Get Mystery Box with random crypto!

हिंदी व्याकरण साहित्य | Hindi Grammar Sahitya

टेलीग्राम चैनल का लोगो hindi_grammar_sahitya — हिंदी व्याकरण साहित्य | Hindi Grammar Sahitya
टेलीग्राम चैनल का लोगो hindi_grammar_sahitya — हिंदी व्याकरण साहित्य | Hindi Grammar Sahitya
चैनल का पता: @hindi_grammar_sahitya
श्रेणियाँ: साहित्य
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 257.94K
चैनल से विवरण

Official ©
इस चैनल में आपको हमेशा टॉपिक वाइज हिंदी व्याकरण & साहित्य की क्विज़ और नोट्स मिलेंगे.
☞ हिंदी NCERT सार [ Class 9th - 12th ]
☞ Hand Written Notes 📝
⏰ Quiz Time - 7 PM...✍️
☆☞ @Pratap_Chouhan
YouTube ͡ ͡°☞

Ratings & Reviews

3.00

2 reviews

Reviews can be left only by registered users. All reviews are moderated by admins.

5 stars

1

4 stars

0

3 stars

0

2 stars

0

1 stars

1


नवीनतम संदेश 12

2021-07-31 10:02:29
456 views07:02
ओपन / कमेंट
2021-07-31 08:00:03 हिन्दी भाषा एवं साहित्य
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 149
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
1.
दिवसावसान का समय
मेघमय आसमान से उतर रही है
वह संध्या-सुन्दरी परी सी
धीरे-धीरे-धीरे।

प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

उपमा
रूपक
मानवीकरण
भ्रान्तिमान

2. 'ठीकरा फूटना' इस मुहावरे का सही अर्थ क्या है?

जोर-जोर से हँसना
दु:खी होना
किसी के सर झूठा दोष लगाना
बर्तन तोड़ना

3. कोई भी छंद किसमें विभक्त रहता है?

चरणों में
यति में
उपरोक्त दोनों
इनमें से कोई नहीं

4. ‘अति’ का विपरीतार्थक शब्द क्या है?

न्यून
कम
अल्प
नगण्य

5. निम्नलिखित में से शुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए?

शारीरिक
शारीरीक
शरीरिक
सारीरिक
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
उत्तर : A C C C A
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
अपने मित्रों के साथ अवश्य साझा करें।
572 views05:00
ओपन / कमेंट
2021-07-31 04:02:10 का समाचार पाते ही उसके कुछ साथियों के कलेजे पर साँप लोटने लगे।
33. कलेजे पर पत्थर रखना-जी कड़ा करना, विपत्ति में धीरज रखना।
पति की मृत्यु का समाचार पाकर भी राधा कलेजे पर पत्थर रखकर अपने बच्चे की देखभाल में लगी रही।
34. काँटे बिछाना-बाधा उपस्थित करना।
दूर्जनों का काम ही सदैव सज्जनों के मार्ग में काँटे बिछाना है।
35. कान पर जूँ न रेंगना-बार-बार कहने पर भी कोई असर न होना।
नगर की गन्दगी के बारे में कई बार लिखा गया, पर नगर-पालिका के कर्मचारियों के कान पर जूँ नहीं रेंगतीं।
36. काल के गाल में चले जाना-स्वर्गवास होना।
हमारे देश में आज भी पुष्ट आहार न मिलने से कई बच्चे असमय में ही काल के गाल में चले जाते हैं।
37. खटाई में पड़ना-अनिश्चय की दशा में पड़ना, अधूरा रह जाना।
परीक्षा की लिए पर्याप्त सामग्री न मिलने पर मेरी तैयारी खटाई में पड़ गई।
38. ख्याली पुलाव पकाना-असंभव बातें सोच-सोचकर खुश होना।
बेकारी के कारण रमेश घर में बैठा-बैठा ख्याली पुलाव पकाता रहता है, कर के कुछ नहीं दिखाता।
39. गढें मुर्दे उखाड़ना-बीती हुई बातों को व्यर्थ दुहराना।
बहुत से लोगों को मित्रों के सामने गढ़े मुर्दे उखाड़ने में ही मज़ा आता है।
40. गागर में सागर भरना-थोड़े में बहुत कहना।
बिहारी ने अपने प्रत्येक दोहे के अन्दर गागर में सागर भर दिया है।
41. गुड़ गोबर कर देना-बना-बनाया काम बिगाड़ देना।
शशांक ने तो अपनी बहन की शादी तय कर दी थी, पर उसके सम्बन्धियों ने बीच में पडकर सारा गुड़ गोबर कर दिया।
42. घड़ों पानी पड़ना-अत्यंत लज्जित होना।
कॉलेज की सभा में अध्यक्ष की कलई खुलते ही उसपर घड़ों पानी पड़ गया।
43. घाट-घाट का पानी पीना-विविध प्रकार का अनुभव होना।
शैलेन्द्र अमरीका में बसने से पहले भी घाट-घाट का पानी पी चुका है।
44. घी के दिए जलाना-खुशी मनाना।
लाटरी का रुपया मिलते ही मयंक ने अपने घर में घी के दिए जलाए।
45. घोड़े बेचकर सोना-गहरी नींद में निश्चिन्त सोना।
दरवाज़ा खटकाते-खटकाते मैं तो थक गया, लगता है इस घर के सभी लोग घोड़े बेचकर सो रहे है।
46. घर फूँक तमाशा देखना-मस्ती में सब कुछ नष्ट कर देना।
शराब और जुए में सारी सम्पत्ति चौपट करके घर फूँक तमाशा देखने वाले बाद में बहुत पछताते हैं।
47. चाँदी का जूता मारना-धन के बल पर वश में करना।
आज वो समय है जब चाँदी का जूता मारकर इंस्पैक्टर से काम करा लिया जाता है।
48. चुल्लू भर पानी में डूब मरना-बेहद शर्मिदा होना।
राधा को तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए, क्योंकि उसक परीक्षा में नकल करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
49. चोली-दामन का साथ होना-अधिक घनिष्ठता होना।
भारत रूस का तो चोली-दामन का साथ रहा ही है।
50. छक्के छुड़ाना-(मुठभेड़ में) दुर्दशा करना, हरा देना।
खाड़ी युद्ध में संयुक्त राष्ट्र की सेनाओं ने ईराक की सेना के छक्के छुड़ा दिए।
51. छठी का दूध याद आना-अत्यन्त दुर्गति होना या परेशान होना।
लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के लिए छठी का दूध याद आ जाता है।
52. छप्पड़ फाड़कर देना-अनायास भरपूर प्राप्त होना।
भाग्यशाली व्यक्ति को परमात्मा छप्पड़ फाड़कर देता है।
53. छाती पर साँप लोटना-ईर्ष्या या डाह से अत्यधिक दुःखी होना।
हमारे कॉलेज का परीक्षाफल अस्सी प्रतिशत रहा है, यह खबर सुनते ही नगर के अन्य कॉलेजों के प्राचार्यों की छाती पर साँप लोट गया।
54. जले पर नमक छिड़कना-दुःखी को और कष्ट देना।
परीक्षा में असफल हो जाने से राधा पहले ही दुःखी थी, अब आगे पढ़ाई छोड़ देने की बात कहकर माता-पिता ने जैसे जले पर नमक छिड़क दिया।
55. जान हथेली पर रखना-मृत्यु की चिन्ता न करना।
वीर योद्धा अपनी जान हथेली पर रखकर ही चलते हैं।
56. जी तोड़कर काम करना-परिश्रमपूर्वक कार्य करना।
सभी मज़दूरों ने जी तोड़कर काम किया और भरपूर पैसा कमाया।
57. झंडा गाड़ना-धाक जमाना।
निंरतर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होकर योगेन्द्र ने महाविद्यालय में झंडा गाड़ दिया।
58. टका-सा जवाब देना-साफ़ इन्कार करना।
राजू पूरी आशा से मालिक के पास गया था, पर मालिक ने तो टका-सा जवाब देकर उसे लौटा दिया।
59. डींग मारना-बढ़-बढ़कर बातें करना।
बहुत-से लोग प्रायः अपने बड़प्पन की बड़ी डींग मारा करतें हैं।
60. तलवार की धार पर चलना-जोखिम उठाकर कार्य करना।
युद्ध-नीति की साधना करना तलवार की धार पर चलने से कम नहीं है।
61. तिल का ताड़ बनाना-छोटी-सी बात को बहुत बड़ी बना देना।
मुकद्दमे मे वकील हमेशा तिल का ताड़ बना देते हैं।
62. थाली का बैंगन होना-किसी सिद्धांत का न होना।
आजकल के नेता तो थाली के बैंगन हैं, कभी इस दल में कभी उस दल में।
63. दाँत खट्टे करना-बुरी तरह हरा देना।
भारत की क्रिकेट टीम ने मैच में इंग्लैण्ड की टीम के दाँत खट्टे कर दिए।
64. दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करना-खूब उन्नति करना।
रक्षाबधंन पर बहन ने भाई से कहा कि ईश्वर करे तुम्हारी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की हो।
757 views01:02
ओपन / कमेंट
2021-07-31 04:02:10 मुहावरों के अर्थ और प्रयोग
1. अंकुश रखना-नियंत्रण में रखा।
आज, समर्थ एवं योग्य नेता ही अपनी पार्टी के सदस्यों पर अंकुश रख पाता है।
2. अंगारे उगलना-जली कटी सुनाना।
भरी बस में चाकू दिखाते हुए राकेश की जेब काटकर जेबकतरा जब चला गया तो राकेश ने चुपचाप देखते रहे बस के लोगों पर खूव अंगारे उगले।
3. अंगारों पर चलना-खतरा मोल लेना।
भारत के सभी सैनिक अपने देश की रक्षा के लिए अंगारों पर चलने से भी कभी नहीं घबराते।
4. अंगूठा दिखाना-ऐन मौके पर मना कर देना।
धोखेबाज़ लोग किसी भी तरह का काम पड़ने पर अंगूठा दिखा देते है।
5. अंधे की लाठी-बुढ़ापे का सहारा या एकमात्र सहारा।
प्रत्येक पुत्र को अपने माता-पिता के लिए अंधे की लाठी बनना चािहए।
6. अंधेरे घर का उजाला-इकलौता बेटा या एकमात्र सहारा।
प्रोफेसर साहब के लिए तो अब केवल हिमांशु ही अंधेरे घर का उजाला है।
7. अंधाधुंध लुटाना-बिना सोचे समझे खर्च करना।
आज के युग में अंधाधुंध लुटाना भविष्य के दिवालियेपन का ही सूचक है।
8. अक्ल के घोड़े दौड़ाना-बहुत दूर तक सोचना।
जीवन की प्रत्येक परीक्षा में अक्ल के घोड़े दौड़ने पर ही सफलता हासिल होती है।
9. अक्ल का दुश्मन-मूर्ख या बेवकूफ
अपने ही पाँव पर कुल्हाड़ी मारनेवाले को अक्ल का दुश्मन ही कहा जा सकता है।
10. अपना उल्लू सीधा करना-अपना काम निकालना या स्वार्थ सिद्ध करना।
आज हमारा दुर्भाग्य है कि देश के अधिकांश नेता समाज एवं राष्ट्र की चिनता न कर केवल अपना उल्लू सीधा करने में लगे हैं।
11. अपने पैरों पर कुलहाड़ी मारना-स्वयं अपना नुकसान करना।
नशीले पदार्थों का सेवन करना अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना ही है।
12. अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना-अपनी प्रशंसा आप ही करना।
कर्मठ एवं गंभीर व्यक्तियों को अपने मुँह मियाँ मिटठू बनना शोभा नहीं देता।
13. अपनी खिचड़ी अलग पकाना-सबसे अलग रहना।
संगठन की ताकत तभी कमज़ोर होती है जब कुछ लोग अपनी खिचड़ी अलग पकाने लगते हैं।
14. अपने पैरों पर खड़ा होना-स्वावलंबी होना या आत्मनिर्भर बनना।
आज के इस वैज्ञानिक युग में हमारी पूरी कोशिश होनी चाहिए कि भारत भी अन्य कुद देशों की परह ही अपने पैरों पर पूरी तरह से खड़ा हो सके।
15. आँखे खुल जाना-सच्चाई जानकर सावधान होना।
दिन-रात पढ़ते रहने का बहाना बनाने वाले पुत्र के परीक्षा में फेल होने पर पिता की आँखें खुल गईं।
16. आँखों का तारा होना-अत्यंत प्रिय होना।
होनहार बच्चे सदैव अपने माता-पिता की आँखों के तारे होते हैं।
17. आँखों में धूल झोंकना-धोखा देना या मूर्ख बनाना।
आजकल अधिकांश व्यापारी खाने-पीने की चीज़ों में मिलावअ कर ग्राहकों की आँखों में धूल झोंक रहे हैं।
18. आसमान के तारे तोड़ना-असंभव कार्य को संभव बनाना।
वीर योद्धा आसमान के तारे तोड़ने में सदैव आगे तथा तत्पर रहते हैं।
19. आकाश-पाताल एक कर देना-कोई कसर न रखना या कोई प्रयत्न शेष न रखना।
सुधीर ने अपनी माता जी का इलाज कराने में आकाश-पाताल एक कर दिया।
20. आग में घी डालना-क्रोध को और भड़काना।
आग में घी उालने वालों से दैनिक जीवन में सदैव सावधान रहना चाहिए।
21. आग बबूला होना-अत्यंत क्रोधित (कुपित) होना।
अपने ही समर्थकों द्वारा शत्रु के साथ समझौता करने की सूचना मिलने पर दीपक आग बबूला होने लगा।
22. आटे दाल का भाव मालूम होना-होश ठिकाने आ जाना या वास्तविकता का पता च जाना।
विवाह करने पर रवीन्द्र जब कल्पना-लोक से यथार्थ में आया तो उसे आटे दाल का भाव मालूम हो गया।
23. आस्तीन का साँप होना-ऊपर से मित्र तथा भीतर से शत्रु होना या भीतर घुस कर हानि पहुँचाना।
स्वार्थी लोग आस्तीन के साँप होते हैं अतः उनसे सावधान रहना चाहिए।
24. ईंट का जवाब पत्थर से देना-आक्रमणकारी को मज़ा चखाना।
भारत के सैनिकों ने युद्ध के मैदान में शत्रु को सदैव ईंट का जवाब पत्थर से ही दिया है।
25. ईंट से ईंट बजाना-नष्ट-भ्रष्ट कर देना।
उसे सीधा समझ कर मत छेड़ो, वह बड़ों-बड़ों की ईंट से ईंट बजा सकता है।
26. ईद का चाँद होना-दर्शन दुर्लभ होना।
आजकल परीक्षा के दिन हैं इसीलिए तुम इ्रद के चाँद हो गए हो।
27. उंगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना-थोड़ी सी एील मिलते ही पूरा अधिकार जमाने की चेष्टा करना।
जीवन को मैंने घर में आने-जाने का बढ़ावा क्या दिया, वह उंगली पकड़कर पहुँचा भी पकड़ने की ताक में है।
28. उल्टी गंगा बहाना-परम्परा के विरुद्ध कार्य करना।
आजकल घर-घर में उल्टी गंगा बह रही है। बेटे तो आराम करते हैं और पिता काम करते हैं।
29. उल्लू बनाना-मूर्ख बनाना
लड़कों ने श्याम से मिठाई खाकर उसे खूब उल्लू बनाया।
30. एक और एक ग्यारह होना-संगठन में शक्ति होना।
देखो, हर समय पड़ोसी से बना के रखो, क्योंकि एक और एक ग्यारह होते हैं।
31. कंधे से कंधा मिलाकर चलना-एक-दूसरे का साथ देना।
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दू-मुसलमान कंधे से कंधा मिलाकर चले, तभी तो सफलता मिली।
32. कलेजे पर साँप लोटना-ईर्ष्या से अत्याधिक दुःखी होना।
धर्मेन्द्र के प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने
640 views01:02
ओपन / कमेंट
2021-07-31 04:02:10 समास पर आधारित बहुविकल्पीय परीक्षा उपयोगी प्रश्नो का संग्रह (पार्ट- 1)


1. 'प्रत्यक्ष' शब्द में कौन-सा समास है?
(a) अव्ययीभाव (b) तत्पुरुष c) कर्मधारय (d) द्वन्द्व

2. 'पंकज' में कौन-सा समास है?
(a) द्वन्द्व (b) द्विगु (c) कर्मधारय d) बहुव्रीहि

3. किस समास में पहला पद प्रधान होता है
a) अव्ययीभाव (b) कर्मधारय (c) द्विगु (d) बहुव्रीहि

4.'धर्माधर्म' में समास बताइए
a) द्वन्द्व (b) द्विगु(c) तत्पुरुष (d) कर्मधारय

5. 'प्राप्तांक' में समास है
(a) अव्ययीभाव (b) द्विगु (c) द्वन्द्व (d) तत्पुरुष

6. 'त्रिफला' में समास बताइए
(a) द्वन्द्व b) द्विगुरका (c) तत्पुरुष (d) कर्मधारय

7. 'निर्धन' शब्द में कौन-सा समास है?
(a) कर्मधारय (b) बहुव्रीहि(c) तत्पुरुष (d) द्वन्द्व

8. 'महात्मा' में समास बताइए
(a) अव्ययीभाव (b) कर्मधारय (c) द्वन्द्व (d) द्विगु

9. इनमें से किस शब्द में कर्मधारय समास नहीं है?
a) भारतवासी (b) परमेश्वर (c) महाजन (d) पीताम्बर

10. इस समास में पहला पद संख्यावाचक होता है
(a) अव्ययीभाव (b) द्विगु (c) द्वन्द्व (d) कर्मधारय

11. 'सूर्योदय' में समास बताइए
(a) द्विगु b) द्वन्द्व (c) अव्ययीभाव d) तत्पुरुप

12. 'युधिष्ठिर' में समास बताइए
(a) द्वन्द्व b) बहुव्रीहि (c) द्विगु (d) तत्पुरुष

13. इनमें से किस शब्द में द्वन्द्व समास नहीं है?
(a) न्यूनाधिक (b) राजा-रंक
(c) गंगा-यमुना (d) बन्धनमुक्त

14. 'षडानन' में समास बताइए
a) बहुब्रीहि (b) द्विगु (c) द्वन्द्व (d) अव्ययीभाव

15. 'सुख-दुख' में कौन-सा समास है?
a) द्वन्द्व (b) द्विगु (c) अव्ययीभाव(d) कर्मधारय

16. किस समास में दोनों पद मिलकर एक नया अर्थ प्रकट करते हैं?
(a)बहुब्रीहि (b) द्वन्द्र (c) कर्मधारय d) तत्पुरुष

17. 'नरसिंह' में प्रयुक्त समास बताइए
(a) द्विगु (b) द्वन्द्व c) कर्मधारय (d) अव्ययीभाव

18. 'इकलौता' में समास बताइए
(a) द्वन्द्व (b) द्विगु (c) तत्पुरुष (d ) कर्मधारय

19. 'पथभ्रष्ट' में कौन-सा समास है?
(a) कर्मधारय (b) तत्पुरुष (c) द्विगु (d) द्वन्द्व

20. 'देशसेवा' में समास बताइए
(a) कर्मधारय (b) द्विगु(c) तत्पुरुष (d)बहुब्रीहि

21. 'कुलश्रेष्ठ' में कौन-सा समास है?
(a) कर्मधारय b) तत्पुरुष (c) द्वन्द्व (d) द्विगु

22. 'सतसई' में समास बताइए
(a) कर्मधारय (b) तत्पुरुष (c) द्वन्द्व (d) द्विगु

23. 'दीर्घायु' में समास बताइए
(a) द्विगु (b) द्वन्द्व (c) कर्मधारय (d) तत्पुरुष

24. 'पंचानन' में समास बताइए
(a) तत्पुरुष (b)द्विगु (c) द्वन्द्व (d)बहुब्रीहि

25.त्रिनेत्र में समास बताइए
(a) द्विगु(b) द्वन्द्व (c) बहुबोहि (d) तत्पुरुष

26. 'आकण्ट' में समास बताइए
(a) द्विगु (b) कर्मधारय c) अव्ययीभाव (d) तत्पुरुष

27. 'संगीतज्ञ' में समास है
(a) द्विगु (b) इन्द्र (c) कर्मधारय (d) तत्पुरुष

28. 'यधासाध्य' में कौन-सा समास है?
(a) द्वन्द्व (b) अव्ययीभाव(c) कर्मधारय (d) तत्पुरुष

29. 'चतुर्वेद' में समास बताइए
(a) द्विगु (b) कर्मधारय c ) द्वन्द्व (d) अव्ययीभाव

30. 'नाक-कान' में कौन-सा समास है?
(a) द्विगु b) द्वन्द्व (c) अव्ययीभाव (d) तत्पुरुष

31. 'एकदन्त' में समास बताइए
(a) द्विगु b) द्वन्द्व c)बहुब्रीहि(d) तत्पुरुष

32. तत्पुरुष समास में प्रधान होता है
a) दूसरा पद पद (b) पहला पद (c) दोनों पद (d) नवीन अर्थ

33. 'परमेश्वर' में समास बताइए
(a) द्विगु (b) द्वन्द्व (c) कर्मधारय d) बहुब्रीहि

34. 'राजभाषा' में समास बताइए
(a) अव्ययीभाव (b) द्विगु (c) द्वन्द्व d) तत्पुरुष

35. 'रुपया-पैसा' में समास बताइए
(a) अव्ययीभाव (b) द्वन्द्व (c) द्विगु (d) तत्पुरुष

36. 'स्वर्गवासी' में समास बताइए
(a) तत्पुरुष (b) द्वन्द्व (c) द्विगु (d) कर्मधारय

37. निम्नलिखित में से किस शब्द में बहुब्रीहि समास नहीं है?
(a) दशानन (b) मृत्युञ्जय (c) पंचवटी (d) पंचामृत

38. 'विद्यार्थी' में कौन-सा समास है?
(a) अव्ययीभाव b) तत्पुरुष (c) द्वन्द्व (d) कर्मधारय

39. 'चन्द्रमौलि' में कौन-सा समास है?
(a) द्वन्द्व (b) द्विगु (c) अव्ययीभाव d) बहुब्रीहि

40. 'गौशाला' में समास बताइए
(a) द्विगु (b) द्वन्द्व (c) अव्ययीभाव (d) तत्पुरुष

41. 'रातोंरात' में कौन-सा समास है?
a) अव्ययीभाव (b) द्वन्द्व (c) कर्मधारय (d) तत्पुरुष

42. 'दिनकर' में समास है
(a) तत्पुरुष (b) द्विगु (c) द्वन्द्व (d) कर्मधारय

43. 'वक्रतुण्ड (गणेश)' में समास बताइए
(a) द्वन्द्व (b) द्विगु c) बहुब्रीहि (d) तत्पुरुष

44. 'सिंहवाहिनी (दुर्गा)' में कौन-सा समास है?
(a) द्वन्द्व (b) द्विगु (c) बहुब्रीहि (d) तत्पुरुष

45. 'शरणागत' में कौन-सा समास है?
(a) कर्मधारय b) तत्पुरुष (c) बहुव्रीहि (d) द्विगु
725 views01:02
ओपन / कमेंट
2021-07-30 07:55:01 हिन्दी भाषा एवं साहित्य
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 148
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
1. ध्वनि-मयी कर के गिरि-कंदरा, कलित-कानन-केलि-निकुंज को।
उपरोक्त पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?

छेकानुप्रास
वृत्त्यनुप्रास
लाटानुप्रास
यमक

2. तुलसीदास को कलिकाल का बाल्मीकि किसने कहा था?

रामचन्द्र शुक्ल
जॉर्ज ग्रियर्सन
नाभादास
स्मिथ

3. मुहावरा 'कूपमंडूक होना' का क्या अर्थ है?

घर में ही रहना
कुएँ में गिरना
अत्यंत सीमित ज्ञान होना
विद्वान होना

4. ‘सृष्टि’ का विलोम शब्द बताइए?

मरण
प्रलय
वृष्टि
मोक्ष

5. हिन्दी भाषा का सम्बंध निम्न में से किससे है?

शौरसेनी अपभ्रंश
अपभ्रंश
पश्चिमी प्राकृत
प्राकृत
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
उत्तर : B C C B A
▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬▬
अपने मित्रों के साथ अवश्य साझा करें।
1.3K views04:55
ओपन / कमेंट
2021-07-29 17:48:50 विसर्ग संधि नियम


(3) विसर्ग से पहले कोई स्वर हो और बाद में च, छ या श हो तो विसर्ग का श हो जाता है। विसर्ग के साथ ट, ठ या ष के मेल पर विसर्ग के स्थान पर ‘ष्’ बन जाता है।

धनुः + टंकार = धनुष्टंकार

चतुः + टीका = चतुष्टीका

चतुः + षष्टि = चतुष्षष्टि

निः + चल = निश्चल

निः + छल = निश्छल

दुः + शासन = दुश्शासन

(4)विसर्ग के बाद यदि त या स हो तो विसर्ग स् बन जाता है। यदि विसर्ग के पहले वाले वर्ण में अ या आ के अतिरिक्त अन्य कोई स्वर हो तथा विसर्ग के साथ मिलने वाले शब्द का प्रथम वर्ण क, ख, प, फ में से कोई भी हो तो विसर्ग के स्थान पर ‘ष्’ बन जायेगा।

निः + कलंक = निष्कलंक

दुः + कर = दुष्कर

आविः + कार = आविष्कार

चतुः + पथ = चतुष्पथ

निः + फल = निष्फल

विच्छेद

निष्काम = निः + काम

निष्प्रयोजन = निः + प्रयोजन

बहिष्कार = बहिः + कार

निष्कपट = निः + कपट

नमः + ते = नमस्ते

निः + संतान = निस्संतान

दुः + साहस = दुस्साहस
1.4K views14:48
ओपन / कमेंट
2021-07-29 17:48:37 विसर्ग संधि :-

विसर्ग के बाद जब स्वर या व्यंजन आ जाये तब जो परिवर्तन होता है उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

उदहारण :-

  मन: + अनुकूल = मनोनुकूल

  नि:+अक्षर = निरक्षर

  नि: + पाप =निष्पाप

विसर्ग संधि के नियम :-

◆◆(1) विसर्ग के साथ च या छ के मिलन  से  विसर्ग के जगह  पर ‘श्’बन जाता है। विसर्ग के पहले अगर ‘अ’और बाद में भी ‘अ’ अथवा वर्गों के तीसरे, चौथे , पाँचवें वर्ण, अथवा य, र, ल, व हो तो विसर्ग का ओ हो जाता है।

उदहारण :-

मनः + अनुकूल = मनोनुकूल ; अधः + गति = अधोगति ; मनः + बल = मनोबल

निः + चय = निश्चय

दुः + चरित्र = दुश्चरित्र

ज्योतिः + चक्र = ज्योतिश्चक्र

निः + छल = निश्छल

विच्छेद

तपश्चर्या = तपः + चर्या

अन्तश्चेतना = अन्तः + चेतना

हरिश्चन्द्र = हरिः + चन्द्र

अन्तश्चक्षु = अन्तः + चक्षु

◆◆(2) विसर्ग से पहले अ, आ को छोड़कर कोई स्वर हो और बाद में कोई स्वर हो, वर्ग के तीसरे, चौथे, पाँचवें वर्ण अथवा य्, र, ल, व, ह में से कोई हो तो विसर्ग का र या र् हो जाता ह। विसर्ग के साथ ‘श’ के मेल पर विसर्ग के स्थान पर भी ‘श्’ बन जाता है।

दुः + शासन = दुश्शासन

यशः + शरीर = यशश्शरीर

निः + शुल्क = निश्शुल्क

विच्छेद

निश्श्वास = निः + श्वास

चतुश्श्लोकी = चतुः + श्लोकी

निश्शंक = निः + शंक

निः + आहार = निराहार

निः + आशा = निराशा

निः + धन = निर्धन
1.1K views14:48
ओपन / कमेंट
2021-07-29 17:48:23 व्यंजन संधि नियम
(12) स् से पहले अ, आ से भिन्न कोई स्वर आ जाए तो स् को ष बना दिया  जाता है।

उदहारण :-

वि + सम = विषम

अभि + सिक्त = अभिषिक्त

अनु + संग = अनुषंग

भ् + स् के उदहारण :-

 अभि + सेक = अभिषेक

  नि + सिद्ध = निषिद्ध

 वि + सम + विषम

(13)यदि किसी शब्द में कही भी ऋ, र या ष हो एवं उसके साथ मिलने वाले शब्द में कहीं भी ‘न’ हो तथा उन दोनों के बीच कोई भी स्वर,क, ख ग, घ, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व में से कोई भी वर्ण हो तो सन्धि होने पर ‘न’ के स्थान पर ‘ण’ हो जाता है। जब द् के साथ क, ख, त, थ, प, फ, श, ष, स, ह का मिलन होता है तब  द की जगह पर  त् बन जाता है।

उदहारण :-

  राम + अयन = रामायण

  परि + नाम = परिणाम

  नार + अयन = नारायण

  संसद् + सदस्य = संसत्सदस्य

  तद् + पर = तत्पर

  सद् + कार = सत्कार
888 views14:48
ओपन / कमेंट
2021-07-29 17:48:07 व्यंजन संधि के नियम

(10) म् के बाद य्, र्, ल्, व्, श्, ष्, स्, ह् में से कोई व्यंजन आने पर म् का अनुस्वार हो जाता है।‘त् या द्’ के साथ ‘श’ के मिलन पर त् या द् की जगह  पर ‘च्’ तथा ‘श’ की जगह पर ‘छ’ बन जाता है।

उदहारण :-

  उत् + श्वास = उच्छ्वास

  उत् + शृंखल = उच्छृंखल

  शरत् + शशि = शरच्छशि

म् + य, र, व्,श, ल, स, के उदहारण :-

सम् + योग = संयोग

सम् + रक्षण = संरक्षण

सम् + विधान = संविधान

सम् + शय =संशय

सम् + लग्न = संलग्न

सम् + सार = संसार

(11)  ऋ, र्, ष् से परे न् का ण् हो जाता है। परन्तु चवर्ग, टवर्ग, तवर्ग, श और स का व्यवधान हो जाने पर न् का ण् नहीं होता।  किसी भी स्वर के साथ ‘छ’ के मिलन पर स्वर तथा ‘छ’  के बीच ‘च्’ आ जाता है।

उदहारण :-

आ + छादन = आच्छादन

अनु + छेद = अनुच्छेद

शाला + छादन = शालाच्छादन

स्व + छन्द = स्वच्छन्द

र् + न, म के उदहारण :-

परि + नाम = परिणाम

प्र + मान = प्रमाण
856 views14:48
ओपन / कमेंट