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Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy

टेलीग्राम चैनल का लोगो brahmacharya — Brahmacharya™ (ब्रह्मचर्य) Celibacy
चैनल का पता: @brahmacharya
श्रेणियाँ: मनोविज्ञान , गूढ़ विद्या
भाषा: हिंदी
ग्राहकों: 33.56K
चैनल से विवरण

Brahmacharya ,The Vital Power
ब्रह्मचर्य पालन के लिए इस दुनिया का सर्वश्रेष्ठ और सबसे बड़ा चैनल

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#yoga
#Brahmacharya
#health
#Motivation
#LifeStyle

Ratings & Reviews

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नवीनतम संदेश 71

2022-04-10 08:05:40 The Poem
मैंने तो अब चलना सीख लिया



मैंने खुद से मिलना सीख लिया
प्यार भरी बाते करना शुरू किया
यही तो प्रमाण है
की मैंने तो अब चलना सीख लिया

चोट खाकर दुःख तो
अब भी होता है
तमाशा करने के लिये
दिल अब न रोता है
मैंने आंसू पीना सीख लिया
हां यही सच है
मैंने तो अब चलना सीख लिया


लक्ष्य से भटकने का
मलाल तो होता है
मायूस होता है दिल
ये हाल भी होता है
पर खुद की तकलीफें सहना
सीख लिया
हा यह सच है
मैने तो अब चलना सीख लिया

निराशा आती तो है
पर उसे रुकना होता है
आशा के सूरज को
फिर उगना होता है
कुछ ऐसे ही अल्फाज़ो में
दर्द को दवा बनाना सीख लिया
हा ये सच है,
मैंने तो अब चलना सीख लिया


ज़िद्दी हूँ न ,ज़िद पवित्रता की
कैसे छोड़ सकता हूँ
दलदल में भी कमल का सपना
कैसे तोड़ सकता हूँ
पर थोड़ा धीरज रखना भी
सीख लिया
हा बाबा अब
मैंने तो चलना सीख लिया


नही अब गिरकर हताश होता हूँ,,
उठकर फिर नया प्रयास करता हूँ
अब डर को हराना सीख लिया
यही तो सच है
मैंने तो अब चलना सीख लिया


रूठता हूँ मगर न नाराज़ होता हूँ,
करता हूँ बादे और खुद का
हमराज़ होता हूँ
अब मैंने खुदसे नज़रे मिलाना
सीख लिया
हा यही सच है
मैंने तो अब चलना सीख लिया



जीतूंगा पूरी दुनिया को
यही आस रखता हूँ
मानव हूँ न हर मानव से
प्यार करता हूँ
अब गलती पे अपनी
झुकना सीख लिया
हा यह सच है
मैंने तो अब चलना सीख लिया


असमंजस जब भी है
कथनी और करनी में
पर कमी नही विश्वास की
ज्वाला और अग्नि में
चाहे जो हो
मुस्कुराना सीख लिया
हा बाबा
मैंने तो अब
चलना सीख लिया
चलना सीख लिया

धन्यवाद

Note:-जीवन मे असफलताओं से घबराइये नही। जब जीवन मे आपके अनुकूल माहौल न हो। तब हिम्मत मत हारिए। चाहे स्थिति जो हो खुद पर से विश्वास मत छोड़िए। आप सूरज की तरह स्थिर रहिए, समस्या रूपी काले बादलों को हटना ही होगा

जॉइनsoon:-https://t.me/+RCBOO24o4PS1h2mj
जय माता
दी
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2022-03-03 06:46:32 नाम - आसन प्राणायाम मुद्रा बंध
भाषा - हिंदी
लेखक - स्वामी सत्यानन्द सरस्वती
पृष्ठ संख्या - 436
हार्ड कॉपी - https://amzn.to/3FjNUul


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╚» @Brahmacharya«╝
・・・・・・・・・
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2022-03-03 06:46:32
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2022-03-02 09:30:17 व्यसन मुक्ति फ्रीडम फ्रॉम एडिक्शन
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2022-03-02 09:30:17
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2022-03-02 04:53:12


सुखद जीवन के सबसे कारगर टिप्स

@brahmacharya
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2022-03-01 17:07:53

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2022-03-01 15:24:16 "महाशिवरात्रि शिव अवतरण का यादगार पर्व है "

महाशिवरात्रि के दिन भक्त लोग उपवास और व्रत रखते हैं। शिव मंदिर में जाकर शिव के ऊपर तीन पत्ती का बेलपत्र चढ़ाते, अक और धतुरा का विषारी फूल भी चढ़ाते हैं। बहुत श्रद्धा भाव से पूजन और रात्रि जागरण करते हैं।

शिवलिंग के ऊपर कलश से बूंद बूंद पानी हमेशा टपकता रहता है। शिवलिंग के ऊपर 3 लकीर और बीच में बिंदी होती है। शंकर ऊपर कोई कोने में शिव का ध्यान करते हैं। शिव का वाहन नंदी दिखाते हैं। और नंदी के दोनों सिंग के बीच में से शिवलिंग दिखाई देता है।

शिव कब प्रसन्न होते हैं? और

भक्तों की शिव भोलानाथ वरदानो से झोली कब भरते हैं?


इन सब बातों का रहस्य जानिए


कलयुग में जब मनुष्य देह अभिमान के कारण भ्रष्ट कर्म करता है और दुख अशांति लड़ाई, झगड़े बेकारी, महंगाई और बीमारी अपनी चरम सीमा पर पहुंच जाती है । मनुष्य के भ्रष्टाचारी आचरण के कारण अत्याचार पापाचार और असुरी कर्म इस धरती पर बढ़ जाते हैं पांच तत्व भी प्रदूषित और तमो प्रधान होने के कारण मनुष्य जीवन में दुख ,अशांति,चिंता भय और बीमारियां दिन प्रतिदिन बढ़ती जाती है।


मनुष्य स्वयं को और ईश्वर पिता को भूल जाता है। और दुख में पुकारता है चिल्लाता है भगवान की तरफ आस लगाकर ऐसे समय पर हम सभी आत्माओं के पीता परमपिता परमात्मा शिव कल्याणकारी मनुष्य सृष्टि के रचयिता दुखहर्ता, सुखकर्ता, पतित पावन, सर्व आत्माओके सद्गति दाता।


गीता के वचनों के अनुसार यदा यदा ही धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत। उस अनुसार वह इस धरती पर आते हैं परमात्मा शिव निराकार और अजन्मा होने के कारण वह अवतरित होते हैं मनुष्य के तन में । उनका नाम प्रजापिता ब्रह्मा रखते है। परमात्मा को अपना शरीर ना होने के कारण ब्रह्मा के तन में सवार होते हैं इसका यादगार ,रथ माना नंदी दर्शाया गया है। उनके भ्रुकुटी के बीच में परमात्मा आकर उनके मुख द्वारा स्वयं का परिचय देते हैं। इसका यादगार नंदी दिखाया है।


परमात्मा शिव महा ज्योति सद्गति के लिए सत्य ज्ञान मुरली रोज सुनाते हैं श्रीमद् देते हैं जिससे मनुष्य के मन के अंदर के विषय,विकारों रूपी कचरा साफ हो जाता है। इसका यादगार शिवलिंग के ऊपर बूंद बूंद पानी टपकता हुआ दर्शाया है।


राजयोग सिखा कर काम क्रोध लोभ आदि विष के समान विकारों को भस्म कर मनुष्य आत्माओं को पावन फूल के समान देवता के समान बनाते हैं इसीलिए शिवलिंग के अक और धतूरा का जहरीला फुल उनके ऊपर चढ़ाते हैं।


शिवलिंग के ऊपर तीन लकीर और बीच में बिंदी यह दर्शाता है कि, परमात्मा शिव - ब्रह्मा, विष्णु, और शंकर के भी रचयिता है। इसलिए तीन पत्ती का बेलपत्र चढ़ाते हैं। शिव रचयिता है और शंकर देवता, रचना है। दोनों अलग है। शिव मंदिर कहते हैं शंकर मंदिर कभी नहीं कहते। शंकर को अलग से ऊपर एक कोने में शिव का ध्यान करते हुए दिखाते हैं।



पतित भ्रष्टाचारी मनुष्य के नाश करने के लिए कोई नदी या पानी नहीं कर सकती परमात्मा शिव की मत पर चलने के लिए और उनके कार्य में मददगार बनने के लिए हमे पवित्र रहने का व्रत लेना पड़ता है।इसका यादगार भक्त लोग 1 दिन का व्रत रखते हैं।

जागरण अर्थात देहभान में आकर अज्ञान रूपी अंधकार वश कर्म करने से सुजाग होना है। इसका यादगार भक्त लोग रात्रि जागरण करते हैं।


परमात्मा का नाम है शिव।

परमात्मा का रूप है ज्योति स्वरूप बिंदु रूप।

परमात्मा का रहने का स्थान , परमधाम ,शांति धाम ,मुक्तिधाम है।

परमात्मा का काम है अधर्म का विनाश और सत्य धर्म की स्थापना कर सबको मुक्ति और जीवन मुक्ति का वर्सा देना।

परमात्मा शिव पिता ने हमे आत्मा का परिचय परमात्मा का सत्य परिचय और सृष्टि के आदि मध्य अंत का परिचय देकर श्रेष्ठ कर्म का ज्ञान देकर, लाखों लोगों को पावन बना कर देवता समान खुशहाल बना रहे हैं अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी ब्रह्माकुमारी सेवा केंद्र में जाकर संपर्क करें।
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2022-03-01 12:32:14
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2022-03-01 10:22:23 शिव संदेश

महा शिवरात्रि 2022
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