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Pranam guru ji mere 2 prashan h 1. Is bramhand ki sabse badi | Sahaj Kriyayog Sadhna Adhyatmik Trust

Pranam guru ji mere 2 prashan h

1. Is bramhand ki sabse badi shakti konsi h?

2. Or us shakti ki sadhna bhi mantra or vidhi?


उत्तर -
मेरा उदीश्य सिर्फ साधक के प्रश्न का उत्तर देना ही नही होता है बल्कि यह भी होता है उससे समबन्धित अनेक प्रश्न के उत्तर साधक को मिल जाएँ लेकिन जब तक साधक प्रश्नोत्तरी को पढेंगे नही तब तक यह संभव नही हो पायेगा इसलिए पढना ज़रूरी है.

ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी शक्ति कौन सी है - जिसके द्वारा इसकी रचना की गयी है वही इस ब्रह्माण्ड की सबसे बड़ी शक्ति हो सकती है लेकिन इसका अर्थ यह नही की प्रत्येक रचना का रचनाकार ही सर्वोच्च है इसे समझना अत्यंत आवश्यक है, साधक यह समझने का प्रयास करें की मनुष्य की इच्छा हमेशा अनन्त की है सर्वोच्च की है सर्वाधिक की है, दृष्टि कभी एक लोटा जल देख के नही खुश होती समुद्र से ख़ुशी अथवा अनंत से खुसी आती है लेकिन यह अथ भी नही है की मनुष्य प्यासा है और उसे एक लोटा जल की ख़ुशी के स्थान पर समुद्र की ख़ुशी आवश्यक है, किसी मधुर संगीत को बाजे में सुनना और उसे की प्रकृति में सुनना दोनों में अत्यधिक अंतर है.

क्या भूमि जल आकाश अग्नि वायु किसी के अधीन हो सकती हैं ? इसका अर्थ है नही प्रकृति की रचना को स्वयं रचनाकार ही नियंत्रित कर सकते हैं क्या इस सृष्टि के रचनाकार को सिद्ध किया जा सकता है ? इसके लिए महाऋषियों ने अत्यंत गुप्त सूत्र दिया की रचनाकार ने स्वयं को सभी रचनाओं में विद्दमान किया हुआ है "यत पिंडे-तत ब्रह्माण्डे" यह शरीर सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड है इसी कारण से यदि कोई इस शरीर को सिद्ध कर लेता है वह सम्पूर्ण रचना को सिद्ध कर लेगा.

इस सिद्धि का कोई भौतिक लाभ नही है लेकिन इसे सिद्ध करके मनुष्य स्वयं निरकार में परिवर्तित हो जायेगा यह उसी में मिल जायेगा समा जायगा और इसे ही मोक्ष कहा गया है.

इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड को बनाने वाले स्वयं शिव हैं इनकी साधना कुछ इस प्रकार है -

मंत्र - बम बम हूम हूम योगिरूपा शिवाय नमः

इस मंत्र का जप निरंतर करते रहें और क्रिया का अभ्यास करें संभव हो तो हवन करें आम की लकड़ी में बेल का गूदा , शहद, जों, काला तिल, आदि से हवन करें. कितने दिन करना है इसका कोई अंत नही है आजीवन करें जब शिव की इच्छा होगी तब आप यौगिक मार्ग के इस संसार से मुक्ति र्पप्त कर लेंगे.