Prashnotri Hetu Jai mata ki bhaiya Ayurveda mein mukhyata s | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
Prashnotri Hetu
Jai mata ki bhaiya Ayurveda mein mukhyata saari bimariyo ka reason vaat pitt aur kaph ka asantulan btaya gaya hai... Swayam se , Ya anya tareeke se kaise pata kara jaaye ki kisko kaunsa dosh hai yah jis wajah se vartamaan evam bhavishya mein aani wali bimariyo se pehle hi bacha jaa sake?
Dhanyavaad
उत्तर - देखिये जब हम इसे उपर उपर से देखते हैं ऐसी स्थिति में हमे यह त्रिदोष दीखते हैं वात पित्त एवं कफ लेकिन जब हम इनकी उत्पत्ति देखते हैं समय हमे यह पता चलता है की
कफ का निर्माण - भूमि एवं जल तत्त्व से होता है वात का निर्माण - आकश एवं वायु तत्त्व से होता है पित्त का निर्माण - अग्नि एवं जल तत्त्व से होता है
भौतिक शरीर में होने वाले दोष इन पञ्च तत्त्व से आते हैं लेकिन इन पञ्च तत्त्व में दोष ओने की संभवना तभी है जब शेष १९ तत्त्व में भी दोष उत्पन्न होने लगें. यही कारण है की मैंने कुछ समय पूर्व आयुर्वेद ज्योतिष एवं ग्रह के विषय में एक पोस्ट डाला था यदि किसी साधक द्वारा वह नही पढ़ा गया है उसे इस लिंक पर क्लिक करके अवश्य पढ़ें -
https://t.me/rajyogipk/5590 - इसके माध्यम से आप यह समझ सकेंगे की किस प्रकार से ग्रह के माध्यम से वनस्पति का कार्य प्रणाली है एवं कैसे आयुर्वेदाचार्य मनुष्य को कभी बीमार न होने देने पर शोध करते थे.
अब आते हैं मूल प्रश्न पे की कैसे बेमारी से बचा जा सके - वर्तमान समय में वायु जल भूमि आकाश यह समस्त तत्त्व दूषित हैं और कहीं न कहीं इनके कारण ही बीमारी हो रही है और इनकी शुद्धि करना तो अब संभव नही है इसलिए बेहतर है की क्रिया का अभ्यास करें साफ़ खाएं कोशिश करें नशा ना करें वर्ना क्रिया का अभ्यास करें बाकी कुछ करें या ना करें कुछ लाभ रहेगा ही रहेगा.
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