2022-06-19 15:45:11
पत्नियां भी हो सकती हैं प्रेमिकाएं
::::::::पत्नियां भी हो सकती हैं प्रेमिकाएं, बशर्ते पति भी प्रेमी बन सके, जैसे सीता की चाह रखने वाले को राम होना पड़ता है, वैसे ही प्रेमिका की चाह रखने वाले को,प्रेमी होना पड़ता है,
क्योंकि पति का तो अर्थ ही है स्वामी,मालिक ,तो यदि एक मालिक है तो दूसरा तो उसका दास हुआ न,और मालिक दया कर सकता है दास पर, सहानुभूति कर सकता है ,पर प्रेम?
प्रेम नही कर सकता
और वैसे भी पतियों को कब स्वीकार होता है पत्नियों का प्रेमिकाएं बन जाना,क्योंकि प्रेमिकाएं,
उन्मुक्त होती हैं, आज़ाद होती हैं, वो दुनियाँ के थोपे गये रवाजो से नही,प्रेम से बंधी होती हैं,
उनकी यही उन्मुक्तता, तुमको उनके क़रीब लाती है,
तुम डरते हो पुरूष,
प्रेमिका को खोने से
पर क्या तुम स्वीकार कर पाओगे,
पत्नी का यूँ उन्मुक्त और स्वछंद हो जाना,
नही कभी नही,
और इसीलिए ,प्रेमिका के पत्नी बनते ही,
लाद दिये जाते हैं उस पर ढेर सारे रीति रिवाज ,
बदल दिए जाते हैं उसके पहनने ओढ़ने ,
उठने बैठने तक के ढंग,
जो परिवर्तन समय के साथ स्वभाविक है,
उसे थोपा जाता है
पत्नियों को आदेशित और निर्देशित किया जाता है ,
ताकि तुम बन सको,
उसके मालिक,उसके पति,उसके स्वामी,
ताकि तुष्टि पा सके,
तुम्हारा कुंठित पौरुष
कभी सोचा है तुमने,
वो बेअक्ल ,बेशऊर ,बेतरतीब ढंग वाली ,
वो तुम्हारी पत्नी, किसी की प्रेमिका भी हो सकती है?
क्योंकि वो पुरूष उसका प्रेमी बनता है उसका मालिक नही,
वो तुम्हारी पत्नी तुम्हारी प्रेमिका भी हो सकती थी,पर नही हुई,तो सोचो...... आख़िर क्यों?
किसी को प्रेम करने के लिये,किसी का प्रेम पाने के लिये
प्रेम से भी ज्यादा ज़रूरी है,उसका सम्मान करना,
तो सच बताओ पुरूष, क्या तुम वो सम्मान,
अपनी पत्नियों को दे पाते हो;
जो तुम अपनी प्रेमिका को देते हो?
क्या तुम अपनी पत्नी की मर्ज़ी के लिये ;
अपना दिल इतना बड़ा कर पाते हो;
जितना प्रेमिका के लिए कर लेते हो?
सच बताओ पुरूष, क्या तुम पति बन के प्रेमी बन पाते हो?
नही कदापि नही,और इसीलिए तुम प्रेमिका और पत्नी;
दोनों को अलग अलग रखते हो,
जबकि औरत ,पति और प्रेमी,
दोनों को एकाकार कर,
ख़ुद को सम्पूर्ण करती है:::::::
─❀⊰╯ join @hindi_manch @anand_bhav
╨──────────────────━❥
212 views12:45