2023-04-05 07:00:00
समता दिवस
प्रतिवर्ष 5 अप्रैल को जगजीवन राम की जयंती के उपलक्ष्य में सम्पूर्ण भारत में ‘समता दिवस’ का आयोजन किया जाता है।
जगजीवन राम का जन्म 5 अप्रैल, 1908 को बिहार के चंदवा में हुआ था।
उनकी प्रारम्भिक शिक्षा आरा शहर में हुई।
जगजीवन राम वर्ष 1925 में पंडित मदन मोहन मालवीय के प्रभाव में आए तथा उनसे बहुत अधिक प्रभावित हुए।
कालांतर में मालवीय जी के आमंत्रण पर वे बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) गए।
BHU में कार्यकाल पूर्ण होने के बाद उन्होंने वर्ष 1931 में कलकत्ता विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. की डिग्री हासिल की।
वर्ष 1931 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (कांग्रेस पार्टी) के सदस्य बन गए।
उन्होंने वर्ष 1934-35 में अखिल भारतीय शोषित वर्ग लीग (All India Depressed Classes League) के गठन में योगदान दिया था।
वर्ष 1935 में उन्होंने हिंदू महासभा के एक सत्र में प्रस्ताव रखा कि पीने के पानी के कुएँ और मंदिर अछूतों के लिए खुले रखे जाएँ।
वर्ष 1935 में जगजीवन राम राँची में हैमोंड आयोग के समक्ष उपस्थित हुए और पहली बार दलितों के लिए मतदान के अधिकार की माँग की।
उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारत छोड़ो आंदोलन में भाग लिया और इससे जुड़ी राजनीतिक गतिविधियों के लिए 1940 के दशक में उन्हें दो बार जेल जाना पड़ा।
बाबू जगजीवन राम वर्ष 1946 में जवाहरलाल नेहरू की अंतरिम सरकार में सबसे युवा मंत्री बने।
स्वतंत्रता के बाद उन्होंने वर्ष 1952 तक श्रम विभाग का संचालन किया।
उन्होंने नेहरू मंत्रिमंडल में संचार विभाग (1952–56), परिवहन और रेलवे (1956–62) तथा परिवहन और संचार (1962–63) मंत्री के पदों पर कार्य किया।
उन्होंने 1967-70 के मध्य खाद्य और कृषि मंत्री के रूप में कार्य किया तथा 1970 में उन्हें रक्षा मंत्री बनाया गया।
वर्ष 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान वे भारत के रक्षा मंत्री थे जिसके परिणामस्वरूप बांग्लादेश का निर्माण हुआ था।
वर्ष 1977 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी और जनता पार्टी (नई पार्टी) में शामिल हो गए तथा इस सरकार में भारत के उप प्रधानमंत्री (1977-79) के रूप में कार्य किया।
वर्ष 1936-1986 (40 वर्ष) तक संसद में उनका निर्बाध प्रतिनिधित्व एक विश्व रिकॉर्ड है।
उनका भारत में सबसे लंबे समय तक सेवारत कैबिनेट मंत्री (30 वर्ष) होने का भी रिकॉर्ड है।
6 जुलाई, 1986 को नई दिल्ली में जगजीवन राम का निधन हो गया।
उनके श्मशान स्थल पर स्मारक का नाम समता स्थल (समानता का स्थान) है।
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