2022-05-11 08:51:16
8 जून 2022 - माता धूमावती जयंती
माता धूमावती
धूम का अर्थ है ध्वनि
अ का अर्थ है ब्रह्मा विष्णु महेश की शक्ति
वती का अर्थ प्रकृति से है ।
वह ध्वनि जिससे इस प्रकृति का निर्माण हुआ है वह माता धूमावती हैं इसीलिए उनमें निर्माण एवं विनाश दोनों की शक्ति समाहित है । पूर्ण प्रकृति , समस्त तत्व, समस्त कोष , वायु सब आधीन हैं माता के इस स्वरूप में । माता की साधना में अनेक भ्रांतियां हैं कि माता की साधना करने वाला साधक जीवित नही रहता विपदा में रहता है लेकिन ऐसा कुछ भी नही है माता अपने साधक पर जितना प्रेम वर्षा करती हैं उतना कोई भी नही करेगा।
माता की साधना करने वाले साधक में यदि वाणी एवं मैथुन पर नियंत्रण नही है तो वह अनेक लोगों को अहित अवश्य कर देगा क्योंकि आपके द्वारा बोले गए शब्द एक एक सब के सब पूरे होंगे और ऐसा इसलिए क्योंकि माता आपके वचन को पूर्ण करेंगी आप का बोला हुआ उचित है या अनुचित उससे कोई मतलब नही है ।
माता की साधना लालच से करने वाला व्यक्ति भी प्राप्त सब कुछ करेगा लेकिन माता के दर्शन नही पायेगा । क्योंकि माता का वाहन अमर है इसलिए माता का साधक हमेशा अमर रहता है और उस संजीवनी एयं अमरता की विद्या को प्राप्त करता है जो माता द्वारा प्रकृति की संरचना में गुप्त रखी गयी है।
माता का साधक मृत्यु देने में अति तीक्ष्ण होता है सृष्टि माता एवं महाकाल द्वारा ही निर्मित है इसलिए माता के साधक द्वारा किया गया एक भी प्रयोग खाली नही जाता है। अधिकतर माता के साधक एकांत में चले जाते हैं और नाना प्रकार के भोग करते हैं शुरू में अकेले साधना करते हुए अन्य यक्षिणी आदि की प्राप्ति करके उनके साथ नर नारी पूर्ण समूह बना के साधना करके माता के दर्शन को प्राप्त करते हैं।
इस जयंती पर माता का अनुष्ठान होगा जिसमे आश्रम निर्माण हेतु भूमि पूजन किया जायेगा तथा साधकों हेतु आंशिक माता धूमावती तंत्र का निर्माण किया जायेगा वह साधक जो माता के ही प्रति समर्पित रहना चाहते हैं वह ही इसे धारण करें अन्यथा नही लाभ की इच्छा से धारण करने हेतु इस तंत्र को धारण ना करें.
आंशिक माता धूमावती तंत्र जयंती के अवसर पर ३ बनायेंगे जायेंगे और उन्ही साधकों हेतु है जो कम से कम २ वर्ष से संस्था से जुड़े हुए हैं नए साधकों हेतु नही है. वह साधक सीधे मुझसे संपर्क कर सकते हैं
श्रीम
सेवक माता धूमावती
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दिनांक १४ मई २०२२ को माता छिन्नमस्ता की जयंती है इस दिन माता के साधक द्वारा माता छिन्नमस्ता का अनुष्ठान होगा और उनका दिव्य तंत्र का निर्माण होगा.
इन दोनों महाविद्या के तंत्र से क्या प्राप्ति होगी यह दोनों ही गुप्त है अतः प्रश्न न करें.
2.5K viewsDewanshu, 05:51