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नवीनतम संदेश 33

2021-08-14 13:00:05 वस्तुनिष्ठ प्रश्न : टॉप 5 [ #Top_5_Details ]
UGC NET हिंदी
व्याकरण एवं उनसे जुड़े तथ्य

36. दुर्भिक्ष शब्द का अर्थ क्या होता है?
(A) व्यक्तिगत संकट पड़ने पर
(B) अकाल पड़ने पर
(C) देश पर आपदा आने पर
(D) शत्रुओं के आने पर

Explanation : दुर्भिक्ष (Durbhiksha) शब्द का अर्थ है– 'ऐसा समय जिसमें भिक्षा या भोजन बहुत कठिनता से मिले'। 'बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलना' वाक्यांश के लिए सही शब्द 'दुर्भिक्ष' है। दुर्भिक्ष संज्ञा पुं. [सं.] ऐसा समय जिसमें भिक्षा या भोजन कठिनता से मिले। ऐसी हालात अकाल के समय होती है। यह मनुष्य के साथ पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है।

37. बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलना के लिए एक शब्द क्या है?
(A) दुश्पाच्य
(B) दुर्निवार
(C) दुर्भिक्ष
(D) दुर्भेद्य

Explanation : 'बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलना' वाक्यांश के लिए सही शब्द 'दुर्भिक्ष' है। दुर्भिक्ष संज्ञा पुं. [सं.] ऐसा समय जिसमें भिक्षा या भोजन कठिनता से मिले। ऐसी हालात अकाल के समय होती है। यह मनुष्य के साथ पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है।

38. दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए सार्थक शब्द को क्या कहते हैं?
(A) संधि
(B) समास
(C) अव्यय
(D) छंद

Explanation : दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए सार्थक शब्द को समास कहते हैं। वस्तुतः यह संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है; जैसे-'दया का सागर' का संक्षिप्त अथवा सामासिक रूप ‘दयासागर' है। अन्य विकल्पों में, संधि - दो वर्गों के संयोग से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। अव्यय- अव्यय शब्द, उन शब्दों को कहा जाता है, जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। छंद-जिस काव्य रचना में मात्राओं और वर्णों की विशेष व्यवस्था और गति की योजना रहती है, उसे छंद कहते हैं।

39. जितेन्द्रिय में कौन सा समास है?
(A) द्वन्द्व समास
(B) बहुव्रीहि समास
(C) तत्पुरुष समास
(D) द्विगु समास

Explanation : 'जितेन्द्रिय' में बहुव्रीहि समास है। 'जितेन्द्रिय' का सामासिक विग्रह है-जीत लिया है इन्द्रियों को जिसने वह अर्थात् संयमी पुरुष। यहाँ समस्त पद के माध्यम से किसी तीसरे अर्थ (संयमी पुरुष) का बोध हो रहा है, अत: यह बहुव्रीहि समास का उदाहरण है।

40. अध्यवसायी का अंग्रेजी पर्याय क्या है?
(A) Apprise
(B) Appraise
(C) Assiduous
(D) इनमें से कोई नहीं

Explanation : 'अध्यवसायी' का अंग्रेजी पर्याय रूप 'Assiduous' है। अन्य विकल्पों में दिए गए शब्दों के हिंदी अर्थ भिन्न हैं Apprise मतलब सूचना देना होता है और Appraise मतलब मूल्यांकन।
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958 viewsedited  10:00
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2021-08-14 08:54:50 हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 163
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
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1. "चातक सुवाति की बूँद का प्यासा होता है।" इस वाक्य में काले मोटे लिखे शब्द के लिए सही वर्तनी का चयन कीजिए?

सवाति
सुवाति
स्वाति
स्वाती

2. 'राकेश' का सही संधि विच्छेद बताइये?

राके + श
राक + ईश
राका + इश
राका + ईश

3. ‘स्टेशन’ किस भाषा का शब्द है?

फ़्रेन्च
अंग्रेज़ी
डच
चीनी

4. अपभ्रंश का वाल्मीकि किसे कहा जाता है?

पुष्पदंत
धनपाल
शालिभद्र सूरि
स्वयंभू

5. "जो क़ानून के अनुकूल न हो।" इस वाक्य के लिए सही विकल्प चुनिए?

अवैध
जघन्य
अवध्य
आवेग
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उत्तर : C D B D A
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अपने मित्रों के साथ अवश्य साझा करें।
908 viewsedited  05:54
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2021-08-14 05:57:32 कुछ नए और उपयोगी तथ्य जो गाइडों में नहीं मिलेंगे।
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सभी प्रतियोगियों के लिए महत्वपूर्ण

प्रयोगवाद
साम्यवाद व मार्क्सवाद दृष्टि से ओतप्रोत साहित्य धारा प्रगतिवाद के पश्चात हिंदी साहित्य में प्रयोगवाद का उदय हुआ ।
छायावादोत्तर काल की वह काव्य धारा जिसमें काव्य के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग किए गए प्रयोगवाद के नाम से जानी जाती है ।
सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय को प्रयोगवाद का प्रवर्तक माना जाता है ।
अज्ञेय के संपादन में 1943 ईस्वी में प्रकाशित तार सप्तक से प्रयोगवाद का आरंभ माना जाता है ।
अज्ञेय के संपादन में कुल चार तार सप्तक प्रकाशित हुए, जिनमें अज्ञेय ने सात-सात कवियों की रचनाएं संकलित की ।
तार सप्तक की मूल योजना प्रभाकर माचवे व नेमीचंद जैन की थी ।
इन दोनों ने अपनी योजना को अज्ञेय के सामने रखा ,जिसे उन्होंने क्रियान्वित किया ।
हिंदी कविता में प्रयोगों के आरंभ कर्ता निराला माने जाते हैं।
निराला की कविताओं को प्रयोगों का एल्बम कहा जाता है।
निराला ने छंद ,प्रतीक, उपमान आदि सभी क्षेत्रों में प्रयोग किए ।
निराला ने अपनी प्रथम कविता जूही की कली में कविता को छन्दों के बंधन से मुक्त किया।
कुकुरमुत्ता कविता में इन्होंने कुकुरमुत्ता गुलाब जैसे नये प्रतीक प्रयुक्त की किए ।
राहों के अन्वेषक तार सप्तक कवि संबोधन ।
प्रयोगवाद का नामकरण कर्ता आचार्य नंददुलारे वाजपेयी को माना जाता है ,जिन्होंने प्रयोगवादी रचनाऐं शीर्षक निबंध लिखा।
तार सप्तक की भूमिका में अज्ञेय नें लिखा है ,सातों कवि एक स्कूल के नहीं हैं,राहीं नहीं राहों के अन्वेषी हैं।
दूसरा सप्तक की भूमिका में अज्ञेय ने लिखा हमें प्रयोगवादी कहना उतना ही सार्थक या निरर्थक है ,जितना की हमें कविता वादी कहना ।
अज्ञेय के अनुसार प्रयोग अपने आप में ईस्ट नहीं है ,वह साधन है ।
अज्ञेय के संपादन में कुल 4तार सप्तक प्रकाशित हुए :-
प्रथम सप्तक 1943ईस्वी
दूसरा सप्तक 1951 ईस्वी
तीसरा सप्तक 1959 ईस्वी
चौथा सप्तक 1979 ईस्वी
प्रयोगवादी आंदोलन के प्रचार-प्रसार हेतु अज्ञेय ने 1946 ईस्वी में "प्रतीक "का प्रकाशन किया ।
प्रयोगवाद के विकसित रूप को 'नई कविता 'के नाम से जाना जाता है ।
प्रयोगवाद ने दूसरे सप्तक के प्रकाशन के बाद नई कविता का रूप धारण कर लिया ।
डॉ रामविलास शर्मा और नामवर सिंह ने नई कविता को प्रयोगवाद का छद्म रूप कहां ।
नई कविता के नामकरण का श्रेय अज्ञेय को जाता है ।
उन्होंने 1952 में आकाशवाणी पटना से प्रसारित एक रेडियो वार्ता में नई कविता नाम का प्रयोग किया ।
1954 में इलाहाबाद से जगदीशगुप्त व रामस्वरूप चतुर्वेदी के संपादन मे नई कविता पत्रिका का प्रकाशन आरंभ हुआ।
डॉ बच्चन सिंह ने नई कविता को प्रगतिवादी व प्रयोगवाद दो अति वादी छोरो को मिलाने वाली कविता कहा ।
नई कविता का आरंभ और नामकरण अंग्रेजी के न्यू पोएट्री काव्य आंदोलन की तर्ज पर हुआ।
, लघु मानव की प्रतिष्ठा नई कविता की महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं।
लघु मानव से तात्पर्य साधन हीन ,उपेक्षित साधारण व्यक्ति से हैं।
नई कविता का रूप स्पष्ट करने के लिए निम्न आलोचनात्मक कृतियों का प्रकाशन हुआ :-
नई कविता के प्रतिमान-- लेखक डॉक्टर लक्ष्मीकांत वर्मा
कविता के नए प्रतिमान --लेखक डॉक्टर नामवर सिंह
नई कविता का आत्म संघर्ष --लेखक गजानन माधव मुक्तिबोध
नई कविता सीमाएं और संभावनाए --गिरिजाकुमार माथुर
नई कविता के बहाने लघु मानव पर --विजयदेव नारायण साही ।
नया प्रतीक ,नये पत्ते ,क,ख,ग,प्रतिमान आदि पत्र-पत्रिकाओं ने नई कविता को प्रोत्साहन प्रदान किया ।
नई कविता के कवियों ने रस सिद्धांत को चुनौती देकर रस के स्थान पर द्धन्द्ध, तनाव एवं बेचैनी को काव्य की आत्मा माना ।
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842 views02:57
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2021-08-14 04:30:05
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788 views01:30
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2021-08-13 13:30:03 वस्तुनिष्ठ प्रश्न : टॉप 5 आज के लिए [Part 3 -1]
UGC NET हिंदी साहित्य एवं उनसे जुड़े तथ्य

1. डिबिया शब्द में प्रत्यय क्या है?
(A) डिब + इया
(B) डिब्बा + इया
(C) डिबि + या
(D) डि + बिया

Explanation : 'डिबिया' शब्द में प्रत्यय 'इया' है। प्रत्यय किसी भी सार्थक मूल शब्द के पश्चात् जोड़े जाने वाले वे अविकारी शब्दांश हैं, जो शब्द के अंत में जुड़कर उसके अर्थ में या भाव में परिवर्तन कर देते हैं। ‘डिब्बा' मूल शब्द में ‘इया' प्रत्यय लगाने से डिबिया शब्द का निर्माण होता है। 'इया' हिंदी का कृत प्रत्यय है।

2. काली मिर्च में कौन सा समास है?
(A) बहुव्रीहि समास
(B) कर्मधारय समास
(C) तत्पुरुष समास
(D) अव्ययीभाव समास

Explanation : काली मिर्च शब्द में कर्मधारय समास है। कालीमिर्च का समास विग्रह होगा 'काली है जो मिर्च'। यहां 'काली' विशेषण तथा 'मिर्च' विशेष्य शब्द है, इसलिए यह विशेषण-विशेष्य ‘कर्मधारय समास' का उदाहरण है।

3. पंक्ति शब्द का तद्भव शब्द क्या होगा?
(A) पांच
(B) पांत
(C) पाद
(D) पर्ण

Explanation : पंक्ति शब्द का तद्भव शब्द 'पांत' होगा। 'पंक्ति' तत्सम शब्द है। इसका तद्भव शब्द रूप 'पाँत' है। 'पंक्ति' का अर्थ है-शृंखला अथवा श्रेणी।

4. ‘श्वेत’ और ‘स्वेद’ का अर्थ क्या है?
(A) स्वक्ष और पसीना
(B) सफेद और पसीना
(C) सफेद और रक्त
(D) चाँदनी और सफेद

Explanation : 'श्वेत' शब्द का अर्थ है– 'सफेद' और ‘स्वेद' शब्द का अर्थ है– 'पसीना'। 'श्वेत-स्वेद' समोच्चारित भिन्नार्थक शब्द हैं, जिनका उच्चारण समान तथा अर्थ भिन्न है।

5. संधि के कितने प्रकार होते हैं?
(A) l
(B) 2
(C) 3
(D) 4

Explanation : संधि के तीन प्रकार होते हैं। जब दो-या-दो से अधिक वर्षों के मूल से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे संधि कहते हैं। संधि मुख्यत: तीन प्रकार की होती है–
1. स्वर संधि – स्वर के साथ स्वर के मेल से उत्पन्न विकार को स्वर संधि कहते हैं।
2. व्यंजन संधि – व्यंजन के साथ व्यंजन या स्वर के मेल से उत्पन्न विकार को व्यंजन संधि कहते हैं।
3. विसर्ग संधि – विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मूल से उत्पन्न विकार को विसर्ग संधि कहते हैं।
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2021-08-13 12:16:02 हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 162
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
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1. "उसका कथन अतिशयोक्ति मात्र था।" इस वाक्य में काले मोटे लिखे शब्द के लिए सही वर्तनी का चयन कीजिए?

अतिशयुक्ति
अतीश्योक्ति
अतीश्योक्ती
अतिशयोक्ति

2. 'तेजोमय' का सही संधि विच्छेद क्या होगा?

तेज + ओमय
तेज: + अमय
तेज: + मय
तेजो + मय

3. ‘पाप-पुण्य’ में कौन-सा समास है?

द्वन्द्व
द्विगु
तत्पुरुष
कर्मधारय

4. हिन्दी भाषा में ‘वचन’ कितने प्रकार के हैं?

3
2
4
5

5. "जिसका इन्द्रियों से अनुमान न हो सके।" इस वाक्य के लिए सही विकल्प चुनिए?

जितेन्द्रिय
अतीन्द्रिय
कालजयी
सर्वजयी
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उत्तर : D C A B B
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अपने मित्रों के साथ अवश्य साझा करें।
462 views09:16
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2021-08-13 05:35:35 स्त्रीलिंग प्रत्यय (Striling Pratyay)
पुल्लिंग शब्द को स्त्रीलिंग बनाने के लिए कुछ प्रत्ययों को शब्द में जोड़ा जाता है जिन्हें स्त्रीलिंग प्रत्यय कहते हैं ।

उदाहरण :
ई = बड़ा - बड़ी , भला - भली
इनी = योगी - योगिनी , कमल - कमलिनी
इन = धोबी - धोबिन , तेली - तेलिन
नी = मोर - मोरनी , चोर - चोरनी
आनी = जेठ - जेठानी , देवर - देवरानी
आइन = ठाकुर - ठकुराइन , पंडित - पंडिताइन
इया = बेटा - बिटिया , लोटा - लुटिया

कुछ शब्द अर्थ की द्रष्टि से समान होते हुए भी लिंग की द्रष्टि से भिन्न होते हैं । उनका उचित प्रयोग करना चाहिए ।

उदाहरण :
पुल्लिंग - स्त्रीलिंग
कवि - कवयित्री
विद्वान - विदुषी
नेता - नेत्री
महान - महती
साधु - साध्वी
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2021-08-13 05:35:35 पुल्लिंग (Pulling)
जिन शब्दों से पुरुष जाति का बोध होता है उन्हें पुल्लिंग शब्द कहते हैं ।
जैसे : पिता, भाई, शिव, हनुमान, लड़का, बैल ।
स्त्रीलिंग (Striling)
जिन शब्दों से स्त्री जाति का बोध होता है उन्हें स्त्रीलिंग शब्द कहते हैं ।
जैसे : माता, बहन, यमुना, गंगा, बुआ, लड़की, लक्ष्मी, गाय ।
770 views02:35
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2021-08-13 05:35:35 Ling (लिंग)
संज्ञा के जिस रूप से किसी व्यक्ति या वस्तु की पुरुष अथवा स्त्री जाति का बोध होता हैं उसे लिंग कहते हैं ।
उदाहरण : माता, पिता, यमुना, शेर, शेरनी |

लिंग के भेद
लिंग के मुख्य रूप से तीन भेद होते हैं :
(१) पुल्लिंग (Masculine Gender)
(२) स्त्रीलिंग (Feminine Gender)
(३) नपुंसक लिंग (Neuter Gender)
677 views02:35
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2021-08-13 05:35:35 ❒Topic ► (लिंग)
565 views02:35
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