2022-01-12 08:38:10
राजमाता जिजाऊ : जन्मदिन 12 जनवरी
(12.1.1598-17.6.1674)
राजमाता जिजाऊ का जन्म जिला बुलढाणा (महाराष्ट्र) के सिंदखेड नामक गांव में हुआ था। इनके पिता यादव कुल से संबंधित थे। उनका विवाह मा.मालोजी के पुत्र शाहजी भोंसले से हुआ जो कि मराठा यानी कुर्मी बिरादरी से थे। शाहजी भोंसले बीजापुर सुल्तान आदिलशाही की सेना में एक सरदार की हैसियत से नौकरी करते थे। शिवाजी के जन्म के बाद शहाजी भोसले को सुल्तान ने पुणे भेज दिया जिससे शिवाजी के पालन-पोषण की जिम्मेदारी पूर्णतया माता जीजाबाई पर आ गई।
राजमाता जिजाऊ के विषय में इतिहास में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं मिलती। फिर भी जिस तरह से एक कलाकार की पहचान उसकी कलाकृति से होती है। एक रचनाकार की पहचान उसकी रचना से होती है। उस तरह से माता जिजाऊ की पहचान हमें छत्रपति शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व से करनी होगी जिसका निर्माण राजमाता जिजाऊ ने किया था।
शिवाजी महाराज के विषय में जातिवादी इतिहासकारों ने झूठा प्रचार किया कि-
1.माता जीजाबाई रामायण और महाभारत की कहानियां सुनाया करती थी।
खंडन-यदि हम रामायण और महाभारत का अध्ययन करें तो पाएंगे कि इसमें कोई भी प्रेरक बात नहीं है। राजमाता जिजाऊ, शिवाजी को ऐसी शिक्षाप्रद बातें बताती थी जिससे शिवाजी के अंदर वीरता, साहस और चरित्र का निर्माण एवं विकास हुआ।
2.शिवाजी के शिक्षक कोणदेव और स्वामी रामदास थे।
खंडन-शिवाजी के प्रथम गुरु तो माता जीजाबाई ही थी। बड़े होने पर उन्होंने संत तुकाराम जी को अपना गुरु माना जो कुर्मी जाति के थे। उनके उपदेशों का सार इस प्रकार है-
*मांत्रिक लोग काली के ढोंगी होते हैं।
*दुखी व्यक्ति का कष्ट दूर करने वाला साधु होता है, बाल बढ़ाकर गेरुआ धारण करने वाला नहीं।
*गुफाओं में बैठकर किसी का उद्धार नहीं होता।
*शरीर पर राख पोतने से मुक्ति नहीं मिलती।
*तीर्थ स्थलों पर ईश्वर नहीं होते।
*यदि आपने चोटी और जनेऊ से संबंध तोड़ लिया तो आपकी कोई हानि नहीं होगी।
*वर्ण का अभिमान करने से कोई पावन नहीं होता।
शिवाजी के राज्याभिषेक के 4 साल बाद 1678 में स्वामी रामदास, शिवाजी के दरबार में आए और भारी मात्रा में दान-दक्षिणा की माँग की। शिवाजी महाराज ने कहा,"यह राज्य हमने रैयत के लिए स्थापित किया है। आप जैसे भीखमंगो के लिए नहीं।"
3.शिवाजी गो-ब्राह्मण प्रतिपालक थे।
खंडन-शिवाजी महाराज यदि गो-ब्राह्मण प्रतिपालक थे तो ब्राह्मण मोरोपंत पिंगले (जो कि शिवाजी के द्वारा बनाये गये अष्ट-मंडल का प्रधान था) ने भरे दरबार में शिवाजी का राज्यभिषेक का विरोध क्यों किया? शिवाजी महाराज अफजल खान से मिलने गए तो एक ब्राह्मण कृष्णाजी भास्कर कुलकर्णी ने उन पर जानलेवा हमला क्यों किया?
4.शिवाजी महाराज ने हिंदू साम्राज्य की स्थापना की थी।
खंडन-यदि शिवाजी महाराज ने हिंदू साम्राज्य की स्थापना की थी तो हिंदू राजा जयसिंह ने औरंगजेब की तरफ से शिवाजी महाराज को बंदी क्यों बनवाया।
हिंदू धर्म द्वारा बार-बार अपमानित किए जाने पर शिवाजी महाराज ने बाद में शाक्त धर्म स्वीकार कर लिया था जो कि जाति-पाति के बारे में अधिक उदार था। यदि शिवाजी महाराज ने हिंदू साम्राज्य की स्थापना की थी तो वे शाक्त क्यों हो गए?
5.शिवाजी मुस्लिम विरोधी थे।
खंडन-यदि वे मुस्लिम विरोधी होते तो उनकी सेना में 35% मुसलमान न होते। यहाँ तक कि उनका सबसे नजदीकी सैनिक भी मुसलमान था।
इस प्रकार हम देखते हैं कि शिवाजी महाराज का ब्राह्मणीकरण किया गया।
ब्राह्मणीकरण क्या है?
किसी भी महापुरुष को ब्राह्मणवादी दायरे में बैठाकर, उसका व्यक्तित्व घटाकर उसे अपने रंग में रंगकर, अपनी भाषा में बोलने वाला अपना प्रवक्ता बनाना ही उस महापुरुष का ब्राह्मणीकरण है।
माता ही बच्चे की पहली शिक्षिका होती है। माता के अंदर जो भी संस्कार होगा वही संस्कार हर बच्चे के अंदर भी डालेगी। राजमाता जिजाऊ ने जिस प्रकार शिवाजी महाराज के व्यक्तित्व का निर्माण किया, उसी प्रकार हर माता अपने बच्चे के व्यक्तित्व का निर्माण करे। राजमाता जिजाऊ के व्यक्तित्व से यह सीख हम अवश्य ग्रहण करें।
संदर्भ-
मूलनिवासी टाइम्स हिंदी पाक्षिक (1-15.2.2015)
https://m.facebook.com/story.php?story_fbid=1785827365041250&id=1703045756652745
24 viewsBahujan Update Official, 05:38