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अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)

टेलीग्राम चैनल का लोगो adhyatmgyan — अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)
टेलीग्राम चैनल का लोगो adhyatmgyan — अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)
चैनल का पता: @adhyatmgyan
श्रेणियाँ: धर्म
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 1.47K
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नवीनतम संदेश 43

2021-05-02 13:18:56
306 views10:18
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2021-05-02 10:33:35
324 views07:33
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2021-05-01 07:14:03 धरती करते एक पग, करते समुद्रा फाल
हाथों पर्वत तौलते, ते भी खाये काल।


अर्थ :
बामन ने एक कदम में जगत को माप लिया। हनुमान ने एक छलांग में समुद्र को पार कर लिया।
कृष्ण ने एक हाथ पर पहाड़ को तौल लिया लेकिन मृत्यु उन सबोंको भी खा गया।
202 views04:14
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2021-05-01 07:06:36 गुरु जहाज हम पाबना,गुरु मुख पारि पराय
गुरु जहाज जाने बिना, रोबै घट खराय।


अर्थ :
कबीर कहते है की मैंने गुरु रुपी जहाज को प्राप्त कर लिया है। जिसे यह जहाज मिल गया है वह
निश्चय इस भव सागर को पार कर जायेगा। जिसे यह गुरु रुपी जहाज नहीं मिला वह किनारे खड़ा रोता रहेगा।
गुरु के बिना मोक्ष संभव नहीं है।
200 views04:06
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2021-04-29 18:34:10 बस एक मिनट के लिए रुकें और इसके बारे में सोचें !!

हजारों आत्माओं ने स्वर्ग को प्रस्थान किया और संख्या प्रति घंटे बढ़ती जा रही है। उन सभी की आत्माएं शांति से रहें। तथास्तु।

मेरे लिए व्यक्तिगत रूप से, यह सिर्फ एक अनुस्मारक है कि हम सभी एक किराए की जगह में रह रहे हैं और एक बार हमारा आरक्षण समाप्त होने (दूसरी तारीख और अज्ञात समय) में जगह को अलग करने की आवश्यकता है।
अच्छे कर्मों ने हम सभी को मानव जन्म के रूप में एक अवसर दिया, हम इसे बड़ा कर सकते हैं या इसे बर्बाद कर सकते हैं। समय सीमित है और हर सेकंड महत्वपूर्ण है।
हम सभी को अपने सच्चे स्व का एहसास हो सकता है - "बिना प्यार और बिना शर्त माफी के साथ एक SOUL"। हम अपने सच्चे स्व से दूर जा रहे हैं लेकिन वापस आने की जरूरत है।
केवल एक चीज जो हमारे साथ जाती है और हम वापस ले जाएंगे वह हमारा "कर्मिक खाता" है। इसमें, ब्रह्मांड हमें पूरी तरह से स्वतंत्रता देता है और इसे कबाड़ या गहना (नकारात्मक या सकारात्मक कर्मों के रूप में, भौतिकवादी चीजों से नहीं) भरने के लिए देता है।
हमें अपने भाग्य पर नियंत्रण नहीं है, लेकिन हमारे पास हमारे कर्म खाते को भरने और हमारे भाग्य को प्रभावित करने का विकल्प है।
सुप्रभात और सचेत चुनाव करें
54 views15:34
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2021-04-29 14:00:56
189 views11:00
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2021-04-29 07:06:06 *रास्ते मे धर्मस्थल दिखे औऱ आप*
*प्रार्थना ना करो तो चलेगा पर*

*रास्ते मे एम्बुलेंस मिले तब*
*प्रार्थना जरूर करना क्या पता*

*शायद कोई जिंदगी*
*आपकी दुआओं से बच जाये*
223 views04:06
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2021-04-29 07:05:35 *जिस दिन आपके हिस्से की रोटी*
*किसी और का पेट भरे*

*समझ लेना कि आपको*
*ईश्वर मिल गया है....!*
222 views04:05
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2021-04-28 20:02:27 *सुई, छोटी सी चीज है। उसमें धागा पिरोये बिना,*
*उसे अकेली कहीं भी रखो, उसके खो जाने की*
*पूरी संभावना बनी रहती है । परंतु यदि सुई में*
*धागा पिरो दिया जाए, तो उस धागे की पकड़*
*में रहने के कारण , अब सुई के खोने की संभावना*
*बहुत कम हो जाती है , अर्थात नहीं खोती।*

*इसी प्रकार से जो व्यक्ति बिना किसी वैदिक*
*विद्वान चरित्रवान गुरु के अकेला रहता है ,*
*अपने गुरु जी से मार्गदर्शन नहीं लेता ,*
*उसके जीवन में भटकने की पूरी संभावना रहती है,*
*बल्कि भटक ही जाता है। जो व्यक्ति अपने गुरु*
*जी के मार्गदर्शन में चलता है,*
*कठिनाइयों के समय पर, उनकी सलाह सम्मति*
*का पालन करता है , वह कभी भी जीवन में*
*भटकता नहीं है । और वह उसी तरह से सुरक्षित*
*रहता है , जैसे किसी धागे में सुई रहती है, और*
*कहीं खो नहीं जाती। तो* *अपने जीवन को*
*सुरक्षित और सफल बनाने के लिए यह आवश्यक है,*
*कि किसी योग्य वेदों के विद्वान चरित्रवान गुरुजी*
*को अपना मार्गदर्शक बनाएं।*
62 views17:02
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2021-04-28 07:28:43 *जीवन*
*की किसी न किसी घड़ी में*
*आपको एहसास होगा*

*क्या करेंगे नाम का ओढेंगे, बिछाएंगे?*
*क्या करेंगे प्रतिष्ठा का, सम्मान का ?*
*कोई भी तो उपयोग नहीं है।*

*हाँ एक बात निश्चित है...*

*कि इन सब से घिर कर*
*आप पर परमात्मा का सूरज न चमकेगा;*

*आपकी रातें अंधेरी हो जाएंगी।*
*आप सूखे रेगिस्तान हो जायेंगे।*

*फिर परमात्मा के मेघ आपके ऊपर न घिरेंगे*
*आप वंचित हो जाएंगे...*
*इस भरे—पूरे जगत में।*

*महत्वाकांक्षा ने प्राण ले लिए हैं।*
*और जब तक महत्वाकांक्षा न गिर जाए,*
*आप धार्मिक नहीं हो सकते।*
209 views04:28
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