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─⊰❀ ऐ जिंदगी मोटिवेशन ❀⊰─

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नवीनतम संदेश 3

2024-01-28 15:25:39 “हाय परीक्षा आई"

खेल-कूद में दिन बीता, सोने में रात गँवाई।
हाय परीक्षा आई, अब क्या होगा रे भाई ।।


आ जाती है हर वर्ष, साज तक इसे नहीं आती।
जब से आती है, आँखों से नींद
चली जाती है।।

कोई ऐसा वीर नहीं, जो टोक सके इसको।
स्कूल, कॉलेजों में आने से रोक सके इस को ।।


सब मरते हैं इसकी, अब तक मौत नहीं आई। हाय परीक्षा आई, अब क्या होगा रे भाई ।।

डरते नहीं कभी हम बन्दूकों तलवारों से
डरते नहीं कभी हम शोलों से अंगारों से।


क्या कारण है किन्तु समझ में बात नहीं आई।
नाम परीक्षा का सुनते ही नानी याद आई ।।


हार मानकर भागे इससे कितने बलदाई।
हाय परीक्षा आई, अब क्या होगा रे भाई।


बिन बादल बरसात, रात-भर बिजली से कड़के
ज्यों-ज्यों आये पास परोक्षा, त्यों-त्यों दिल धड़के ।।


बाथरूम में अब न फिल्म के गाने हम गते ।
जो कुछ पढ़ा रात को, उसको ही हैं दोहराते ।।


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17.9K views Radhe Rajpoot , edited  12:25
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2024-01-25 06:25:03 कुछ करना है, तो डटकर चल ,
थोड़ा दुनियां से हटकर चल ।

लीक पर तो सभी चल लेते है,
कभी इतिहास को पलटकर चल ॥

बिना काम के मुकाम कैसा ?
बिना मेहनत के दाम कैसा?
जब तक ना हाँसिल हो मंज़िल
तो राह में, आराम कैसा ?

अर्जुन सा, निशाना रख,
मन में, ना कोई बहाना रख !
लक्ष्य सामने है, बस उसी पे
अपना ठिकाना रख ॥

सोच मत, साकार कर ,
अपने कर्मों से प्यार कर ।

मिलेगा तेरी मेहनत का फल ।
किसी ओर का ना इंतज़ार कर!

जो चले थे अकेले उनके पीछे
आज मेले है......

जो करते रहे इंतज़ार उनकी
जिंदगी में आज भी झमेले है ।।
19.1K viewsjagriti soni, 03:25
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2024-01-23 06:50:39
18.8K viewsjagriti soni, 03:50
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2024-01-14 06:19:52 TARGET (लक्ष्य)

एक लड़के ने एक बार एक बहुत ही धनवान व्यक्ति को देखकर धनवान बनने का निश्चय किया। वह धन कमाने के लिए कई दिनों तक मेहनत कर धन कमाने के पीछे पड़ा रहा और बहुत सारा पैसा कमा लिया। इसी बीच उसकी मुलाकात एक विद्वान से हो गई। विद्वान के ऐश्वर्य को देखकर वह आश्चर्यचकित हो गया और अब उसने विद्वान बंनने का निश्चय कर लिया और अगले ही दिन से धन कमाने को छोड़कर पढने-लिखने में लग गया।

वह अभी अक्षर ज्ञान ही सिख पाया था, की इसी बीच उसकी मुलाकात एक संगीतज्ञ से हो गई। उसको संगीत में अधिक आकर्षण दिखाई दिया, इसीलिए उसी दिन से उसने पढाई बंद कर दी और संगीत सिखने में लग गया। इसी तरह काफी उम्र बित गई, न वह धनी हो सका ना विद्वान और ना ही एक अच्छा संगीतज्ञ बन पाया। तब उसे बड़ा दुख हुआ। एक दिन उसकी मुलाकात एक बहुत बड़े महात्मा से हुई। उसने महात्मन को अपने दुःख का कारण बताया।

महात्मा ने उसकी परेशानी सुनी और मुस्कुराकर बोले, “बेटा, दुनिया बड़ी ही चिकनी है, जहाँ भी जाओगे कोई ना कोई आकर्षण ज़रूर दिखाई देगा। एक निश्चय कर लो और फिर जीते जी उसी पर अमल करते रहो तो तुम्हें सफलता की प्राप्ति अवश्य हो जाएगी, नहीं तो दुनियां के झमेलों में यूँ ही चक्कर खाते रहोगे। बार-बार रूचि बदलते रहने से कोई भी उन्नत्ति नहीं कर पाओगे।” युवक महात्मां की बात को समझ गया और एक लक्ष्य निश्चित कर उसी का अभ्यास करने लगा।

शिक्षा:-
उपर्युक्त प्रसंग से हमें यह शिक्षा मिलती हैं कि हमें भी शुरुआत से ही एक लक्ष्य बनाकर उसी के अनुरूप मेहनत करना चाहिए। इधर-उधर भटकने की बजाय एक ही जगह, एक ही लक्ष्य पर डटे रहने से ही सफलता व उन्नति प्राप्त की जा सकती हैं।

सदैव प्रसन्न रहिये।
जो प्राप्त है, पर्याप्त है।
29.8K views Radhe Rajpoot , 03:19
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2024-01-09 07:19:16 हालात बुरे हुए तो क्या हुआ
हम भी अपनी जिद पर अड़े है..!!

सपने बड़े हुए तो क्या हुआ
हम सपनों के पीछे
हांथ धोकर पड़े है..!!

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28.1K views Radhe Rajpoot , edited  04:19
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2024-01-05 09:30:40 . एक प्रेरणादायक कहानी....
__

एक अमीर आदमी था। उसने समुद्र मे अकेले घूमने के लिए एक नाव बनवाई।

छुट्टी के दिन वह नाव लेकर समुद्र की सेर करने निकला। आधे समुद्र तक पहुंचा ही था कि अचानक एक जोरदार तुफान आया। उसकी नाव पुरी तरह से तहस-नहस हो गई लेकिन वह लाईफ जैकेट की मदद से समुद्र मे कूद गया। जब तूफान शांत हुआ तब वह तैरता तैरता एक टापू पर पहुंचा लेकिन वहाँ भी कोई नही था। टापू के चारो और समुद्र के अलावा कुछ भी नजर नही आ रहा था। उस आदमी ने सोचा कि जब मैंने पूरी जिदंगी मे किसी का कभी भी बुरा नही किया तो मेरे साथ ऐसा क्यूँ हुआ..?

उस आदमी को लगा कि भगवान ने मौत से बचाया तो आगे का रास्ता भी भगवान ही बताएगा। धीरे धीरे वह वहाँ पर उगे झाड-पत्ते खाकर दिन बिताने लगा।

अब धीरे-धीरे उसकी श्रध्दा टूटने लगी, भगवान पर से उसका विश्वास उठ गया। उसको लगा कि इस दुनिया मे भगवान है ही नही। फिर उसने सोचा कि अब पूरी जिंदगी यही इस टापू पर ही बितानी है तो क्यूँ ना एक झोपडी बना लूँ ......?

फिर उसने झाड की डालियो और पत्तो से एक छोटी सी झोपडी बनाई। उसने मन ही मन कहा कि आज से झोपडी मे सोने को मिलेगा आज से बाहर नही सोना पडेगा। रात हुई ही थी कि अचानक मौसम बदला बिजलियाँ जोर जोर से कड़कने लगी.! तभी अचानक एक बिजली उस झोपडी पर आ गिरी और झोपडी धधकते हुए जलने लगी।

यह देखकर वह आदमी टूट गया आसमान की तरफ देखकर बोला तू भगवान नही, राक्षस है। तुझमे दया जैसा कुछ है ही नही तू बहुत क्रूर है। वह व्यक्ति हताश होकर सर पर हाथ रखकर रो रहा था। कि अचानक एक नाव टापू के पास आई। नाव से उतरकर दो आदमी बाहर आये और बोले कि हम तुमे बचाने आये हैं। दूर से इस वीरान टापू मे जलता हुआ झोपडा देखा तो लगा कि कोई उस टापू पर मुसीबत मे है।

अगर तुम अपनी झोपडी नही जलाते तो हमे पता नही चलता कि टापू पर कोई है। उस आदमी की आँखो से आँसू गिरने लगे।

उसने ईश्वर से माफी माँगी और बोला कि मुझे क्या पता कि आपने मुझे बचाने के लिए मेरी झोपडी जलाई थी.

दिन चाहे सुख के हों या दुख के, हिम्मत कभी नही हारनी चाहिए!! कर्तव्य पथ पर एक विश्वाश और ऊर्जा के साथ बढ़ते रहे
34.3K viewsjagriti soni, edited  06:30
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2024-01-02 15:37:57 जिंदगी दल दल मे फसे पाँवों की तरह होती है..!!

हौले हौले तो इससे निकला जा सकता है..!!

उछल कूद से इसमे धंस जाने का खतरा है..!!
25.6K views Radhe Rajpoot , edited  12:37
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2024-01-01 04:48:27
नया साल नई उम्मीदें लेकर आया है, जीवन में नया प्रकाश लाए, हर कदम पर सफलता का साथ दे, नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं! 

Happy New Year Wishes
13.0K viewsRJ , 01:48
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2023-12-27 07:33:09 1.अपना आज का काम कल पर ना टालकर आज ही पूरा करने की आदत डालें, जिन्दगी में जबरदस्त सुधार महसूस होने लगेगा ।

2.समय से सोने और समय से जागने की आदत बना लें अर्थात् एक नियमित दिनचर्या का पालन करें।

3.स्वयं को फिट रखने के लिए सुबह जल्दी उठकर योगा और प्राणायाम करें, इससे तन और मन दोनों में आश्चर्यजनक बदलाव देखने को मिलेगा।

3.दूसरों की निंदा और चुगली करने से खुद को बचाए रखने की आदत विकसित करें, आपको जबरदस्त लाभ होगा।

4.अपने से बड़ों का सम्मान करें और अपने से छोटो का आदर करें, आपकी लाइफ में सुन्दर बदलाव आ जायेगा।

5.अपने प्रत्येक कार्य को पूरी लगन और ईमानदारी से करने का निर्णय ले। जीवन में सफलता की दर दुगुनी हो जायेगी।

6.जरूरतमंदों की मदद करने की कोशिश करे, सच्ची खुशियों से आपका परिचय हो जायेगा।

7.सचको तुरंत स्वीकार कर लो क्योंकि किसी झूठ को सच मानने से परेशानी बढ़ती है कम नहीं होती।

8.पोस्ट कैसी लगी जरूर बतायें..
34.0K viewsjagriti soni, 04:33
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2023-12-15 06:31:00 आज का प्रेरक प्रसंग

!! जीभ का रस !!
~~~~~

एक बूढ़ा राहगीर थक
कर कहीं टिकने का स्थान खोजने लगा. एक महिला ने उसे अपने बाड़े में ठहरने का स्थान बता दिया. बूढ़ा वहीं चैन से सो गया. सुबह उठने पर उसने आगे चलने से पूर्व सोचा कि यह अच्छी जगह है, यहीं पर खिचड़ी पका ली जाए और फिर उसे खाकर आगे का सफर किया जाए. बूढ़े ने वहीं पड़ी सूखी लकड़ियां इकठ्ठा कीं और ईंटों का चूल्हा बनाकर खिचड़ी पकाने लगा. बटलोई उसने उसी महिला से मांग ली.

बूढ़े राहगीर ने महिला का ध्यान बंटाते हुए कहा, 'एक बात कहूं.? बाड़े का दरवाजा कम चौड़ा है, अगर सामने वाली मोटी भैंस मर जाए तो फिर उसे उठाकर बाहर कैसे ले जाया जाएगा.?' महिला को इस व्यर्थ की कड़वी बात का बुरा तो लगा, पर वह यह सोचकर चुप रह गई कि बुजुर्ग है और फिर कुछ देर बाद जाने ही वाला है, इसके मुंह क्यों लगा जाए.

उधर चूल्हे पर चढ़ी खिचड़ी आधी ही पक पाई थी कि वह महिला किसी काम से बाड़े से होकर गुजरी. इस बार बूढ़ा फिर उससे बोला, 'तुम्हारे हाथों का चूड़ा बहुत कीमती लगता है यदि तुम विधवा हो गईं तो इसे तोड़ना पड़ेगा ऐसे तो बहुत नुकसान हो जाएगा.?'

इस बार महिला से सहा न गया. वह भागती हुई आई और उसने बुड्ढे के गमछे में अधपकी खिचड़ी उलट दी. चूल्हे की आग पर पानी डाल दिया. अपनी बटलोई छीन ली और बुड्ढे को धक्के देकर निकाल दिया.

तब बुड्ढे को अपनी भूल का एहसास हुआ. उसने माफी मांगी और आगे बढ़ गया. उसके गमछे से अधपकी खिचड़ी का पानी टपकता रहा और सारे कपड़े उससे खराब होते रहे. रास्ते में लोगों ने पूछा, 'यह सब क्या है.?' बूढ़े ने कहा, 'यह मेरी जीभ का रस टपका है, जिसने पहले तिरस्कार कराया और अब हंसी उड़वा रहा है।'

शिक्षा:-
तात्पर्य यह है कि पहले तोलें फिर बोलें। चाहे कम बोलें मगर जितना भी बोलें, मधुर बोलें और सोच समझ कर बोलें.

सदैव प्रसन्न रहिये - जो प्राप्त है, पर्याप्त है।
जिसका मन मस्त है - उसके पास समस्त है।।
40.0K viewsjagriti soni, 03:31
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