2022-11-16 18:53:42
थोडा थक गई हूँ , , ,
दूर निकलना छोड दिया है।
पर ऐसा नहीं है की , , ,
मैंने चलना छोड दिया है ।।
फासले अक्सर रिश्तों में , , ,
दूरी बढ़ा देते हैं।
पर ऐसा नही है की , , ,
मैंने अपनों से मिलना छोड दिया है ।।
हाँ . . . ज़रा अकेली हूँ , , ,
दुनिया की भीड में।
पर ऐसा नही की , , ,
मैंने अपनापन छोड दिया है ।।
याद करती हूँ अपनों को, , ,
परवाह भी है मन में।
बस , कितना करती हूँ , , ,
ये बताना छोड दिया।।
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