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अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)

टेलीग्राम चैनल का लोगो adhyatmgyan — अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)
टेलीग्राम चैनल का लोगो adhyatmgyan — अध्यात्म(ब्रह्मज्ञान)
चैनल का पता: @adhyatmgyan
श्रेणियाँ: धर्म
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 1.47K
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नवीनतम संदेश 37

2021-07-10 07:01:28
57 views04:01
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2021-07-05 06:39:12 *प्रभु की प्रार्थना के लिए*

आँसू एक सहज और सरल प्रार्थना है..
पर इसे हर कोई नही कर सकता..
259 views03:39
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2021-07-04 09:02:10 अर्जुन, जो बहुत अधिक खाते हैं या बहुत कम खाते हैं, जो बहुत अधिक सोते हैं या बहुत कम सोते हैं, वे ध्यान में सफल नहीं होंगे।
376 views06:02
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2021-06-30 08:23:45 *चक्की में दो पाटे होते हैं। उनमें यदि एक स्थिर रहकर, दूसरा घूमता रहे तोअनाज पिस जाता है और आटा बाहर आ जाता है। यदि दोनों पाटे एक साथ घूमते रहेंगे तो अनाज नहीं पिसेगा और परिश्रम व्यर्थ होगा।*

*इसी प्रकार मनुष्य में भी दो पाटे हैं - एक मन और दूसरा शरीर। उसमें मन स्थिर पाटा है और शरीर घूमने वाला पाटा है। अपने मन को भगवान के प्रति स्थिर किया जाए और शरीर से गृहस्थी के कार्य किए जाएं।*
224 views05:23
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2021-06-30 08:23:20 *सत्संग से वैराग्य,*
*वैराग्य से विवेक,*
*विवेक से स्थिर तत्त्वज्ञान*
*और तत्त्वज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती है...।।*
223 views05:23
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2021-06-30 08:22:06 *वैद मरे रोगी मरे, मरे सकल संसार*
*एक कबीरा ना मरे जा के राम आधार*
226 views05:22
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2021-06-27 09:41:18 ज्ञान के सच्चे लक्षण क्या हैं?

1. गैर-छेड़छाड़ और अहंकार रहित होना

2. अहिंसक होना, क्षमा करना, सहनशीलता और धैर्य रखना

3. वचन, शरीर और हृदय की पवित्रता

4. स्थिर-मन और इंद्रियों पर नियंत्रण

5. लोगों और वस्तुओं के प्रति कम लगाव

- भगवद गीता, अध्याय 13
265 views06:41
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2021-06-27 07:20:46
285 views04:20
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2021-06-22 05:12:26 *मन ही मन भगवान से क्या बातें करें क्या मांगे*

*1.हे मेरे स्वामी.मेरी इच्छा कभी पूर्ण न हो सदैव आपकी ही इच्छा पूर्ण हो.क्योंकि मेरे लिए क्या सही है ये मुझसे बेहतर आप जानते हैं*.

*2.हे नाथ!मेरे मन,कर्म और वचन से कभी किसी को भी थोड़ा सा भी दुःख न पहुँचे यह कृपा बनाये रखे*.

*3.हे नाथ!मैं कभी न पाप करूँ, न होता देखूं सुनू और न ही कभी किसी के पाप का बखान करूँ*.

*4.हे नाथ!शरीर के सभी इन्द्रियों से आठो पहर केवल आपके प्रेम भरी लीला का ही आस्वादन करता रहूँ.*

*5.हे नाथ!प्रतिकूल से प्रतिकूल परिस्थिति में भी आपके मंगलमय विधान देख सदैव प्रसन्न रहूँ*.

*6.हे नाथ!अपने ऊपर महान से महान विपत्ति आने पर भी दूसरों को सदैव सुख ही दिया करू.*

*7.हे नाथ! अगर कभी किसी कारणवश मेरे वजह से किसी को दुःख पहुँचे तो उसी समय उससे हाथ जोड़कर क्षमा माँग लू*.

*8.हे नाथ!आठो पहर रोम रोम से केवल आपके नाम का ही जप होता रहे.*

*9.हे नाथ मेरे आचरण प्रभुवाणी के अनुकूल हो.*

*10.हे नाथ!हर एक परिस्थिति में मुझे आपके ही दर्शन हो।*
292 views02:12
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2021-06-21 06:23:13 *मिटाने से मिटते नहीं*
*ये "भाग्य के" लेख...*

*कर्म "अच्छे" तू करता चल*
*फिर ईश्वर की महिमा देख॥*
350 views03:23
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