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अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)

टेलीग्राम चैनल का लोगो adhyatmgyan — अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)
टेलीग्राम चैनल का लोगो adhyatmgyan — अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)
चैनल का पता: @adhyatmgyan
श्रेणियाँ: धर्म
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 1.47K
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नवीनतम संदेश 41

2021-05-21 08:46:47 कर्मों पर विश्वास रखो
और ईश्वर पर आस्था...

कितना भी मुश्किल वक्त हो,
निकलेगा जरूर कोई रास्ता..
177 viewsedited  05:46
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2021-05-19 07:41:26
226 views04:41
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2021-05-18 06:11:42 *हंसी भगवान की दी हुई सर्वोत्तम दवा है..*

*यदि आप हंसते हैं, तो भगवान भी यह देखकर ज़रूर मुस्कुराते होगे.!!*
217 views03:11
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2021-05-18 05:28:23
227 views02:28
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2021-05-17 20:15:38 *दुख संसार की देन है, आनंद स्वयं का होना चाहिए। अगर आप आनंदित होना चाहते हैं तो अकेले भी हो सकते हैं।*
*दुखी होने के लिए तो दूसरो की जरूरत पडती है। किसी ने आपका अपमान किया, कोई आपके अनुकूल नहीं चलता सब दुख दूसरो से जुड़े हूए होते हैं और आनंद का दूसरे से कोई संबंध है ही नहीं। आनंद अंतर मे स्थित। दूख तो बाहर से आता है, और आनंद आपके भीतर से आता है।*
*अगर आनंद चाहिए तो अपने भीतर डूबकी लगाईये।*
56 views17:15
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2021-05-16 06:45:00 भाव बिना नहिं भक्ति जग,भक्ति बिना नहीं भाव।
भक्ति भाव इक रूप है , दोऊ एक सुभाव।। 

~कबीरदास
238 views03:45
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2021-05-15 17:41:22 कबीर साहिब का एक शब्द है.---

मो को कहां ढूंढे रे बन्दे, मैं तो तेरे पास में
न तीरथ में न मूरत में, न एकान्त निवास में।
न मन्दिर में न मस्जिद में, न काशी कैलास में।
न मैं जप में न मैं तप में, न मैं बरत उपास में।
न मैं किरया कर्म में रहता, नहीं योग संन्यास में।
खोजी होय तुरत मिल जाऊँ, एक पल की तलास में।
कहे कबीर सुनो भाई साधो, मैं तो हूं विश्वास में।


इस शब्द को अगर ध्यान से पढ़ा जाए तो पता लगेगा कि किसी खो गई वस्तु की तलाश हमारे अन्दर एक 'मैं' पैदा हो जाने के कारण शुरू हो जाती है. मन में अनेक प्रकार की कामनाएं उठती हैं और हम उनकी पूर्ति के लिये ऊपर लिखे मानसिक इष्ट बना कर तलाश करते रहते हैं. इस सिलसिले में लिखा है कि न मैं तीरथ में हूँ, न मूरत में, न एकांत निवास में, न मन्दिर-मस्जिद में, न काशी-कैलाश में, न जप-तप में, न व्रत-उपवास में, न क्रिया-कर्म में और न योग में, न संन्यास में रहता हूँ. आखिर में लिखते हैं कि अगर कोई खोजी हो, ढूंढने वाला हो तो पल भर में अपनी इच्छित वस्तु को ढूंढ सकता है जो कि हमारे अपने ही विश्वास में है !!!
320 views14:41
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2021-05-15 09:05:13 कोरोना वायरस से नहीं प्रभु परमेश्वर से डरो क्योंकि जीवन और मृत्यू पर्मेश्वर के हाथ में है

जब तक परमेश्वर पिता आप को जिंदा रखना चाहते हैं तब तक मौत भी आपको मार नहीं सकती

प्रभु परमेश्वर पर विश्वास रखो जिसने आपको बनाया है वही आपका रक्षक हैं

*God bless you and your family members*
352 views06:05
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2021-05-13 11:34:34 *किसी ने पूछा कि......*
*सत्संग ओर मंदिर में*
*क्या फर्क है ।*

*बहुत ही सुंदर जवाब मिला ।*

*मंदिर में जाने से इच्छाओं*
*की पूर्ती होती है.......*

*.......और.......*

*सत्संग जाने से इच्छाओं*
*का नाश होता है ।*
136 views08:34
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2021-05-12 05:50:01 *'तुलसी’ काया खेत है, मनसा भयौ किसान।*
*पाप-पुन्य दोउ बीज हैं, बुवै सो लुनै निदान॥*


~ तुलसीदास
300 views02:50
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