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हिन्दी साहित्य / Hindi Literature

टेलीग्राम चैनल का लोगो hindi_sahitya — हिन्दी साहित्य / Hindi Literature
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नवीनतम संदेश 5

2021-06-26 06:35:38 हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 129
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
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1. ‘गति’ का समानार्थी शब्द बताइये?

कर्म मार्ग चाल क्रिया

2. ‘सविता’ का पर्यायवाची क्या होगा?

सूर्य नदी स्त्री पत्नी

3. ‘अन्तर-पट खुलना’ इस मुहावरे का सही अर्थ क्या होगा?

प्रेम करना ज्ञान प्राप्त होना
भेद खुलना स्वागत करना

4. “किसी साहित्यिक कृति की समालोचना करने वाला”, इस वाक्य के लिए उचित शब्द का चयन कीजिए?

प्रेक्षक समीक्षक
उपेक्षक परीक्षक

5. जायसी किस धारा के कवि थे?

ज्ञानमार्गी काव्य धारा
प्रेमाख्यानक काव्य धारा
नाथपन्थी काव्य धारा
रासक काव्य धारा
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उत्तर : C A B B B
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2021-06-26 06:32:04 हिंदी व्याकरण - मुहावरे 02

कान भरना- किसी के ख़िलाफ़ किसी के मन में कोई बात बैठाना।

कूच करना- जाना; प्रस्थान करना; चले जाना।

ख़ून पसीना एक करना- कड़ी मेहनत करना।

घोड़े बेचकर सोना- हर ज़िम्मेदारी से मुक्त हो जाना; बिल्कुल निश्चिंत हो जाना; किसी प्रकार की चिन्ता न करना।

घी के दिये जलाना- अत्यधिक प्रसन्न होना; खुशियाँ मनाना; प्रसन्नता ज़ाहिर करना।

चार चाँद लगाना- किसी सुन्दर वस्तु को और सुन्दर बनाना; किसी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाना; किसी को ज़्यादा मान-सम्मान देना।

चैन की सांस लेना- काम निपटाकर निश्चिन्त होना; कार्य पूर्ण होने पर शान्ति महसूस करना।

चोली-दामन का साथ होना- गहरी मित्रता होना; अत्यधिक घनिष्ठता होना; बहुत मधुर सम्बन्ध होना।

चिकना घड़ा होना- बेशर्म होना; किसी बात का प्रभाव न पड़ना; अपमान होने पर भी अपमानित महसूस न करना; किसी की लिहाज़ न करना।

चुल्लू भर पानी में डूबना- लज्जित होना; अपमानित होना।

छक्के छुड़ाना- बुरी तरह हराना; अपने से बलवान पर विजय प्राप्त करना।

छाती पर मूँग दलना- पास रहकर कष्ट देना।

जान में जान आना- मुसीबत से निकलने पर निश्चिंत होना।

जले/ घाव पर नमक छिड़कना- दुःखी को और अधिक दुःखी करना; किसी का काम खराब होने पर हंसी उड़ाना।

दाहिना हाथ होना- बहुत बड़ा सहायक होना।

दाँत खट्टे करना- प्रतिद्वंद्विता या लड़ाई में पछाड़ना।

दुम हिलाना- दीनतापूर्वक प्रसन्नता प्रकट करना।

नील का टीका लगाना- कलंक लगाना, कलंकित करना।

सिर ओखली में देना- व्यर्थ ही जान-बूझकर जोख़िम में पड़ना।

टोपी पहनाना- बेवकूफ़ बनाना; झाँसा देना।

हवा में गाँठ लगाना- बड़े-बड़े दावे करना; असम्भव कार्य को करने का दम भरना।

हाथ-खड़े कर देना- असमर्थता जताना; वक्त पर मदद से इन्कार करना।

हाथ धोना- गँवा देना।

हाथ पाँव मारना- प्रयास करना।

पानी देना- सींचना, तर्पण करना।

पानी में रहकर मगरमच्छ से बैर- पास में रहकर ख़तरनाक व्यक्ति से दुश्मनी रखना।

पासा पलटना- अच्छा से बुरा या बुरा से अच्छा भाग्य होना; भाग्य का अनुकूल से प्रतिकूल या प्रतिकूल से अनुकूल होना।

पीठ दिखाना- कायरता दिखाना, भाग जाना, विमुख होना।

पैर पसारना- फैलाना, आराम से लेटना।

टोपी उछालना- अपमानित करना।

ठगा-सा रह जाना- बहुत छोटा महसूस करना, अपमानित महसूस करना।
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2021-06-26 06:32:04 हिंदी व्याकरण - मुहावरे 01


मुहावरे

अक्ल का अंधा- मूर्ख व्यक्ति; जिसमें समझ न हो।

अक्ल घास चरने जाना- समझ का अभाव होना।

अक्ल का दुश्मन- मूर्ख व्यक्ति।

अगर-मगर करना- आनाकानी या टालमटोल करना; बहाने बनाना।

अपना उल्लू सीधा करना- अपना मतलब निकालना।

अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना- अपनी प्रशंसा स्वयं करना।

अपने पैरों पर खड़ा होना- स्वावलंबी होना।

आस्तीन का साँप- किसी अपने या निकट व्यक्ति द्वारा धोखा देना, कपटी मित्र।

आसमान से बातें करना- बहुत ऊँचा होना या तेज़ गति वाला।

आँख का तारा- बहुत प्रिय होना।

आँखें खुलना- जागना, वास्तविकता से अवगत होना, भ्रम दूर होना, सचेत होना।

आँखें चार होना- प्रेम होना, आमना-सामना होना।

आँखों में धूल झोंकना- धोखा देना।

अंगार उगलना- अत्यंत क्रुद्ध होकर अपशब्द कहना।

अंधे की लाठी- एकमात्र सहारा।

उखड़ी-उखड़ी बातें करना- अन्यमनस्क होना या उदासीन बातें करना।

उन्नीस-बीस का अंतर होना- बहुत कम अंतर होना।

उल्टी गंगा बहाना- विपरीत चलना।

उड़ती चिड़िया के पर गिनना- रहस्य की बात दूर से जान लेना।

इज़्ज़त ख़ाक में मिलना- परिवारिक प्रतिष्ठा को ठेस पहुँचना।

ईद का चाँद होना- बहुत दिनों बाद दिखाई पड़ना।

ईंट से ईंट बजाना- पूरी तरह से नष्ट करना।

ईंट का जबाब पत्थर से देना- ज़बरदस्त बदला लेना; करारा जवाब देना।

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2021-06-25 14:11:35 हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 128
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
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1. निम्न में से ‘प्रासाद’ का समानार्थी शब्द क्या होगा?

कृपा प्रसाद महल उपर्युक्त सभी

2. ‘गेह’ निम्न में से किसका पर्यायवाची है?

गुफ़ा घर पर्वत सरोवर

3. मुहावरा ‘अंगार उगलना’ का सही अर्थ बताइये?

आग लगाना भयंकर गर्मी
गाली देना कठोर वचन कहना

4. “विशिष्ट अवसर पर विशिष्ट लोगों के समक्ष दिया गया विद्वतापूर्ण भाषण”, इस वाक्य के लिए उचित शब्द का चयन कीजिए?

सम्भाषण अभिभाषण
अपभाषण अनुभाषण

5. ‘मृगनयनी’ उपन्यास के रचनाकार कौन थे?

उपेंद्रनाथ अश्क यशपाल
जैनेंद्र कुमार वृन्दावन लाल वर्मा
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उत्तर : C B D B D
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2021-06-25 14:10:31 इकाई- 5 (हिंदी कविता) प्रकाशन वर्ष


1.अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध –
प्रिय प्रवास (1909-13)

2.मैथिली शरण गुप्त –
भारत भारती (1912)
साकेत – (1931)

3.जयशंकर प्रसाद-
(आँसू – 1925) (कामायनी- 1935)

4.निराला-
जुही की कली (परिमल में प्रकाशित- 1916)
जागो फिर एक बार – (परिमल में प्रकाशित )
सरोज स्मृति – (अनामिका में प्रकाशित – 1936)
कुकुरमुत्ता – (1942)
बाँधो न नाव इस ठाँव बंधु- (अर्चना में प्रकाशित – 1950)

5.सुमित्रानंदन पंत-
(परिवर्तन – पल्लव – 1924)
प्रथम रश्मि – (वीणा – 1919)
द्रुत झरो जगत के जीर्ण पत्र – (युगांत – 1934)

6.महादेवी वर्मा –
(बीन भी हूँ मैं  तुम्हारी रागिनी भी हूँ  – (नीरजा- 1934)
मैं नीर भरी दुःख की बदली- (सांध्यगीत – 1936)
फिर विकल है प्राण मेरे – (सांध्यगीत – 1936)
यह मंदिर का दीप इसे नीरव जलने दो- (दीपशिखा – 1942)

7.रामधारी सिंह दिनकर- (उर्वशी)

8.नागार्जुन  –
(कालिदास- सतरंगे पंखोवाली- 1959)
बादल को घिरते देखा है – (युगधारा – 1939)
अकाल और उसके बाद – (सतरंगे पंखोवाली- 1952)
खुरदरे पैर – (सतरंगे पंखोवाली- 1961)
शासन की बंदूक़- (तुमने कहा था – 1953)
मनुष्य हूँ- (युगधारा – 1953)

9.सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन अज्ञेय-
कलगी बाजरे की- (हरी घास पर क्षण भर- 1949)
यह दीप अकेला- (बावरा अहेरी- 1954)
हरी घास पर क्षण भर- (1949)
असाध्य वीणा- (आँगन के पार द्वार – 1961)
कितनी नावों में कितनी बार- (1967)

10.भवानीप्रसाद मिश्र –
(गीत फरोश – 1949)
सतपुड़ा का जंगल- (1939)

11.मुक्तिबोध-
(भूल ग़लती- चाँद का मुँह टेढ़ा है से उद्धृत है)
ब्रह्मराक्षस – (चाँद का मुँह टेढ़ा है- 1957)
अंधेरे में – (चाँद का मुँह टेढ़ा है में प्रकाशित – 1964 (8 खंड 71 बंध) (आशंका के द्वीप पहला नाम- कल्पना के नवम्बर अंक में प्रकाशित)

12.धूमिल-
(नक्सलबाड़ी – संसद से सड़क तक – 1972)
(मोचीराम – संसद से सड़क तक – 1972)
(अकालदर्शन – संसद से सड़क तक – 1972)
(रोटी और संसद – कल सुनना मुझे- 1977)
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