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टेलीग्राम चैनल का लोगो utkarshclasses — Utkarsh Classes
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नवीनतम संदेश 51

2023-04-04 07:02:00 पंडित माखनलाल चतुर्वेदी
⬧ पंडित माखनलाल चतुर्वेदी का जन्म 4 अप्रैल, 1889 मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले के बाबई गाँव में हुआ।
⬧ उनके पिता का नाम नंद लाल चतुर्वेदी और उनकी माता का नाम सुंदरी बाई था। इनका विवाह ग्यारसी बाई से हुआ था।
⬧ वे मात्र 16 वर्ष की अवस्था में शिक्षक बने।
⬧ कालांतर में अध्यापन कार्य छोड़कर उन्होंने प्रभा पत्रिका का संपादन शुरू किया।
⬧ वे देशभक्त कवि एवं प्रखर पत्रकार थे तथा उन्होंने कर्मवीर और प्रताप का भी संपादन किया।
⬧ हिम किरीटनी, साहित्य देवता, हिम तरंगिनी, वेणु लो गूँजे धरा उनकी प्रमुख कृतियाँ हैं।
⬧ उन्हें पद्मभूषण एवं साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
⬧ माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाएँ राष्ट्रीय भावना से युक्त हैं। उनमें स्वतंत्रता की चेतना के साथ देश के लिए त्याग और बलिदान की भावना मिलती है इसलिए उन्हें एक भारतीय आत्मा कहा जाता है।
⬧ इस उपनाम से उन्होंने कविताएँ भी लिखी हैं। वे एक कवि-कार्यकर्ता थे और स्वाधीनता आंदोलन के दौरान कई बार जेल गए। उन्होंने भक्ति, प्रेम और प्रकृति संबंधी कविताएँ भी लिखी हैं।
⬧ चतुर्वेदी जी कविता में शिल्प की तुलना में भाव को अधिक महत्त्व देते हैं। उन्होंने परंपरागत छंदबद्धता रचना के अनुकूल शब्दों का भी प्रयोग किया है।
⬧ माखनलाल चतुर्वेदी का 79 वर्ष की उम्र में 30 जनवरी, 1968 को देहांत हो गया था।
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2023-04-04 07:02:00
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2023-04-04 07:00:00 सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय'
⬧ ‘अज्ञेय’ नाम से प्रसिद्ध सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन का जन्म 7 मार्च, 1911 को हुआ था।
⬧ उनका जन्म कुशीनगर (उत्तर प्रदेश) में हुआ था, किंतु बचपन लखनऊ, श्रीनगर और जम्मू में बीता।
⬧ उनकी प्रारंभिक शिक्षा अंग्रेज़ी और संस्कृत में हुई तथा कालांतर में उन्होंने हिंदी सीखी।
⬧ अज्ञेय आरंभ में विज्ञान के विद्यार्थी थे तथा बी.एससी. करने के बाद उन्होंने एम. ए. अंग्रेज़ी में प्रवेश लिया।
⬧ क्रांतिकारी आंदोलन में भाग लेने के कारण उन्हें अपना अध्ययन बीच में ही छोड़ना पड़ा।
⬧ वे जोधपुर विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर भी रहे।
⬧ वे हिंदी के प्रसिद्ध समाचार साप्ताहिक दिनमान के संस्थापक संपादक थे।
⬧ कुछ दिनों तक उन्होंने नवभारत टाइम्स का भी संपादन किया। इसके अलावा उन्होंने सैनिक, विशाल भारत, प्रतीक, नया प्रतीक आदि अनेक साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया।
⬧ आज़ादी के बाद की हिंदी कविता पर उनका व्यापक प्रभाव है। उन्होंने सप्तक परंपरा का सूत्रपात करते हुए तार सप्तक, दूसरा सप्तक, तीसरा सप्तक का संपादन किया। प्रत्येक सप्तक में सात कवियों की कविताएँ संगृहीत हैं जो शताब्दी के कई दशकों की काव्य-चेतना को प्रकट करती हैं।
⬧ अज्ञेय ने कविता के साथ कहानी, उपन्यास, यात्रा - वृत्तांत, निबंध, आलोचना आदि अनेक साहित्यिक विधाओं में लेखन कार्य किया है। शेखर - एक जीवनी, नदी के द्वीप, अपने-अपने अजनबी (उपन्यास), अरे यायावर रहेगा याद, एक बूँद सहसा उछली (यात्रा-वृत्तांत), त्रिशंकु, आत्मने पद (निबंध), विपथगा, परंपरा, कोठरी की बात, शरणार्थी, जयदोल और ये तेरे प्रतिरूप (कहानी संग्रह) प्रमुख रचनाएँ हैं।
⬧ अज्ञेय प्रकृति-प्रेम और मानव-मन के अंतर्द्वंद्वों के कवि हैं। उनकी कविता में व्यक्ति की स्वतंत्रता का आग्रह है और बौद्धिकता का विस्तार भी। उन्होंने शब्दों को नया अर्थ देने का प्रयास करते हुए, हिंदी काव्य-भाषा का विकास किया है। उन्हें अनेक पुरस्कार मिले हैं, जिनमें साहित्य अकादमी पुरस्कार, भारत भारती सम्मान और भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रमुख हैं।
⬧ उनकी मुख्य काव्य-कृतियों में भग्नदूत, चिंता, हरी घास पर क्षणभर, इंद्रधनु रौंदे हुए ये, आँगन के पार द्वार, कितनी नावों में कितनी बार आदि शामिल हैं।
⬧ अज्ञेय की संपूर्ण कविताओं का संकलन सदानीरा नाम से दो भागों में प्रकाशित हुआ है।
⬧ 4 अप्रैल, 1987 को अज्ञेय का नई दिल्ली में निधन हो गया।
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2023-04-03 17:30:01 WATCH NOW


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2023-04-03 15:55:08 LIVE NOW


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2023-04-03 15:00:01 "तैयारी कामयाबी वाली"
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2023-04-03 15:00:01
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2023-04-03 14:30:32 LIVE NOW
5 बजे वाली कक्षा


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2023-04-03 14:22:51 WATCH NOW


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2023-04-03 09:29:59 Utkarsh Bulletin
❖ 03 April, 2023
❖ Daily Current Affairs (All Exams)
❖ Important news and questions based on them
❖ English PDF
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