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Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy

टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharya — Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy
चैनल का पता: @brahmacharya
श्रेणियाँ: मनोविज्ञान , गूढ़ विद्या
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 33.68K
चैनल से विवरण

Brahmacharya ,The Vital Power
ब्रह्मचर्य पालन के लिए इस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ और सबसे बड़ा चैनल

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#ब्रह्मचर्य
#meditation
#yoga
#Brahmacharya
#health
#Motivation
#LifeStyle

Ratings & Reviews

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नवीनतम संदेश 84

2022-02-02 04:17:42 जीवन बदल देने वाला

अति प्रेरणादायक मोटिवेशनल गीत

हर युवा जरूर सुने।
900 views01:17
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2022-02-02 04:17:42 आज का टारगेट (02 /02/2022)

आज मौन में भोजन करना है ।

भेजा गया गीत सुनकर इससे मिलने वाली सीख को अपनी डायरी में लिखना है।


शाम को रिपोर्ट ली जाएगी आपसे
921 views01:17
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2022-02-02 03:06:49 वीर्यसंचय के चमत्कार

वीर्य के एक-एक अणु में बहुत महान् शक्तियाँ छिपी हैं | इसीके द्वारा शंकराचार्य, महावीर, कबीर, नानक जैसे महापुरुष धरती पर अवतीर्ण हुए हैं |

बड़े-बड़े वीर, योद्धा, वैज्ञानिक, साहित्यकार- ये सब वीर्य की एक बूँद में छिपे थे … और अभी आगे भी पैदा होते रहेंगे | इतने बहुमूल्य वीर्य का सदुपयोग जो व्यक्ति नहीं कर पाता, वह अपना पतन आप आमंत्रित करता है |

वीयं वै भर्गः | (शतपथ ब्राह्मण )
वीर्य ही तेज है, आभा है, प्रकाश है |

जीवन को ऊर्ध्वगामी बनाने वाली ऐसी बहुमूल्य वीर्यशक्ति को जिसने भी खोया, उसको कितनी हानि उठानी पड़ी, यह कुछ उदाहरणों के द्वारा हम समझ सकते हैं |



भीष्म पितामह और वीर अभिमन्यु

महाभारत में ब्रह्मचर्य से संबंधित दो प्रसंग आते हैं : एक भीष्म पितामह का और दूसरा वीर अभिमन्यु का | भीष्म पितामह बाल ब्रह्मचारी थे, इसलिये उनमें अथाह सामर्थ्य था | भगवान श्री कृष्ण का यह व्रत था कि ‘मैं युद्ध में शस्त्र नहीं उठाऊँगा |’ किन्तु यह भीष्म की ब्रह्मचर्य शक्ति का ही चमत्कार था कि उन्होंने श्री कृष्ण को अपना व्रत भंग करने के लिए मजबूर कर दिया | उन्होंने अर्जुन पर ऐसी बाण वर्षा की कि दिव्यास्त्रों से सुसज्जित अर्जुन जैसा धुरन्धर धनुर्धारी भी उसका प्रतिकार करने में असमर्थ हो गया जिससे उसकी रक्षार्थ भगवान श्री कृष्ण को रथ का पहिया लेकर भीष्म की ओर दौड़ना पड़ा |

यह ब्रह्मचर्य का ही प्रताप था कि भीष्म मौत पर भी विजय प्राप्त कर सके | उन्होंने ही यह स्वयं तय किया कि उन्हें कब शरीर छोड़ना है | अन्यथा शरीर में प्राणों का टिके रहना असंभव था, परन्तु भीष्म की बिना आज्ञा के मौत भी उनसे प्राण कैसे छीन सकती थी ! भीष्म ने स्वेच्छा से शुभ मुहूर्त में अपना शरीर छोड़ा |

दूसरी ओर अभिमन्यु का प्रसंग आता है | महाभारत के युद्ध में अर्जुन का वीर पुत्र अभिमन्यु चक्रव्यूह का भेदन करने के लिए अकेला ही निकल पड़ा था | भीम भी पीछे रह गया था | उसने जो शौर्य दिखाया, वह प्रशंसनीय था | बड़े-बड़े महारथियों से घिरे होने पर भी वह रथ का पहिया लेकर अकेला युद्ध करता रहा, परन्तु आखिर में मारा गया | उसका कारण यह था कि युद्ध में जाने से पूर्व वह अपना ब्रह्मचर्य खण्डित कर चुका था | वह उत्तरा के गर्भ में पाण्डव वंश का बीज डालकर आया था | मात्र इतनी छोटी सी कमजोरी के कारण वह पितामह भीष्म की तरह अपनी मृत्यु का आप मालिक नहीं बन सका |

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एक शेयर करके किसी युवा की जिंदगी जरूर बचाए । सुंदर समाज निर्माण में आपका ये एक बड़ा सहयोग होगा ।
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2022-02-01 16:26:50
2.8K views13:26
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2022-02-01 12:47:17 ज्ञान के फूल पत्तियां

जीवन मे हमेशा ये 3 बातें सदा याद रखे। इससे आपको हर मुश्किल से निकलने में सहायता मिलेगी

यह भी बीत जाएगा

(This shall Pass Too)
अर्थात आज आप जिस भी हालात में है।उन्हें सच न माने। क्योंकि यदि दुःख भी है, पीड़ा भी है,तो ये स्थायी नही है। ठीक इसी तरह यदि आप अपनी खूबी व अच्छाई पर घमंड करते है, और दूसरों के कमजोर हालात का मज़ाक उड़ाते है। तब यह आपके लिये भी सतर्कता की बात है। क्योंकि यह भी बीत जाएगा

No Pain No Gain
अर्थात दर्द तो सहना ही होगा। क्योंकि ऐसा कोई भी व्यक्ति अब तक नही जन्मा। जिसने कोई भी दर्द न झेला हो । इसलिये दर्द से मत भागिए
दर्द की भी अपनी, एक अदा है
ये उसे सहने वाले पर, खुद फ़िदा
है

अतः दर्द को स्वीकार कीजिये। क्योंकि आप इससे बच नही सकते। यदि आप मेहनत करेंगे, त्याग करेंगे, तपस्या करेंगे तो descipline का pain feel होगा। लेकिन कुछ नही करेंगे या आलस्य करेंगे तो पछतावे का दर्द होगा। अब आपके हाथ मे है, आप कौनसा दर्द अपने लिए चुनना चाहते है??

जो होता है अच्छे के लिये होता है

हालांकि यह एक छोटी सी लाइन है। लेकिन पूरी सोच को पलभर में बदलने में सक्षम है। जितना मजबूत विश्वास आपका इस पर होता जाएगा। उतना अधिक आप जीवन के प्रति सकारात्मक होते चले जाएंगे। और हर चीज़ के पीछे एक उद्देश्य छिपा है, ये सोचकर चिंतन करेंगे। यही वो मार्ग है,जब आप चिंता में नही बल्कि चिंतन में होंगे। यही तो सफलता का मार्ग है। यही है खुशी का मार्ग। और यही तो आप चाहते थे न

धन्यवाद
जय माता दी


ज़रा सोचिए, ये पोस्ट आप तक क्यों आयी। क्योंकि आप जैसे नेक दिल इंसान को सही दिशा देना इसका प्रयोजन है
यदि यह 3 बातें आपको नई दिशा दे सकती है। तो फिर यह करोड़ो लोगो को भी सही सोचने के लिये प्रेरित कर सकती है

ज्वाइन कीजिये:-

https://t.me/joinchat/RCBOO24o4PS1h2mj

Note:-(सिर्फ एक शेयर कीजिये। क्योंकि जो हम देते है, वही हम तक लौटकर आता है
)
522 viewsedited  09:47
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2022-02-01 05:06:57
121 views02:06
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2022-01-30 10:48:49 ब्रह्मचर्य पुस्तक

कन्या और ब्रह्मचर्य

(बहने कैसे ब्रह्मचर्य का पालन करे)

बहनों के लिए बेस्ट टेलीग्राम चैनल
https://t.me/+TToWqjg83cYG15k3
3.3K views07:48
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2022-01-30 06:29:02
एक भ्रामक सुख


मैथुन से मिलने वाला सुख भ्रामक सुख है , जो अंत में दुख व पश्चाताप में बदल जाता है। ये मरीचिका जैसा है । केवल आंभास मात्र है, सुख का नाम भी नहीं है इसमें । कुछ पलों के काल्पनिक सुख के पीछे लम्बे काल का दुख ,गलानी व पश्चाताप है ।

ये ठीक वैसे है जैसे एक कुता हड्डी चूसता है खुद का ही खून उसको अच्छा लगता है वो सोचता है हड्डी में सुख है लेकिन खुद का ही जीवन शक्ति (खून ) व्यर्थ बहाता है ।

तो ओ युवा अब तू जाग जा ,नहीं तो बहुत पछताएगा । ये बात तुझे कोई नहीं बताएगा। दुनिया में इसका उल्टा मिलेगा । हर चीज़(फिल्म, टीवी, नोवेल्स , वेब सीरीज, सोशल मीडिया ) तेरी वासना ही भड़काएगी। तो इस बात को समझ खुद के वीर्य की रक्षा कर राष्ट्र निर्माण में अपनी अहम भूमिका निभा।

मेरे देश के युवा इतना कोन समझाएगा तुझे ,देख सारा संसार तुम्हे देख रहा है तेरा ये हीरे जैसा जन्म व्यर्थ न चला जाए कहीं ।


अभी भी वक्त है ,जाग जा ,मुझसे वादा कर अब तू इस विकारों की गंदी नाली से बाहर आ जा, एक नई सुबह तेरा इंतज़ार कर रही है । नया इतिहास लिख , कर हर मैदान फतह

"ब्रह्मचर्य ही जीवन है और इसका नाश मौत"

ज्वॉइन @brahmacharya
686 views03:29
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2022-01-30 05:55:53
421 views02:55
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2022-01-30 05:37:21 मैं वो हूँ, जो मैं नही हूँ, और जो मैं नही हूँ, वही मुझे होना है

It means
You are limitless

एक बार फिर पढ़िए ऊपर लिखी लाइन को। यह आपका असली introduction है । एक ही बार में पूरा कैसे समझ आ सकता है?आप इतने साधारण तो है नही । यह पंक्ति आपके जीवन के विविध पहलुओं से जुड़ी है। यह आपके बहुआयामी व्यक्तित्व से जुड़ी है। क्योंकि आपके अंदर ऐसी अनेक क्षमताएं है, जिन्हें जाग्रत किया जा सकता है। लेकिन अभी वे शान्त है।

हम यहाँ सिर्फ इसके एक पक्ष से आपको अवगत कराएंगे। वह इसका मूल पक्ष है। वही है आपकी पहचान । आखिर वास्तव में आप क्या है??

मैं वो हूँ, जो मैं नही हूँ
अर्थात हम अपने आप को सिर्फ यह शरीर मान बैठे है। इससे जुड़े सम्बन्ध ही हमे सच्चे लगते है। इसका रूप, रंग आकर्षण हमे भाता है। इसके दुःख अब आपको दुःखी करते है। इसकी इच्छाएं आपको नचाती है। क्योंकि आप खुद को body मान बैठे है। जो की आप है नही।
पुछिये खुद से क्या सिर्फ आप शरीर है? जो कि रक्त, मांस आदि का नशवर पिंड है। क्या इसका अंत होने पर आपका भी अंत हो जाएगा?? नही न, जवाब दीजिये खुद को।

आप जानते है,की आपके शरीर का अंत आपका अंत नही है। क्योंकि आप अनन्त है। अर्थात आप अजर, अमर, अविनाशी आत्मा है। जिसे आप स्मरण में नही रखते। और बार बार भूल जाते है। इसी कारण बार बार दुःखी और निराश हो जाते है।
अर्जुन को दुविधा से मुक्त करने के लिये भगवान श्री कृष्ण ने भी भगवद्गीता में अपने इसी सत्य अस्तित्व की पहचान करायी थी। और कहा था,की हे अर्जुन तुम तो आत्मा हो
ये नशवर शरीर नही
ये तो एक वस्त्र की भांति आज है, कल नही। अतः किसी की भी म्रत्यु, दुःख,और भय का शोक त्याग कर वीर की भांति कर्म करो।

नेनम छिंदन्ती शस्त्राणि,
नेनम दहति पावकः
न चेनम क्लेदन्तयापो
न शोषयति मारुतः

अर्थात न तो इसे शस्त्रों से काटा जा सकता है, न पानी मे गलाया जा सकता है, न हवा में सुखाया जा सकता है और न ही आग में जलाया जा सकता है।

यही आपका सत्य है। की आप यही अविनाशी आत्मा है। जो हर बुराई से मुक्त है। जो हर विकार से स्वतंत्र है। जिसमे असीम सम्भावनायें छिपी हुई है।

अब इसे समझते है,
जो मैं नही हूँ, वही मुझे होना है।

अर्थात अब तक आप अपनी पहचान से अनजान थे। या फिर उसे भुला बैठे थे। की आप सर्वशक्तिमान परमात्मा की सन्तान आत्मा ही है। जिसका कभी अंत नही हो सकता। जिसकी क्षमताएं भी अनन्त है।
आप जब भी कुछ करने की ठान लेते है,तो कभी ये नही कहते है,की मुझे अपने शरीर पर विश्वास है। इसलिये मैं यह कर सकता हूँ। बल्कि आप सदा कहते है मैं आत्मविश्वास युक्त हूँ। मैं सबकुछ कर सकता हूँ। यहाँ जो विश्वास है, वह आत्मा की शक्ति पर है, जिसकी कोई सीमा नही। यही वास्तव में हमें आगे बढ़ाता है। अब इसी स्थिति में रहकर हमे आगे बढ़ना है। हम जीवन के हर क्षेत्र को इसके द्वारा सफल बना सकते है। चाहे जीवन मे आप परेशान हो, या समय थोड़ा मुश्किल भी है
तो यह मत भूलिए की आपका Existence क्या है??

आपका Existence और Experience दोनो अलग अलग चीज़े है। आप जब यह समझ जाएंगे। तब आप बहुत समझदारी से निर्णय ले सकेंगे। क्योंकि जो भी आप अनुभव कर रहे है, चाहे मुश्किल हो या पीड़ा । वो सब शरीर से attach होने के कारण है। लेकिन जब आप खुद को आत्मा रूप में देखकर उस हालात को समझेंगे। तब आप पाएंगे, की मैं हर situation से अलग हूँ। कोई भी परिस्थिति आपके मन की शांति को प्रभावित नही कर सकती। अर्थात आप सदैव दिव्य, पवित्र और शांत स्वरूप प्रसन्न आत्मा है। भगवान श्री कृष्ण इसी समझ के कारण महाभारत के इतने विनाशकारी युद्ध मे भी हर पल शान्त और स्थिर रहे थे।अतः आप भी इस सत्य में अब स्थिर होना सीखिये। हमे भी सदैव इसी सत्य के साथ जीना है। यह दोहराते रहे:-
I am very Divine soul
I am very Peaceful soul
I am very Pure soul

यही है आपकी सत्य पहचान । अब इस पर विश्वास कर आगे बढ़िए।

धन्यवाद
जय माता दी
Humanity is The Best Religion

अच्छी आदतों के लिये जुड़े:

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(मानवता की सेवा में सिर्फ एक share ज़रूर करे। यह एक ही बहुत बड़ी सेवा है
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