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नवीनतम संदेश 2

2022-08-31 09:52:38
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने वकील प्रशांत भूषण और तहलका के संस्थापक तरुण तेजपाल के खिलाफ 2009 से दर्ज अवमानना के एक मामले को बंद कर दिया, क्यूँकि दोनों ने शीर्ष अदालत में माफी मांगी थी।

यह टिप्पणी भूषण की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल द्वारा प्रस्तुत किए जाने के बाद आई है कि माफी के आलोक में तत्काल मामले को आगे बढ़ाना आवश्यक नहीं होगा।

2009 में तहलका मैगजीन को दिए एक इंटरव्यू में भूषण ने आरोप लगाया था कि पिछले 16 में से 8 सीजेआई भ्रष्ट थे।

उसी के अनुसरण में, भूषण के खिलाफ अवमानना ​​का मामला दर्ज किया गया था और इसके बाद भूषण के पिता (वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण) ने एक सीलबंद लिफाफे में कथित रूप से भ्रष्ट CJI की जानकारी शीर्ष न्यायालय को सौंप दी थी।

उक्त मामले को वर्ष 2020 में पुनर्जीवित किया गया था जब न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले की सुनवाई करने का फैसला किया था। हालांकि, मामले की सुनवाई जारी नहीं रह सकी क्योंकि जस्टिस अरुण मिश्रा सेवानिवृत्त हो गए और आज मामला सूचीबद्ध हो गया।

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2022-08-31 09:37:40
The SLP was filed against a Kerala HC judgment and the counsel for the petitioner relied on two earlier judgments of the SC viz. United India Insurance Company Limited Vs. Tilak Singh 2006 (4) SCC 404 and Oriental Insurance Company Limited Vs. Sudhakaran K V 2008 (7) SCC 428. Referring to Indian Motor Tariff Endorsement No. 70, it was further contended that in "Act Only" policy, the insured has to pay extra premium to cover the pillion rider. In Tilak Singh (supra), it was held that insurance company owed no liability towards the injuries suffered by the pillion rider, as the insurance policy was a statutory policy, and hence it did not cover the risk of death of or bodily injury to gratuitous passengers. In Sudhakaran KV (supra), it was held that the pillion rider in a two wheeler was not to be treated as a 3rd party when the accident has taken place owing to rash and negligent riding of the scooter and not on the part of the driver of another vehicle.
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2022-08-30 21:14:18 Exam_Schedule_Revised_Syllabus_ADPO_2021_Dated_30_08_22

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2022-08-30 16:16:51
भांग एनडीपीएस एक्ट के तहत नहीं आती; हाईकोर्ट ने आरोपी को जमानत दी

इस प्रकार देखते हुए, न्यायमूर्ति के नटराजन की खंडपीठ ने रोशन कुमार मिश्रा द्वारा दायर एक याचिका को स्वीकार कर लिया और उसे 2 लाख रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर जमानत दे दी।

उच्च न्यायालय ने मधुकर बनाम महाराष्ट्र राज्य पर भरोसा किया, जिसमें बंबई उच्च न्यायालय ने एक व्यक्ति को यह निर्णय लेने के बाद बरी कर दिया था कि भांग रखने वाले व्यक्ति को एनडीपीएस अधिनियम के तहत कवर नहीं किया जाएगा।

अदालत ने अभियोजन पक्ष के इस तर्क को भी खारिज कर दिया कि चूंकि भांग गांजा के पत्तों से तैयार किया जाता है, इसलिए यह गांजा की परिभाषा के तहत आएगा।

अदालत के अनुसार, यह सुझाव देने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है कि भांग या तो चरस या गांजा से तैयार किया जाता है और चूंकि गांजा के पत्तों और बीजों को गांजा की परिभाषा से बाहर रखा जाता है, इसलिए यह प्रतिबंधित दवा नहीं है।


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2022-08-30 13:22:04
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने 1992 में बाबरी मस्जिद (Babri Masjid) के विध्वंस के संबंध में लंबित अवमानना कार्यवाही (Contempt Case) को बंद किया

1992 में उत्तर प्रदेश राज्य के खिलाफ अवमानना याचिका मोहम्मद असलम भूरे द्वारा दायर की गई थी। यह याचिका अदालत को क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने के संबंध में दिए गए अंडरटेकिंग के उल्लंघन के लिए दायर की गई थी। जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस विक्रम नाथ की पीठ ने समय बीतने और सुप्रीम कोर्ट के 2019 के फैसले को ध्यान में रखते हुए अवमानना मामले को बंद कर दिया, जिसमें ढहाए गए मस्जिद के स्थान पर राम मंदिर के निर्माण की अनुमति दी गई थी। पीठ ने यह भी कहा कि अवमानना याचिकाकर्ता भूरे का 2010 में निधन हो गया है। अब मामले में कुछ भी नहीं बचा है। पीठ ने अवमानना याचिकाकर्ता को एमिकस क्यूरी से बदलने के अनुरोध को खारिज कर दिया।

केस टाइटल: मोहम्मद असलम @ भूरे बनाम उत्तर प्रदेश अवमानना मामला (सिविल) 97/1992
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2022-08-30 10:59:18 RJs result Final 2021

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2022-08-30 04:40:55
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2022-08-29 15:59:01
​​​​ट्विन-टावर के खिलाफ लड़ने वाले 4 बुजुर्गों की कहानी:लालच-धमकियां मिलीं, फिर भी बिल्डर के खिलाफ चंदा जुटाकर हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में लड़े

नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर अब इतिहास हो चुका है। रविवार दोपहर ठीक 2.30 बजे दोनों टावर ढहा दिए गए। 100 मीटर ऊंचे टावर महज 12 सेकेंड में जमींदोज हो गए। हम आपको बता रहे हैं उन चार बुजुर्गों के बारे में, जिन्होंने दस साल तक पहले हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में ट्विन टावर बनाने वाली सुपरटेक कंपनी के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ी।

इन्हें लालच दिया गया, धमकियां देकर रोकने की कोशिश की गई, लेकिन इन बुजुर्गों के हौसले के आगे बिल्डर की एक न चली

एमराल्ड कोर्ट रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष उदयभान तेवतिया केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) से रिटायर अफसर हैं।

सुपरटेक के खिलाफ इस लड़ाई में उदयभान प्रमुख शख्स हैं। इनके साथ एसके शर्मा, रवि बजाज और एमके जैन हाईकोर्ट इलाहाबाद गए थे। एमके जैन की कोरोना महामारी के वक्त निधन हो चुका है। बाकी तीन सीनियर सिटीजन अभी जिंदा हैं

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2022-08-29 09:58:04 IPC Part 7 (दुष्प्रेरण )

दुष्प्रेरण प्रत्येक सांसारिक कार्य के पीछे कोई न कोई प्रेरणा होती है कहीं न कहीं से कोई न कोई विचार किसी भी नवाचार के लिए व्यक्ति को प्रेरित करता है। किसी भी कार्य से प्रेरणा को अलग नहीं किया जा सकता, बड़ी बड़ी लड़ाइयां किसी प्रेरणा से ही लड़ी गई है तथा बड़ी-बड़ी इमारतें किसी न किसी प्रेरणा के परिणामस्वरुप ही निर्माण की गई।
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2022-08-29 06:31:56
महिलाओं पे भी होगा घरेलू हिंसा का केस


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