गुरु जी प्रणाम मेरा प्रश्न ये है कि अगर हमारे अंदर पहले से क | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust
गुरु जी प्रणाम मेरा प्रश्न ये है कि अगर हमारे अंदर पहले से कोई शक्ति है तो उसे कैसे पहचाने या शक्तिशाली बनायें
उत्तर - एक मनुष्य के अंदर ब्रह्माण्ड की समस्त शातियाँ पहले से मौजूद हैं जैसे जैसे मनुष्य उन्हें समझता जाता है वह साकार से निरकार कार की यात्रा करता है इस बीच वह समस्त तत्त्व एवं वायु पर नियंत्रण प्राप्त करता है - विप्र से अवतार तक की समस्त चरण को पूर्ण करता है, ये समस्त चरण उसे अन्नमय से शिव तक की यात्रा करवाते हैं.
उपरलिखित पंक्ति को समझना कठिन हो सकता है, कुछ आसन शब्द में समझते हैं मनुष्य में किसी न किसी चक्र में अधिक उर्जा रहती है उसी अनुसार उसकी शक्ति का बोध किया जा सकता है की किस शक्ति की प्रधानता है मनुष्य इसकी जांच हेतु काया क्रमवीक्षण आवश्यक है इसी के माध्यम से मनुष्य में स्वत किसकी शक्ति की अधिकता है यह जाना जा सकता है.
स्वयं से कैसे पहचाने - स्वतः यह जानने के लिए आपको क्रिया का अभ्यास करना होगा और कुछ माह अथवा वर्ष में आपको यह बोध हो पायेगा, यदि साधक जल्द से जल्द करना चाहते हैं वह देवी विश्वेश्वरी की साधना करें और इसकी प्राप्ति करें.
इस उत्तर को कम शब्दों में इसलिए दिया है क्यूंकि इस्पे एक विशेष विडियो बनाया जायेगा.
साधकों की रूचि मंत्र साधना में अधिक दिखती है इसलिए जल्द की एक साधना प्रश्नोत्तरी शुरू की जाएगी जिसमे साधक की इच्छा अनुसार साधना दी जाएगी लेकिन इसलिए नियम एवं प्रश्नोत्तरी जिस दिन की जाएगी उस दिन बता दिए जायेंगे.
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