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स्वयं निर्माण योजना

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नवीनतम संदेश 14

2022-05-27 09:49:38 बहु की सास के प्रति प्रेम और करुणा
*********

बेटा-बहु अपने कमरे में बैठकर बातें कर रहे थे। दरवाजा खुला होने के कारण उनकी आवाजें बाहर बरामदे में बैठी माँ को भी सुनाई दे रहीं थीं।

बेटा अपनी पत्नी से बोल रहा था- अपने job के कारण हमलोग माँ का ध्यान नहीं रख पाएँगे, उनकी देखभाल कौन करेगा ? क्यूँ ना, उन्हें वृद्धाश्रम में दाखिल करा दिया जाय वहाँ उनकी देखभाल भी होगी और हम भी कभी कभी उनसे मिलते रहेंगे। "

बेटे की बात पर बहु ने जो कहा, उसे सुनकर माँ की आँखों में आँसू आ गए।

बहु ने कहा- पैसे कमाने के लिए तो हमारी पूरी जिंदगी पड़ी है जी, लेकिन माँ का आशीष जितना भी मिले, उतना ही कम है। उनके लिए पैसों से ज्यादा हमारा संग-साथ जरूरी है।

मैं अगर job ना करूँ तो कोई बहुत अधिक नुकसान नहीं होगा। मैं माँ के साथ ही रहूँगी। घर पर tution पढ़ाऊँगी, सिलाई कढ़ाई का काम करूंगी, इससे माँ की देखभाल भी कर पाऊँगी।

याद करो, तुम्हारे बचपन में ही तुम्हारे पिता तुम्हे छोड़ कर इस दुनिया से चल बसे थे। घरेलू काम धाम करके तुम्हारी माँ ने तुम्हारा पालन पोषण किया, तुम्हें पढ़ाया लिखाया, काबिल बनाया।

तब उन्होंने कभी भी तुम्हे पड़ोसन के पास तक नहीं छोड़ा, क्योंकि वे जानती थी कि तुम्हारी देखभाल कोई दूसरा अच्छी तरह से नहीं कर सकेगा।

और तुम आज ऐंसा बोल रहे हो। तुम कुछ भी कहो, लेकिन माँ हमारे ही पास रहेंगी, हमेशा,जीवन भर।

बहु की उपरोक्त बातें सुन, माँ रोने लगती है और रोती हुई ही पूजा घर में जाती है।
https://chat.whatsapp.com/DrQCQIYhzJFBjM1KI0lU9G
ईश्वर के सामने खड़े होकर माँ उनका आभार प्रकट करती है और उनसे कहती है-" भगवान, तुमने मुझे बेटी नहीं दी, इस वजह से मैंने तुम्हे कितनी ही बार भला बुरा कहा था। लेकिन ऐसी लक्ष्मी जैसी बहु देने के लिए मैं तुम्हारा आभार प्रकट करने में भी असमर्थ हूं। मुझे क्षमा करना भगवान अज्ञानवश मैने तुम्हे कई बार भला बुरा कहा।
ऐसी बहु पाकर, मेरा तो जीवन सफल हो गया, भगवान।
147 viewsRajendra Maheshwari, 06:49
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2022-05-27 09:49:25

134 viewsRajendra Maheshwari, 06:49
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2022-05-27 03:40:17 *अपने दृष्टिकोण को परिमार्जित करें...*
~ ऋषि चिंतन
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https://chat.whatsapp.com/BEEbPd5cBCq25QeDUuOxMh
197 viewsRajendra Maheshwari, edited  00:40
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2022-05-27 03:40:09 https://youtube.com/shorts/PVijVdVBJOM?feature=share
190 viewsRajendra Maheshwari, 00:40
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2022-05-26 17:11:01 https://youtube.com/shorts/mfREPZu_jg0?feature=share
247 viewsRajendra Maheshwari, 14:11
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2022-05-26 17:10:28 *ईश्वर कोई व्यक्ति नहीं, नियम है...*
(टाओ उपनिषद)
~ओशो
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https://chat.whatsapp.com/EPJKsweBIkTG98e81HwRnz
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237 viewsRajendra Maheshwari, edited  14:10
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2022-05-26 13:13:37 https://youtube.com/shorts/KkbD1oyzLis?feature=share
245 viewsRajendra Maheshwari, 10:13
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2022-05-26 13:13:35 *5 DRY FRUIT FOR HEALTH AND HEART...*
~ डॉ बिमल छाजेड़
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https://chat.whatsapp.com/G5dKfmHrExiEm9XckwqtnC
225 viewsRajendra Maheshwari, edited  10:13
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2022-05-26 10:00:32 रामायण कथा का एक अंश, जिससे हमे सीख मिलती है "एहसास" की.

श्री राम, लक्ष्मण एवम् सीता' मैया चित्रकूट पर्वत की ओर जा रहे थे,
राह बहुत पथरीली और कंटीली थी !
की यकायक श्री राम के चरणों मे कांटा चुभ गया !

श्रीराम रूष्ट या क्रोधित नहीं हुए, बल्कि हाथ जोड़कर धरती माता से अनुरोध करने लगे !
बोले- "माँ, मेरी एक विनम्र प्रार्थना है आपसे, क्या आप स्वीकार करेंगी ?"

धरती बोली- "प्रभु प्रार्थना नहीं, आज्ञा दीजिए !"

प्रभु बोले, "माँ, मेरी बस यही विनती है कि जब भरत मेरी खोज मे इस पथ से गुज़रे, तो आप नरम हो जाना !
कुछ पल के लिए अपने आँचल के ये पत्थर और कांटे छुपा लेना !
मुझे कांटा चुभा सो चुभा, पर मेरे भरत के पाँव मे आघात मत करना"

श्री राम को यूँ व्यग्र देखकर धरा दंग रह गई !
पूछा- "भगवन, धृष्टता क्षमा हो ! पर क्या भरत आपसे अधिक सुकुमार है ?
जब आप इतनी सहजता से सब सहन कर गए, तो क्या कुमार भरत सहन नही कर पाँएगें ?
फिर उनको लेकर आपके चित मे ऐसी व्याकुलता क्यों ?"

श्री राम बोले- "नही...नही माते, आप मेरे कहने का अभिप्राय नही समझीं ! भरत को यदि कांटा चुभा, तो वह उसके पाँव को नही, उसके हृदय को विदीर्ण कर देगा !"

"हृदय विदीर्ण !! ऐसा क्यों प्रभु ?",
धरती माँ जिज्ञासा भरे स्वर में बोलीं !

"अपनी पीड़ा से नहीं माँ, बल्कि यह सोचकर कि...इसी कंटीली राह से मेरे भैया राम गुज़रे होंगे और ये शूल उनके पगों मे भी चुभे होंगे !
मैया, मेरा भरत कल्पना मे भी मेरी पीड़ा सहन नहीं कर सकता, इसलिए उसकी उपस्थिति मे आप कमल पंखुड़ियों सी कोमल बन जाना..!!"

अर्थात
रिश्ते अंदरूनी एहसास, आत्मीय अनुभूति के दम पर ही टिकते हैं ।
जहाँ गहरी आत्मीयता नही, वो रिश्ता शायद नही परंतु दिखावा हो सकता है ।
https://chat.whatsapp.com/KlyrKuPo61f5MmauGerymo
इसीलिए कहा गया है कि...
रिश्ते खून से नहीं, परिवार से नही,
मित्रता से नही, व्यवहार से नही,
बल्कि...
सिर्फ और सिर्फ आत्मीय "एहसास" से ही बनते और निर्वहन किए जाते हैं ।
जहाँ एहसास ही नहीं,
आत्मीयता ही नहीं ..
वहाँ अपनापन कहाँ से आएगा ?
275 viewsRajendra Maheshwari, 07:00
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2022-05-26 09:50:49 https://youtube.com/shorts/HChBzfTk6tM?feature=share
258 viewsRajendra Maheshwari, 06:50
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