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Abhijeet Srivastava

टेलीग्राम चैनल का लोगो askabhijeet — Abhijeet Srivastava A
टेलीग्राम चैनल का लोगो askabhijeet — Abhijeet Srivastava
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नवीनतम संदेश 8

2022-06-16 18:39:16 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 17 और 18 जून को गुजरात का दौरा करेंगे। 18 जून को सुबह लगभग 9:15 बजे प्रधानमंत्री पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित श्री कालिका माता के पुनर्निमित मंदिर की यात्रा करेंगे और इसका उद्घाटन करेंगे। इसके बाद उनकी विरासत वन की यात्रा लगभग 11:30 बजे होगी। वहीं, दोपहर लगभग साढ़े बारह बजे वे वडोदरा के गुजरात गौरव अभियान में हिस्सा लेंगे। इस दौरान प्रधानमंत्री 21,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे।

गुजरात गौरव अभियान:

वडोदरा के गुजरात गौरव अभियान में सरकार की विभिन्न योजनाओं के लाभार्थी हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री 16,000 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न रेलवे परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। इनमें समर्पित फ्रेट कॉरिडोर के 357 किलोमीटर लंबे न्यू पालनपुर-मदार खंड का राष्ट्र को समर्पण, 166 किलोमीटर लंबे अहमदाबाद-बोटाद खंड का आमान परिवर्तन, 81 किलोमीटर लंबे पालनपुर-मीठा खंड का विद्युतीकरण और अन्य शामिल है। प्रधानमंत्री सूरत, उधना, सोमनाथ और साबरमती स्टेशनों के पुनर्विकास के साथ-साथ रेलवे क्षेत्र में अन्य परियोजनाओं की आधारशिला भी रखेंगे। इन परियोजनाओं से लॉजिस्टिक लागत को कम करने और क्षेत्र में उद्योग व कृषि को बढ़ावा देने में सहायता मिलेगी। साथ ही, इन परियोजनाओं से क्षेत्र में कनेक्टिविटी में भी सुधार होगा और यात्री सुविधाएं उन्नत होंगी।

श्री नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत कुल 1.38 लाख घर इसके लाभार्थियों को समर्पित करेंगे। इनमें शहरी क्षेत्रों में लगभग 1,800 करोड़ रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में 1,530 करोड़ रुपये से अधिक के आवास शामिल हैं। साथ ही, 310 करोड़ रुपये से अधिक के लगभग 3000 आवासों का खत मुहूर्त भी किया जाएगा।

इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री खेड़ा, आणंद, वडोदरा, छोटा उदयपुर और पंचमहल में 680 करोड़ रुपये से अधिक के विभिन्न विकास कार्यों को समर्पित करेंगे और आधारशिला रखेंगे। इनका उद्देश्य क्षेत्र में लोगों के जीवन को सुगम बनाना है।

इसके अलावा प्रधानमंत्री गुजरात के दभोई तालुका के कुंडेला गांव में गुजरात केंद्रीय विश्वविद्यालय का शिलान्यास भी करेंगे। यह वडोदरा शहर से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित है। इस विश्वविद्यालय का निर्माण लगभग 425 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा और यह 2500 से अधिक छात्रों की उच्च शिक्षा की जरूरतों को पूरा करेगा।

मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार पर ध्यान देने के लिए प्रधानमंत्री 'मुख्यमंत्री मातृशक्ति योजना' की शुरुआत करेंगे। इस पर 800 करोड़ रुपये खर्च होगा। इस योजना के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रों से गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को हर महीने 2 किलो चना, 1 किलो अरहर की दाल और 1 किलो खाद्य तेल निःशुल्क दिया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री 'पोषण सुधा योजना' के लिए लगभग 120 करोड़ रुपये का वितरण भी करेंगे, जिसे अब राज्य के सभी जनजातीय लाभार्थियों तक पहुंचाया जा रहा है। आदिवासी जिलों की गर्भवती और स्तनपान कराने वाली माताओं को आयरन व कैल्शियम की गोलियां उपलब्ध कराने और पोषण पर शिक्षित करने के प्रयोग की सफलता के बाद यह कदम उठाया जा रहा है।

प्रधानमंत्री की श्री कालिका माता मंदिर यात्रा:

प्रधानमंत्री पावागढ़ पहाड़ी पर स्थित श्री कालिका माता के पुनर्निमित मंदिर का उद्घाटन करेंगे। यह क्षेत्र के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है और बड़ी संख्या में तीर्थयात्रियों को आकर्षित करता है। मंदिर का पुनर्निर्माण 2 चरणों में किया गया है। इसके पहले चरण का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने अप्रैल, 2022 में किया था। वहीं, इस कार्यक्रम में दूसरे चरण के तहत पुनर्निर्मित जिस हिस्से का उद्घाटन किया जाना है, उसका शिलान्यास प्रधानमंत्री ने 2017 में किया था। इसमें मंदिर के आधार का विस्तार और तीन स्तरों पर 'परिसर', स्ट्रीट लाइट, सीसीटीवी प्रणाली जैसी सुविधाएं शामिल हैं।

#TrustNaMo #ModiMatters #ForHindus #ForHindutva
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2022-06-12 06:04:25 #रामप्रसाद जी को तो कुछ पता ही नहीं था। वे पूछें–'क्या हुआ... अरे किस बात की माफी मांग रहा है।' पर पलटू बनिया उठे ही ना और कहे–'महाराज रात में पैसे भिजवाने की क्या आवश्यकता थी... मैं कान पकड़ता हूँ आज के बाद कभी भी राशन के लिए मना नहीं करूँगा और ये रहा आपका पीताम्बर... वो बच्चे मेरे यहाँ ही छोड़ गए थे.... बड़े प्यारे बच्चे थे... इतनी रात को बेचारे पैसे लेकर आ भी गये... आप बुरा ना मानें तो मैं एक बार उन बालकों को फिर से देखना चाहता हूँ।' जब रामप्रसाद जी ने वो पीताम्बर देखा तो पता चला ये तो हमारे मन्दिर का ही है जो गायब हो गया था। अब वो पूछें कि–'ये तुम्हारे पास कैसे आया?' तब उस बनिया ने रात वाली पूरी घटना सुनाई। अब तो रामप्रसाद जी भागे जल्दी से और सीधा मन्दिर जाकर भगवान के पैरों में पड़कर रोने लगे कि–'हे भक्तवत्सल...! मेरे कारण आपको आधी रात में इतना कष्ट उठाना पड़ा और कष्ट उठाया सो उठाया मैंने जीवन भर आपकी सेवा की .... मुझे तो दर्शन ना हुआ ... और इस बनिए को आधी रात में दर्शन देने पहुँच गए।

जब पलटू बनिया को पूरी बात पता चली तो उसका हृदय भी धक् से होके रह गया कि जिन्हें मैं साधारण बालक समझ बैठा वे तो त्रिभुवन के नाथ थे... अरे मैं तो चरण भी न छू पाया। अब तो वे दोनों ही लोग बैठ कर रोएँ। इसके बाद कभी भी आश्रम में राशन की कमी नहीं हुई। आज तक वहाँ सन्त सेवा होती आ रही है। इस घटना के बाद ही पलटू बनिया को वैराग्य हो गया और यह पलटू बनिया ही बाद में #श्री_पलटूदास_जी के नाम से विख्यात हुए।

#श्री_रामप्रसाद_जी की व्याकुलता उस दिन हर क्षण के साथ बढ़ती ही जाए और रात में शयन के समय जब वे भजन गाने बैठे तो मूर्छित होकर गिर गए। संसार के लिए तो वे मूर्छित थे किन्तु मूर्च्छावस्था में ही उन्हें पत्नियों सहित चारों भाइयों का दर्शन हुआ और उसी दर्शन में श्री जानकी जी ने उनके आँसू पोंछे तथा अपनी ऊँगली से इनके माथे पर #बिन्दी लगाई जिसे फिर सदैव इन्होंने अपने मस्तक पर धारण करके रखा। उसी के बाद से इनके आश्रम में #बिन्दी_वाले_तिलक का प्रचलन हुआ।

वास्तव में प्रभु चाहें तो ये अभाव... ये कष्ट भक्तों के जीवन में कभी ना आए परन्तु प्रभु जानबूझकर इन्हें भेजते हैं ताकि इन लीलाओं के माध्यम से ही जो अविश्वासी जीव हैं... वे सतर्क हो जाएं... उनके हृदय में विश्वास उत्पन्न हो सके। जैसे प्रभु ने आकर उनके कष्ट का निवारण किया ऐसे ही हमारा भी कर दे..!!

जय सियाराम
आपका दिन मंगलमय हो

साभार:
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2022-06-12 06:04:25 श्री अयोध्या जी में 'कनक भवन' एवं 'हनुमानगढ़ी' के बीच में एक आश्रम है जिसे 'बड़ी जगह' अथवा 'दशरथ महल' के नाम से जाना जाता है। काफी पहले वहाँ एक सन्त रहा करते थे जिनका नाम था श्री रामप्रसाद जी। उस समय अयोध्या जी में इतनी भीड़ भाड़ नहीं होती थी। ज्यादा लोग नहीं आते थे। श्री रामप्रसाद जी ही उस समय बड़ी जगह के कर्ता धर्ता थे। वहाँ बड़ी जगह में मन्दिर है जिसमें पत्नियों सहित चारों भाई (श्री राम, श्री लक्ष्मण, श्री भरत एवं श्री शत्रुघ्न जी) एवं हनुमान जी की सेवा होती है। चूंकि सब के सब फक्कड़ सन्त थे .... तो नित्य मन्दिर में जो भी थोड़ा बहुत चढ़ावा आता था उसी से मन्दिर एवं आश्रम का खर्च चला करता था।

प्रतिदिन मन्दिर में आने वाला सारा चढ़ावा एक बनिए को (जिसका नाम था पलटू बनिया) भिजवाया जाता था। उसी धन से थोड़ा बहुत जो भी राशन आता था.... उसी का भोग-प्रसाद बनकर भगवान को भोग लगता था और जो भी सन्त आश्रम में रहते थे वे खाते थे।एक बार प्रभु की ऐसी लीला हुई कि मन्दिर में कुछ चढ़ावा आया ही नहीं। अब इन साधुओं के पास कुछ जोड़ा गांठा तो था नहीं... तो क्या किया जाए ..? कोई उपाय ना देखकर श्री रामप्रसाद जी ने दो साधुओं को पलटू बनिया के पास भेज के कहलवाया कि भइया आज तो कुछ चढ़ावा आया नहीं है... अतः थोड़ा सा राशन उधार दे दो... कम से कम भगवान को भोग तो लग ही जाए। पलटू बनिया ने जब यह सुना तो उसने यह कहकर मना कर दिया कि मेरा और महन्त जी का लेना देना तो नकद का है... मैं उधार में कुछ नहीं दे पाऊँगा।

श्री रामप्रसाद जी को जब यह पता चला तो "जैसी भगवान की इच्छा" कहकर उन्होंने भगवान को उस दिन जल का ही भोग लगा दिया। सारे साधु भी जल पी के रह गए।प्रभु की ऐसी परीक्षा थी कि रात्रि में भी जल का ही भोग लगा और सारे साधु भी जल पीकर भूखे ही सोए।वहाँ मन्दिर में नियम था कि शयन कराते समय भगवान को एक बड़ा सुन्दर पीताम्बर ओढ़ाया जाता था तथा शयन आरती के बाद श्री रामप्रसाद जी नित्य करीब एक घण्टा बैठकर भगवान को भजन सुनाते थे। पूरे दिन के भूखे रामप्रसाद जी बैठे भजन गाते रहे और नियम पूरा करके सोने चले गए।

धीरे-धीरे करके रात बीतने लगी। करीब आधी रात को पलटू बनिया के घर का दरवाजा किसी ने खटखटाया। वो बनिया घबरा गया कि इतनी रात को कौन आ गया। जब आवाज सुनी तो पता चला कुछ बच्चे दरवाजे पर शोर मचा रहे हैं–'अरे पलटू... पलटू सेठ ... अरे दरवाजा खोल...।' उसने हड़बड़ा कर खीझते हुए दरवाजा खोला। सोचा कि जरूर ये बच्चे शरारत कर रहे होंगे... अभी इनकी अच्छे से डांट लगाऊँगा।जब उसने दरवाजा खोला तो देखता है कि–चार लड़के जिनकी अवस्था बारह वर्ष से भी कम की होगी .... एक पीताम्बर ओढ़ कर खड़े हैं।*
वे चारों लड़के एक ही पीताम्बर ओढ़े थे। उनकी छवि इतनी मोहक .... ऐसी लुभावनी थी कि ना चाहते हुए भी पलटू का सारा क्रोध प्रेम में परिवर्तित हो गया और वह आश्चर्य से पूछने लगा–'बच्चों ...! तुम हो कौन और इतनी रात को क्यों शोर मचा रहे हो...?'
बिना कुछ कहे बच्चे घर में घुस आए और बोले–हमें रामप्रसाद बाबा ने भेजा है। ये जो पीताम्बर हम ओढ़े हैं... इसका कोना खोलो... इसमें सोलह सौ रुपए हैं... निकालो और गिनो।' ये वो समय था जब आना और पैसा चलता था। सोलह सौ उस समय बहुत बड़ी रकम हुआ करते थे। जल्दी-जल्दी पलटू ने उस पीताम्बर का कोना खोला तो उसमें सचमुच चांदी के सोलह सौ सिक्के निकले। प्रश्न भरी दृष्टि से पलटू बनिया उन बच्चों को देखने लगा। तब बच्चों ने कहा–'इन पैसों का राशन कल सुबह आश्रम भिजवा देना।

अब पलटू बनिया को थोड़ी शर्म आई–'हाय...! आज मैंने राशन नहीं दिया... लगता है महन्त जी नाराज हो गए हैं... इसीलिए रात में ही इतने सारे पैसे भिजवा दिए।' पश्चाताप, संकोच और प्रेम के साथ उसने हाथ जोड़कर कहा–'बच्चों..! मेरी पूरी दुकान भी उठा कर मैं महन्त जी को दे दूँगा तो भी ये पैसे ज्यादा ही बैठेंगे। इतने मूल्य का सामान देते-देते तो मुझे पता नहीं कितना समय लग जाएगा। बच्चों ने कहा–'ठीक है... आप एक साथ मत दीजिए... थोड़ा-थोड़ा करके अब से नित्य ही सुबह-सुबह आश्रम भिजवा दिया कीजिएगा... आज के बाद कभी भी राशन के लिए मना मत कीजिएगा।' पलटू बनिया तो मारे शर्म के जमीन में गड़ा जाए। वो फिर हाथ जोड़कर बोला–'जैसी महन्त जी की आज्ञा।' इतना कह सुन के वो बच्चे चले गए लेकिन जाते-जाते पलटू बनिया का मन भी ले गए।

इधर सवेरे सवेरे मंगला आरती के लिए जब पुजारी जी ने मन्दिर के पट खोले तो देखा भगवान का पीताम्बर गायब है। उन्होंने ये बात रामप्रसाद जी को बताई और सबको लगा कि कोई रात में पीताम्बर चुरा के ले गया।जब थोड़ा दिन चढ़ा तो गाड़ी में ढेर सारा सामान लदवा के कृतज्ञता के साथ हाथ जोड़े हुए पलटू बनिया आया और सीधा रामप्रसाद जी के चरणों में गिरकर क्षमा माँगने लगा।
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2022-06-12 06:04:17
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2022-06-11 21:19:29
See the Bigger Picture. #TrustNaMo
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2022-06-10 18:35:49 यूपी में अब तक 109 जिहादी दंगाई गिरफ्तार!
चलेगा अब चांप के बाबा का बुल्डोजर!
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2022-06-10 13:27:10 नया हिन्दू हृदय सम्राट खोज लो झट्टरों क्योंकि प्रधानमंत्री बनने के बाद तुमको योगीजी भी सबका विश्वास जीतते नज़र आयेंगे।
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2022-06-08 19:46:42 प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 10 जून को गुजरात के दौरे पर जाएंगे। प्रधानमंत्री सुबह लगभग 10:15 बजे नवसारी में 'गुजरात गौरव अभियान' के दौरान कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। दोपहर करीब 12:15 बजे वे नवसारी में ए.एम. नाइक हेल्थकेयर कॉम्प्लेक्स और निराली मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। इसके बाद, दोपहर लगभग 3:45 बजे, वे अहमदाबाद के बोपल में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के मुख्यालय का उद्घाटन करेंगे।

नवसारी में प्रधानमंत्री:

प्रधानमंत्री 'गुजरात गौरव अभियान' नामक एक कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। कार्यक्रम के दौरान वे नवसारी के आदिवासी क्षेत्र खुदवेल में करीब 3050 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करेंगे। इसमें 7 परियोजनाओं का उद्घाटन, 12 परियोजनाओं का शिलान्यास और 14 परियोजनाओं का भूमि पूजन शामिल है। इन परियोजनाओं से क्षेत्र में पानी की आपूर्ति में सुधार के साथ-साथ कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने और जीवनयापन को आसान बनाने में मदद मिलेगी।

प्रधानमंत्री तापी, नवसारी और सूरत जिलों के निवासियों के लिए 961 करोड़ रुपये की 13 जलापूर्ति परियोजनाओं के लिए भूमि पूजन करेंगे। वह नवसारी जिले के एक मेडिकल कॉलेज का भूमि पूजन भी करेंगे, जिसे लगभग 542 करोड़ रुपये की लागत से बनाया जाएगा, जो क्षेत्र के लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा प्रदान करने में मदद करेगा।

प्रधानमंत्री लगभग 586 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित मधुबन बांध आधारित एस्टोल क्षेत्रीय जल आपूर्ति परियोजना का उद्घाटन करेंगे। यह जल आपूर्ति इंजीनियरिंग कौशल का चमत्कार है। साथ ही, प्रधानमंत्री द्वारा 163 करोड़ रुपये की 'नल से जल' परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाएगा। इन परियोजनाओं से सूरत, नवसारी, वलसाड और तापी जिलों के निवासियों को सुरक्षित और पर्याप्त पेयजल उपलब्ध होगा।

प्रधानमंत्री तापी जिले के निवासियों को बिजली उपलब्ध कराने के लिए 85 करोड़ रुपये से अधिक लागत से निर्मित वीरपुर व्यारा सबस्टेशन का उद्घाटन करेंगे। अपशिष्ट जल उपचार की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से वलसाड जिले के वापी शहर के लिए 20 करोड़ रुपये की लागत से 14 एमएलडी की क्षमता वाले सीवेज उपचार संयंत्र का भी उद्घाटन किया जाएगा। प्रधानमंत्री 21 करोड़ रुपये से अधिक लागत से नवसारी में बने सरकारी आवास सुविधाओं का उद्घाटन करेंगे। वे पिपलादेवी-जुनेर-चिचविहिर-पीपलदाहड़ से निर्मित सड़कों और डांग में 12-12 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित स्कूल भवनों का भी लोकार्पण करेंगे।

सूरत, नवसारी, वलसाड और तापी जिलों के निवासियों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री 549 करोड़ रुपये की लागत वाली 8 जलापूर्ति परियोजनाओं की आधारशिला रखेंगे। नवसारी जिले में 33 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाली खेरगाम और पीपलखेड़ को जोड़ने वाली चौड़ी सड़क का भी शिलान्यास किया जाएगा। लगभग 27 करोड़ रुपये की लागत से सुपा के रास्ते नवसारी और बारडोली के बीच एक और चार लेन की सड़क का निर्माण किया जाएगा। प्रधानमंत्री लगभग 28 करोड़ रुपये और 10 करोड़ रुपये की लागत से क्रमशः डांग में जिला पंचायत भवन के निर्माण और रोलर क्रैश बैरियर उपलब्ध कराने और और उसे फिक्स करने के कारखाने की आधारशिला भी रखेंगे।

प्रधानमंत्री नाइक हेल्थकेयर कॉम्प्लेक्स:

प्रधानमंत्री नवसारी में ए.एम. नाइक हेल्थकेयर कॉम्प्लेक्स और निराली मल्टी स्पेशलिटी अस्पताल का उद्घाटन करेंगे। वे स्वास्थ्य सेवा परिसर में आयोजित एक सार्वजनिक समारोह में भी शामिल होंगे, जहां वे खरेल शिक्षा परिसर का वर्चुअल तौर पर उद्घाटन करेंगे। इसके बाद इस अवसर पर उनका संबोधन होगा।

इन-स्पेस मुख्यालय में प्रधानमंत्री:

प्रधानमंत्री बोपल, अहमदाबाद में भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र (इन-स्पेस) के मुख्यालय का उद्घाटन करेंगे। कार्यक्रम में अंतरिक्ष आधारित अनुप्रयोगों और सेवाओं के क्षेत्र में काम करने वाली इन-स्पेस और निजी क्षेत्र की कंपनियों के बीच समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान भी होगा। अंतरिक्ष क्षेत्र में निजी संस्थाओं को बढ़ावा देने और सक्षम करने से अंतरिक्ष क्षेत्र को एक बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा और भारत के प्रतिभाशाली युवाओं के लिए अवसर के नए रास्ते खुलेंगे।

इन-स्पेस की स्थापना की घोषणा जून 2020 में की गई थी। यह अंतरिक्ष विभाग में सरकारी और निजी दोनों संस्थाओं की अंतरिक्ष गतिविधियों के प्रचार, प्रोत्साहन और विनियमन के लिए एक स्वायत्त और एकल खिड़की नोडल एजेंसी है। यह निजी संस्थाओं द्वारा इसरो सुविधाओं के उपयोग को आसान बनाता है।

#TrustNaMo #ModiMatters
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2022-06-08 19:42:56
#AIIMS #Kalyani #WestBengal
Construction of campus started in 2016 and completed in 2019.

#TrustNaMo #ModiMatters
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2022-06-08 08:54:29
सपा प्रवक्ता की क्या मस्त धुलाई की है नूपुर शर्मा ने...
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