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Ayurveda Yoga Meditation आयुर्वेद

टेलीग्राम चैनल का लोगो ayurveda_yoga_meditation — Ayurveda Yoga Meditation आयुर्वेद
चैनल का पता: @ayurveda_yoga_meditation
श्रेणियाँ: स्वास्थ्य
भाषा: हिंदी
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चैनल से विवरण

Biggest & Best Channel For Ayurveda ,Yoga & Meditation
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नवीनतम संदेश 33

2022-01-26 18:11:33

आज के विशेष दिन पर अनूठी सौगात

देश को समर्पित नया गीत

"मेरा हिंदुस्तान"
1.6K views15:11
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2022-01-26 10:42:10 सच्ची स्वतंत्रता


आज 73वे गणतंत्र दिवस की सभी को बहुत-बहुत बधाई हो मुबारक हो। अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र होकर भारत देश आज एक उन्नति के शिखर पर खड़ा है। भारत देश आत्मनिर्भरता की ओर कदम बढ़ाता जा रहा है। देश की सुरक्षा के बारे में देखा जाए तो। भारत के पास सैन्य बल शस्त्र बल और आधुनिक साधन और शास्त्र सामग्री से भरपूर है। सुरक्षा व्यवस्था प्रभावी रीति से कार्य कर रही है। हवाई जहाज ,नौसेना, मिलिट्री फोर्स तीव्र गति से अपना कार्य कर रही है।


साइंस के युग में दिन प्रतिदिन नई-नई इन्वेशन द्वारा साधनों की बहुत तरक्की हो रही है। मोबाइल इंटरनेट, एयर कंडीशन, विमान आदि अनेक प्रकार के आधुनिक साधनो से आज मनुष्य चांद से लेकर सभी ग्रहों तक पहुंचा है।अनेक प्रकार की सुख के साधन मनुष्य के पास उपलब्ध है। लेकिन आज मनुष्य सच्ची सुख और शांति से बहुत दूर होता जा रहा है।


जनसंख्या की वृद्धि के कारण पर्यावरण में प्रदूषण हो चुका है हवा , पानी दूषित होती जा रही है। बढ़ती आबादी के कारण सभी को रहने का स्थान और खाने पीने की साधन सामग्री में कठिनाई आ रही है,इसी कारण हर चीज में मिलावट हो रही है। दिन प्रतिदिन बीमारियां बढ़ती जा रही है।


मेडिकल क्षेत्र में इतनी इन्वेंशन होने के बावजूद भी बढ़ती हुई बीमारियों का कोई इलाज नहीं। दिन प्रतिदिन दुख अशांति तनाव, टेंशन , बेरोजगारी है। जाति धर्म के नाम पर लड़ाई झगड़े बढ़ते जा रहै है। इन सब का एक ही कारण है।


आज मनुष्य अंग्रेजों की गुलामी से स्वतंत्र है लेकिन माया के पांच विकारों के गुलामी में बंधा हुआ होने कारण सच्ची स्वतंत्रता और सुख शान्ति, का अनुभव नहीं कर कर पा रहा है काम, क्रोध ,लोभ , मोह ,अहंकार की गुलामी के कारण आज मनुष्य आत्मा कर्मेंद्रियों का गुलाम हो चुका है।


जो चीज शरीर को हानिकारक है। शराब , सिगरेट तंबाकू परवश होकर खा पी रहा है। यह भारत भूमि देवी देवताओं की भूमि है। यहां पर रामराज्य था सभी लोग सुखी थे। सब प्रकार के वैभव हीरे ,जवाहरात , पुष्पक विमान सब प्रकार के सुख साधन थे।

आत्मा शरीर की मालिक थी कर्मेंद्रियों की मालिक थी। मन की मालिक थी। लेकिन आज कलयुग में आत्मा का राज्य नहीं है।कर्मेंद्रियां राज्य चला रही है। आत्मा गुलाम है। जैसे कि जो चीज डॉक्टर ने खाने को मना किया है लेकिन मुख के स्वाद के गुलाम होकर खा लेते है।


आत्मा कर्मेंद्रियों के अधीन होने के कारण उसे कंट्रोल नहीं कर पा रहा है। आत्मा मन का मालिक था। लेकिन आज वह मन का गुलाम हो चुका है। मन भटक रहा है। इसीलिए चिंता, तनाव, डिप्रेशन की बीमारी बढ़ती जा रही है। मन मानता नहीं, मन एकाग्र होता नहीं। पढ़ाई में , ध्यान में मन लगता नहीं।क्योंकि मन मालिक हो गया है और आत्मा गुलाम बन चुकी है।



वर्तमान समय हम सभी आत्माओं के पिता परमात्मा शिव गीता ज्ञान और राजयोग सिखा कर कर्मेंद्रियों की गुलामी से और माया की गुलामी से छुड़ा रहे है। मनुष्य आत्मा को सभी बंधनों से मुक्त कर मुक्ति और जीवन मुक्ति देने के लिए आए हैं।


पतित मनुष्य को राजयोग के बल से पावन देवता बना रहे हैं। आप आकर अनुभव करें और माया की गुलामी से मुक्त होकर जीवन मुक्ति का वरदान प्राप्त करें। अपने जीवन को खुशहाल बनाएं अधिक जानकारी के लिए ब्रह्माकुमारी सेंटर में जाकर लाभ ले सकते हैं। या ऑनलाइन कोर्स (@rajyoga7days) करके ग्रुप से जुड़े रहे।
3.1K views07:42
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2022-01-26 02:30:12

गणतंत्र दिवस विशेष Song

"भारत फिर भरपूर बनेगा "


उदित नारायण
812 views23:30
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2022-01-26 02:30:12
Happy Republic Day

गणतंत्र दिवस की शुभकामनाए
826 views23:30
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2022-01-25 13:44:58

दूध का महत्व

Importance of Milk

Join
@Ayurveda_Yoga_Meditation
1.9K views10:44
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2022-01-25 03:26:28
भगवान का पैगाम केवल आपके नाम
222 views00:26
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2022-01-25 02:58:59 एक बहुत ही सुन्दर लेख

"मिट्टी के बर्तनों से स्टील और प्लास्टिक के बर्तनों तक और फिर कैंसर के खौफ से दोबारा मिट्टी के बर्तनों तक आ जाना!

अंगूठाछाप से दस्तखतों (Signatures) पर
और फिर अंगूठाछाप (Thumb Scanning) पर आ जाना!

फटे हुए सादा कपड़ों से साफ सुथरे और प्रेस किए कपड़ों पर और फिर फैशन के नाम पर अपनी पैंटें फाड़ लेना !

सूती से टैरीलीन, टैरीकॉट और फिर वापस सूती पर आ जाना

ज़्यादा मशक़्क़त वाली ज़िंदगी से घबरा कर पढ़ना लिखना और फिर IIM MBA करके आर्गेनिक खेती पर पसीने बहाना,

क़ुदरती से प्रोसेसफ़ूड (Canned Food & packed juices) पर और फिर बीमारियों से बचने के लिए दोबारा क़ुदरती खानों पर आ जाना,

पुरानी और सादा चीज़ें इस्तेमाल ना करके ब्रांडेड (Branded) पर और फिर आखिरकार जी भर जाने पर पुरानी (Antiques) पर उतरना,!

एक्टिवा बाइक आदि से चलने की आदत डालने पर पैदल छोड़ देना और फिर घर में पैदल दौड़ लगाने वाली मशीन लाकर उसके ऊपर दौड़ना साइकिल सवारी को हीन मानकर छोड़ कर और फिर बीएमडब्ल्यू में बैठकर जिम जाकर साइकिल चलाना

बच्चों को इंफेक्शन से डराकर मिट्टी में खेलने से रोकना और फिर घर में बंद करके फिसड्डी बनाना और होश आने पर दोबारा Immunity बढ़ाने के नाम पर मिट्टी से खिलाना.....!

गाँव, जंगल, गौशाला से डिस्को पब और चकाचौंध की और भागती हुई दुनियाँ की और से
फिर मन की शाँति एवं स्वास्थ के लिये शहर से जँगल गाँव व गौशालाओं की ओर आना !

-अज्ञात

इससे ये निष्कर्ष निकलता है कि टेक्नॉलॉजी ने तुम्हे जो दिया उससे बेहतर तो भगवान ने तुम्हे पहले से दे रखा था ..!!

टेलीग्राम का सबसे अच्छा कंटेंट
https://t.me/+RCBOO24o4PS1h2mj
296 views23:58
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2022-01-24 18:48:59
साइड इफेक्ट से मुक्त कोनसी पद्धति है ?
Anonymous Quiz
22%
एलोपैथी
78%
आयुर्वेद
778 voters1.8K views15:48
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2022-01-24 09:52:53 आयुर्वेद पुस्तक

क्या खाए कैसे खाए ?

ज्वाइन करे
@Ayurveda_Yoga_Meditation
1.3K views06:52
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2022-01-24 08:08:55 शांति कैसे मिले ?

इस समय संसार में सब कुछ है परन्तु शांति नहीं हैं ! शांति पर प्रवचन बहुत हैं परन्तु सही शिक्षा नहीं है ! सिर्फ कहते हैं शांत रहो परन्तु कैसे रहें यह नही जानते !

- हमारे संकल्पों में बल है ! अगर एक संकल्प को रिपीट करते रहते हैं तो उस से बल उत्पन्न होता है !  मैं शांत हूं, इस एक शब्द को रिपीट करते रहें तो मन में बल उत्पन्न होता है !

-अगर हम एक दिन में 10 हजार शब्द, मैं शांत हुं, रिपीट कर दें तो इतना बल उत्पन्न हो जाता है जिससे एक दिन हमें कोई नकारात्मकता परेशान नही करेगी!

-यह बल संकल्प में नही बल्कि हमारे सवधिष्ठान चक्र पैदा करता है !  इस चक्र की विशेषता यह है कि हम जो कुछ सोचते हैं , यह वही निर्माण करने लग जाता है !

- आप ने सोचा में शांत हूं तो यह चक्र शांति पैदा करने लग जाता है  तथा हमारे  जीवन मे ऐसे व्यक्ति  लाता है  जो शांत
स्वभाव के होते हैं  तथा हमारे लिए ऐसी परिस्थितियां बनाता है जिस से शांति पैदा होती है !

- अगर आप  विचार करते हैं मैं परेशान हुन  तो सवधिष्ठान  चक्र ऐसा बल बनाएगा जिस से आप को मन मे परेशानी महसूस होगी ! ,

-इस के साथ यह चक्र आप के जीवन मे ऐसे व्यक्ति लाएगा जिस से परेशनी पैदा होगी !

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1.9K views05:08
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