2022-06-19 13:00:34
अग्निपथ योजना के विरोध में जो लोग तरह तरह के कुतर्क कर रहे हैं वो ना केवल हास्यास्पद है बल्कि योजना के खिलाफ युवाओं को भ्रमित करने का कार्य भी कर रहे हैं!
कुतर्क: अगर योजना सही होती तो सरकार 4 दिन में इतने सारे बदलाव नहीं करती!
जवाब: जब भ्रमित करने वाले लोग छात्रों को भ्रमित करके देशभर में आग लगवाएंगे तो सरकार भी तो कुछ न कुछ हांथ पांव चलाएगी ही!
सरकार ने तो बस योजना जनता के सामने रखी थी और ये भी कहा था कि जल्द ही विस्तृत जानकारी दी जाएगी! लेकिन अगले दिन ही बवाल कटना शुरू हो गया! कोचिंग माफियाओं ने स्टूडेंट्स को भ्रमित करके उन्हे सड़कों पर हिंसक आंदोलन करने को उकसाया! तब जाकर सरकार ने आनन फानन में विस्तृत जानकारी जारी करना शुरू किया!
जो वास्तविक मुद्दे थे जैसे; ग्रेजुएशन कैसे होगा, अगर छात्र अग्निवीर बनना चुनेंगे तो सरकारी नौकरी की तैयारी का स्वर्णिम अवसर गंवा देंगे, 25% में सेलेक्ट न होने पर सरकार नौकरी कैसे मिलेगी इत्यादि समस्याओं का समाधान सरकार ने कर दिया है!
4 साल की सेवा के बाद अग्निवीरों का भविष्य:
• भारतीय तटरक्षक बल + 16 रक्षा सार्वजनिक उपक्रमों में 10% आरक्षण
• असम राइफल्स और 7 सीएपीएफ में 10% आरक्षण
• बैंकिंग सेक्टर में वरीयता
• एविएशन सेक्टर में वरीयता
• मर्चेंट नेवी में प्राथमिकता
• एमपी - यूपी - उत्तराखंड - हरियाणा - असम आदि राज्यों में पुलिस नौकरी में वरीयता
• अनुग्रह राशि - ₹11.70 लाख
• बैंक ऋण में प्राथमिकता
• निजी क्षेत्र की नौकरियों में प्राथमिकता
• इग्नू + यूजीसी अंडर ग्रेजुएशन सर्टिफिकेट 50% क्रेडिट के साथ
• ओपन स्कूलिंग सर्टिफिकेट
• कौशल आधारित प्रमाणपत्र
• डिजिटल इंडिया - नौकरियां
• शिक्षा विभाग अग्निपथ योजना के अनुरूप कक्षा 10 और 12 के पाठ्यक्रम पर काम कर रहा है।
अग्निवीरों को अपना भविष्य संवारने के कई सारे अवसर प्राप्त होंगे। 21-25 वर्ष की उम्र में उनके पास लगभग 20 लाख रूपया होगा उससे वे चाहें तो स्वरोजगार (व्यवसाय) भी कर सकते हैं।
बाकी कमियां किस चीज में नहीं होती ? जीवन भर एक ही व्यवस्था को तो नहीं ढोया जा सकता ना, आधुनिक भारत के हिसाब से नई आधुनिक व्यवस्था भी तो बनानी है! अब जब बन रही है तो विरोध करने वाले भ्रम फैला रहे है!
2 साल से भर्ती नहीं आई थी तो सरकार ने 2 साल उम्र बढ़ा दी, केवल इसी वर्ष के लिए ताकि जो तैयारी कर रहे थे, वो भी इसका लाभ ले सकें!
सेना को जितनी जरूरत होगी उतनी ही तो भर्ती करेगी न! अब सेना चाहे तो 25 वैकेंसी निकाले और 25 पदों पर परमानेंट भर्ती कर दे! या 100 भर्ती निकाले और 100 को ट्रेंड, आत्मविश्वासी, अनुशासित, देशभक्त बना के उनमें से बेस्ट 25 को परमानेंट भर्ती के लिए चुने और बाकी 75 को 20-25 लाख रूपया देकर, विभिन्न सरकारी और निजी क्षेत्रों की नौकरियों में आरक्षण/वरीयता देकर रोजगार की गारंटी उपलब्ध करवा दे!
कुतर्क: सेना की तैयारी करने वाले बच्चे जब सेना में सेलेक्ट नहीं होते तो पूरी जिंदगी सर झुका के जीते है!
जवाब: बच्चे तैयारी तो अब भी सालों साल करते है, सेलेक्ट होते है या नहीं होते है! जो नहीं होते है वो जीवन में कुछ न कुछ तो करते ही होंगे! अब कम से कम सरकार ये मौका तो दे रही है की वो गर्व से कह सकें की हां हमने 4 साल सेना में रहकर देश की सेवा की है!
ऐसे लोग केवल भ्रम को बढ़ाने का कार्य कर रहे है! जो बिलकुल सही नहीं है! बाकी सेना के लिए क्या अच्छा है क्या बुरा है इसका निर्णय सेना को ही करने दीजिए! अग्निपथ योजना 2 साल के विचार विमर्श के बाद भारतीय सेना ही लेकर आई है!
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Abhijeet Srivastava
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