2022-08-26 14:30:47
#क्या_आप_जानते_हैं ?
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा है कि;
1950 से 2015 तक भारत में केवल 4000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया। जिससे 2015 में राष्ट्रीय राजमार्ग की कुल लंबाई 77,000 किलोमीटर हो गई।
हालांकि मोदी सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल में राष्ट्रीय राजमार्ग की लंबाई 2025 तक 1.8 लाख किलोमीटर को पार करने की दिशा में है। यानी 10 साल के समय में मौजूदा लंबाई से दोगुने से अधिक राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण किया जा रहा है।
इसी तरह अगर रेलवे लाइन की बात करें तो 1950 में देश में केवल 10,000 किलोमीटर रेल लाइनें थीं, जो 2015 में बढ़कर 63,000 किलोमीटर हो गईं।
लेकिन मोदी सरकार के 10 वर्ष के कार्यकाल में 2025 तक रेल नेटवर्क के 1.2 लाख किलोमीटर को छूने की उम्मीद है।
पोर्ट क्षमता जो 1995 में केवल 777 एमटीपीए थी, 2015 में बढ़कर 1911 एमटीपीए हो गई और 2025 तक दोगुनी से अधिक 3000 एमटीपीए होने की संभावना है।
देश 2015 से राजमार्गों और रेलवे जैसे क्षेत्रों में परिवहन और बुनियादी ढांचागत क्षमता में तेजी से वृद्धि कर रहा है।
स्वच्छता जैसी बुनियादी सुविधाएं 2021 में 89 फीसदी आबादी को छू गई हैं, जो 2015 में 43 फीसदी थी।
रसोई गैस कवरेज 2015 में 56 प्रतिशत से 2021 में 100 प्रतिशत तक पहुंच गया।
2021 में 96 प्रतिशत घरों में बिजली पहुंच गई है जो 2015 में 56 प्रतिशत थी।
नल के पानी का कवरेज अब 52 प्रतिशत है जो 2015 में 13 प्रतिशत था और 2024 तक 100 प्रतिशत कवरेज होने की संभावना है।
पाइप्ड गैस कनेक्शन 2015 में 2.5 मिलियन से अब 2021 में 10 मिलियन पर है।
किफायती ग्रामीण आवास 2015 में 10 लाख से बढ़कर अब 2021-22 में 2.5 करोड़ हो गया है।
डी-कार्बनाइजेशन के मोर्चे पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अपने 2030 डी-कार्बनाइजेशन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 2015-30 में 385 बिलियन अमरीकी डालर खर्च कर रहा है, जो 2070 तक नेट जीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में मदद करेगा।
वित्तीय मोर्चे पर और वित्तीय डिजिटलीकरण के मोर्चे पर, रिपोर्ट में कहा गया है कि बैंक खाते की पहुंच 2011 में 35 प्रतिशत से अब 2021-22 में 80 प्रतिशत तक हो गई है।
देश ने तय समय से पहले पेट्रोल में 10% इथेनॉल ब्लेंडिंग का लक्ष्य हासिल कर लिया है, 2025 तक 20% ब्लेंडिंग का लक्ष्य प्राप्त करने की संभावना है।
पेट्रोल में इथेनॉल के मिश्रण से कार्बन उत्सर्जन में कमी के साथ-साथ विदेशी मुद्रा की 50,000 करोड़ रुपये की बचत हुई है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जब 20% सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल हो जाएगा, तो भारत सालाना अनुमानित 4 अरब डॉलर की बचत करेगा।
नवीकरणीय क्षमता 2021 में 101 गीगावॉट से 2030 तक 450 गीगावॉट तक पहुंच जाएगी।
रिपोर्ट में इन सभी को 385 बिलियन अमरीकी डालर के पूंजीगत व्यय और 106 GW ऊर्जा बचत और 1.1 बिलियन टन प्रति वर्ष CO2 में 2030 तक कमी के रूप में देखा गया है।
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Abhijeet Srivastava
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