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संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)

टेलीग्राम चैनल का लोगो samskrt_samvadah — संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
टेलीग्राम चैनल का लोगो samskrt_samvadah — संस्कृत संवादः (Sanskrit Samvadah)
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2022-06-24 19:05:33 Live stream finished (36 minutes)
16:05
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2022-06-24 18:29:04 Live stream started
15:29
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2022-06-24 18:15:03 अनेकचित्तविभ्रान्ता मोहजालसमावृताः।
प्रसक्ताः कामभोगेषु पतन्ति नरकेऽशुचौ।।16.16।।

anekacittavibhranta mohajalasamavrtah.
prasaktah kamabhogesu patanti narakesucau৷৷16.16৷৷

Bewildered by many a fancy, entangled in the snare of delusion, addicted to the gratification of lust, they fall into a foul hell.(16.16)

अनेक प्रकार से भ्रमित चित्त वाले मोह जाल में फँसे तथा विषयभोगों में आसक्त ये लोग घोर अपवित्र नरक में गिरते हैं।।16.16।।

#geeta
78 viewsॐ पीयूषः, 15:15
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2022-06-24 14:30:43
Father - Few minutes back he was on Facebook, now his face is on book.

#hasya
152 viewsडोकानियोपाख्यो मोहितः, 11:30
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2022-06-24 13:32:00 Live stream scheduled for Jun 24 at 15:30
10:32
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2022-06-24 13:30:49


#sanskritlanguageteaching
154 viewsडोकानियोपाख्यो मोहितः, 10:30
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2022-06-24 13:00:29 @samskrt_samvadah प्रारंभ करता है, संस्कृताश्रमः - संस्कृतशिक्षण की लघु कक्षाऐं

20 मिनट
09:00 PM
सप्तमीविभक्तिः
24th जून् 2022, शुक्रवासरः

कक्षाओं की प्रति हमारे युट्युब प्लेलिस्ट पर डाली जायेगी
https://youtube.com/playlist?list=PL6OCpxoxDlOZwPLLcoB8TtdqgxmdSR-7c

कृपया अलार्म लगा लें और विलंब से न आयें।


https://t.me/samskrt_samvadah?voicechat
143 viewsॐ पीयूषः, 10:00
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2022-06-24 12:31:02 ॥ऋणमोचकस्तोत्रम्॥

मङ्गलो भूमिपुत्रश्च
ऋणहर्ता धनप्रदः ।
स्थिरासनो महाकायः
सर्वकर्माविरोधकः ।।१।।

लोहितो लोहिताक्षश्च
सामगानां कृपाकरः ।
धरात्मजः कुजो भौमो
भूतिदो भूमिनन्दनः ।।२।।

अङ्गारको यमश्चैव
सर्वरोगापहारकः ।
वृष्टेः कर्ताऽपहर्ता च
सर्वकामफलप्रदः ।।३।।

एतानि कुजनामानि
नित्यं यः श्रद्धया पठेत् ।
ऋणं न जायते तस्य
धनं शीघ्रमवाप्नुयात् ।।४।।

धरणीगर्भसम्भूतं
विद्युत्कान्तिसमप्रभम् ।
कुमारं शक्तिहस्तं तं
मङ्गलं प्रणमाम्यहम् ।।५।।

स्तोत्रमङ्गारकस्यैतत्
पठनीयं सदा नृभिः ।
न तेषां भौमजा पीडा
स्वल्पापि भवति क्वचित्।।६।।

अङ्गारक महाभाग
भगवन् भक्तवत्सल ।
त्वां नमामि ममाशेष-
मृणमाशु विनाशय ।।७।।

ऋणरोगादिदारिद्रयं
ये चान्ये ह्यपमृत्यवः ।
भयक्लेशमनस्तापा
नश्यन्तु मम सर्वदा ।।८।।

अतिवक्र दुराराध्य
भोगमुक्तजितात्मनः ।
तुष्टो ददासि साम्राज्यं
रुष्टो हरसि तत्क्षणात् ।। ९।।

विरिञ्चिशक्रविष्णूनां
मनुष्याणां तु का कथा ।
तेन त्वं सर्वसत्त्वेन
ग्रहराजो महाबलः ।।१०।।

पुत्रान् देहि धनं देहि
त्वामस्मि शरणं गतः ।
ऋणदारिद्रयदुःखेन
शत्रूणां च भयात्ततः ।। ११।।

एभिर्दशभिः श्लोकैर्यः
स्तौति च धरासुतम् ।
महतीं श्रियमाप्नोति
ह्यपरो धनदो युवा ।। १२।।

इति श्रीस्कन्दपुराणे भार्गवप्रोक्तं । ऋणमोचक-मङ्गलस्तोत्रं संपूर्णम् ।।
136 viewsडोकानियोपाख्यो मोहितः, 09:31
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2022-06-24 11:31:00 संस्कृताभ्यासः
वर्तमानकाल

अहं स्थापयामि
= मैं रखता हूँ / रखती हूँ।

अहं धनं कोषे स्थापयामि
= मैं धन को जेब में रखता हूँ / रखती हूँ।

अहं भवतः / भवत्याः स्थालिकायां मोदकं स्थापयामि
= मैं आपकी थाली में लड्डू रखता हूँ / रखती हूँ।

भवान् / भवती किं स्थापयति ?
= आप क्या रख रहे हैं / रख रही हैं ?

सः / सा किं स्थापयति ?
= वह क्या रखता है / रखती है ?

सा तुलसीपादपस्य पार्श्वे दीपं स्थापयति।
= वह तुलसी के पौधे के पास दीप रखती है।

छात्रः विद्यास्यूते पुस्तकं स्थापयति।
= छात्र स्कूल बैग में पुस्तक रखता है।

अनन्तः यात्रार्थं पाथेयं स्थापयति ।
= अनंत यात्रा के लिये रास्ते का भोजन रखता है ।

माता शबरी श्रीरामस्य कृते फलं स्थापयति।
= माता शबरी श्रीराम के लिये फल रखती है।

लक्ष्मणः गुरोः कृते आसनं स्थापयति।
= लक्ष्मण गुरु के लिये आसन है।

कार्तिकः कपोतस्य कृते कणं स्थापयति।
= कार्तिक कबूतर के लिये दाना रखता है।


संस्कृतवाक्याभ्यासः

सर्वेषां संवादं श्रृणोमि।
= सबका संवाद सुनता हूँ।

सम्प्रति सर्वे कोरोनारोगात् बिभ्यति।
= आजकल सभी कोरोना रोग से डर रहे हैं।

कोरोनाविषाणुः सर्वत्र प्रसरति।
= कोरोना वायरस सब जगह फैल रहा है।

अखिलविश्वे जनाः कोरोनया भयाक्रान्ताः सन्ति।
= सारे विश्व में लोग कोरोना से भयाक्रान्त हैं।

जनाः परस्परं न मिलन्ति।
= लोग आपस में नहीं मिल रहे हैं।

अधुना जनाः हस्तधुननं न कुर्वन्ति।
= अब लोग हाथ नहीं मिलाते हैं।

समग्रे विश्वे जनाः "नमस्ते" कुर्वन्ति।
= सारे विश्व में लोग नमस्ते करः रहे हैं।

जनाः मुखे वस्त्रावरणं स्थापयन्ति।
= लोग मुख पर मास्क लगा रहे हैं।

समग्रे विश्वे जनाः यात्रां निरस्तां कुर्वन्ति।
= सारे विश्व में लोग यात्रा को रद्द कर रहे हैं।

विश्विद्यालयेषु पञ्चदश दिनानाम् अवकाशः उद्घोषितः।
= विश्वविद्यालयों में पन्द्रह दिन का
अवकाश घोषित कर दिया गया है।

ये शाकाहारं कुर्वन्ति ते कोरोनातः मा बिभ्यतु।
= जो शाकाहार करते हैं वे कोरोना से न डरें।

ये प्रतिदिनं यज्ञं कुर्वन्ति ते कोरोनातः मा बिभ्यतु।
= जो प्रतिदिन यज्ञ करते हैं वे कोरोना से न डरें।

सात्विकं जीवनं जीवन्तु।
= सात्विक जीवन जियें।


#vakyabhyas
146 viewsडोकानियोपाख्यो मोहितः, 08:31
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