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हिंदी मंच - सकारात्मक भाव

टेलीग्राम चैनल का लोगो hindi_manch — हिंदी मंच - सकारात्मक भाव
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श्रेणियाँ: शिक्षा
भाषा: हिंदी
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अगर आप रोजमर्रा की भागम भाग ज़िन्दगी से परेशान हो और आसान उपाय की खोज में हो,
तो हम आपकी दिमाग की थकान का एकदम सटीक इलाज करेंगे,
जी हां हमारे पोस्ट आपको कभी थकान महसूस नहीं होने देंगे, और जीवन में सफल होने के लिए कारगर साबित होंगे।

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नवीनतम संदेश 8

2022-06-08 20:13:39 मेहन्दी

मेहंदी लगी है पिया तेरे नाम
जानूँ तुम्हें ढूँढ कर दिखाओ तो ज़रा अपना नाम

तेरे मेरे मिलन का है ये प्रतीक
रस्मों में सज रही है हमारी प्रीत

मेहन्दी की रस्म भी है बड़ी प्यारी
सजे हाथों में सपनों से मिल रही है हर कन्या कुँआरी

चारों तरफ़ मची है रौनक़ की धूम
हर कोई अपनी मस्ती में नाच रहा है खूब

मेहन्दी लगे हाथों को देख मम्मी पापा हो रहे हैं भाव विह्वल
बेटी की विदाई आँखों को कर रही है सजल

रात भर हाथों को रखा सम्भाल
देखो तो ज़रा हिना का रंग है कितना सुर्ख़ लाल

आँखों में बसे रहते थे हम कितने दूर
मेहन्दी दे रही है हक पास रहने का मेरे हुज़ूर

मेहन्दी हमारी संस्कृति की है सुन्दर धरोहर
पति पत्नी के रिश्ते की इक खूबसूरत मोहर

हर बेटी मेहन्दी की रस्म को जिये मन भर
ईश्वर ख़ुशियों से भरे उसकी झोली जीवन भर

स्वरचित
अभिलाषा कक्कड़

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242 views17:13
ओपन / कमेंट
2022-06-08 06:38:43
""खत""
गुमनाम प्रियतम के नाम
....
मेरे अपने तक पहुंचा दे कोई
पल छिन महकती लम्हों की खुशबू
खिले खिले से रहते हैं गाल गुलाब से
ओठों पर जुम्बिश सी आरजू, हर सू

पहली किरण से मिली तपिश
और कजली कंवल पर ठहरी ओस सा
मन बंधा है हर आहट पर
बदरिया की आस लिए,नैनों में बूंद सा

चुनर पर लिख दिये है अरमान
मिलन की गहरी स्याही
छप गई है क्यारियों का रूप लिए
कंचुकी डोर पर लटकन
पुकारे पी का नाम मोतियों की लड़ी

मेंहदीले हाथों की रंगीन चूड़ियां
करती इशारे दिन है बहारों के
पाजेब छेड़ लेती है सुर
रोम रोम जलतरंग सा मुकुलित

सेज पर सिमटी बाँवरी
लेती है करवटें और हर सिलवट में
सिमट जाती है पियाजु की लिखी पातियाँ
प्रेम बैन से लिपटी मधुर यादें
रतजगी बेचैन साँसें
और उचाट उनींदी ये नींद

अनहद पैगाम से कि.....
"मैं लौट आऊंगा किसी दिन"
इक रोज यूँ सा
धड़कनों में धीर बंधा जाना

!!आखिरी खत लिखे से पहले !!


दीप
Deepa M Khetawat
जोधपुर, राजस्थान से
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280 views03:38
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2022-06-07 10:22:27 बेवक़ूफ़ :

एक गृहणी

वो रोज़ाना की तरह आज फिर इश्वर का नाम लेकर उठी थी ।

किचन में आई और चूल्हे पर चाय का पानी चढ़ाया।

फिर बच्चों को नींद से जगाया ताकि वे स्कूल के लिए तैयार हो सकें ।

कुछ ही पलों मे वो अपने सास ससुर को चाय देकर आयी फिर बच्चों का नाश्ता तैयार किया और इस बीच उसने बच्चों को ड्रेस भी पहनाई।

फिर बच्चों को नाश्ता कराया।

पति के लिए दोपहर का टिफीन बनाना भी जरूरी था।

इस बीच स्कूल का रिक्शा आ गया और वो बच्चों को रिक्शा तक छोड़ने चली गई ।

वापस आकर पति का टिफीन बनाया और फिर मेज़ से जूठे बर्तन इकठ्ठा किये ।

इस बीच पतिदेव की आवाज़ आई की मेरे कपङे निकाल दो ।

उनको ऑफिस जाने लिए कपङे निकाल कर दिए।

अभी पति के लिए उनकी पसंद का नाश्ता तैयार करके टेबिल पर लगाया ही था की छोटी ननद आई और ये कहकर ये कहकर गई की भाभी आज मुझे भी कॉलेज जल्दी जाना, मेरा भी नाश्ता लगा देना।

तभी देवर की भी आवाज़ आई की भाभी नाश्ता तैयार हो गया क्या?

अभी लीजिये नाश्ता तैयार है।

पति और देवर ने नाश्ता किया और अखबार पढ़कर अपने अपने ऑफिस के लिए निकल चले ।

उसने मेज़ से खाली बर्तन समेटे और सास ससुर के लिए उनका परहेज़ का नाश्ता तैयार करने लगी ।

दोनों को नाश्ता कराने के बाद फिर बर्तन इकट्ठे किये और उनको भी किचिन में लाकर धोने लगी ।

इस बीच सफाई वाली भी आ गयी ।

उसने बर्तन का काम सफाई वाली को सौंप कर खुद बेड की चादरें वगेरा इकट्ठा करने पहुँच गयी और फिर सफाई वाली के साथ मिलकर सफाई में जुट गयी ।

अब तक 11 बज चुके थे, अभी वो पूरी तरह काम समेट भी ना पायी थी की काल बेल बजी ।

दरवाज़ा खोला तो सामने बड़ी ननद और उसके पति व बच्चे सामने खड़े थे ।

उसने ख़ुशी ख़ुशी सभी को आदर के साथ घर में बुलाया और उनसे बाते करते करते उनके आने से हुई ख़ुशी का इज़हार करती रही ।

ननद की फ़रमाईश के मुताबिक़ नाश्ता तैयार करने के बाद अभी वो नन्द के पास बेठी ही थी की सास की आवाज़ आई की बहु खाने का क्या प्रोग्राम हे ।

उसने घडी पर नज़र डाली तो 12 बज रहे थे ।

उसकी फ़िक्र बढ़ गयी वो जल्दी से फ्रिज की तरफ लपकी और सब्ज़ी निकाली और फिर से दोपहर के खाने की तैयारी में जुट गयी ।

खाना बनाते बनाते अब दोपहर का दो बज चुके थे ।

बच्चे स्कूल से आने वाले थे, लो बच्चे आ गये ।

उसने जल्दी जल्दी बच्चों की ड्रेस उतारी और उनका मुंह हाथ धुलवाकर उनको खाना खिलाया ।

इस बीच छोटी नन्द भी कॉलेज से आगयी और देवर भी आ चुके थे ।

उसने सभी के लिए मेज़ पर खाना लगाया और खुद रोटी बनाने में लग गयी ।

खाना खाकर सब लोग फ्री हुवे तो उसने मेज़ से फिर बर्तन जमा करने शुरू करदिये ।

इस वक़्त तीन बज रहे थे ।

अब उसको खुदको भी भूख का एहसास होने लगा था ।

उसने हॉट पॉट देखा तो उसमे कोई रोटी नहीं बची थी ।

उसने फिर से किचिन की और रुख किया तभी पतिदेव घर में दाखिल होते हुये बोले की आज देर होगयी भूख बहुत लगी हे जल्दी से खाना लगादो ।

उसने जल्दी जल्दी पति के लिए खाना बनाया और मेज़ पर खाना लगा कर पति को किचिन से गर्म रोटी बनाकर ला ला कर देने लगी ।

अब तक चार बज चुके थे ।

अभी वो खाना खिला ही रही थी की पतिदेव ने कहा की आजाओ तुमभी खालो ।

उसने हैरत से पति की तरफ देखा तो उसे ख्याल आया की आज मैंने सुबह से कुछ खाया ही नहीं ।

इस ख्याल के आते ही वो पति के साथ खाना खाने बैठ गयी ।

अभी पहला निवाला उसने मुंह में डाला ही था की आँख से आंसू निकल आये

पति देव ने उसके आंसू देखे तो फ़ौरन पूछा की तुम क्यों रो रही हो ।

वो खामोश रही और सोचने लगी की इन्हें कैसे बताऊँ की ससुराल में कितनी मेहनत के बाद ये रोटी का निवाला नसीब होता हे और लोग इसे मुफ़्त की रोटी कहते हैं ।

पति के बार बार पूछने पर उसने सिर्फ इतना कहा की कुछ नहीं बस ऐसे ही आंसू आगये ।

पति मुस्कुराये और बोले कि तुम औरते भी बड़ी "बेवक़ूफ़" होती हो, बिना वजह रोना शुरू करदेती हो।

आप इसे शेयर नहीं करेंगे, अगर आपको भी लगता है कि गृहणी मुफ़्त की रोटियां तोड़ती है ।

सभी गृहणियों को सादर समर्पित..
307 views07:22
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2022-06-07 05:19:40
जलते जेठ का महीना चुरा लिया है।
धूप ने जिस्म से पसीना चुरा लिया है।।

रख के पत्थर को अपने सिर पे उसने-
छाती के भीतर से सीना चुरा लिया है।

धूल धूसर हो गये हैं लिबास भी उसके-
और थकन ने खाना-पीना चुरा लिया है।

फिर भी यूँ मुस्कुरा कर के जीती है वो-
कि उसने इल्म-ए-जीना चुरा लिया है।

लिख के ग़ज़लों में,क़ैद कर तस्वीरों में-
‘शेखर’ सबने सामान-ए-दीना चुरा लिया है।

*दीना-सजावट

#Shekhar_शेखर(स्वरचित)

#lovesoulandsoil

पिक-सोशल मीडिया

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282 views02:19
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2022-06-07 04:53:40 ▼‌╋ ᷝ ᷟ-‌ ‌- ◆ ‌❮ ‌꯭ ꪮ᥆᥆ᦔ ꪑ᥆ꪚꪀꪱꪀꪮ ‌ ‌❯‌ ‌•‌• (‌ ‌)‌▼‌
262 views01:53
ओपन / कमेंट
2022-06-06 19:57:08
Life Changing
Tips.


चम्मच जिस बर्तन में रहता है उसी को खाली कर देता है इसलिए चमचों से सावधान रहे।


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292 viewsedited  16:57
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2022-06-06 05:43:01
कौन क्या कर रहा है, कैसे कर रहा है, क्यों कर रहा है, इन सबसे आप जितना दूर रहेंगे, उतना ही खुश रहेंगे..


Good morning to all


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315 views02:43
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2022-06-05 19:59:47
Don't forget the lifestyle you have promised to
yourself.


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317 views16:59
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2022-06-05 04:01:33
बात विश्वास की हे...
सो दो सो के ताले के भरोसे हम लाखा रूपये का सामान रकते ही हे ना...!



Good morning to all


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