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हिंदी सहित्य / Hindi Sahitya

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नवीनतम संदेश 13

2023-03-14 13:25:09 हिन्दी साहित्य वन लाइनर प्रश्नोतरी

1. ‘अतीत के चलचित्र’ के रचयिता कौन हैं? – महादेवी वर्मा

2. ‘अशोक के फूल’ (निबंध सग्रह) के रचनाकार कौन हैं? – हज़ारी प्रसाद द्विवेदी

3. ‘अष्टछाप’ के सर्वश्रेष्ठ भक्त कवि कौन हैं? – सूरदास

4. ‘आँसू’ (काव्य) के रचयिता कौन हैं? – जयशंकर प्रसाद

5. ‘एक नार पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी।’ यह पंक्ति किस भाषा की है? – ब्रजभाषा

6. ‘कामायनी’ किस प्रकार का ग्रंथ है? – महाकाव्य

7. ‘गागर में सागर’ भरने का कार्य किस कवि ने किया है? – बिहारीलाल

8. ‘गाथा’ (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है? – प्राकृत

9. ‘घनिष्ठ’ की शुद्ध उत्तरावस्था क्या है? – घनिष्ठतर

10. ‘चारु’ शब्द की शुद्ध भावात्मक संज्ञा क्या है? – चारुता

11. ‘चिंतामणि’ के रचयिता कौन हैं? – रामचन्द्र शुक्ल

12. ‘जो अपनी जान खपाते हैं, उनका हक उन लोगों से ज़्यादा है, जो केवल रुपया लगाते हैं।’ यह कथन ‘गोदान’ के किस पात्र द्वारा कहा गया है? – महतो

13. ‘जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सारु। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥’ इस दोहे के रचनाकार का नाम क्या है? – देवसेन

14. ‘झरना’ (काव्य संग्रह) के रचयिता कौन हैं? – जयशंकर प्रसाद

15. ‘दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात, अपरिचित जरा-मरण-भ्रू पात।।’ इस पंक्ति के रचनाकार कौन हैं? – सुमित्रानंदन पंत

16. ‘देखन जौ पाऊँ तौ पठाऊँ जमलोक हाथ, दूजौ न लगाऊँ, वार करौ एक करको।’ ये पंक्तियाँ किस कवि द्वारा सृजित हैं? – नाभादास

17. ‘दोहाकोश’ के रचयिता कौन हैं? – सरहपा

18. ‘नमक का दरोगा’ कहानी के लेखक कौन हैं? – प्रेमचंद

19. ‘नागनंदा’ नामक संस्कृतनटक की रचना किस शासक ने की? – हर्षवर्धन ने

20. ‘नाट्यशास्त्र’ की रचना किसने की? – भरत मुनि

21. ‘निराला के राम तुलसीदास के राम से भिन्न और भवभूति के राम के निकट हैं।’ यह कथन किस हिन्दी आलोचक का है? – डॉ. रामविलास शर्मा

22. ‘निरुत्तर’ शब्द का शुद्ध सन्धि विच्छेद क्या है? – निः+उत्तर

23. ‘निशा -निमंत्रण’ के रचनाकार कौन हैं? – हरिवंश राय बच्चन

24. ‘पंचवटी’ कौन-सा समास है? – द्विगु

25. ‘पद्मावत’ किसकी रचना है? – मलिक मुहम्मद जायसी
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2023-03-14 12:46:43

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2023-03-12 04:14:29 Question

1. किस नाटककार ने अपने नाटकों के लिए रंगमंच को अनिवार्य नहीं माना है? – जयशंकर प्रसाद
2. किस पुस्तक का 15 भारतीय भाषाओं और 40 विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है? – पंचतंत्र


3. किस भाषा को द्रविड़ परिवार की सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है? – तमिल
4. किस भाषा को भारतीय आर्य भाषाओं की जननी, भारतीय आर्य संस्कृति का आधार, देवभाषा आदि नामों से जाना जाता है? – संस्कृत

5. किस युग को ‘चाल्कोलिथिक एज’ कहा जाता है? – ताम्रपाषाण युग को
6. किस रचना की सर्वाधिक टीकाएँ लिखी गई हैं? – बिहारी सतसई


7. 'कुटज' के रचयिता कौन हैं? – हजारी प्रसाद द्विवेदी
8. केरल राज्य की राजकीय भाषा क्या है? – मलयालम

9. कौनसी भाषा ऑस्ट्रिक समूह से सम्बन्धित है? – खासी
10. खड़ी बोली के सर्वप्रथम लोकप्रिय कवि कौन माने जाते है? – अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'


11. खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप क्या है? – उर्दू भाषा
12. 'गंगा छवि वर्णन' (कविता) के रचनाकार कौन हैं? – भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

13. 'गागर में सागर' भरने का कार्य किस कवि ने किया है? – बिहारी
14. गाथा (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है? – प्राकृत


15. गुप्त वंश का संस्थापक कौन था? – श्रीगुप्त
16. 'गोदान' किसकी कृति है? – प्रेमचंद

17. गौतम बुद्ध ने अपने उपदेश सबसे अधिक किस स्थान पर दिए? – श्रावस्ती में
18. घनिष्ठ की शुद्ध उत्तरावस्था क्या है? – घनिष्ठतर


19. चंदरबरदाई किसके दरबारी कवि थे? – पृथ्वीराज चौहान के
20. चन्दन विष व्याप्त नहीं, लिपटे रहत भुजंग- इस प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता कौन हैं? – रहीम

21. 'चरणदास चोर' किसकी नाट्य कृति है? – हबीब तनवीर
22. 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' (काव्य) के रचयिता कौन हैं? – गजानन माधव 'मुक्तिबोध'


23. चारु शब्द की शुद्ध भावात्मक संज्ञा क्या है? – चारुता
24. 'चिन्तामणि' के रचयिता कौन हैं? – रामचन्द्र शुक्ल

25. चीनी यात्री ह्नेनसांग सर्वप्रथम किस भारतीय राज्य पहुँचा? – कपिशा
26. चीनी-तिब्बती भाषा समूह की भाषाओं के बोलने वालों को कहा जाता है? – निषाद


27. छायावाद के प्रवर्तक का क्या नाम है? – जयशंकर प्रसाद
28. 'जनमेजय का नागयज्ञ' किसकी कृति हैं? – जयशंकर प्रसाद

29. देवनागरी लिपि को राष्ट्रलिपि के रूप में कब स्वीकार किया गया था? – 14 सितम्बर, 1949
30. जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी। इस पंक्तियों के रचयिता कौन हैं? – तुलसीदास


31. जो अपनी जान खपाते हैं, उनका हक उन लोगों से ज़्यादा है, जो केवल रुपया लगाते हैं। यह कथन गोदान के किस पात्र द्वारा कहा गया है? – महतो
32. जो जिण सासण भाषियउ सो मई कहियउ सारु। जो पालइ सइ भाउ करि सो तरि पावइ पारु॥ इस दोहे के रचनाकार का नाम क्या है? – देवसेन

33. ज्ञानपीठ पुरस्कार किस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है? – साहित्य
34. ज्ञानमार्गी शाखा के कवियों को किस नाम से पुकारा जाता है? – संत कवि

35. झरना (काव्य संग्रह) के रचयिता कौन हैं? – जयशंकर प्रसाद
36. डोगरी भाषा मुख्य रूप से कहाँ बोली जाती है? – जम्मू कश्मीर

37. ढाई अक्षर प्रेम के, पढ़ै सो पंडित होय। इस पंक्ति के रचयिता कौन हैं? – कबीर दास
38. तक्षशिला नगर किन नदियों के मध्य स्थित था? – सिंधु व झेल


39. तरनि-तनूजा-तट तमाल तरुवर बहु छाए। इस पंक्ति के रचयिता कौन हैं? – भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
40. तरुवर फल नहिं खात है, सरवर पियहिं न पान। इस पंक्ति के रचयिता कौन हैं? – रहीम

41. 'तितली' किसकी रचना है? – जयशंकर प्रसाद
42. तुलसीदास का वह ग्रंथ कौन-सा है, जिसमें ज्योतिष का वर्णन किया गया है? – रामाज्ञा प्रश्नावली


43. तुलसीदास ने अपनी रचनाओं में किसका वर्णन किया हैं? – राम
44. 'तोड़ती पत्थर' (कविता) के कवि कौन हैं? – सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला'

45. 'तोड़ती पत्थर' कैसी कविता है? – थार्थवादी
46. 'त्यागपत्र' (उपन्यास) किसकी रचना है? – जैनेन्द्र कुमार


47. दरवाजे से चंडालगढ़ी की तरफ नजर दौड़ाने पर एक अद्भुत दृश्य दिखाई देता था।- इस पंक्ति के रचनाकार कौन हैं? – राहुल सांकृत्यायन
48. रामचरितमानस में प्रधान रस के रूप में किस रस को मान्यता मिली है? – भक्ति रस

49. दुःख ही जीवन की कथा रही। क्या कहूँ आज जो नहीं कही।। इस पंक्तियों के रचयिता का नाम क्या है? – सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
50. दुरित, दुःख, दैन्य न थे जब ज्ञात, अपरिचित जरा-मरण-भ्रू पात।। इस पंक्ति के रचनाकार कौन हैं? – सुमित्रानंदन पंत
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2023-03-11 16:28:02

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2023-03-11 16:22:05
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2023-03-11 16:21:53 #13 【छंद】
छंद की परिभाषा –

‘छंद’ शब्द का मुख्य अर्थ ‘बंधन’ है | गति, तुक, मात्रा, विराम आदि नियमो पर आधारित काव्य रचना को छंद कहा जाता है |

छंद के प्रकार- मुख्यत: छंद के निम्न भेद है –
(i) वर्णिक छंद – काव्य में वर्णो की निश्चित गणना के आधार पर रचे गए छंद वर्णिक छंद कहे जाते हैं | उदाहरण – अनुष्टुप्, मालिनी , शिखरिणी , घनाक्षरी आदि |
(ii) मात्रिक छंद –मात्रिक छंद उसे कहते है जिसमें प्रत्येक चरण में मात्राओं की संख्या निश्चित होती है | उदाहरण – दोहा ,सोरठा ,रोला , चौपाई आदि |
(iii) मुक्त छंद – जिस रचना में वर्ण और मात्रा का कोई बंधन नहीं होता है, उसे मुक्त छंद कहते है |

मात्रा – वर्णो के उच्चारण में जो समय लगता है, उसे मात्रा कहते है |

इसके दो भेद हैं-
(i) हृस्व- हृस्व वर्ण के उच्चारण में कम समय लगता है | इसकी एक मात्रा होती है| इसे लघु भी कहा जाता है | लघु का संकेत ‘|’ है |
अ,इ,उ,ऋ लघु के उदहरण है |

(ii‌) दीर्घ – दीर्घ वर्ण में हृस्व का दुगुना समय लगता है | इसकी दो मात्रा होती है |इसे गुरु भी कहा जाता है | दीर्घ वर्ण का संकेत ‘s’ है |
आ,ई,ऊ,ए,ऐ,ओ,औ दीर्घ के उदाहरण है |

1.सोरठा छंद की परिभाषा –

यह दोहे का उल्टा होता है | सोरठा के पहले व तीसरे चरण में 11-11 मात्राएँ तथा दूसरे और चौथे चरण मे 13-13 मात्राएँ होती हैं |

सोरठा छंद का उदाहरण –
i- s l l l l l l s l
जो सुमिरत सिधि होइ, = 11 मात्राएँ
l l s l l l l l l l l l
गननायक करिवर बदन | = 13 मात्राएँ
l l l l s l l s l
करहु अनुग्रह सोय , = 11 मात्राएँ
s l s l l l l l l l l
बुद्धि-रासि सुभ-गुन-सदन | =13 मात्राएँ

स्पष्टीकरण – इस छंद के पहले व तीसरे चरण में 11-11 मात्राएँ और दूसरे और चौथे चरण में 13-13 मात्राएँ हैं |इसलिए सोरठा छंद है |

ii. रहिमन मोहि न सुहाय ,अमी पियावत मान बिनु |
बरु विष देय बुलाय , मान सहित मरिबो भलो ||
iii. लिखकर लोहित लेख, डूब गया दिनमणि अहा |
व्योम सिंघु सखि देख, तारक बुद्बुद दे रहा ||

2. रोला छंद की परीभाषा –

रोला सम मात्रिक छंद है | इसमें चार चरण होते है तथा प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ होती है | 11 और 13 मात्राओं पर यति होती है |

रोला छंद का उदाहरण –

s l s l l l s l s l l l l l l l s l l
कोउ पापिह पँचत्व, प्राप्त सुनि जमगन धावत |=24 मात्राएँ
l l l l s l l s l l l l s s l l s l l
बनि बनि बावन बीर, बढ्त चौचंद मचावत || =24 मात्राएँ
s l l s s s l l l l s s l l s l l
पै तकि ताकी लोथ , त्रिपथगा के तट लावत |=24 मात्राएँ
s s s l l s l s l s l l l l s l l
नौ व्दै ग्यारह होत, तीन पाँचहिं बिसरावत || =24 मात्राएँ

स्पष्टीकरण –
इसके प्रत्येक चरण में 24 मात्राएँ हैं | 11 तथा 13 मात्राओं पर यति हैं | इस कारण यहाँ रोला छंद है |
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2023-03-10 06:49:35 【अलंकार topic】
अलंकार की परिभाषा


काव्य की शोभा बढाने वाले तत्वों को अलंकार कहते है | अर्थात् जिस माध्यम से काव्य की शोभा में वृद्धि होती है, उसे अलंकार का नाम दिया जाता है |

अलंकार के भेद – मुख्य रुप से अलंकार के दो भेद होते है – 1. शब्दालंकार 2. अर्थालंकार

शब्दालंकार की परिभाषा – जहाँ काव्य मे शब्द के माध्यम से काव्य की शोभा मे वृद्धि होती है, वहाँ शब्दालंकार होता है |

अर्थालंकार की परिभाषा – जहाँ काव्य में अर्थ के माध्यम से काव्य की शोभा मे वृद्धि होती है वहाँ अर्थालंकार होता है |

उपमा , रुपक , उत्पेक्षा अर्थालंकार के भेद हैं |
(i) उपमा अलंकार की परिभाषा – जहाँ किसी व्यक्ति या वस्तु की किसी दूसरे व्यक्ति या वस्तु से तुनला या समानता बताई जाय वहाँ उपमा अलंकार होता है |

उपमा अलंकार के चार अंग है, जिसका विवरण निम्न है –
(i) उपमेय या प्रस्तुत – जिस व्यक्ति या वस्तु की उपमा दी जाय |
(ii) उपमान या अप्रस्तुत – जिससे उपमा दी जाय |
(iii) साधारण धर्म – वह गुण जिसके कारण उपमेय और उपमान में समानता दिखाया जाय |
(iv) वाचक – वह शब्द जिसके द्वारा उपमेय तथा उपमान की समानता प्रकट हो, वाचक कहा जाता है |

उपमा अलंकार के उदाहरण –
1. पीपर पात सरिस मन डोला |
स्पष्टीकरण –
उपमान-पीपर का पत्ता
उपमेय – मन
साधारण धर्म – डोला
वाचक – सरिस

2. करि कर सरिस सुभग भुजदण्डा |
स्पष्टीकरण –
उपमेय – भुजदण्डा
उपमान – सूँड
वाचक – सरिस
साधारण धर्म – सुभग

3. मुख मयंक सम मंजु मनोहर |

4. छिन्न – पत्र मकरनन्द लुटी – सी, ज्यो मुरझाई हुई कली |

(ii) रुपक अलंकार की परिभाषा – जहाँ उपमेय में उपमान का भेदरहित आरोप हो वहाँ रुपक अलंकार होता है | रुपक अलंकार मे उपमेय और उपमान मे एकरुपता दिखाई जाती है |

रुपक अलंकार का उदाहरण –

चरन-कमल बन्दौ हरि राई |

स्पष्टीकरण – इस पद में भगवान की कमलवत चरणों की वन्दना की गई है | इसमे भगवान के चरण और कमल से न ही तुलना की गई है और न ही समानता बताई गई है | इसमे चरण और कमल में अभेद किया गया है |
इस कारण इस पद रुपक अलंकार है |

2. उदित उदय गिरि मंच पर रघुवर बाल पतंग |
विकसे सन्त सरोज सब, हरषे लोचन भृंग ||

3. भज मन चरण – कँवल अविनासी |

4. मुनि पद कमल बंदि दोउ भ्राता |

(iii) उत्प्रेक्षा अलंकार की परिभाषा –

जहाँ उपमेय में उपमान की सम्भावना व्यक्त की जाय, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है | इस अलंकार के जनु, जानो , मनु ,मानो, मनहुँ, जनहुँ आदि वाचक शब्द है |

उत्प्रेक्षा अलंकार का उदाहरण –
सोहत ओढै पीतु पटु, स्याम सलौनै गात |
मनौ नीलमनि – सैल पर, आतपु परयौ प्रभात ||
स्पष्टीकरण – उपर्युक्त दोहे में भगवान श्रीकृष्ण के ‘सलोने गात’ तथा ‘पीतु पटु’ में नील मणि शैल की सम्भावना व्यक्त की गई है | ‘मनौ’ वाचक शब्द का प्रयोग किया गया है | अत: यहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार है |
2. चमचमात चंचल नयन बिच घूँघट – पट झीन |
मानहु सुरसरिता बिमल जल उछरत जुग मीन ||

3. मोर – मुकुट की चन्दिकनु, यौं राजत नँदनंद |
मनु ससि सेखर की अकस, किय सेखर सत चंद||

4. धाए धाम काम सब त्यागी | मनहुँ रंक निधि लूटन लागी |
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2023-03-09 18:32:07 साहित्य प्रश्न-पत्र
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.1. 'परहित सरिस धर्म नहि भाई, परपीड़ा सम नहिं अधमाई'। इस पंक्ति के रचयिता कौन हैं?→तुलसीदास
2. 'साँच बराबर तप नहीं, झूठ बराबर पाप'। इस पंक्ति के रचयिता कौन हैं? →कबीर
3. 'अष्टछाप' के सर्वश्रेष्ठ भक्त कवि कौन हैं? →सूरदास
4. भूषण किस रस के कवि हैं? →वीर रस
5. हिनीलस का आदि कवि किसे माना जाता है? →स्वयंभू
6. उपन्यास और कहानी का मूल अन्तर है, उसका -→विषय निरूपण
7. हिनीलस पत्रिका 'कादम्बिनी' के संपादक कौन हैं? →राजेन्द्र अवस्थी
8. रामधारी सिंह 'दिनकर' किस रस के कवि माने जाते हैं? →वीर रस
9. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को कैसा कवि माना जाता है? →क्रांतिकारी
10. 'चारु' शब्द की शुद्ध भावात्मक संज्ञा है-→चारुता
11.हिन्दी भाषा की बोलियों के आधार पर छती्कसगढ़ी बोली है-→पूर्वी हिन्दी
12. 'घनिष्ठ' की शुद्ध उत्तरावस्था है-→घनिष्ठतर
13. निम्नलिखित में कौन सा एक उपन्यास जैनेन्द्र द्वारा रचित है? →परख
14. 'कामायनी' किस प्रकार का ग्रंथ है? →महाकाव्य
15. 'गागर में सागर' भरने का कार्य किस कवि ने किया है? →बिहारीलाल
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2023-03-09 05:48:40 अल्पप्राण व्यंजन :-
ऐसे व्यंजन जिनको बोलने में कम समय लगता है और बोलते समय मुख से कम वायु निकलती है उन्हें अल्पप्राण व्यंजन (Alppran) कहते हैं। इनकी संख्या 20 होती है।

क ग ङ
च ज ञ
ट ड ण ड़
त द न
प ब म
य र ल व

इसमें
क वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
च वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
ट वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
त वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
प वर्ग का पहला, तीसरा, पाँचवा अक्षर
चारों अन्तस्थ व्यंजन - य र ल व
एक उच्छिप्त व्यंजन - ङ

याद रखने का आसान तरीका :-
वर्ग का 1,3,5 अक्षर - अन्तस्थ - द्विगुण या उच्छिप्त

महाप्राण व्यंजन :-
ऐसे व्यंजन जिनको बोलने में अधिक प्रत्यन करना पड़ता है और बोलते समय मुख से अधिक वायु निकलती है। उन्हें महाप्राण व्यंजन (Mahapran) कहते हैं। इनकी संख्या 15 होती है।

ख घ
छ झ
ठ ढ
थ ध
फ भ

श ष स ह

इसमें
क वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
च वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
ट वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
त वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
प वर्ण का दूसरा, चौथा अक्षर
चारों उष्म व्यंजन - श ष स ह
एक उच्छिप्त व्यंजन - ढ़

याद रखने का आसान तरीका :-
वर्ग का 2, 4 अक्षर - उष्म व्यंजन - एक उच्छिप्त व्यंजन|

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2023-03-08 13:11:48 सुपरफास्ट वन लाइनर : हिन्दी साहित्य
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प्रश्‍न 1- एकांकी के जन्मदाता कौन है।
उत्‍तर - धर्मवीर भारती ।

प्रश्‍न 2- मीराबाई ने किस भाव से कृष्ण की उपासना की ।
उत्‍तर - माधुर्य भाव से ।

प्रश्‍न 3- रामचरित मानस का प्रधान रस है।
उत्‍तर - शान्त रस ।

प्रश्‍न 4- सबसे पहले अपनी आत्मकथा हिन्दी में किसने लिखी ।
उत्‍तर - डॉं. राजेन्द्र प्रसाद ने ।

प्रश्‍न 5- हिन्दी कविता का पहला महाकाव्य् कौन सा है।
उत्‍तर - पृथ्वीराज रासो ।

प्रश्‍न 6- हिन्दी के सर्वप्रथम प्रकाशित पत्र का नाम क्या है।
उत्‍तर - उदन्ड मार्तण्ड ।

प्रश्‍न 7- हिन्दी साहित्य की प्रथम कहानी है।
उत्‍तर - इन्दुमती ।

प्रश्‍न 8- आंचलिक रचनाऍं किससे सम्बन्धित होती है।
उत्‍तर - क्षेत्र विषेश से ।

प्रश्‍न 9- पृथ्वीराज रासो किस काल की रचना है ।
उत्‍तर - आदिकाल की ।

प्रश्‍न 10- हिन्दी गद्य का जन्म दाता किसको माना जाता है।
उत्‍तर - भारतेन्दु हरिचन्‍द्र जी को ।

प्रश्‍न 11- कवि कालिदास की ‘अभिज्ञान शाकुन्त‍लम्’ का हिन्दी अनुवाद किसने किया।
उत्‍तर - राजा लक्ष्मणसिंह ने ।

प्रश्‍न 12- पद्य साहित्य को कितने भागों में बॉंटा गया है।
उत्‍तर - पन्द्रह भागों में ।

प्रश्‍न 13- कवि नरेन्द्र शर्मा ने राष्ट्र पिता महात्मा गांधी के निधन से प्रभावित होकर कौन सी रचना की ।
उत्‍तर - रक्त चन्दन की रचना की ।

प्रश्‍न 14- नाट्यशास्त्रकारों द्वारा अमान्य रस कौन सा है।
उत्‍तर - वीभत्स रस ।

प्रश्‍न 15- काव्य शास्त्र का प्राचीनतम नाम क्या था।
उत्‍तर - अलंकार शास्त्र ।

प्रश्‍न 16- रीति सम्प्रदाय के संस्थापक कौन थे।
उत्‍तर - आचार्य वामन ।

प्रश्‍न 17- हिन्दी में काव्य शास्त्र के प्रथम आचार्य कौन है।
उत्‍तर - केशवदास ।

प्रश्‍न 18- साहित्य शब्द् किस शब्द से बना है।
उत्‍तर - सहित शब्द से बना है।

प्रश्‍न 19- हिन्दी साहित्य में जीवनी साहित्य का प्रारम्भ कौन से युग में हुआ ।
उत्‍तर - भारतेंदु युग में ।

प्रश्‍न 20- हिन्‍दी भाषा और सांहित्‍य के लेखक है।
उत्‍तर - श्‍यामसुंदरदास ।
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