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नवीनतम संदेश 33
2021-08-16 05:03:42
हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 165
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
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1. रहस्य, रोमांच और वैचित्र्य का समन्वय देवकी नन्दन खत्री के उपन्यासों का विशिष्टय है। इस वाक्य में काले मोटे लिखे शब्द के लिए सही वर्तनी को चुनिए?
वैशिष्टय
वैशिश्ट्य
वैशिषट्य
वैशिश्टय
2. निर्जन में प्रयुक्त संधि का नाम बताइये?
स्वर संधि
व्यंजन संधि
विसर्ग संधि
इनमें से कोई नहीं
3. ‘रेलगाड़ी’ किस प्रकार का शब्द है?
तत्सम
देशज
विदेशज
संकर
4. ज्ञानमार्गी शाखा के कवियों को किस नाम से पुकारा जाता है?
सिद्ध कवि
नाथपंथी कवि
भक्त कवि
संत कवि
5. "किसी बात को करने का निश्चय।" इस वाक्य के लिए सही विकल्प चुनिए?
संकल्प
विकल्प
कल्प
अत्यल्प
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उत्तर : A C D D A
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461 views02:03
2021-08-16 04:00:02
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2021-08-15 09:30:02
वस्तुनिष्ठ प्रश्न : टॉप 5 [ #Top_5_Details ]
UGC NET हिंदी व्याकरण एवं उनसे जुड़े तथ्य
41. बंदरिया शब्द में कौन प्रत्यय है?
(A) इका
(B) इत
(C) इया
(D) बंद
Explanation : बंदरिया शब्द में 'इया' प्रत्यय है। संज्ञा शब्दों में इया प्रत्यय जोड़कर उन्हें स्त्रीलिंग में परिवर्तित किया जाता है। 'बंदरिया' शब्द 'बंदर' मूल शब्द तथा 'इया' प्रत्यय के योग से बना है। इया प्रत्यय से निर्मित अन्य शब्द हैं-जयपुरिया, मुंबइया, उदयपुरिया आदि।.
42. चौराहा का सामासिक विग्रह क्या होगा?
(A) चार राहों का हार
(B) चार राहों का समाचार
(C) चार राहों का समाहार
(D) चार राह
Explanation : चौराहा का सामासिक विग्रह होगा 'चार राहों का समाहार।' यहाँ पूर्वपद 'चार' संख्यावाची विशेषण है तथा विग्रह करने पर समाहार का बोध हो रहा है। अत: यह द्विगु समास का उदाहरण है। द्विगु समास के अन्य उदाहरण हैं–
पंचवटी – पाँच वटों का समाहार,
नवरत्न – नौ रत्नों का समूह,
त्रिभुवन – तीन भवनों का समूह आदि।
43. उद्धरण का संधि विच्छेद क्या है?
(A) उत् + धरण
(B) उत + अण
(C) उत् + हरण
(D) उद्ध + रण
Explanation : उद्धरण का संधि विच्छेद उत् + हरण होगा। उत् + हरण = उद्धरण, (त्) + (ह) = (द्ध) यह व्यंजन संधि का उदाहरण है। व्यंजन संधि के नियमानुसार, यदि त, द के आगे 'ह' आए तो त का 'द' और ह का 'ध' हो जाता है; जैसे-उत् + हार = उद्धार।
44. उन्मना शब्द का तद्भव शब्द क्या है?
(A) अजन्मा
(B) अनमना
(C) ऊमना
(D) इनमें से कोई नहीं
Explanation : उन्मना शब्द का तद्भव शब्द अनमना है। 'अनमना' का अर्थ है-बिना मन के या मन रहित। तद्भव एक संस्कृत शब्द है जो मध्यकालीन भारत-आर्य भाषाओं के सन्दर्भ में उन शब्दों को कहते हैं जो संस्कृत के मूल शब्द नहीं हैं बल्कि संस्कृत के किसी मूल शब्द से व्युत्पन्न (निकले हुए) हैं।
45. नमस्ते का संधि-विच्छेद क्या है?
(A) नम + स्ते
(B) नम् + स्ते
(C) नमः + ते
(D) नमः + स्ते
Explanation : 'नमस्ते' का संधि-विच्छेद नम: + ते होगा। इसमें विसर्ग संधि (Visarg Sandhi) है। विसर्ग संधि की परिभाषा अनुसार जहाँ विसर्ग (:) के बाद स्वर या व्यंजन आने पर विसर्ग का लोप हो जाता है या विसर्ग के स्थान पर कोई नया वर्ण आ जाता है, वहाँ विसर्ग संधि होती है। जैसे– मनः+वेग = मनोवेग, मनः+बल = मनोबल, मनः+रंजन = मनोरंजन, तपः+बल = तपोबल, तपः+भूमि = तपोभूमि, मनः+हर = मनोहर, वयः+वृद्ध = वयोवृद्ध, मनः+नयन = मनोनयन, शिरः+भाग = शिरोभाग, मनः+व्यथा = मनोव्यथा, मनः+नीत = मनोनीत, रजः+गुण = रजोगुण, मनः+विकार = मनोविकार, पुरः+हित = पुरोहित, यशः+दा = यशोदा आदि।
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525 views06:30
2021-08-15 05:30:02
हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 164
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
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1. "साहित्य और समाज का अन्यान्याश्रित सम्बंध है।" इस वाक्य में काले मोटे लिखे शब्द के लिए सही वर्तनी का चयन कीजिए?
अन्यन्याश्रित
अन्योन्याश्रित
अन्यायाशृत
अन्यान्याश्रीत
2. 'नीरोग' में प्रयुक्त संधि का नाम है-
विसर्ग संधि
स्वर संधि
व्यंजन संधि
इनमें से कोई नहीं
3. ‘संकर’ शब्द का क्या अर्थ है?
तत्सम शब्द
तद्भव शब्द
विदेशी शब्द
दो भाषाओं के शब्दों से मिलकर बना हुआ शब्द
4. "भूसन बिनु न विराजई कविता वनिता मित्त।" यह कथन निम्न में से किसका है?
तुलसीदास
भिखारीदास
केशवदास
मतिराम
5. "ऐसा रोग जिसका उपचार सम्भव न हो।" इस वाक्य के लिए सही विकल्प चुनिए?
अरोगी
असाध्य
अतिरोगी
विरोगी
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उत्तर : B A D C B
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306 views02:30
2021-08-15 04:32:13
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2021-08-15 03:20:29
स्वतंत्रता वह तरीका है जिस तरह से परमेश्वर ने हमें चाहा है; यह कुछ ऐसा है जिसके साथ हम पैदा हुए हैं। कुछ ऐसा जो आपसे कोई नहीं छीन सकता। चलो आजादी का जश्न मनाएं! स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं।
सादर,
टीम एडमिन पैनल
390 viewsedited 00:20
2021-08-14 13:00:05
वस्तुनिष्ठ प्रश्न : टॉप 5 [ #Top_5_Details ]
UGC NET हिंदी व्याकरण एवं उनसे जुड़े तथ्य
36. दुर्भिक्ष शब्द का अर्थ क्या होता है?
(A) व्यक्तिगत संकट पड़ने पर
(B) अकाल पड़ने पर
(C) देश पर आपदा आने पर
(D) शत्रुओं के आने पर
Explanation : दुर्भिक्ष (Durbhiksha) शब्द का अर्थ है– 'ऐसा समय जिसमें भिक्षा या भोजन बहुत कठिनता से मिले'। 'बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलना' वाक्यांश के लिए सही शब्द 'दुर्भिक्ष' है। दुर्भिक्ष संज्ञा पुं. [सं.] ऐसा समय जिसमें भिक्षा या भोजन कठिनता से मिले। ऐसी हालात अकाल के समय होती है। यह मनुष्य के साथ पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है।
37. बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलना के लिए एक शब्द क्या है?
(A) दुश्पाच्य
(B) दुर्निवार
(C) दुर्भिक्ष
(D) दुर्भेद्य
Explanation : 'बड़ी मुश्किल से भिक्षा मिलना' वाक्यांश के लिए सही शब्द 'दुर्भिक्ष' है। दुर्भिक्ष संज्ञा पुं. [सं.] ऐसा समय जिसमें भिक्षा या भोजन कठिनता से मिले। ऐसी हालात अकाल के समय होती है। यह मनुष्य के साथ पशुवर्गीय प्रजाति पर लागू हो सकता है। इसके बाद आम तौर पर क्षेत्रीय कुपोषण, भुखमरी, महामारी और मृत्यु दर में वृद्धि हो जाती है।
38. दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए सार्थक शब्द को क्या कहते हैं?
(A) संधि
(B) समास
(C) अव्यय
(D) छंद
Explanation : दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए सार्थक शब्द को समास कहते हैं। वस्तुतः यह संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है; जैसे-'दया का सागर' का संक्षिप्त अथवा सामासिक रूप ‘दयासागर' है। अन्य विकल्पों में, संधि - दो वर्गों के संयोग से होने वाले विकार को संधि कहते हैं। अव्यय- अव्यय शब्द, उन शब्दों को कहा जाता है, जिनके रूप में लिंग, वचन, पुरुष, काल, कारक इत्यादि के कारण कोई विकार उत्पन्न नहीं होता। छंद-जिस काव्य रचना में मात्राओं और वर्णों की विशेष व्यवस्था और गति की योजना रहती है, उसे छंद कहते हैं।
39. जितेन्द्रिय में कौन सा समास है?
(A) द्वन्द्व समास
(B) बहुव्रीहि समास
(C) तत्पुरुष समास
(D) द्विगु समास
Explanation : 'जितेन्द्रिय' में बहुव्रीहि समास है। 'जितेन्द्रिय' का सामासिक विग्रह है-जीत लिया है इन्द्रियों को जिसने वह अर्थात् संयमी पुरुष। यहाँ समस्त पद के माध्यम से किसी तीसरे अर्थ (संयमी पुरुष) का बोध हो रहा है, अत: यह बहुव्रीहि समास का उदाहरण है।
40. अध्यवसायी का अंग्रेजी पर्याय क्या है?
(A) Apprise
(B) Appraise
(C) Assiduous
(D) इनमें से कोई नहीं
Explanation : 'अध्यवसायी' का अंग्रेजी पर्याय रूप 'Assiduous' है। अन्य विकल्पों में दिए गए शब्दों के हिंदी अर्थ भिन्न हैं Apprise मतलब सूचना देना होता है और Appraise मतलब मूल्यांकन।
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958 viewsedited 10:00
2021-08-14 08:54:50
हिन्दी भाषा एवं साहित्य
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✦ आज के लिए प्रश्नोत्तर सीरीज़ : 163
✦ टॉप 5 MCQs प्रश्नोतर
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1. "चातक सुवाति की बूँद का प्यासा होता है।" इस वाक्य में काले मोटे लिखे शब्द के लिए सही वर्तनी का चयन कीजिए?
सवाति
सुवाति
स्वाति
स्वाती
2. 'राकेश' का सही संधि विच्छेद बताइये?
राके + श
राक + ईश
राका + इश
राका + ईश
3. ‘स्टेशन’ किस भाषा का शब्द है?
फ़्रेन्च
अंग्रेज़ी
डच
चीनी
4. अपभ्रंश का वाल्मीकि किसे कहा जाता है?
पुष्पदंत
धनपाल
शालिभद्र सूरि
स्वयंभू
5. "जो क़ानून के अनुकूल न हो।" इस वाक्य के लिए सही विकल्प चुनिए?
अवैध
जघन्य
अवध्य
आवेग
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उत्तर : C D B D A
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908 viewsedited 05:54
2021-08-14 05:57:32
कुछ नए और उपयोगी तथ्य जो गाइडों में नहीं मिलेंगे।
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सभी प्रतियोगियों के लिए महत्वपूर्ण
प्रयोगवाद
साम्यवाद व मार्क्सवाद दृष्टि से ओतप्रोत साहित्य धारा प्रगतिवाद के पश्चात हिंदी साहित्य में प्रयोगवाद का उदय हुआ ।
छायावादोत्तर काल की वह काव्य धारा जिसमें काव्य के क्षेत्र में नए-नए प्रयोग किए गए प्रयोगवाद के नाम से जानी जाती है ।
सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय को प्रयोगवाद का प्रवर्तक माना जाता है ।
अज्ञेय के संपादन में 1943 ईस्वी में प्रकाशित तार सप्तक से प्रयोगवाद का आरंभ माना जाता है ।
अज्ञेय के संपादन में कुल चार तार सप्तक प्रकाशित हुए, जिनमें अज्ञेय ने सात-सात कवियों की रचनाएं संकलित की ।
तार सप्तक की मूल योजना प्रभाकर माचवे व नेमीचंद जैन की थी ।
इन दोनों ने अपनी योजना को अज्ञेय के सामने रखा ,जिसे उन्होंने क्रियान्वित किया ।
हिंदी कविता में प्रयोगों के आरंभ कर्ता निराला माने जाते हैं।
निराला की कविताओं को प्रयोगों का एल्बम कहा जाता है।
निराला ने छंद ,प्रतीक, उपमान आदि सभी क्षेत्रों में प्रयोग किए ।
निराला ने अपनी प्रथम कविता जूही की कली में कविता को छन्दों के बंधन से मुक्त किया।
कुकुरमुत्ता कविता में इन्होंने कुकुरमुत्ता गुलाब जैसे नये प्रतीक प्रयुक्त की किए ।
राहों के अन्वेषक तार सप्तक कवि संबोधन ।
प्रयोगवाद का नामकरण कर्ता आचार्य नंददुलारे वाजपेयी को माना जाता है ,जिन्होंने प्रयोगवादी रचनाऐं शीर्षक निबंध लिखा।
तार सप्तक की भूमिका में अज्ञेय नें लिखा है ,सातों कवि एक स्कूल के नहीं हैं,राहीं नहीं राहों के अन्वेषी हैं।
दूसरा सप्तक की भूमिका में अज्ञेय ने लिखा हमें प्रयोगवादी कहना उतना ही सार्थक या निरर्थक है ,जितना की हमें कविता वादी कहना ।
अज्ञेय के अनुसार प्रयोग अपने आप में ईस्ट नहीं है ,वह साधन है ।
अज्ञेय के संपादन में कुल 4तार सप्तक प्रकाशित हुए :-
प्रथम सप्तक 1943ईस्वी
दूसरा सप्तक 1951 ईस्वी
तीसरा सप्तक 1959 ईस्वी
चौथा सप्तक 1979 ईस्वी
प्रयोगवादी आंदोलन के प्रचार-प्रसार हेतु अज्ञेय ने 1946 ईस्वी में "प्रतीक "का प्रकाशन किया ।
प्रयोगवाद के विकसित रूप को 'नई कविता 'के नाम से जाना जाता है ।
प्रयोगवाद ने दूसरे सप्तक के प्रकाशन के बाद नई कविता का रूप धारण कर लिया ।
डॉ रामविलास शर्मा और नामवर सिंह ने नई कविता को प्रयोगवाद का छद्म रूप कहां ।
नई कविता के नामकरण का श्रेय अज्ञेय को जाता है ।
उन्होंने 1952 में आकाशवाणी पटना से प्रसारित एक रेडियो वार्ता में नई कविता नाम का प्रयोग किया ।
1954 में इलाहाबाद से जगदीशगुप्त व रामस्वरूप चतुर्वेदी के संपादन मे नई कविता पत्रिका का प्रकाशन आरंभ हुआ।
डॉ बच्चन सिंह ने नई कविता को प्रगतिवादी व प्रयोगवाद दो अति वादी छोरो को मिलाने वाली कविता कहा ।
नई कविता का आरंभ और नामकरण अंग्रेजी के न्यू पोएट्री काव्य आंदोलन की तर्ज पर हुआ।
, लघु मानव की प्रतिष्ठा नई कविता की महत्वपूर्ण विशेषताएं हैं।
लघु मानव से तात्पर्य साधन हीन ,उपेक्षित साधारण व्यक्ति से हैं।
नई कविता का रूप स्पष्ट करने के लिए निम्न आलोचनात्मक कृतियों का प्रकाशन हुआ :-
नई कविता के प्रतिमान-- लेखक डॉक्टर लक्ष्मीकांत वर्मा
कविता के नए प्रतिमान --लेखक डॉक्टर नामवर सिंह
नई कविता का आत्म संघर्ष --लेखक गजानन माधव मुक्तिबोध
नई कविता सीमाएं और संभावनाए --गिरिजाकुमार माथुर
नई कविता के बहाने लघु मानव पर --विजयदेव नारायण साही ।
नया प्रतीक ,नये पत्ते ,क,ख,ग,प्रतिमान आदि पत्र-पत्रिकाओं ने नई कविता को प्रोत्साहन प्रदान किया ।
नई कविता के कवियों ने रस सिद्धांत को चुनौती देकर रस के स्थान पर द्धन्द्ध, तनाव एवं बेचैनी को काव्य की आत्मा माना ।
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2021-08-14 04:30:05
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