपये के एमएसपी का भुगतान किया गया।
खाद्यान्न उत्पादन:
खाद्यान उत्पादन वर्ष 2010-14 के 255.59 मि. टन से बढ़ कर वर्ष 2017-18 में 279.51 मि. टन से अधिक हो गया।
खाद्यान्न उत्पादन 2015-16 के 25.154 करोड़ टन से बढ़कर 2019-20 में 29.75 करोड़ टन के स्तर पर पहुंच गया, जो अभी तक हुआ सबसे ज्यादा खाद्यान्न उत्पादन है।
2020-21 में खाद्यान्न उत्पादन 30.544 करोड़ टन रहने का अनुमान है।
बजट आवंटन:
पिछली सरकार के वर्ष 2009 से 2014 तक के कृषि बजट को देखें तो यह 1,21,082 करोड़ था जो कि मोदी सरकार के 5 वर्षों (2014-19) में बढ़कर 2,11,694 करोड़ हो गया है। यह 74.5% की वृद्धि दर्शाता है।
वर्ष 2020-21 में, बजट आवंटन 6 गुना बढ़ाकर 1,34,399.77 करोड़ रुपये कर दिया गया। वर्ष 2013-14 में कृषि विभाग के लिए सिर्फ 21,933.50 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया गया था।
मोदी सरकार ने किसानों के लिए ये सब किया है....
मोदी सरकार ने एमएसपी डेढ़ गुना बढ़ा दी!
2007-08 में गेहूं पर एमएसपी 1000₹ थी, 2020-21 में 1975₹ है!
2007-08 में धान पर एमएसपी 850₹ थी, 2020-21 में 1868₹ है!
मोदी सरकार किसानों को 6000₹ सालाना दे रही है!
पीएम किसान योजना के तहत अब तक लगभग 11.08 करोड़ पात्र लाभार्थियों के बैंक खातों में 1.37 लाख करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे हस्तांतरित की जा चुकी है।
मोदी सरकार किसानों को नीम कोटेड यूरिया सब्सिडी पर दे रही है!
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