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सर्वांगीण उत्कर्ष @ Utkarsh App

टेलीग्राम चैनल का लोगो sarvangeenutkarsh — सर्वांगीण उत्कर्ष @ Utkarsh App
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चैनल का पता: @sarvangeenutkarsh
श्रेणियाँ: स्वास्थ्य
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 6.47K
चैनल से विवरण

"सर्वांगीण उत्कर्ष", उत्कर्ष की एक प्रेरक व नवीनतम पहल है।
इसके अन्तर्गत उत्कर्ष द्वारा एक बहुउद्देश्यीय Online Video Course के माध्यम से "पूर्णत: नि:शुल्क ज्ञानवर्धक सामग्री, मोटिवशनल सेशन्स" उपलब्ध कराए जाएंगे।

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नवीनतम संदेश 9

2022-05-16 05:41:31 WATCH NOW


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2022-05-15 11:57:55 देखिए उत्तराखंड का एक पुलिस कॉन्स्टेबल भारत के चर्चित व कर्मठ आई.ए.एस अधिकारी श्री दीपक रावत(हरिद्वार कलेक्टर) को क्या कह रहा है...
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2022-05-15 11:57:01
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2022-05-11 10:10:38 WATCH NOW


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2022-05-11 07:49:03
दुनियां में गूंजी भारत की आवाज,
11 मई 1998 को पोखरण में भारत ने किया परमाणु परीक्षण।
राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी दिवस की समस्त वैज्ञानिकों व देशवासियों को हार्दिक बधाई I
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2022-05-09 07:44:58 "हे राणा थारी हुंकार सूँ, अकबर कांप्यो जाय
अंबराँ मं जयां बिजळी चमके, अठे थारी तलवार चमकी जाय"
महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई, 1540 को कुंभलगढ़ दुर्ग (राजसमंद) में महाराजा उदयसिंह एवं माता राणी जीवत कंवर के घर में हुआ था।
महाराणा प्रताप उदयपुर, मेवाड़ में सिसोदिया राजवंश के राजा थे।
इनके कुल देवता एकलिंग महादेव हैं।
इन्हें बचपन और युवावस्था में कीका नाम से भी पुकारा जाता था। यह नाम इन्हें भीलों से मिला था ।
भीलों की बोली में कीका का अर्थ 'बेटा' होता है ।
महाराणा प्रताप के पास एक सबसे प्रिय घोड़ा था, जिसका नाम 'चेतक' था।
महाराणा प्रताप की वीरता की कहानियों में चेतक का एक विशेष स्थान है।
चेतक की फुर्ती, रफ्तार और बहादुरी की कई लड़ाइयाँ जीतने में महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है।
एक पहाड़ी पर महाराणा प्रताप का दर्शनीय स्मारक स्थित है।
यहाँ मुख्य रूप से रक्त तलाई, शाहीबाग, प्रताप गुफा, घोड़े चेतक की समाधि एवं ऊंची पहाड़ी पर महाराणा प्रताप के दर्शनीय स्थल हैं।
मेवाड़ की शौर्य-भूमि धन्य है जहां वीरता और दृढ़ प्रण वाले प्रताप का जन्म हुआ। जिन्होंने इतिहास में अपना नाम अजर-अमर कर दिया। उन्होंने धर्म एवं स्वाधीनता के लिए अपना बलिदान दिया इनकी वीरता की कथा से भारत की भूमि गौरवान्वित है।
महाराणा प्रताप और मुगल बादशाह अकबर के बीच 18 जून,1576 में लड़ा गया हल्दीघाटी का युद्ध काफी चर्चित है, क्योंकि अकबर और महाराणा प्रताप के बीच यह युद्ध महाभारत युद्ध की तरह विनाशकारी सिद्ध हुआ था।
इस युद्ध के बाद मेवाड़, चित्तौड़, गोगुंदा, कुंभलगढ़ और उदयपुर पर मुगलों का कब्जा हो गया।
1597 ई. को महाराणा प्रताप का देहांत हो गया।
30 वर्षों के संघर्ष और युद्ध के बाद भी अकबर, महाराणा प्रताप को न तो बंदी बना सका और न ही अपने अधीन कर सका।
महान वो होता है जो अपने देश, जाति, धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार का समझौता न करे और लगातार संघर्ष करता रहे।
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2022-05-09 07:44:58
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2022-05-07 08:30:00
रबीन्द्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कोलकाता में हुआ।
उनके पिता का नाम देवेन्द्रनाथ टैगोर और मां का नाम शारदा देवी था। लंदन विश्वविद्यालय से क़ानून की पढ़ाई की लेकिन 1880 में बिना डिग्री लिए भारत लौट आए।
रबीन्द्रनाथ टैगोर मानवता को राष्ट्रवाद से ऊंचे स्थान पर रखते थे। गुरुदेव ने कहा था, "जब तक मैं जिंदा हूं मानवता के ऊपर देशभक्ति की जीत नहीं होने दूंगा।"
उनकी रचनाओं में गीतांजली, गीताली, गीतिमाल्य, कथा ओ कहानी, शिशु, शिशु भोलानाथ, कणिका, क्षणिका, खेया आदि प्रमुख हैं।
कविगुरु रबीन्द्रनाथ टैगोर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। 7 अगस्त 1941 को उन्होंने कोलकाता में अंतिम सांस ली। गुरुदेव बहुआयामी प्रतिभा वाली शख़्सियत थे। वे कवि, साहित्यकार, दार्शनिक, नाटककार, संगीतकार और चित्रकार थे। विश्वविख्यात महाकाव्य गीतांजलि की रचना के लिये उन्हें 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साहित्य के क्षेत्र में नोबेल जीतने वाले वे अकेले भारतीय हैं।
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2022-05-02 06:54:20 ये है सबसे बड़ा पागल



शेरवानी में लाइव क्लास ले रहे इस शख्स(जिसे दुनिया करेंट अफेयर्स के विश्व रिकॉर्डधारी टीचर के रूप में जानती है) ने आज से लगभग 5 महीने पहले मुझे बताया था कि निर्मल सर मई माह में मेरी शादी है।सामान्यतः इस प्रकार की कोई सूचना देता है तो मैं कहता हूँ “ बहुत-बहुत बधाई।शादी में कितने दिन की छुट्टी लोगे?” यही प्रश्न मैंने इस शख्स से भी पूछा तो इसने कहा कि सर क्लास तो मैं नहीं छोड़ना चाहता हूँ व शादी के दिन भी लुंगा।मैंने कहा “ अरे पागल तीन-चार दिन क्लास की छुट्टी रख लेना कोई फर्क नहीं पड़ेगा।” परंतु इसने कहा कि सर मैं क्लास तो लुंगा, कैसे ले सकता हूँ वह आपको देखना था।बस फिर क्या था, मेरे दिमाग में शिक्षा रथ का ख़्याल आया व उसको हक़ीक़त में तब्दील कर दिया और आज 2 मई 2022 का वह ऐतिहासिक दिन है जिस दिन प्रिय कुमार गौरव ने गोविन्दगढ़ (अलवर) में अपने गॉंव की गलियों में खड़े शिक्षा रथ से लाईव वाचिंग का वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी करेंट अफेयर्स की अपने शादी के दिन ऐतिहासिक क्लास ली।कल देर रात तक महिला संगीत के कार्यक्रम के बाद आधी रात तक आज के करेंट अफेयर्स की क्लास की तैयारी करना, फिर तैयार होकर शेरवानी में ही क्लास लेना क्योंकि क्लास के बाद सुबह 8:30 बजे ही बिन्दौरी (निकासी) का कार्यक्रम भी है…तो फिर ऐसा शख्स सामान्य पागल तो नहीं सबसे बड़ा पागल ही कहलायेगा और ऐसे विशिष्ट श्रेणी के पागल ही अपने अनोखे पागलपन से स्वर्णिम इतिहास बनाया करते हैं।लक्ष्य को प्राप्त करने का, अपने संकल्प को पूर्ण करने का ऐसा ही पागलपन जिस जिस में होगा दुनियाँ की कोई ताकत उसे सफल होने से नहीं रोक सकती।मुझे व पूरे उत्कर्ष परिवार को गर्व है अपने कुमार ‘गौरव’ पर।कुमार को शादी की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ।भगवान चंद्रमौलिश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि वह मेरे कुमार के दाम्पत्य जीवन को सभी ज्ञात-अज्ञात खुशियों से भर दे।
-डॉ निर्मल गहलोत 'उत्कर्ष'
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2022-05-02 06:54:17
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