2023-02-28 09:41:07
1. कृत प्रत्यय किसे कहते हैजो प्रत्यय क्रिया धातु रूप के बाद लगकर नए शब्दों की रचना करते हैं ,उन्हें ‘कृत प्रत्यय’ कहते है |कृत प्रत्यय के योग से बने शब्दों को (कृत+अंत) कृदंत कहते हैं। जैसे –
लिख्+अक = लेखक
राखन+हारा = राखनहारा
घट+इया = घटिया
लिख+आवट = लिखावट
ये प्रत्यय क्रिया या धातु को नया अर्थ देते है। कृत् प्रत्यय के योग से संज्ञा और विशेषण बनते है|
कृदन्त या कृत प्रत्यय 5 प्रकार के होते हैं(I)कर्त्तुवाचक कृदंत
(Ii)कर्मवाचक कृदंत
(Iii)करणवाचक कृदंत
(Iv)भाववाचक कृदंत
(V)क्रियावाचक कृदंत
(I) कर्त्तुवाचक कृदंत किसे कहते हैजिस प्रत्यय से बने शब्द से कार्य करने वाले अर्थात कर्ता का पता चलता हो, वह कर्तृवाचक कृदंत कहलाता है
अक = लेखक, नायक, गायक,पाठक
अक्कड़ = भुलक्कड़, घुमक्कड़, पियक्कड़, कुदक्कड़
आक = तैराक
आलू = झगड़ाल
आकू = लड़ाक,कृपालु ,दयालु
आड़ी = खिलाड़ी ,अगाड़ी, अनाड़ी
इअल = अडि़यल, मरियल,सड़ियल
एरा = लुटेरा, बसेरा
ऐया = गवैया,नचैया ,खिवैया
ओड़ा = भगोड़ा
वाला = पढ़नेवाला, लिखनेवाला,रखवाला
हार = होनहार ,राखनहार, चाखनहार,पालनहार
(Ii) कर्मवाचक कृदंत किसे कहते हैजिस प्रत्यय से बने शब्द से किसी कर्म का पता चलता हो वह कर्मवाचक कृदंत कहलाता है। जैसे-
औना = खिलौना ,बिछौना
ना = सूँघना ,ओढ़ना, पढ़ना,खाना
नी = सूँघनी,छलनी
गा = गाना
(Iii) करणवाचक कृदंत किसे कहते हैजिस प्रत्यय शब्द से क्रिया के साधन अर्थात कारण को बताते हैं वह करणवाचक कृदंत कहलाता है। जैसे-
आ = झूला ,भटका, भूला,
ऊ = झाडू
न = बेलन ,झाड़न, बंधन
नी = धौंकनी ,करतनी, सुमिरनी ,चलनी ,फूंकनी
ई = फाँसी ,धुलाई ,रेती,भारी
(Iv) भाववाचक कृदंत किसे कहतेवे प्रत्यय जो क्रिया से भाववाचक संज्ञा का निर्माण करते हैं।जैसे –
अ = मार, लूट, तोल
ना = लिखना ,पढ़ना
आई = पढ़ाई ,लिखाई ,लड़ाई, कटाई, चढ़ाई, सिलाई
आन = उड़ान ,मिलान, चढान, उठान,पहचान
आप = मिलाप, विलाप
आव = चढ़ाव, घुमाव, कटाव
आवा = बुलावा,छलावा, दिखावा, बहाव, चढ़ाव
आवट = सजावट, लिखावट, मिलावट, रुकावट
आहट = घबराहट, चिल्लाहट
ई = बोली, हँसी
औती = कटौती ,मनौती, फिरौती, चुनौती
(V) क्रियावाचक कृदंत किसे कहते हैजिस प्रत्यय से बने शब्द से क्रिया के होने का भाव प्रकट हो, वह क्रियावाचक कृदंत कहलाता है। जैसे-
हुआ = चलता हुआ, पढ़ता हुआ, भागता हुआ ,लिखता हुआ
460 views06:41