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हिंदी सहित्य / Hindi Sahitya

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2023-03-08 04:17:36 टॉपिक ~ संज्ञा

(संज्ञा की परिभाषा)

संसार के किसी भी प्राणी, वस्तु, स्थान, जाति या भाव, दशा आदि के नाम को संज्ञा (Sangya) कहते हैं|
निम्नलिखित उदाहरण से हम संज्ञा तथा उनके प्रकार आसानी से समझ सकते हैं-
भारत एक विकासशील देश है
नरेन्द्र मोदी भारत के सजग नेता हैं
गंगा एक पवित्र नदी है
कुरान मुसलमानों का पवित्र ग्रन्थ है
आज मोहन बहुत खुश है.
त्योहार हमारे घर खुशियां लाता है.
क्रिकेट भारत का लोकप्रिय खेल है.
मोहन रोज़ दो गिलास दूध और चार अंडे खाता है

ऊपर लिखे वाक्यों में सभी चिन्हित शब्द संज्ञा के किसी ना किसी प्रकार हैं.
भारत– देश का नाम
नरेन्द्र मोदी, मोहन – व्यक्ति का नाम
गंगा – नदी का नाम
कुरान – ग्रन्थ का नाम
मुसलमानों – विशेष समुदाय का नाम
ग्रन्थ – किताब की विशेष श्रेणी का नाम
क्रिकेट – खेल का नाम
गिलास – बर्तन का नाम
दूध, अंडा – खाद्य पदार्थ का नाम
खुशियां – विशेष मनः स्थिति (भाव) का नाम

संज्ञा के भेद – :
1 . व्यक्तिवाचक संज्ञा - गुलाब, दिल्ली, इंडिया गेट, गंगा, राम आदि
2 . जातिवाचक संज्ञा – गधा, क़िताब, माकन, नदी आदि
3. भाववाचक संज्ञा - सुंदरता, इमानदारी, प्रशन्नता, बईमानी आदि

जातिवाचक संज्ञा के दो उपभेद हैं –
4. द्रव्यवाचक संज्ञा तथा
5. समूहवाचक संज्ञा

इन दो उपभेदों को मिला कर संज्ञा के कुल 5 प्रकार को जाते हैं|

अब संज्ञा के सभी प्रकार का विस्तृत वर्णन नीचे किया गया है-

1. व्यक्तिवाचक संज्ञा
जिन शब्दों से किसी विशेष व्यक्ति, विशेष प्राणी, विशेष स्थान या किसी विशेष वस्तु का बोध हो उन्हें व्यक्तिवाचक संज्ञा कहते है.

जैसे- रमेश (व्यक्ति का नाम), आगरा (स्थान का नाम), बाइबल (क़िताब का नाम), ताजमहल (इमारत का नाम), एम्स (अस्पताल का नाम) इत्यादि.


2. जातिवाचक संज्ञा
वैसे संज्ञा शब्द जो की एक ही जाति के विभिन्न व्यक्तियों, प्राणियों, स्थानों एवं वस्तुओं का बोध कराती हैं उन्हें जातिवाचक संज्ञाएँ कहते है।
कुत्ता, गाय, हाथी, मनुष्य, पहाड़ आदि शब्द एकही जाति के प्राणियों, वस्तुओं एवं स्थानों का बोध करा रहे है।

जातिवाचक संज्ञा के अंतर्गत निम्नलिखित दो है –
(क) द्रव्यवाचक संज्ञा

जिन संज्ञा शब्दों से किसी पदार्थ या धातु का बोध हो, उन्हें द्रव्यवाचक संज्ञा कहते है ।

जैसे – दूध, घी, गेहूँ, सोना, चाँदी, उन, पानी आदि द्रव्यवाचक संज्ञाएँ है।

(ख) समूहवाचक संज्ञा -
जो शब्द किसी समूह या समुदाय का बोध कराते है, उन्हें समूहवाचक संज्ञा कहते हैं।

जैसे – भीड़, मेला, कक्षा, समिति, झुंड आदि समूहवाचक संज्ञा हैँ।

व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग:
व्यक्तिवाचक संज्ञाएँ कभी कभी ऐसे व्यक्तियों की ओर इशारा करती हैं, जो समाज में अपने विशेष गुणों के कारण प्रचलित होते हैं। उन व्यक्तियों का नाम लेते ही वे गुण हमारे मस्तिष्क में उभर आते है, जैस-

हरीशचंद्र (सत्यवादी), महात्मा गांधी (मकात्मा), जयचंद (विश्वासघाती), विभीषण (घर का भेदी), अर्जुन (महान् धनुर्धर) इत्यादि। कभी कभी बोलचाल में हम इनका इस्तेमाल इस प्रकार कर लेते हैं-

1. इस देश में जयचंदों की कमी नहीं । (जयचंद- देशद्रोही के अर्थ में)
2. कलियुग में हरिशचंद्र कहां मिलते हैं । (हरिशचंद्र- सत्यवादी के अर्थ में प्रयुक्त)
3. हमेँ देश के विभीषणों से बचकर रहना चाहिए । (विभीषण- घर के भेदी के अर्थ में प्रयुक्त)

जातिवाचक संज्ञा का व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग-
कमी-कभी जातिवाचक संज्ञाएँ रूढ हो जाती है । तब वे केवल एक विशेष अर्थ में प्रयुक्त होने लगती हैं- जैसे:
पंडितजी हमारे देश के प्रथम प्रधानमंत्री थे।
यहाँ ‘पंडितजी’ जातिवाचक संज्ञा शब्द है, किंतु भूतपूर्व प्रधानमंत्री ‘पंडित जवाहरलाल नेहरू’ अर्थात् व्यक्ति विशेष के लिए रूढ़ हो गया है । इस प्रकार यहाँ जातिवाचक का व्यक्तिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग किया गया है।
राष्ट्रपिता गांधी जी ने हरिजनों का उद्धार किया । (राष्ट्रपिता गांधी)
नेता जी ने कहा- “तुम मुझे खून दे, मैं तुम्हें आजादी कूँरा । (नेता जी – सुभाष चंद्र बोस)

3. भाववाचक संज्ञा –
जो संज्ञा शब्द गुण, कर्म, दशा, अवस्था, भाव आदि का बोध कराएँ उन्हें भाववाचक संज्ञाएँ कहते है।
जैसे – भूख, प्यास, थकावट, चोरी, घृणा, क्रोध, सुंदरता आदि। भाववाचक संज्ञाओं का संबंध हमारे
भावों से होता है । इनका कोई रूप या आकार नहीं होता । ये अमूर्त
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2023-03-07 13:20:00 महत्वपूर्ण प्रश्न श्रखंला

१. तारसप्तक का प्रकाशन कब हुआ? उत्तर - १९४३

२. फूल नहीं रंग बोलते हैं, किसकी कविता है? उत्तर - केदारनाथ अग्रवाल

३. केदारनाथ अग्रवाल पर किस बहुचर्चित प्रगतिवादी कवि ने कविता लिखा? उत्तर - नागार्जुन

४. प्रवासी के गीत रचना किस सन में प्रकाशित है? उत्तर - नरेंद्र शर्मा / 1939

५. "मेरा वश चलता मैं बन जाता कौमार्य तुम्हारा'..पंक्ति किसकी है? उत्तर - रामेश्वर शुक्ल अंचल

६. "आज के बिछुड़े न जाने कब मिलेंगे" किस युग में लिखी गई पंक्ति है? उत्तर -नरेंद्र शर्मा / उत्तर-छायावादी या कहें छायावादोत्तर

७. हाहाकार किसकी कविता है? उत्तर - रामधारी सिंह दिनकर

८. "परिरम्भ कुम्भ की मदिरा. निःश्वास मलय के झोंके" किसकी और किस कविता की पंक्ति है? उत्तर - जयशंकर प्रसाद / आंसू

९. मिलनयामिनी किसका गीत संग्रह है? उत्तर - हरिवंश राय बच्चन

१०. एकलव्य किसकी रचना है और रचना का स्वरूप क्या है? उतर - डॉ. रामकुमार वर्मा
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2023-03-07 08:37:49 Topic - 【कारक】
कारक किसे कहते हैं ?

उत्तर – संज्ञा या सर्वनाम का क्रिया से सम्बन्ध जिस रूप से जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं।

प्रश्न – कारक के कितने भेद हैं?

उत्तर – हिन्दी में कारक के आठ भेद किए गए हैं –

कर्ता– ने
कर्म– को
करण– से, के साथ, के द्वारा
संप्रदान– के लिए, को
अपादान– से (पृथक)
संबंध– का, के, की
अधिकरण– में, पर
संबोधन– हे! भो! अरे!

प्रश्न – कर्त्ता कारक किसे कहते हैं?

उत्तर – काम करने वाले को कर्त्ता कहते हैं। जैसे –

अध्यापक ने विद्यार्थियों को पढ़ाया।

इस वाक्य में ‘अध्यापक’ कर्त्ता है, क्योंकि काम करने वाला अध्यापक है।

प्रश्न – कर्म कारक किसे कहते हैं?

उत्तर – कार्य का फल अर्थात प्रभाव जिसपर पड़ता है, उसे कर्म कारक कहते हैं। जैसे –

राम ने आम को खाया।

इस वाक्य में ‘आम’ कर्म है, क्योंकि राम के कार्य (खाने) का प्रभाव आम पर पड़ा है।

प्रश्न – करण कारक किसे कहते हैं?

उत्तर – जिसकी सहायता से कोई कार्य किया जाए, उसे करण कारक कहते हैं। जैसे –

वह कलम से लिखता है।

इस वाक्य में ‘कलम’ करण है, क्योंकि लिखने का काम कलम से किया गया है।

प्रश्न – संप्रदान कारक किसे कहते हैं?

उत्तर – जिसके लिए कोई कार्य किया जाए, उसे संप्रदान कारक कहते हैं। जैसे –

मैं दिनेश के लिए चाय बना रहा हूँ।

इस वाक्य में ‘दिनेश’ संप्रदान है, क्योंकि चाय बनाने का काम दिनेश के लिए किया जा रहा।

प्रश्न – अपादान कारक किसे कहते हैं?

उत्तर – कर्त्ता अपनी क्रिया द्वारा जिससे अलग होता है, उसे अपादान कारक कहते हैं। जैसे –

पेड़ से आम गिरा।

इस वाक्य में ‘पेड़’ अपादान है, क्योंकि आम पेड़ से गिरा अर्थात अलग हुआ है।

प्रश्न – संबंध कारक किसे कहते हैं?

उत्तर – शब्द के जिस रूप से एक का दूसरे से संबंध पता चले, उसे संबंध कारक कहते हैं। जैसे –

यह राहुल की किताब है।

इस वाक्य में ‘राहुल की’ संबंध कारक है, क्योंकि यह राहुल का किताब से संबंध बता रहा है।

प्रश्न – अधिकरण कारक किसे कहते हैं?

उत्तर – जिस शब्द से क्रिया के आधार का बोध हो, उसे अधिकरण कारक कहते हैं। जैसे –

पानी में मछली रहती है।

इस वाक्य में ‘पानी में’ अधिकरण कारक है, क्योंकि यह मछली के आधार पानी का बोध करा रहा है।

प्रश्न – सम्बोधन कारक किसे कहते हैं?

उत्तर – जिस शब्द से किसी को पुकारा या बुलाया जाए उसे सम्बोधन कारक कहते हैं। जैसे –

हे राम ! यह क्या हो गया।

इस वाक्य में ‘हे राम!’ सम्बोधन कारक है, क्योंकि यह सम्बोधन है।
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2023-03-06 17:06:46 Paytm/Bank Transfer/Gpay/Phone Pay Doubling

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2023-03-06 16:50:31 Question

1. किस नाटककार ने अपने नाटकों के लिए रंगमंच को अनिवार्य नहीं माना है? – जयशंकर प्रसाद
2. किस पुस्तक का 15 भारतीय भाषाओं और 40 विदेशी भाषाओं में अनुवाद किया जा चुका है? – पंचतंत्र

3. किस भाषा को द्रविड़ परिवार की सभी भाषाओं की जननी कहा जाता है? – तमिल
4. किस भाषा को भारतीय आर्य भाषाओं की जननी, भारतीय आर्य संस्कृति का आधार, देवभाषा आदि नामों से जाना जाता है? – संस्कृत

5. किस युग को ‘चाल्कोलिथिक एज’ कहा जाता है? – ताम्रपाषाण युग को
6. किस रचना की सर्वाधिक टीकाएँ लिखी गई हैं? – बिहारी सतसई

7. 'कुटज' के रचयिता कौन हैं? – हजारी प्रसाद द्विवेदी
8. केरल राज्य की राजकीय भाषा क्या है? – मलयालम

9. कौनसी भाषा ऑस्ट्रिक समूह से सम्बन्धित है? – खासी
10. खड़ी बोली के सर्वप्रथम लोकप्रिय कवि कौन माने जाते है? – अयोध्या सिंह उपाध्याय 'हरिऔध'

11. खड़ीबोली का अरबी-फ़ारसीमय रूप क्या है? – उर्दू भाषा
12. 'गंगा छवि वर्णन' (कविता) के रचनाकार कौन हैं? – भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

13. 'गागर में सागर' भरने का कार्य किस कवि ने किया है? – बिहारी
14. गाथा (गाहा) कहने से किस लोक प्रचलित काव्यभाषा का बोध होता है? – प्राकृत

15. गुप्त वंश का संस्थापक कौन था? – श्रीगुप्त
16. 'गोदान' किसकी कृति है? – प्रेमचंद

17. गौतम बुद्ध ने अपने उपदेश सबसे अधिक किस स्थान पर दिए? –  श्रावस्ती में
18. घनिष्ठ की शुद्ध उत्तरावस्था क्या है? – घनिष्ठतर

19. चंदरबरदाई किसके दरबारी कवि थे? – पृथ्वीराज चौहान के
20. चन्दन विष व्याप्त नहीं, लिपटे रहत भुजंग- इस प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता कौन हैं? – रहीम

21. 'चरणदास चोर' किसकी नाट्य कृति है? – हबीब तनवीर
22. 'चाँद का मुँह टेढ़ा है' (काव्य) के रचयिता कौन हैं? – गजानन माधव 'मुक्तिबोध'

23. चारु शब्द की शुद्ध भावात्मक संज्ञा क्या है? – चारुता
24. 'चिन्तामणि' के रचयिता कौन हैं? – रामचन्द्र शुक्ल

25. चीनी यात्री ह्नेनसांग सर्वप्रथम किस भारतीय राज्य पहुँचा? – कपिशा
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2023-03-06 05:20:01 Topic 【वर्ण विचार

हिंदी भाषा की सबसे छोटी इकाई ध्वनि होती है। इसी ध्वनि को ही वर्ण कहा जाता है। वर्णों को व्यवस्थित करने के समूह को वर्णमाला कहते हैं। हिंदी में उच्चारण के आधार पर 45 वर्ण होते हैं। इनमें 10 स्वर और 35 व्यंजन होते हैं। लेखन के आधार पर 52 वर्ण होते हैं इसमें 13 स्वर , 35 व्यंजन तथा 4 संयुक्त व्यंजन होते हैं।

वर्णमाला के दो भाग होते हैं :-
1. स्वर
2. व्यंजन


1. स्वर क्या होता है :- जिन वर्णों को स्वतंत्र रूप से बोला जा सके उसे स्वर कहते हैं। परम्परागत रूप से स्वरों की संख्या 13 मानी गई है लेकिन उच्चारण की दृष्टि से 10 ही स्वर होते हैं।

1. उच्चारण के आधार पर स्वर :-
अ, आ , इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ आदि।

2. लेखन के आधार पर स्वर :-
अ, आ, इ , ई , उ , ऊ , ए , ऐ , ओ , औ , अं , अ: , ऋ आदि।

व्यंजन क्या होता है :- जो वर्ण स्वरों की सहायता से बोले जाते हैं उन्हें व्यंजन कहते हैं। हर व्यंजन के उच्चारण में अ स्वर लगा होता है। अ के बिना व्यंजन का उच्चारण नहीं हो सकता। वर्णमाला में कुल 35 व्यंजन होते हैं।

क वर्ग : क , ख , ग , घ , ङ
च वर्ग : च , छ , ज , झ , ञ
ट वर्ग : ट , ठ , ड , ढ , ण ( ड़ ढ़ )
त वर्ग : त , थ , द , ध , न
प वर्ग : प , फ , ब , भ , म
अंतस्थ : य , र , ल , व्
उष्म : श , ष , स , ह
संयुक्त व्यंजन : क्ष , त्र , ज्ञ , श्र

यह वर्णमाला देवनागरी लिपि में लिखी गई है। देवनागरी लिपि में संस्कृत , मराठी , कोंकणी , नेपाली , मैथिलि भाषाएँ लिखी जाती हैं। हिंदी वर्णमाला में ऋ , ऌ , ॡ का प्रयोग नहीं किया जाता है।

विशेष :- भाषा की सार्थक इकाई वाक्य हैं। वाक्य से छोटी इकाई उपवाक्य , उपवाक्य से छोटी इकाई पदबंध , पदबंध से छोटी इकाई पद , पद से छोटी इकाई अक्षर और अक्षर से छोटी इकाई ध्वनि होती है ध्वनि को वर्ण भी कहते हैं।
जैसे :- पुन: = इसमें दो अक्षर हैं – पु , न । लेकिन इसमें वर्ण चार हैं = प् ,उ , न , ह आदि।
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2023-03-05 16:33:09 भक्तिकाल-
- आचार्य शुक्ल ने भक्तिकाल का वर्गीकरण निम्न प्रकार से किया है-
भक्ति काल निगुण (ज्ञानाश्रयी) (प्रेयाश्रयी)
संतकाव्य सूफी काव्य
सगुण-
रामकाव्य
कृष्णकाव्य
( कबीर/ जायसी /तुलसीदास/ सूरदास)

प्रमुख आचार्य एवं सिद्धान्त (सम्प्रदाय)
-
1. अद्वैतवाद - शंकराचार्य
2. विशिष्टाद्वैतवाद - रामानुजाचार्य
3. द्वैतवाद (ब्रह्मवाद) - मध्वाचार्य
4. द्वैताद्वैतवाद - निम्बकाचार्य
5. शुद्धादतै वाद - विष्णु स्वामी/वल्लभाचार्य
6. सखी/हरिदासी सम्प्रदाय- हरिदास
7. राधावल्लभी सम्प्रदाय - हितहरिवंश
8. रामावत सम्प्रदाय - रामानन्द
9. श्री सम्प्रदाय - रामानुजाचार्य

संत काव्य की प्रमुख प्रवृतियाँ -
- निर्गुण निराकार ब्रह्म की उपासना।
- गुरू की महिमा
- ज्ञान की महिमा।
- रहस्यात्मकता-साधनात्मक एवं भावनात्मक रहस्यवाद
- बाहरी आडम्बरों का विरोध
- मानवतावादी दृष्टिकोण
- नारी विषयक दृष्टिकोण
- जाति प्रथा के विरूद्ध
- संसार की असारता का निरूपण
- उलटबांसी शैली का प्रयोग
- अपरिष्कृत भाषा - आचार्य शुक्ल ने इसे सधुकड़ी या पंचमेल खिचड़ी भाषा में कहा है।
- भाव पक्ष की प्रधानता

प्रमुख संत एवं उनकी रचनाएं -
1. कबीर - (1398)
- बीजक नाम से इनकी रचनाओं का संकलन इनके शिष्य धर्मदास द्वारा किया गया। बीजक के तीन भाग है - 1. साखी 2. सबद 3.रमैनी
- श्यामसुन्दर दास ने इनकी रचनाओं का संकलन ‘कबीर ग्रन्थावली’ में किया।
- ये भक्त एवं कवि बाद में थे समाजसुधारक पहले थे।
- कबीर ने गुरू की महिमा, हठयोग साधना एवं कुण्डलिनीयोग नाथों से ग्रहण किया है।
- कबीर की उलटबांसियों पर सिद्धों का प्रभाव
- कबीर की भाषा को आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने सधुक्कड़ी या पंचमेल खिचड़ी कहा है।
- हजारी प्रसाद द्विवेदी ने कबीर को ‘‘वाणी का डिक्टेटर’’ कहा है।
- सबद और रमैनी की भाषा ब्रज है।
- ये रामानन्द के 12 शिष्यों में प्रमुख थे।

2. गुरूनानक देव -
- ये सिख सम्प्रदाय के प्रवर्तक थे।
- इनका जन्म तलवण्डी (ननकाना साहिब) में 1469 को हुआ।
- प्रमुख रचनाएं - जपुजी, असादीबार, रहिराज, सोहिला, नसीहतनामा (खड़ी बोली में)

3. हरिदास निरन्जनी -
- ये निरन्जनी सम्प्रदाय के थे जो नाथ पंथ और संतकाव्य के बीच की कड़ी माना जाता है।
- प्रमुख रचनाएं - अष्टपदी, ब्रह्मस्तुति, हंस प्रबोध, संग्रामजोग, समाधि जोग

4. दादू दयाल (1544 ई.) -
- इन्होंने ‘‘दादूपंथ’’ का प्रवर्तन किया जो ‘‘परब्रह्म सम्प्रदाय’’ भी कहलाता है।
- इनकी रचनाओं का संकलन ‘‘हरड़ेवाणी’’ नाम से इनके शिष्य संतदास एवं जगन्ननाथदास ने किया।
- अन्य रचनाएं - अनभैपाणी, कायावेली, अंगबधू(रज्जबजी)
- अंगबधु का संकलन रज्जब ने किया
- इनकी भाषा ब्रज है

5. मलूकदास -
- प्रमुख रचनाएं - ज्ञानबोध, रतनखान, भक्तिविवेक, सुख-सागर, बारहखड़ी, ध्रुवचरित्र।
- आलसियों का महामंत्र - अजगर करे न चाकरी, पंछी करे न काम। दास मलूका कह गए, सबके दाता राम।।
- इनकी भाषा ब्रज एवं अवधी है

6. सुन्दरदास -
- ये दादूदयाल के षिष्य थे।
- ये सबसे प्रतिभाशाली एवं शिक्षित कवि थे।
- इनके ग्रंथों में ‘‘ज्ञान समुद्र’’ एवं ‘‘सुन्दर विलास’’ प्रसिद्ध है।
- ‘‘सुन्दर ग्रन्थावली’’का सम्पादन कार्य हरिनारायण शर्मा ने किया।
- ये शृंगार रस के परम विरोधी थे।
- इन्होंने केशव की ‘‘रसिकप्रिया’’ एवं नन्ददास ‘‘रसमंजरी’’ की निंदा की है।
- इन्होंनें छंदों एवं अलंकारों का शुद्ध प्रयोग किया।
- इनकी भाषा ब्रज है।

7. रैदास - (रविदास)
- ये रामानन्द के षिष्य थे तथा जाति से चमार थे।
- ये मीरा के गुरू भी माने जाते हैं।
- इनकी रचनाएं ‘‘रविदास की वाणी’’ शीर्षक से प्रकाशित है।
- इनकी भाषा ब्रज है।

8. अर्जुनदेव -
- ये ‘‘गुरू ग्रंथ साहिब’’ के सम्पादक थे।
- रचनाएं - सुखमणी, बावनक्षरी। संतकाव्य से सम्बन्धित महत्वपूर्ण तथ्य -
- नामदेव ने कबीर से पहले संतकाव्य की स्थापना की थी। ये महाराष्ट्र पण्डरपुर जिले के संत थे।
- निर्गुण पंथ के प्रवर्तक कबीर ही माने जाते हैं।
- संत काव्य में साधनात्मक रहस्यवाद अधिक मिलता है।
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2023-03-04 08:34:43 वन लाइनर 50 प्रश्नोतर

1. ‘उद्धवशतक’ किसकी कृति है? उत्तर. जगन्नाथदास रत्नाकर
2. हिन्दी भाषा का जन्म हुआ है? उत्तर. पाली प्राकृत से
3. ‘पंच परमेश्वर’ के लेखक हैं? उत्तर. प्रेमचन्द
4. अवधी भाषा के सर्वाधिक लोकप्रिय महाकाव्य का नाम क्या है? उत्तर. रामचरित मानस
5. स्थायी भावों की कुल संख्या कितनी है? उत्तर. 9
6. दोहा और रोला को क्रम से मिलाने पर कौन-सा छंद बनता है? उत्तर. कुण्डलिया
7. ‘हार की जीत’ (कहानी) के कहानीकार हैं? उत्तर. सुदर्शन
8. कामताप्रसाद गुरु का हिन्दी व्याकरण विषयक ग्रंथ, जो नागरी प्रचारिणी सभा, काशी से प्रकाशित हुआ था, उसका नाम था? उत्तर. हिन्दी व्याकरण
9. सबसे प्राचीन कौन सी वीरता है।? उत्तर. वाकवीरता
10. शब्दार्थों सहित काव्यम् यह उक्ति किसकी है? उत्तर. भामह

11. ‘अशोक के फूल’ (निबंध-संग्रह) के रचनाकार कौन हैं? उत्तर. हज़ारी प्रसाद द्विवेदी
12. लोगहिं लागि कवित्त बनावत, मोहिं तौ मेरे कवित्त बनावत॥ प्रस्तुत पंक्ति के रचयिता हैं? उत्तर. घनानन्द
13. ‘जब-जब होय धर्म की हानी, बाढ़हिं असुर अधम अभिमानी’। इस पंक्ति के रचयिता हैं? उत्तर. तुलसीदास
14. हिन्दी की मूल उत्पत्ति किससे हुई है? उत्तर. वैदिक संस्कृत
15. ‘आत्मनिर्भरता’ निबंध के रचनाकार हैं? उत्तर. बालकृष्ण भट्ट
16. ‘ठेले पर हिमालय’ किसकी रचना है? उत्तर. धर्मवीर भारती
17. ‘रानी केतकी की कहानी’ के रचयिता हैं? उत्तर. इंशा अल्ला ख़ाँ
18. ‘यह प्रेम को पंथ कराल महा तरवारि की धार पै धावनो है’, नामक पंक्ति किस कवि द्वारा सृजित है? उत्तर. बोधा
19. हिन्दी भाषा में कितने वचन होते हैं? उत्तर. दो
20. भारत मित्र’ पत्र (जो कलकत्ता से सन् 1934 में प्रकाशित हुआ था) के एक सम्पादक थे? उत्तर. रुद्रदत्त शर्मा

21. ज्ञानपीठ पुरस्कार किस क्षेत्र में श्रेष्ठ कार्य के लिए दिया जाता है? उत्तर. साहित्य
22. ‘आकाशदीप’ कहानी के लेखक हैं? उत्तर. जयशंकर प्रसाद
23. ‘कामायनी’ किसकी रचना है? उत्तर. जयशंकर प्रसाद
24. ‘तोड़ती पत्थर’ कैसी कविता है? उत्तर. यथार्थवादी
25. ‘निराला’ को कैसा कवि माना जाता है? उत्तर. क्रान्तिकारी
26. भक्तिकाल की रामाश्रयी शाखा के निम्नलिखित में से कौन-से कवि हैं? उत्तर. तुलसीदास
27. उत्तर भारत में भक्ति का प्रसार करने का श्रेय किसे प्राप्त है? उत्तर. स्वामी रामानंद
28. निम्नलिखित में से कौन-सी भाषाएँ हाल ही में प्राचीन भाषाएँ घोषित की गई है? उत्तर. कन्नड़ एवं तेलुगु
29. ‘यह काम मैं आप कर लूँगा’, पंक्तियों में ‘आप’ है? उत्तर. निजवाचक सर्वनाम
30. मातृभूमि पर शीश चढ़ाने, जिस पथ जावें वीर अनेक

31. हिन्दी साहित्य का नौवाँ रस कौन-सा है? उत्तर. शांत रस
32. कबीर किस काव्य धारा के कवि हैं? उत्तर. ज्ञानमार्गी
33. डॉ. कृष्ण शंकर शुक्ल ने आचार्य केशवदास पर एक समीक्षात्मक पुस्तक लिखी थी, उस पुस्तक का नाम है?? उत्तर. केशव की काव्यकला
34. व्याकरण की दृष्टि से ‘प्रेम’ शब्द क्या है? उत्तर. भाववाचक संज्ञा
35. चौपाई के चारों चरणों में कितनी मात्राएँ होती है? उत्तर. सोलह
36. हिन्दी का पहला दैनिक समाचार-पत्र कौन-सा था? उत्तर. उतण्ड मार्तण्ड
37. ‘आनन्द कादम्बिनी’ पत्रिका के सम्पादक कौन थे? उत्तर. चौधरी बदरीनारायण प्रेमघन
38. ‘धातुसेन’ प्रसाद के किस नाटक का पात्र है? उत्तर. स्कंदगुप्त
39. निम्नलिखित शब्दों में से किसमें व्यंजन संधि है? उत्तर. सत्कार
40. ‘रसिक प्रिया’ के रचयिता हैं? उत्तर. केशवदास

41. निम्नलिखित में से अर्द्ध स्वर कौन-सा है? उत्तर. य
42. भरतमुनि ने अपभ्रंश को नाम दिया है? उत्तर. अशुद्धभाषा
43. चोल शासकों की भाषा क्या थी? उत्तर. तमिल
44. ‘जनमेजय का नागयज्ञ’ किसकी कृति हैं? उत्तर. जयशंकर प्रसाद
45. छायावादी कवियों ने जब आध्यात्मिक प्रेम को अपनी कविताओं में व्यक्त किया तो ऐसी कविताओं को किस वाद के अंतर्गत रखा गया है? उत्तर. रहस्यवाद
46. काव्य क्षेत्र में ‘प्रबन्ध शिरोमणि’ की उपाधि किसे दी गई है? उत्तर. मैथिलीशरण गुप्त
47. ‘तोड़ती पत्थर’ (कविता) के कवि हैं? उत्तर. सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’
48. कौन-सी बोली पश्चिमी हिन्दी की नहीं है? उत्तर. बघेली बोली
49. इनमें संयुक्त व्यंजन कौन-सा है? उत्तर. ज्ञ
50. ‘जायसी -ग्रंथावली’ के सम्पादक का नाम है? उत्तर. रामचन्द्र शुक्ल
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2023-03-03 11:26:56 अल्प विराम (Comma) [ , ]

जहाँ थोड़ी सी देर रुकना पड़े, वहाँ अल्प विराम चिन्ह (Alp Viram) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण : नदी, पहाड़, खेत, हवा
उदाहरण : राम, सीता और लक्ष्मण जंगल गए ।
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अर्द्ध विराम (Semicolon) [ ; ]

जहाँ अल्प विराम (Alp Viram) की अपेक्षा कुछ अधिक देर तक रुकना पड़े, वहाँ अर्द्ध विराम (Ardh Viram) का प्रयोग करते है ।
उदाहरण : सूर्यास्त हो गया; लालिमा का स्थान कालिमा ने ले लिया ।
उदाहरण : सूर्योदय हो गया; चिड़िया चहकने लगी और कमल खिल गए ।
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उप विराम (Colon) [ : ]

जब किसी कथन को अलग दिखाना हो तो वहाँ पर उप विराम (Up Viram) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण : प्रदूषण : एक अभिशाप ।
उदाहरण : विज्ञान : वरदान या अभिशाप ।
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पूर्ण विराम (Full Stop) [ । ]

वाक्य के समाप्त होने पर पूर्ण विराम चिन्ह (Purn Viram) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण : राम घर जाता है ।
उदाहरण : पेड़ से हमें फल प्राप्त होते हैं ।
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प्रश्न चिन्ह (Question Mark) [ ? ]

प्रश्न चिन्ह (Prashn Chinh) का प्रयोग प्रश्नवाचक वाक्यों के अंत में किया जाता है ।
उदाहरण : वह क्या लिख रहा है ?
उदाहरण : ताजमहल किसने बनवाया ?
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विस्मयबोधक चिन्ह (Exclamation Mark) [ ! ]

यह विस्मयादिबोधक चिन्ह (Vismahadibodhak Chinh) अव्यय शब्द के आगे लगाया जाता है ।
उदाहरण : हाय !, आह !, छि !, अरे !, शाबाश !
उदाहरण : हाय ! वह मारा गया ।
उदाहरण : आह ! कितना सुहावना मौसम है ।
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निर्देशक चिन्ह (Dash) [ ― ]

निर्देशक चिन्ह (Nirdeshak Chinh) का प्रयोग विषय, विवाद, सम्बन्धी, प्रत्येक शीर्षक के आगे, उदाहरण के पश्चात, कथोपकथन के नाम के आगे किया जाता है । इसको रेखा चिन्ह (Rekha Chinh) के नाम से भी जाना जाता है ।
उदाहरण : जैसे ― अनार, आम, संतरा ।
उदाहरण : अध्यापक ― तुम जा सकते हो ।
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कोष्ठक चिन्ह (Bracket) [ (),{},[] ]

कोष्ठक चिन्ह (Koshthak Chinh) का प्रयोग अर्थ को और अधिक स्पस्ट करने के लिए शब्द अथवा वाक्यांश को कोष्ठक के अन्दर लिखकर किया जाता है ।
उदाहरण : विश्वामित्र (क्रोध में काँपते हुए) ठहर जा ।
उदाहरण : धर्मराज (युधिष्ठिर) सत्य और धर्म के संरक्षक थे ।
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उद्धरण या अवतरण चिन्ह (Inverted Commas) [ " " ]

किसी कथन को ज्यों का त्यों उद्धृत करने के लिए उद्धरण या अवतरण चिन्ह (Uddharan or Avtaran Chinh) का प्रयोग करते हैं ।
उदाहरण : महा कवि तुलसीदास ने सत्य कहा है ― "पराधीन सपनेहु सुख नाहीं" ।
उदाहरण : भारतेंदु जी ने कहा, "हिंदी, हिन्दू, हिंदुस्तान" ।
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योजक चिन्ह (Hyphen) [ - ]

योजक चिन्ह (Yojak Chinh) का प्रयोग समस्त पदों के मध्य में किया जाता है ।
उदाहरण : सुख-दुःख, लाभ-हानि, दिन-रात, यश-अपयश, तन-मन-धन ।
उदाहरण : देश के दीवानों ने तन-मन-धन से देश की रक्षा के लिए प्रयत्न किया ।
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लाघव चिन्ह (Sign of Abbreviation) [ ० ]

किसी बड़े शब्द को संक्षेप में लिखने के लिए कुछ अंश लिखकर लाघव चिन्ह (Laghav Chinh) लगा दिया जाता है । इसको संक्षेपण चिन्ह (Sankshepan Chinh) भी कहते हैं ।
उदाहरण : उत्तर प्रदेश के लिए ― उ० प्र० ।
उदाहरण : डॉक्टर के लिए ― डॉ० ।
उदाहरण : इंजिनियर के लिए ― इंजी० ।
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विवरण चिन्ह (Sign of Following) [ :- ]

विवरण चिन्ह (Vivran Chinh) का प्रयोग वाक्यांश के विषयों में कुछ सूचक निर्देश आदि देने के लिए किया जाता है ।
उदाहरण : वनों से निम्न लाभ हैं :-
उदाहरण : इस देश में बड़ी - बड़ी नदियाँ हैं :-
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विस्मरण चिन्ह या त्रुटिपूरक चिन्ह [ ^ ]

विस्मरण चिन्ह (Vismaran Chinh) का प्रयोग लिखते समय किसी शब्द को भूल जाने पर किया जाता है ।
उदाहरण : मैं पिताजी के साथ ^ गया ।
उदाहरण : हमें रोजाना अपना कार्य ^ चाहिए ।
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पद्लोप चिन्ह (Mark of Ellipsis) [ ... ]

उदाहरण : राम ने मोहन को गली दी ... ।
उदाहरण : मैं सामान उठा दूंगा पर ... ।
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