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2021-10-10 18:13:47 *24 घंटे में कभी भी यह प्रयोग करें...*
~ओशो
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184 viewsRajendra Maheshwari, edited  15:13
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2021-10-10 15:18:25 *इस दवा की पहली खुराक से ही आराम मिलना शुरू...*
~स्वर्गीय श्री राजीव दीक्षित
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281 viewsRajendra Maheshwari, edited  12:18
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2021-10-10 10:20:38 *विश्वास...*

एक डाकू था जो साधु के भेष में रहता था। वह लूट का धन गरीबों में बाँटता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का जुलूस उस डाकू के ठिकाने से गुज़र रहा था। सभी व्यापारियों को डाकू ने घेर लिया। डाकू की नज़रों से बचाकर एक व्यापारी रुपयों की थैली लेकर नज़दीकी तंबू में घुस गया। वहाँ उसने एक साधु को माला जपते देखा। व्यापारी ने वह थैली उस साधु को संभालने के लिए दे दी। साधु ने कहा कि तुम निश्चिन्त हो जाओ।

डाकुओं के जाने के बाद व्यापारी अपनी थैली लेने वापस तंबू में आया। उसके आश्चर्य का पार न था। वह साधु तो डाकुओं की टोली का सरदार था। लूट के रुपयों को वह दूसरे डाकुओं को बाँट रहा था। व्यापारी वहाँ से निराश होकर वापस जाने लगा मगर उस साधु ने व्यापारी को देख लिया। उसने कहा- "रूको, तुमने जो रूपयों की थैली रखी थी वह ज्यों की त्यों ही है।"

अपने रुपयों को सलामत देखकर व्यापारी खुश हो गया। डाकू का आभार मानकर वह बाहर निकल गया। उसके जाने के बाद वहाँ बैठे अन्य डाकुओं ने सरदार से पूछा कि हाथ में आये धन को इस प्रकार क्यों जाने दिया। सरदार ने कहा- "व्यापारी मुझे भगवान का भक्त जानकर भरोसे के साथ थैली दे गया था। उसी कर्तव्यभाव से मैंने उन्हें थैली वापस दे दी।"
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*शिक्षा:-*
किसी के विश्वास को तोड़ने से सच्चाई और ईमानदारी हमेशा के लिए शक के घेरे में आ जाती है। इसलिए कभी किसी का विश्वास ना तोड़ें...
364 viewsRajendra Maheshwari, 07:20
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2021-10-10 09:06:44
340 viewsRajendra Maheshwari, 06:06
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2021-10-10 08:52:15 सभी पुरुष एक जैसे नहीं होते हैं...
350 viewsRajendra Maheshwari, edited  05:52
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2021-10-10 06:46:36 *औषधियों में विराजमान नवदुर्गा*

एक मत यह कहता है कि ब्रह्माजी के दुर्गा कवच में वर्णित नवदुर्गा नौ विशिष्ट औषधियों में विराजमान हैं।

(1) प्रथम शैलपुत्री (हरड़) : कई प्रकार के रोगों में काम आने वाली औषधि हरड़ हिमावती है जो देवी शैलपुत्री का ही एक रूप है। यह आयुर्वेद की प्रधान औषधि है। यह पथया, हरीतिका, अमृता, हेमवती, कायस्थ, चेतकी और श्रेयसी सात प्रकार की होती है।

(2) ब्रह्मचारिणी (ब्राह्मी) : ब्राह्मी आयु व याददाश्त बढ़ाकर, रक्तविकारों को दूर कर स्वर को मधुर बनाती है। इसलिए इसे सरस्वती भी कहा जाता है।

(3) चंद्रघंटा (चंदुसूर) : यह एक ऎसा पौधा है जो धनिए के समान है। यह औषधि मोटापा दूर करने में लाभप्रद है इसलिए इसे चर्महंती भी कहते हैं।

(4) कूष्मांडा (पेठा) : इस औषधि से पेठा मिठाई बनती है। इसलिए इस रूप को पेठा कहते हैं। इसे कुम्हड़ा भी कहते हैं जो रक्त विकार दूर कर पेट को साफ करने में सहायक है। मानसिक रोगों में यह अमृत समान है।

(5) स्कंदमाता (अलसी) : देवी स्कंदमाता औषधि के रूप में अलसी में विद्यमान हैं। यह वात, पित्त व कफ रोगों की नाशक औषधि है।

(6) कात्यायनी (मोइया) : देवी कात्यायनी को आयुर्वेद में कई नामों से जाना जाता है जैसे अम्बा, अम्बालिका व अम्बिका। इसके अलावा इन्हें मोइया भी कहते हैं। यह औषधि कफ, पित्त व गले के रोगों का नाश करती है।

(7) कालरात्रि (नागदौन) : यह देवी नागदौन औषधि के रूप में जानी जाती हैं। यह सभी प्रकार के रोगों में लाभकारी और मन एवं मस्तिष्क के विकारों को दूर करने वाली औषधि है।

(8) महागौरी (तुलसी) : तुलसी सात प्रकार की होती है सफेद तुलसी, काली तुलसी, मरूता, दवना, कुढेरक, अर्जक और षटपत्र। ये रक्त को साफ कर ह्वदय रोगों का नाश करती है।

(9) सिद्धिदात्री (शतावरी) : दुर्गा का नौवां रूप सिद्धिदात्री है जिसे नारायणी शतावरी कहते हैं। यह बल, बुद्धि एवं विवेक के लिए उपयोगी है।

*इस नवरात्रि आपसब को समृद्धि एवं आरोग्य की शुभकामनाओं सहित*
393 viewsRajendra Maheshwari, 03:46
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2021-10-10 06:34:46
साफ सफाई राखणी तबीयत खुश रहे आपणी...
362 viewsRajendra Maheshwari, edited  03:34
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2021-10-10 04:31:04
अनजान कलाकार
411 viewsRajendra Maheshwari, edited  01:31
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2021-10-10 04:26:08 *निराश विद्यार्थियों के लिए गायत्री मंत्र एक औषधि...*
~ऋषि चिंतन
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*रामदास*
(विद्यार्थी जीवन पर आधारित शिक्षाप्रद उपन्यास)
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400 viewsRajendra Maheshwari, edited  01:26
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2021-10-09 03:29:54 *मन से भय की भावनाएं निकाल फेंकिये...*
~ ऋषि चिंतन
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533 viewsRajendra Maheshwari, edited  00:29
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