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का समाचार पाते ही उसके कुछ साथियों के कलेजे पर साँप लोटने लगे। | हिंदी व्याकरण साहित्य | Hindi Grammar Sahitya

का समाचार पाते ही उसके कुछ साथियों के कलेजे पर साँप लोटने लगे।
33. कलेजे पर पत्थर रखना-जी कड़ा करना, विपत्ति में धीरज रखना।
पति की मृत्यु का समाचार पाकर भी राधा कलेजे पर पत्थर रखकर अपने बच्चे की देखभाल में लगी रही।
34. काँटे बिछाना-बाधा उपस्थित करना।
दूर्जनों का काम ही सदैव सज्जनों के मार्ग में काँटे बिछाना है।
35. कान पर जूँ न रेंगना-बार-बार कहने पर भी कोई असर न होना।
नगर की गन्दगी के बारे में कई बार लिखा गया, पर नगर-पालिका के कर्मचारियों के कान पर जूँ नहीं रेंगतीं।
36. काल के गाल में चले जाना-स्वर्गवास होना।
हमारे देश में आज भी पुष्ट आहार न मिलने से कई बच्चे असमय में ही काल के गाल में चले जाते हैं।
37. खटाई में पड़ना-अनिश्चय की दशा में पड़ना, अधूरा रह जाना।
परीक्षा की लिए पर्याप्त सामग्री न मिलने पर मेरी तैयारी खटाई में पड़ गई।
38. ख्याली पुलाव पकाना-असंभव बातें सोच-सोचकर खुश होना।
बेकारी के कारण रमेश घर में बैठा-बैठा ख्याली पुलाव पकाता रहता है, कर के कुछ नहीं दिखाता।
39. गढें मुर्दे उखाड़ना-बीती हुई बातों को व्यर्थ दुहराना।
बहुत से लोगों को मित्रों के सामने गढ़े मुर्दे उखाड़ने में ही मज़ा आता है।
40. गागर में सागर भरना-थोड़े में बहुत कहना।
बिहारी ने अपने प्रत्येक दोहे के अन्दर गागर में सागर भर दिया है।
41. गुड़ गोबर कर देना-बना-बनाया काम बिगाड़ देना।
शशांक ने तो अपनी बहन की शादी तय कर दी थी, पर उसके सम्बन्धियों ने बीच में पडकर सारा गुड़ गोबर कर दिया।
42. घड़ों पानी पड़ना-अत्यंत लज्जित होना।
कॉलेज की सभा में अध्यक्ष की कलई खुलते ही उसपर घड़ों पानी पड़ गया।
43. घाट-घाट का पानी पीना-विविध प्रकार का अनुभव होना।
शैलेन्द्र अमरीका में बसने से पहले भी घाट-घाट का पानी पी चुका है।
44. घी के दिए जलाना-खुशी मनाना।
लाटरी का रुपया मिलते ही मयंक ने अपने घर में घी के दिए जलाए।
45. घोड़े बेचकर सोना-गहरी नींद में निश्चिन्त सोना।
दरवाज़ा खटकाते-खटकाते मैं तो थक गया, लगता है इस घर के सभी लोग घोड़े बेचकर सो रहे है।
46. घर फूँक तमाशा देखना-मस्ती में सब कुछ नष्ट कर देना।
शराब और जुए में सारी सम्पत्ति चौपट करके घर फूँक तमाशा देखने वाले बाद में बहुत पछताते हैं।
47. चाँदी का जूता मारना-धन के बल पर वश में करना।
आज वो समय है जब चाँदी का जूता मारकर इंस्पैक्टर से काम करा लिया जाता है।
48. चुल्लू भर पानी में डूब मरना-बेहद शर्मिदा होना।
राधा को तो चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए, क्योंकि उसक परीक्षा में नकल करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया।
49. चोली-दामन का साथ होना-अधिक घनिष्ठता होना।
भारत रूस का तो चोली-दामन का साथ रहा ही है।
50. छक्के छुड़ाना-(मुठभेड़ में) दुर्दशा करना, हरा देना।
खाड़ी युद्ध में संयुक्त राष्ट्र की सेनाओं ने ईराक की सेना के छक्के छुड़ा दिए।
51. छठी का दूध याद आना-अत्यन्त दुर्गति होना या परेशान होना।
लोक सेवा आयोग की प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने के लिए छठी का दूध याद आ जाता है।
52. छप्पड़ फाड़कर देना-अनायास भरपूर प्राप्त होना।
भाग्यशाली व्यक्ति को परमात्मा छप्पड़ फाड़कर देता है।
53. छाती पर साँप लोटना-ईर्ष्या या डाह से अत्यधिक दुःखी होना।
हमारे कॉलेज का परीक्षाफल अस्सी प्रतिशत रहा है, यह खबर सुनते ही नगर के अन्य कॉलेजों के प्राचार्यों की छाती पर साँप लोट गया।
54. जले पर नमक छिड़कना-दुःखी को और कष्ट देना।
परीक्षा में असफल हो जाने से राधा पहले ही दुःखी थी, अब आगे पढ़ाई छोड़ देने की बात कहकर माता-पिता ने जैसे जले पर नमक छिड़क दिया।
55. जान हथेली पर रखना-मृत्यु की चिन्ता न करना।
वीर योद्धा अपनी जान हथेली पर रखकर ही चलते हैं।
56. जी तोड़कर काम करना-परिश्रमपूर्वक कार्य करना।
सभी मज़दूरों ने जी तोड़कर काम किया और भरपूर पैसा कमाया।
57. झंडा गाड़ना-धाक जमाना।
निंरतर प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होकर योगेन्द्र ने महाविद्यालय में झंडा गाड़ दिया।
58. टका-सा जवाब देना-साफ़ इन्कार करना।
राजू पूरी आशा से मालिक के पास गया था, पर मालिक ने तो टका-सा जवाब देकर उसे लौटा दिया।
59. डींग मारना-बढ़-बढ़कर बातें करना।
बहुत-से लोग प्रायः अपने बड़प्पन की बड़ी डींग मारा करतें हैं।
60. तलवार की धार पर चलना-जोखिम उठाकर कार्य करना।
युद्ध-नीति की साधना करना तलवार की धार पर चलने से कम नहीं है।
61. तिल का ताड़ बनाना-छोटी-सी बात को बहुत बड़ी बना देना।
मुकद्दमे मे वकील हमेशा तिल का ताड़ बना देते हैं।
62. थाली का बैंगन होना-किसी सिद्धांत का न होना।
आजकल के नेता तो थाली के बैंगन हैं, कभी इस दल में कभी उस दल में।
63. दाँत खट्टे करना-बुरी तरह हरा देना।
भारत की क्रिकेट टीम ने मैच में इंग्लैण्ड की टीम के दाँत खट्टे कर दिए।
64. दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करना-खूब उन्नति करना।
रक्षाबधंन पर बहन ने भाई से कहा कि ईश्वर करे तुम्हारी दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की हो।